मंगल पर घर बनाने के लिए भारत ने बनाई ईंट

India made bricks to build a house on Mars

मंगल ग्रह पर इंसानों को बसाने के लिए वैज्ञानिक बहुत सारी कोशिशें कर रहे हैं। इसी कड़ी में भारत के इसरो ने स्पेशल ईंट तैयार की है जिसकी मदद से मंगल पर घर बनाने में आसानी होगी। वीडियो के माध्यम से देखें पूरी खबर।

स्रोत: wifistudy 2.0

कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर जरूर करें।

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रतलाम मंडी में 27 अप्रैल को क्या रहे सोयाबीन व डॉलर चने का भाव?

Ratlam soybean and gram rates

सोयाबीन व चने के भाव में आज कितनी तेजी या मंदी देखने को मिली? वीडियो के माध्यम से देखें की आज मंडी में कैसा चल रहा है सोयाबीन का भाव !

वीडियो स्रोत: जागो किसान

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर जरूर करें।

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रतलाम मंडी में 27 अप्रैल को क्या रहे नए गेहूँ के भाव?

Ratlam Mandi wheat Rate,

नए गेहूँ भाव में आज कितनी तेजी या मंदी देखने को मिली? वीडियो के माध्यम से देखें की आज मंडी में कैसा चल रहा है गेहूँ का भाव !

स्रोत: जागो किसान यूट्यूब चैनल

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। जानकारी पसंद आई हो तो लाइक शेयर जरूर करें।

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इंदौर मंडी में 27 अप्रैल को क्या रहे प्याज के भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 27 अप्रैल के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: मंदसौर मंडी भाव

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। वीडियो पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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मूंग में 25-30 दिनों की अवस्था पर किए जाने वाले आवश्यक कार्य

Necessary recommendations to be done in 25-30 days in late moong crop

👉🏻 किसान भाइयों जिन क्षेत्रों में मूंग की बुवाई देरी से हुई है वहां मुख्यतः फसल अभी 25-30 दिनों की अवस्था में है। इस समय कीट एवं फफूंदी जनित रोगों का प्रकोप एवं वृद्धि-विकास से संबंधित समस्याएं प्राय: देखी जाती है।  

👉🏻 इन सभी समस्या के निवारण के लिए मूंग की फसल में 25-30 दिनों में फसल प्रबंधन करना बहुत आवश्यक है। इसके लिए आप निम्न सिफारिशें अपनाएं –

👉🏻 कीट प्रकोप: कीट प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए बायफैनथ्रिन 10% ईसी [मार्कर] @ 300 मिली/एकड़ के साथ इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी [एमानोवा] @ 100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।  

👉🏻 जैविक नियंत्रण के रूप में बवेरिया बेसियाना [बवे कर्ब] @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें। 

👉🏻 फफूंदी जनित रोग:-  फफूंदी जनित रोगों से बचाव के लिए थायोफिनेट मिथाइल 70% डब्ल्यूपी [मिल्ड्यू विप] @ 300 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

👉🏻 जैविक नियंत्रण के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस [मोनास कर्ब] @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।

👉🏻 मूंग की फसल में अच्छी फूल वृद्धि एवं विकास के लिए होमोब्रेसिनोलाइड [डबल] @ 100 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

कृषि क्षेत्र से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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धूल भरी आंधी और बारिश के बाद अब बढ़ने वाली है गर्मी

know the weather forecast,

उत्तर भारत के कई राज्यों जैसे राजस्थान, हरियाणा, दक्षिणी पंजाब, दिल्ली तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धूल भरी आंधी के साथ गरज चमक और बौछारें देखी गई जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई। अब उत्तर भारत में बारिश की गतिविधियां समाप्त हो जाएंगी। उत्तर पश्चिम भारत सहित मध्य व पूर्वी भारत में भीषण गर्मी का प्रकोप बढ़ने लगेगा। उत्तर पूर्वी राज्यों में बारिश की गतिविधियां जारी रहेगी। केरल, आंतरिक तमिलनाडु और कर्नाटक में भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर जरूर करें।

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पराली जलाने पर रहें कार्रवाई के लिए तैयार, सरकार ने दिए कड़े निर्देश

Be ready for action on stubble burning

खेतों में फसल अवशेष यानि पराली के जलने से वायु प्रदूषण की समस्या पैदा होती है। इतना ही नहीं पराली जलाने पर जैव विविधता पर भी काफी असर पड़ता है। पर्यावरण में हो रहे इस नुकसान को देखते हुए सरकार ने पराली जलाने पर जुर्माना लगाने का प्रावधान लागू किया है। इसकी जानकारी सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दी है।

इसके अनुसार 2500 एकड़ के क्षेत्र में पराली जलाने पर 2500 रूपए का जुर्माना भरना होगा। इसके अलावा 5 एकड़ के लिए 5000 रूपए और 5 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र होने पर 15 हजार रूपए से भी ज्यादा जुर्माना भरना पड़ सकता है। सरकार के अनुसार फसल अवशेष जलाने से प्रदूषण तो फैलता ही है, इसके साथ ही खेत की उर्वरा शक्ति भी प्रभावित होती है। इसके कारण अगली फसल की उत्पादकता में भी कमी आती है।

इन समस्याओं से बचने के लिए सरकार ने किसानों से पराली न जलाने की अपील की है। पराली जलाने के बजाय किसानों को फसल अवशेष को जुताई के समय मिट्टी में मिला देने की सलाह दी गई है। इससे कुछ ही दिनों में यह खाद में परिवर्तित हो जाएगी और आगामी फसल की लिए उपयोगी साबित होगी। इसके अलावा गेहूँ के डंठल से किसान भूसा भी बना सकते हैं, जो उनके पशुओं के चारें के काम आएगा। इस तरह किसान भाई पराली का उपयोग करके ज्यादा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।

स्रोत: टीवी 9

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। जानकारी पसंद आये तो लाइक शेयर जरूर करें।

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इंदौर मंडी में 26 अप्रैल को लहसुन के भाव क्या रहे?

Indore garlic Mandi bhaw,

वीडियो के माध्यम से देखें, मध्य प्रदेश के इंदौर मंडी में आज क्या रहे लहसुन के भाव?

वीडियो स्रोत: मार्केट टाइम्स टीवी

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नए देसी प्याज को मंडी में मिल रहा है कैसा भाव, देखें 26 अप्रैल का ग्राउंड रिपोर्ट

Onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से देखें देसी प्याज भाव की रतलाम मंडी से ग्राउंड रिपोर्ट।

स्रोत: जागो किसान

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