अगले 24 घंटे में मध्य प्रदेश इन जिलों में हो सकती है बारिश

Weather report

मध्य प्रदेश के कई जिलों में पिछले 24 घंटों में तेज हवाओं के साथ बिजली चमकने की खबर आई है साथ ही बारिश भी हुई है। दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश के ऊपर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके साथ अरब सागर में नमी बढ़ रही है इसके कारण भी मध्य प्रदेश में बारिश हो रही है।

अगर अगले 24 घटें की बात करें तो मध्य प्रदेश के सागर, होशंगाबाद, बालाघाट, छिंदवाड़ा, सिवनी, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, सतना, ग्वालियर, उमरिया और कटनी जिले के कुछ इलाकों में बारिश होने की संभावना बन रही है।

स्रोत : एम पी न्यूज़

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करेले की फसल में आएगी पौध गलन की समस्या, कर लें निवारण की तैयारी

How to manage plant rotting problem in bitter gourd crop
  • पौध गलन रोग अक्सर तापमान अचानक गिरने या फिर बढ़ने के कारण होता है और इसके फंगस जमीन में पनपते हैं।

  • यह एक मिट्टी जनित रोग है जो करेले के पौधे के तने को काला कर देता है जिससे तना गल जाता है। इस रोग में तने के मध्य भाग से चिपचिपा पानी निकलने लगता है जिसके कारण मुख्य पोषक तत्व पौधे के ऊपरी भाग तक नहीं पहुंच पाते हैं और इस वजह से पढ़े मर जाते हैं।

  • इनके निवारण के लिए एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 11% + टेबुकोनाजोल 18.3% SC@ 300 मिली/एकड़ या कासुगामायसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% WP@ 300 ग्राम/एकड़ या क्लोरोथालोनिल 75% WP@ 400 ग्राम/एकड़ या थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W @ 300 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।

  • जैविक उपचार के रूप में ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।

  • ध्यान रखें की फसल की बुआई हमेशा मिट्टी उपचार एवं बीज़ उपचार करके ही करें।

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करेले की फसल में बुआई के 10-15 दिनों में फसल प्रबंधन है जरूरी

Crop management in 10–15 days of sowing in bitter gourd crop
  • करेले की फसल की इस अवस्था में कीट प्रकोप, कवक रोगों का प्रकोप एवं वृद्धि तथा विकास से संबंधित समस्या आती है।

  • इन सभी समस्या के निवारण के लिए करेले की फसल में 10-15 दिनों में फसल प्रबंधन करना बहुत आवश्यक है।

  • कीट प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए एसिटामिप्रिड 20% SP @ 100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • जैविक नियंत्रण के रूप में बवेरिया बेसियाना@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।

  • कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% @ 300 ग्राम/एकड़ की दर से कवक रोगों के नियंत्रण के लिए छिड़काव करें।

  • कवक रोगों के जैविक नियंत्रण के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।

  • अच्छी फसल वृद्धि एवं विकास के लिए विगरमैक्स जेल @ 400 ग्राम/एकड़ + 19:19:19 @ 1 किलो/एकड़ की दर से छिड़काव के रूप में उपयोग करें।

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ककड़ी की फसल में लीफ माइनर प्रकोप के लक्षण एवं बचाव की विधि

Characteristics and prevention of leaf miner in cucumber crop

ककड़ी की फसल में लीफ माइनर के प्रकोप के लक्षण

? लीफ माइनर (पत्ती सुरंगक) कीट आकार में बहुत ही छोटे होते हैं जो ककड़ी की फसल के पत्तियों के अंदर जाकर सुरंग बनाते हैं। इससे ककड़ी की पत्तियों पर सफेद धारी जैसी लकीरें बन जाती हैं।

? यह कीट ककड़ी पत्तियों में सर्पिलाकार सुरंग बनाता है इसके कारण ककड़ी के पौधों की प्रकाश संश्लेषण क्रिया बाधित होती है। इसके कारण अंततः पत्तियां गिर भी जाती हैं।

क्या है बचाव की विधि?

? रासायनिक प्रबंधन: इस कीट के नियंत्रण के लिए एबामेक्टिन 1.9% EC @ 150 मिली/एकड़ या स्पिनोसेड 45% SC @ 75 मिली/एकड़ या सायनट्रानिलीप्रोल 10.26% OD@ 300 मिली/एकड़ का उपयोग करें।

? जैविक उपचार: जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।

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तांबे की कमी से पशुओं की हड्डियों में बढ़ जाती है कमजोरी

Importance of copper element in animals
  • ताम्बा पशुओं में ऐसे एंजाइम के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है जो कोशिकाओं की क्षति को रोकते या कम करते हैं।
  • इसकी कमी से पशु की हड्डियों में मजबूती कम हो जाती हैं जिससे विकृति उत्पन्न हो जाती है।
  • इसकी कमी के कारण पशुओं के बालों के रंग असामान्य हो जाते हैं। लाल गाय का रंग पीला हो जाता है एवं काले रंग की गाय का रंग मटमैला या स्लेटी हो जाता है।

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मध्य प्रदेश के इन क्षेत्रों में तेज हवाएं चलने के साथ बारिश की भी है संभावना

Weather report

चक्रवाती हवाओं का एक क्षेत्र झारखंड के आसपास बना हुआ है और अब यह दक्षिण-पूर्व दिशा की तरफ बढ़ने लगा है। इससे छत्तीसगढ़, ओडिशा के साथ साथ पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ और मराठवाड़ा जैसे इलाकों में हल्की बारिश होने की संभावना है। इसी के साथ इन इलाकों में तेज हवाएं भी चलेंगी।

स्रोत : स्काईमेट वीडियो

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मुफ्त बांटे जाएंगे 1 करोड़ नए LPG गैस के कनेक्शन, जानें कैसे मिलेगा योजना का लाभ

Pradhan Mantri Ujjwala scheme

गांव गांव तक LPG गैस के कनेक्शन उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी जो अभी भी चल रही है। खबरों के अनुसार इस योजना के अंतर्गत इस साल सरकार 1 करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन बांटने की तैयारी में है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये बातें बजट 2021 में कहीं हैं। बता दें की इस योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को लाभ मिलता है और मुफ्त में LPG गैस कनेक्शन बांटा जाता है।

मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार इस योजना के अंतर्गत 83 मिलियन एलपीजी कनेक्शन 31 जनवरी 2021 तक बांटे गए हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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मूंग की फसल को पाउडरी मिल्ड्यू से होगा नुकसान, ऐसे करें बचाव

Management of powdery mildew in green gram crop
  • आमतौर पर यह रोग मूंग की पत्तियों को प्रभावित करता है और पत्तियों के निचले एवं ऊपरी भाग पर आक्रमण करता है।
  • इसके कारण मूंग की पत्तियों के ऊपरी एवं निचली सतह पर पीले से सफेद रंग का पाउडर दिखाई देता है।
  • इनके प्रबंधन के लिए एजेस्ट्रोबिन 11% + टेबूकोनाज़ोल 18.3% SC @ 300 मिली/एकड़ या एजेस्ट्रोबिन@ 300 मिली/एकड़ का उपयोग करें।
  • जैविक उपचार रूप में ट्रायकोडर्मा विरिडी 500 ग्राम/एकड़ + स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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मध्य प्रदेश के मंडियों में 9 अप्रैल को क्या रहे फसलों के भाव

Mandi Bhaw Madhya Pradesh

 

मंडी फसल न्यूनतम अधिकतम
धामनोद गेहूं 1753 1851
धामनोद डॉलर चना 8000 8500
धामनोद मक्का 1050 1375
हरसूद सोयाबीन 3014 6500
हरसूद तुवर 5301 6100
हरसूद गेहूं 1670 2013
हरसूद चना 4630 5050
हरसूद मूंग 6970 7400
हरसूद मक्का 1206 1290
हरसूद उड़द 2030 2030
खरगोन कपास 4900 6755
खरगोन गेहूं 1740 2012
खरगोन चना 4200 5075
खरगोन मक्का 1170 1406
खरगोन सोयाबीन 6250 6350
खरगोन डॉलर चना 7412 8501
खरगोन तुवर 5500 6900
रतलाम _( सेलाना मंडी) सोयाबीन 5400 6941
रतलाम _( सेलाना मंडी) गेहूं 1575 2324
रतलाम _( सेलाना मंडी) चना 4190 5400
रतलाम _( सेलाना मंडी) डॉलर चना 7800 7800
रतलाम _( सेलाना मंडी) मटर 4101 4851
रतलाम _( सेलाना मंडी) मसूर 5441 5441
रतलाम _( सेलाना मंडी) मेधी दाना 5000 6350
रतलाम _( सेलाना मंडी) अलसी 6001 6491
रतलाम _( सेलाना मंडी) रायडा 5000 5550
रतलाम गेहूं शरबती 2370 3437
रतलाम गेहूं लोकवन 1731 2280
रतलाम गेहूं मिल 1683 1740
रतलाम विशाल चना 4351 5200
रतलाम इटालियन चना 3601 5800
रतलाम डॉलर चना 5000 8700
रतलाम मेथी 4801 5910
रतलाम उड़द 3450 3450
रतलाम यलो सोयाबीन 5300 6693
रतलाम मटर 4000 5825
रतलाम मसूर 5451 5451
रतलाम _(नामली मंडी) गेहूं 1650 2150
रतलाम _(नामली मंडी) सोयाबीन 5900 6550
रतलाम _(नामली मंडी) डॉलर चना 7205 7501
रतलाम _(नामली मंडी) चना 5055 5205

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कोबाल्ट की कमी से जानवरों को हो सकती हैं ये परेशानियां

Which disease occurs in animals due to cobalt deficiency
  • जुगाली करने वाले पशुओं के लिये कोबाल्ट अति आवश्यक होता है।
  • यह शरीर में बहुत ही सीमित मात्रा में पाया जाता है और इसकी कमी मुख्यत: खाद्य पदार्थों में इसलिये होती है क्योंकि जिस मिट्टी में खाद्यान्नों को उगाया गया है, उस मिट्टी में भी इसकी कमी रहती है।
  • यह विटामिन बी12 के संश्लेषण में मदद करता है जिससे लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण एवं वृद्धि में मदद मिलती है।
  • कोबाल्ट की कमी से भूख न लगना कमजोरी, पाइका, दस्त लगना तथा बांझपन जैसी समस्याएं पशुओं में हो सकती है।

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