एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड स्कीम से किसानों को मिलेगा दोगुना मुनाफा

देश के किसानों को हर तरह से सक्षम बनाने में लगी केंद्र सरकार नई-नई योजनाएं लागू करती रहती है। प्रयासों की इस कड़ी में केंद्रीय कृषि मंत्री ने 13 हजार प्रोजेक्ट्स के लिए करीब 9500 करोड़ रूपए के लोन को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस जैसे एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए एफपीओ के माध्यम से साथ आए किसानों को अपनी खेती का रकबा और आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।

इन प्रोजेक्ट्स में शामिल एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड स्कीम के तहत लाभार्थी किसानों को प्रति वर्ष ब्याज में 3% छूट दी जाएगी। इसके अलावा ब्याज छूट के साथ 7 साल के लिए दो करोड़ रूपए तक की क्रेडिट गारंटी मिलेगी। किसानों को नई तकनीक से जोड़ने के लिए जगह-जगह कस्टम हायरिंग सेंटर की व्यवस्था की जाएगी, ताकि हर स्तर के किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों से जोड़ा जा सके।

इसके साथ ही योजना के तहत किसानों की प्रगति के लिए देश की करीब एक हजार मंडियों को भारतीय कृषि बाजार से जोड़ा जा चुका है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को टेक्नोलॉजी से जोड़कर उनकी आय में वृद्धि कराना है। साथ ही इस योजना के तहत देश के हर गांव में वेयर हाउस, कोल्ड स्टोर, पैकेजिंग मशीन जैसी जरूरी सुविधाओं को पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। 

स्रोत: टीवी9 भारतवर्ष

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे प्याज़ के ताजा भाव ?

onion Mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे ब्यावरा, मन्दसौर, हाटपिपलिया, हरदा, खरगोन और सांवेर आदि में क्या चल रहे हैं प्याज़ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में प्याज़ के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

ब्यावरा

400

1000

हाटपिपलिया

1000

1200

हरदा

600

700

कालापीपाल

110

1400

खरगोन

500

1500

मन्दसौर

500

1210

सांवेर

800

1100

स्रोत: एगमार्कनेट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। लेख पसंद आया हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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फिर शुरू हुआ किसान फोटो उत्सव, हर हफ्ते 5 किसान जीतेंगे उपहार

Kisan Photo Utsav

मानसून की झमाझम बरसात के साथ ग्रामोफ़ोन ऐप पर फिर एक बार फिर शुरू हो गया है ‘किसान फोटो उत्सव’ का महामुकाबला। इस उत्सव में भाग लेकर आप हर हफ्ते जीत कई शानदार इनाम।

समुदाय पर पोस्ट करें फोटो:-

इस उत्सव में आपको अपनी फसल से सम्बंधित समस्याओं की फोटोज ग्रामोफ़ोन एप के समुदाय सेक्शन पर पोस्ट करनी है और अपने सवाल पूछने हैं। इसके साथ ही आप ग्रामोफ़ोन से मंगाए गए उन्नत कृषि उत्पादों की तस्वीरें भी समुदाय सेक्शन पर पोस्ट कर सकते हैं और यह बता सकते हैं की इन उत्पादों से आपकी फसल को किस प्रकार का लाभ मिला।

पोस्ट किये फोटो पर कराएं ज्यादा से ज्यादा लाइक:-

फोटोज पोस्ट करने के बाद आपको इन फोटोज पर अपने मित्र किसानों से ज्यादा से ज्यादा लाइक करवाने होंगे और यही लाइक्स आपको इस उत्सव में विजेता का ताज दिलाएंगे। इस उत्सव में भाग लेकर आप अपनी फसल समस्या की फोटोज पर ग्रामोफ़ोन के कृषि विशेषज्ञों से उचित समाधान भी पाएंगे और सबसे ज्यादा लाइक पा कर पुरस्कार भी जीत सकते हैं।

इस उत्सव में हिस्सा लेने के लिए नीचे दिए गए 4 स्टेप्स फॉलो करें:-

21 दिन तक चलने वाले इस उत्सव के दौरान हर हफ्ते अपनी पोस्ट की गई फोटो पर टॉप 5 सबसे ज्यादा लाइक पाने वाले किसान जीतेंगे आकर्षक पुरस्कार। इसके साथ ही 02 अगस्त यानी उत्सव के आखिरी दिन टॉप पर रहने वाले 3 किसानों को मिलेगा बम्पर पुरस्कार।

तो अब देर किस बात की, तुरंत ग्रामोफ़ोन ऐप के समुदाय सेक्शन में किसान फोटो उत्सव के अंतर्गत फोटोज पोस्ट करें और इसपर ज्यादा से ज्यादा लाइक करवाएं ताकि आप टीशर्ट और बैग पैक जैसे शानदार उपहार जीत पाएं।

अपनी फसल समस्याओं की फोटोज पोस्ट करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

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करेले की फसल में कीट क्षति की पहचान एवं नियंत्रण के उपाय

रेड पंपकिन बीटल (लाल कद्दू भृंग)

क्षति के लक्षण –

  • यह हानिकारक कीट है, जो करेला पर प्रारम्भिक अवस्था पर लगता है।

  • यह कीट पत्तियों को खा कर पौधे की बढ़ाव को रोकता है। 

  • इसकी सूंडी खतरनाक होती है, यह करेला के पौधे की जड़ों को काटकर फसल को नष्ट कर देती है।

नियंत्रण के उपाय 

नोवालैक्सम (थियामेथोक्सम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% ZC) @ 80 मिली + सिलिको मैक्स @ 50 मिली, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

मकड़ी 

क्षति के लक्षण – 

  • यह कीट आकार में छोटा होता है जो की फसलों के कोमल अंगों जैसे पत्तियां ,फूल कलियों ,एवं टहनियों पर भारी मात्रा में पाए जाते है।

  • पत्तियों पर सफेद धब्बे दिखाई देते हैं।

  • जिन पोधो पर मकड़ी का प्रकोप होता है उस पौधे पर जाले दिखाई देते है। यह किट पौधे के कोमल भागो का रस चूसकर उनको कमज़ोर कर देते है एवं अंत में पौधा मर जाता है। 

 नियंत्रण के उपाय –

अबासीन (एबामेक्टिन 1.8% ईसी) @ 150 मिली या ओमाइट (प्रोपरगाइट 57% ईसी) @ 200 मिली  + सिलिको मैक्स @ 50 मिली, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें

महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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फसलों में ट्राइकोडर्मा विरडी) का कैसे उपयोग करें एवं इसके फायदे?

ट्राइकोडर्मा  के फायदे 

  • यह एक घुलनशील जैविक फफूंदी नाशक दवा होती है. जिसको धान, गन्ना, दलहन, गेहूं, औषधीय और सब्जियों वाली फसल में उपयोग किया जाता है। इसको अपना कर फसल का उत्पादन बड़ा सकते हैं।  

  • मिट्टी में कई तरह के रोग पाए जाते हैं, जैसे – आर्द्र गलन, जड़ गलन, उकठा, सफेद तना गलन, फल सड़न, तना झुलसा, जीवाण्वीय उकठा और मूल ग्रंथि| इन सभी रोगों से निजात मिलती है।

  • रोग उत्पन्न करने वाले कारकों को  रोकता है, फ्यूजेरियम, पिथियम, फाइटोफ्थोरा, राइजोक्टोनिया, स्क्लेरोशियम, स्क्लेरोटिनिया आदि मृदा जनित रोगों को मारता है, साथ ही पौधों की रोगों से सुरक्षा करता है। ये दवा फलदार वृक्षों के लिए भी लाभदायक साबित है।

ट्राइकोडर्मा के प्रयोग की विधि

बीज का उपचार – बीज के उपचार के लिये 5 ग्राम ट्राइकोडर्मा प्रति किलो बीज के हिसाब से उपयोग करते है। बीज के उगने और बढ़ने के साथ.साथ ट्राईकोडरमा भी मिट्टी में चारो तरफ फैलता है और जड़ को चारों तरफ से घेरे रहता है जिससे कि उपरोक्त कोई भी कवक आसपास बढ़ने नहीं पाता।

मिट्टी का उपचार – 2 किग्रा ट्राईकोडर्मा पाउडर को 50 किग्रा गोबर की खाद (एफ वाई एम) में मिलाकर एक हफ्ते के लिये छायेदार स्थान पर रख देते हैं, जिससे की कवक का स्पोर जम जाय फिर इसे एक एकड़ खेत की मिट्टी में फैला देते हैं तथा इसके उपरान्त बोवाई कर सकते हैं।

सीड प्राइमिंग – बीज बोने से पहले खास तरह के घोल की बीज पर परत चढ़ाकर छाया में सुखाने की क्रिया को सीड प्राइमिंग कहा जाता है। ट्राइकोडर्मा से सीड प्राइमिंग करने हेतु सर्वप्रथम गाय के गोबर का स्लरी बनाएं। प्रति लीटर गारे में 10 ग्राम ट्राइकोडर्मा मिलाएं और इसमें लगभग एक किलोग्राम बीज डुबोकर थोड़ी देर रखे। इसे बाहर निकालकर छाया में थोड़ी देर सूखने दें फिर बुवाई करें। यह प्रक्रिया खासकर अनाज, दलहन और तिलहन फसलों की बुवाई से पहले की जानी चाहिए।

पर्णीय छिड़काव – – कुछ खास तरह के रोगों जैसे पर्ण चित्ती, झुलसा आदि की नियंत्रण के लिये पौधों में रोग के लक्षण दिखाई देने पर 5 से 10 ग्राम ट्राइकोडर्मा पाउडर प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

जड़ उपचार- 100 ग्राम ट्राइकोडर्मा प्रति 10 लीटर पानी में मिलाये व रोपित किये जाने वाले पौधों की जड़ों (कन्द, राइजोम एवं कलम,नर्सरी पौध) को में 15 से 30 मिनट तक उस घोल में डुबोकर रखे, उसके पश्चात् खेत में रोपाई करे। 

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देश के विभिन्न मंडियों में 13 जुलाई को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

लखनऊ

प्याज़

9

10

लखनऊ

प्याज़

12

13

लखनऊ

प्याज़

14

लखनऊ

प्याज़

15

16

लखनऊ

प्याज़

10

लखनऊ

प्याज़

13

लखनऊ

प्याज़

15

लखनऊ

प्याज़

16

लखनऊ

लहसुन

15

लखनऊ

लहसुन

20

26

लखनऊ

लहसुन

34

38

लखनऊ

लहसुन

45

50

गुवाहाटी

प्याज़

11

गुवाहाटी

प्याज़

13

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

11

गुवाहाटी

प्याज़

13

गुवाहाटी

प्याज़

14

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

20

गुवाहाटी

प्याज़

21

गुवाहाटी

प्याज़

22

गुवाहाटी

लहसुन

22

27

गुवाहाटी

लहसुन

28

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

गुवाहाटी

लहसुन

23

26

गुवाहाटी

लहसुन

27

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

रतलाम

अदरक

23

25

रतलाम

आलू

21

22

रतलाम

टमाटर

32

36

रतलाम

हरी मिर्च

26

32

रतलाम

कद्दू

12

15

रतलाम

भिन्डी

18

22

रतलाम

नींबू

25

34

रतलाम

फूलगोभी

15

16

रतलाम

बैंगन

13

16

रतलाम

आम

30

33

रतलाम

आम

40

45

रतलाम

आम

30

34

रतलाम

पपीता

14

16

रतलाम

खीरा

15

18

रतलाम

करेला

18

20

रतलाम

शिमला मिर्च

28

30

रतलाम

प्याज़

4

6

रतलाम

प्याज़

8

11

रतलाम

प्याज़

11

13

रतलाम

प्याज़

13

14

रतलाम

लहसुन

7

14

रतलाम

लहसुन

15

24

रतलाम

लहसुन

26

34

रतलाम

लहसुन

35

40

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मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों में भारी बारिश से बाढ़ का खतरा

know the weather forecast,

गुजरात मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र के कई जिले भारी बारिश से प्रभावित हुए हैं। 24 घंटों तक मध्य प्रदेश महाराष्ट्र में भारी बारिश जारी रहेगी। गुजरात में अगले 2 दिनों के दौरान मूसलाधार बारिश से परेशानी बनी रहेगी। दिल्ली तथा उसके आसपास के इलाकों में हल्की बारिश की गतिविधियां होने के आसार हैं।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे सोयाबीन के भाव ?

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे मन्दसौर, बदनावर, छिंदवाड़ा और खरगोन आदि में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

बदनावर

4700

6300

बमोरा

4000

5901

बाणपुरा

5500

6000

बेतुल

5800

6091

भीकनगांव

5500

6165

बुरहानपुर

6125

6125

छिंदवाड़ा

5565

6100

गंधवानी

5100

5500

खाचरोडी

5850

6234

खरगोन

5475

6001

खातेगांव

4090

6161

खातेगांव

3800

6540

खिरकिया

3762

6200

खुजनेर

6000

6190

लटेरी

3725

6000

मन्दसौर

5000

6340

महू

3400

3400

पचौरी

5700

6245

राहतगढ़

5500

5500

सांवेर

5758

6200

सतना

4951

5935

श्योपुरबडोद

5960

6070

श्योपुरकलां

5056

6030

सिराली

5185

6025

सुसनेर

5500

6130

स्रोत: एगमार्कनेट

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बिना परेशान हुए किसानों को मिलेगी सीधे 50 हजार रूपए की मदद

अधिक पैदावार पाने के लिए खेतों में अंधाधुंध उर्वरकों का प्रयोग किया जा रहा है। इससे मिट्टी की गुणवत्ता में भारी क्षति पहुंचती है। इस कारण फसलों की पैदावार में साल दर साल कमी आ रही है। इस मुश्किल का हल निकालने के लिए केंद्र सरकार परंपरागत कृषि विकास योजना चला रही है। सरकार की इस योजना का उद्देश्य परंपरागत खेती के माध्यम से मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना है।

इस योजना के माध्यम से किसानों को उपज बढ़ाने और आय वृद्धि के लिए अनुदान दिया जा रहा है। इसके तहत स्वेच्छा से परंपरागत खेती अपनाने वाले किसानों को 3 साल में 50 हजार रूपए की आर्थिक मदद की जाती है। जहां पहले साल में 31 हजार रूपए सीधे लाभार्थी के खाते में भेजे जाते हैं, ताकि किसान खेती के लिए जैविक उर्वरक, जैविक कीटनाशक और उत्तम बीजों की खरीद कर सके।

वहीं बाकि राशि आखिर के 2 साल में दिए जाते हैं। जिसका उपयोग किसान प्रसंस्करण, पैकेजिंग और मार्केटिंग करने के लिए कर सकें। इस योजना का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन आवदेन कर सकते हैं। इसके लिए केंद्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट pgsindia-ncof.gov.in पर जाएं। यहां पर योजना से जुड़ी बाकी जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी?

wheat mandi rates

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे खातेगांव, मन्दसौर, बदनावर, खरगोन और झाबुआ आदि में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में गेहूं के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अजयगढ़

1900

2000

अमरपाटन

1900

2100

बदनावर

1950

2375

बमोरा

1950

2170

बेतुल

1980

2170

भीकनगांव

2063

2198

बुरहानपुर

2060

2151

चाकघाटी

1920

1925

डबरा

1960

2180

गंधवानी

2075

2200

गौतमपुरा

1850

2000

जैसीनगर

1950

2000

जतारा

1960

2040

झाबुआ

1855

1910

खरगोन

1826

2240

खातेगांव

1890

2180

लटेरी

1850

1985

लटेरी

2405

2405

लटेरी

2000

2300

मन्दसौर

1980

2301

मुरैना

2030

2049

पचौरी

1901

2101

पलेरा

1840

1900

पन्ना

1850

1860

पवई

1900

1900

पवई

1875

1875

राहतगढ़

2000

2020

सांवेर

1795

2005

सिवनी

1970

1970

शाहगढ़

1910

1990

शाजापुर

2060

2060

शामगढ़

1900

2030

श्योपुरबडोद

1950

1965

श्योपुरकलां

1921

2170

सिमरिया

1820

1972

सिराली

1930

2018

सुसनेर

1923

2027

स्रोत: एगमार्कनेट

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