केसर की खेती कर देगी मालामाल, इन बातों का रखें ख्याल

केसर का पौधा दुनिया के सबसे महंगे मसालों में से एक है। केसर की कीमत की वजह से इसे ‘लाल सोना’ भी कहा जाता है। जिसके चलते केसर की खेती मालामाल कर देने वाली फसल मानी जाती है। इसकी खेती करके किसान भाई प्रतिवर्ष लाखों की कमाई कर सकते हैं।

भारत में इसकी खेती खासतौर पर जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में की जाती है। वैसे तो केसर की खेती समुद्र तल से 3000 मीटर की ऊंचाई पर हो सकती है। हालांकि अब किसान उत्तरप्रदेश, राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों में भी केसर की खेती कर रहे हैं।

केसर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और जलवायु

इसका फसल चक्र 3 से 4 महीने का होता है। खेती के लिए जून से सितंबर का महीना बढ़िया माना जाता है। इसके लिए रेतीली, बलुई या दोमट मिट्टी होना जरूरी है। भारी चिकनी मिट्टी में यह फसल नहीं होती है। 

इसके साथ ही केसर की फसल के लिए अच्छी धूप की जरूरत पड़ती है। अधिक ठंड और बरसात के मौसम में केसर की फसल खराब हो जाती है। यानि केसर की खेती के लिए ऐसी जगह चुने जहां पानी का जमाव न होता हो। 

स्रोत: आज तक

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मध्यप्रदेश मंडियों में 9 जून को क्या रहे लहसुन के भाव?

Indore garlic Mandi bhaw

आज मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे दमोह, देवास, शाजापुर, धर और मन्दसौर आदि में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

क्रमांक

जिला

मंड़ी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

1

दमोह

दमोह

600

800

2

देवास

देवास

200

600

3

शाजापुर

काला पीपल

545

3,100

4

धार

मनावर

2,900

3,100

5

मन्दसौर

पिपरिया

400

8,100

स्रोत: राष्ट्रीय कृषि बाजार

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कृषि यंत्र के लिए किसानों को मिलेगी सब्सिडी, जानें कब जारी होगी सूची

कृषि यंत्रों ने खेती किसानी को बहुत आसान कर दिया है। हालांकि आर्थिक परेशानी के चलते सभी किसान इन यंत्रों को नहीं खरीद पाते हैं। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारें किसानों तक इनकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। कई राज्यों में पात्र किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्र प्रदान किए जाते हैं। 

इसी क्रम में मध्यप्रदेश सरकार ने बीते दिनों राज्य के किसानों को बुआई के लिए कृषि यंत्र देने की घोषणा की थी। इसके अंतर्गत रोटावेटर, रिवर्सिबल प्लाऊ, सीड ड्रिल और सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल दिए जाने थे। वहीं इस योजना के लिए लाभार्थियों को 25 मई से 6 जून 2022 तक आवेदन करना था। 

लेकिन राज्य में पंचायत चुनाव के चलते 28 मई से आचार संहिता लागू हो गई। इस कारण चुने हुए किसानों की सूची जारी होने में थोड़ा समय लग गया है। अब आचार संहिता हटने के बाद ही यानी 15 जुलाई 2022 के उपरांत चयनित किसानों की सूची जारी की जाएगी। जिसे आप लॉटरी ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल https://dbt.mpdage.org/Eng_Index.aspx पर देख सकेंगे।

स्रोत: किसान समाधान

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मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी?

wheat mandi rates

आज मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे पन्ना, शिवपुरी, छतरपुर, देवास, खरगौन, दमोह, राजगढ़, होशंगाबाद आदि में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

क्रमांक

जिला

मंड़ी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

1

होशंगाबाद

बनखेड़ी

1,851

1,941

2

भिंड

मऊ

1,900

2,062

3

शाजापुर

कालापीपाल

1,975

2,455

4

शिवपुरी

बराड़

1,885

1,920

5

पन्ना

पन्ना

1,910

2,018

6

खरगोन

कसरावदी

1,900

2,120

7

छतरपुर

हरपालपुर

1,850

1,950

8

दमोह

पथरिया

1,800

2,026

9

राजगढ़

खिलचीपुर

1,835

1,974

10

झाबुआ

झाबुआ

1,950

2,060

11

पन्ना

पवई

1,895

1,895

स्रोत: राष्ट्रीय कृषि बाजार

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जानिए, मिर्च की नर्सरी में कब करें दूसरा छिड़काव

👉🏻प्रिय किसान, मिर्च की फसल में रस चूसक कीट जैसे थ्रिप्स, माहू, सफेद मक्खी एवं फफूंद जनित रोग आर्द्र गलन, जड़ सड़न से सुरक्षा के लिए फसल की 25 – 30 दिनों की अवस्था में या रोपाई के 5 दिन पहले छिड़काव करना अतिआवश्यक है।

👉🏻जिससे की स्वस्थ पौध की मुख्य खेत में रोपाई की जा सके तथा पौधे का उचित वृद्धि-विकास हो सके।  

👉🏻जरुरी छिड़काव:- 1.अबासिन (एबामेक्टिन 1.9% ईसी) @ 15 मिली + संचार (मेटालैक्सिल 4 % +  मैनकोज़ेब 64% डब्ल्यूपी) @ 60 ग्राम + मैक्सरुट 15 ग्राम, प्रति 15 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

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प्री मानसूनी बारिश से कई राज्यों को मिलेगी गर्मी से राहत

know the weather forecast,

मुंबई में काफी दिनों के बाद प्री मानसून बारिश शुरू होगी। महाराष्ट्र के कई भागों सहित तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के दक्षिणी जिलों और गुजरात के कुछ भागों में गरज चमक के साथ बौछारें हो सकती हैं। दिल्ली पंजाब हरियाणा तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी 11 या 12 जून को छुटपुट मेघ गर्जना संभव है। पूर्वोत्तर भारत में मानसून सक्रिय बना रहेगा और दक्षिण भारत में कमजोर रहेगा। राजस्थान और मध्य प्रदेश के उत्तरी भागों में मौसम गर्म रहेगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर जरूर करें।

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देश के विभिन्न मंडियों में 8 जून को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

रतलाम

प्याज़

3

4

रतलाम

प्याज़

5

7

रतलाम

प्याज़

8

9

रतलाम

प्याज़

10

11

रतलाम

लहसुन

4

8

रतलाम

लहसुन

9

20

रतलाम

लहसुन

22

32

रतलाम

लहसुन

34

54

जयपुर

प्याज़

11

12

जयपुर

प्याज़

13

14

जयपुर

प्याज़

15

16

जयपुर

प्याज़

4

5

जयपुर

प्याज़

6

7

जयपुर

प्याज़

8

9

जयपुर

प्याज़

10

11

जयपुर

लहसुन

12

15

जयपुर

लहसुन

18

22

जयपुर

लहसुन

28

35

जयपुर

लहसुन

38

45

जयपुर

लहसुन

10

12

जयपुर

लहसुन

15

18

जयपुर

लहसुन

22

25

जयपुर

लहसुन

30

35

नासिक

प्याज़

5

6

नासिक

प्याज़

5

7

नासिक

प्याज़

8

12

नासिक

प्याज़

14

वाराणसी

प्याज़

9

11

वाराणसी

प्याज़

11

13

वाराणसी

प्याज़

12

14

वाराणसी

प्याज़

8

10

वाराणसी

प्याज़

12

13

वाराणसी

लहसुन

14

15

वाराणसी

लहसुन

9

15

वाराणसी

लहसुन

15

20

वाराणसी

लहसुन

20

25

वाराणसी

लहसुन

25

35

पटना

प्याज़

9

11

पटना

प्याज़

12

13

पटना

प्याज़

14

पटना

प्याज़

9

11

पटना

प्याज़

12

13

पटना

प्याज़

16

पटना

लहसुन

20

25

पटना

लहसुन

30

33

पटना

लहसुन

35

36

जयपुर

अनन्नास

65

70

जयपुर

कटहल

15

जयपुर

नींबू

45

जयपुर

आम

45

52

जयपुर

आम

35

जयपुर

नींबू

45

जयपुर

हरा नारियल

35

36

जयपुर

अदरक

30

32

जयपुर

आलू

12

15

जयपुर

तरबूज

6

जयपुर

कच्चा आम

25

जयपुर

लीची

60

जयपुर

सेब

105

लखनऊ

सेब

90

105

लखनऊ

आम

35

40

लखनऊ

लीची

55

65

लखनऊ

अदरक

24

25

लखनऊ

आलू

16

17

लखनऊ

प्याज़

14

लखनऊ

प्याज़

11

12

रतलाम

आलू

16

रतलाम

पपीता

10

15

रतलाम

हरी मिर्च

20

22

रतलाम

तरबूज

8

10

रतलाम

खरबूजा

12

14

रतलाम

टमाटर

30

36

रतलाम

केला

22

रतलाम

आम

38

रतलाम

आम

32

रतलाम

आम

30

34

रतलाम

अनार

100

पटना

टमाटर

50

55

पटना

आलू

10

12

पटना

लहसुन

12

पटना

लहसुन

28

पटना

लहसुन

36

पटना

तरबूज

18

पटना

कटहल

20

पटना

अंगूर

55

पटना

खरबूजा

15

पटना

सेब

95

100

पटना

अनार

95

100

पटना

हरी मिर्च

25

पटना

करेला

30

पटना

खीरा

7

8

पटना

कद्दू

8

विजयवाड़ा

आलू

30

विजयवाड़ा

टमाटर

55

विजयवाड़ा

हरी मिर्च

50

55

विजयवाड़ा

भिन्डी

30

35

विजयवाड़ा

बैंगन

42

विजयवाड़ा

खीरा

40

विजयवाड़ा

गाजर

55

विजयवाड़ा

लौकी

15

विजयवाड़ा

पत्ता गोभी

35

विजयवाड़ा

अदरक

58

सिलीगुड़ी

आलू

10

सिलीगुड़ी

अदरक

23

सिलीगुड़ी

अनन्नास

40

सिलीगुड़ी

सेब

120

सिलीगुड़ी

लहसुन

17

18

सिलीगुड़ी

लहसुन

25

सिलीगुड़ी

लहसुन

33

36

कानपुर

प्याज़

5

6

कानपुर

प्याज़

8

कानपुर

प्याज़

9

11

कानपुर

प्याज़

13

कानपुर

लहसुन

8

कानपुर

लहसुन

25

कानपुर

लहसुन

30

32

कानपुर

लहसुन

40

42

वाराणसी

आलू

14

15

वाराणसी

अदरक

27

28

वाराणसी

आम

30

40

वाराणसी

अनन्नास

18

24

वाराणसी

लीची

50

60

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इन कारणों से मिट्टी से खत्म हो रहे पोषक तत्व, क्या आप भी कर रहे हैं ये गलतियां?

भारत में कृषि एक मात्र व्यवसाय है जो सदियों से चलता आ रहा है। आधुनिकता के बढ़ते इस दौर में कृषि क्षेत्र में भी कई बदलाव हुए हैं। कम समय में अधिक उत्पादकता और मुनाफा पाने के लिए रसायनिक खाद और कम लागत का फॉर्मूला अपनाया जा रहा है। जिस कारण मिट्टी धीरे-धीरे अंदर से कमजोर होती जा रही है।

इसके अलावा ग्लोबल वार्मिंग की वजह से मौसम के व्यवहार में बहुत बदलाव हुआ है। जिसके चलते कहीं बाढ़, तो कहीं सूखा देखने को मिला है। जहां देश के लगभग 80% किसान बारिश पर निर्भर रहते हैं, इस कारण मौसम का सबसे ज्यादा असर कृषि क्षेत्र पर हुआ है। ऐसी में लाभ पाने के लिए किसान भाई खेती के दौरान कई गलतियां कर देते हैं, जिसका असर मिट्टी की उपज क्षमता पर पड़ता है। 

मिट्टी से घटते पोषक तत्वों की वजह

  • फसलों में गोबर, हरी खाद या वर्मी कम्पोस्ट का इस्तेमाल न करना

  • बिना मृदा परीक्षण के अंधाधुंध उर्वरकों का प्रयोग करना

  • फसल चक्र के अनुसार खेती न करना

  • लगातार अधिक उत्पादन देने वाली फसल की खेती करना

  • सिंचाई के लिए लवणीय जल का उपयोग करना

  • ज्यादा गहरी जुताई करना, जिस कारण मिट्टी में जिंक, सल्फर और नाइट्रोजन की कमी हो जाती है

  • खेतों को मेड़ बंद न करना, जिस कारण पानी के साथ मिट्टी के पोषक तत्व भी बह जाते हैं

सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश के पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, गुजरात, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में यह स्थिति ज्यादा देखने को मिली है। अगर इन गलतियों को न सुधारा गया तो आगे आने वाले समय में भूमि को बंजर होने से रोकना मुश्किल होगा।

स्रोत: आज तक

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सोयाबीन भाव में दिखी भयंकर तेजी, देखें 8 जून के मंडी भाव

soyabean mandi bhaw

सोयाबीन भाव में आज कितनी तेजी या मंदी देखने को मिली? वीडियो के माध्यम से देखें की आज मंडी में कैसा चल रहा है सोयाबीन का भाव !

स्रोत: नीमच मंडी भाव

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मंदसौर मंडी में 8 जून को क्या रहे लहसुन के भाव?

Indore garlic Mandi bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 8 जून के दिन मंदसौर के कृषि उपज मंडी में क्या रहे लहसुन के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: नीमच मंडी भाव

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