केरल अपने खूबसूरत दर्शनीय स्थलों के साथ साथ खेती के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है। यहां पर व्यापारिक फसल जैसे- चाय, कॉफी, इलायची, नारियल, रबड़ और मसालों का उत्पादन अधिक मात्रा में होता है। वहीं राज्य की आधी से ज्यादा आबादी कृषि पर ही निर्भर है।
वर्ष 2018 में आई आपदा ने केरल में भारी तबाही मचाई। इसमें कृषि समुदाय को भी भारी नुकसान पहुंचा। जिसकी भरपाई करना इतना आसान नहीं था। इस बात को समझने में देविका और देवन को ज्यादा देर नहीं लगी। अल्लपुझा के किसान परिवार में जन्में दोनों भाई-बहन ने मिलकर एक मानव रहित ड्रोन का निर्माण किया। इसकी सहायता से खेती के दौरान कई तरह की मदद ली जा सकती है, जो इस प्रकार है:
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ड्रोन की मदद से एक बड़े क्षेत्रफल में फैली फसल पर कम समय में छिड़काव किया जा सकता है।
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इसकी मदद से कम लागत और श्रम के साथ कृषि संबंधी कार्यों को आसानी से किया जा सकता है।
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खेतों को मापने के लिए भी ड्रोन काफी उपयोगी साबित हुआ है।
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वहीं ड्रोन द्वारा हवाई सर्वेक्षण की मदद से बड़ी आसानी से फसल की देखरेख और निगरानी की जा सकती है।
देविका और देवन का यह आविष्कार किसानों के लिए काफी मददगार साबित हुआ है। आप भी इस आधुनिक उपकरण की सहायता से अपनी खेती को आसान और किफायती बना सकते हैं।
स्रोत: द बेटर इंडिया
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