मूंग में 25-30 दिनों की अवस्था पर किए जाने वाले आवश्यक कार्य

👉🏻 किसान भाइयों जिन क्षेत्रों में मूंग की बुवाई देरी से हुई है वहां मुख्यतः फसल अभी 25-30 दिनों की अवस्था में है। इस समय कीट एवं फफूंदी जनित रोगों का प्रकोप एवं वृद्धि-विकास से संबंधित समस्याएं प्राय: देखी जाती है।  

👉🏻 इन सभी समस्या के निवारण के लिए मूंग की फसल में 25-30 दिनों में फसल प्रबंधन करना बहुत आवश्यक है। इसके लिए आप निम्न सिफारिशें अपनाएं –

👉🏻 कीट प्रकोप: कीट प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए बायफैनथ्रिन 10% ईसी [मार्कर] @ 300 मिली/एकड़ के साथ इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी [एमानोवा] @ 100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।  

👉🏻 जैविक नियंत्रण के रूप में बवेरिया बेसियाना [बवे कर्ब] @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें। 

👉🏻 फफूंदी जनित रोग:-  फफूंदी जनित रोगों से बचाव के लिए थायोफिनेट मिथाइल 70% डब्ल्यूपी [मिल्ड्यू विप] @ 300 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

👉🏻 जैविक नियंत्रण के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस [मोनास कर्ब] @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।

👉🏻 मूंग की फसल में अच्छी फूल वृद्धि एवं विकास के लिए होमोब्रेसिनोलाइड [डबल] @ 100 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

कृषि क्षेत्र से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

Share

See all tips >>