आपकी मूंग फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के 0 से 3 दिन पहले-बीज़ों को कवक जनित रोगो से बचने के लिए

बीज को फफूंद से बचाने के लिए बीजों को थायरम 37.5% + कार्बोक्सिन 37.5% ( विटावैक्स पावर) 2.5 ग्राम/किलो बीज या कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% (साफ) 2.5 ग्राम /किलो बीज या थियामेथोक्सम 30% एफएस (रेनो) 4 मिली प्रति किलो बीज या राइजोबियम (जैवाटिका आर) 5 ग्राम प्रति किलो बीज के हिसाब से उपचारित करें।

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आपकी मूंग फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के 5 से 7 दिन पहले- पोधो के बिच योग्य दुरी रखने के लिए

1.5 फीट की दूरी कुंड और मेढ़ तैयार करें। दो बीजों के बीच 1 फुट की दूरी रखकर बोयें। अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

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मध्य भारत में प्री-मानसून की गतिविधियां शुरू, रुक रुक कर होगी बारिश

Weather report

मध्य भारत में प्री-मानसून की गतिविधियां शुरू हो गई हैं। चक्रवातीय प्रवाह से महाराष्ट्र के कुछ इलाकों, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र और विदर्भ में हल्की बारिश होने की संभावना है। इन इलाकों में बादल छाए रहेंगे। हालांकि इन इलाकों में मौसम गर्म रहेगा लेकिन रुक रुक कर बारिश मध्य प्रदेश के पूर्वी और दक्षिणी जिलों में हल्की और छिटपुट बारिश होगी।भी जारी रहने की संभावना है।

स्रोत : स्काईमेट वीडियो

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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मूंग की फसल में इन उपायों को अपनाने से होगी फूल वृद्धि

What are the preventions to follow for flower growth in green gram crop
  • मूंग की फसल में पोषक तत्वों की कमी के कारण फूल गिरने की समस्या होती है।

  • अधिक मात्रा में फूल गिरने के कारण फसल उत्पादन बहुत प्रभावित होता है।

मूंग में अधिक फूल वृद्धि के लिए निम्र उत्पादों का छिड़काव करें

  • इस समस्या के निवारण के लिए सूक्ष्म पोषक तत्वों 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।

  • फूल गिरने से रोकने के लिए होमोब्रेसिनोलाइड @ 100 मिली/एकड़ या पिक्लोबूट्राज़ोल 40% SC @ 30 मिली/एकड़ की दर से उपयोग करें।

अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में रोगों व कीटों के प्रकोप की समयपूर्व जानकारी प्राप्त करते रहें । इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने किसान मित्रों से भी करें साझा।

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मध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में अगले 3-4 दिन हो सकती है बारिश

Weather report

मध्य भारत के दक्षिणी- पूर्व मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के दक्षिणी और मध्य जिलों में आने वाले दिनों में बारिश की गतिविधियां बढ़ेगी। अगले 24 घंटों में इन इलाकों में 1-2 घंटे तक बारिश होगी और कुछ समय बाद थम जाएगी। यह गतिविधियां इन सभी इलाकों में देखने को मिलेगी और अगले 3-4 दिनों के दौरान इन इलाकों में तापमान कम ही रहेंगे।

स्रोत : स्काईमेट वीडियो

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तरबूज की फसल में मकड़ी के प्रकोप का ऐसे करें नियंत्रण

How to control mites in watermelon crop
  • मकड़ी छोटे एवं लाल रंग के कीट होते है जो तरबूज की फसल के कोमल भागों जैसे पत्ती, फूल, कली एवं टहनियों आदि पर भारी मात्रा में पाए जाते हैं।

  • तरबूज के जिन पौधों पर मकड़ी का प्रकोप होता है उन पौधे पर जाले दिखाई देते हैं।

  • यह कीट पौधे के कोमल भागों का रस चूसकर उनको कमज़ोर कर देते हैं जिसके कारण अंत में पौधा मर भी जाता है।

रासायनिक प्रबंधन: प्रोपरजाइट 57% EC @ 400 मिली/एकड़ या स्पाइरोमैसीफेन 22.9% SC @ 200 मिली/एकड़ या ऐबामेक्टिन 1.8% EC @150 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

जैविक प्रबधन: जैविक उपचार के रूप में मेट्राजियम @ 1 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।

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आपकी मूंग फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के 8 से 10 दिन पहले-मिट्टी की संरचना सुधारने के लिए

6000 किग्रा गोबर की खाद में कम्पोस्टिंग बैक्टीरिया (स्पीड कम्पोस्ट) 4 किग्रा + ट्राइकोडर्मा विरिडी (राइजोकेयर) 500 ग्राम मिलाएं। अच्छी तरह मिलाकर एक एकड़ क्षेत्र में मिट्टी में फैला दें।

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किसान रेल से किसानों को हो रहा है लाभ, पौने दो लाख टन उपज का हुआ परिवहन

Kisan Rail

साल 2020 में कोरोना महामारी की वजह से लगे देशव्यापी लॉकडाउन के समय किसानों को अपनी उपज को दूसरे स्थानों तक पहुँचाने में बहुत परेशानी हुई थी। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए किसान रेल चलाये गए।

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पिछले बुधवार को बताया कि किसानों को फायदा पहुंचाने वाले इस किसान रेल ने अब तक 455 फेरे लगाए हैं। इन 455 फेरों के दौरान किसान रेल ने करीब पौने दो लाख टन तक की उपज को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया है।

स्रोत: कृषक जगत

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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डम्पिंग ऑफ रोग से फसलों को होता है काफी नुकसान, जानें इसका निदान

Dumping of disease causes great damage to crops, know its prevention
  • यह रोग किसी भी फसल के शुरुआती दौर में अंकुरण के समय लगता है।

  • इस रोग के कारण जड़ गलने लग जाती है और पौधे नष्ट होने लग जाते हैं।

  • मौसम की अनुकूलता, अधिक नमी एवं तापमान में परिवर्तन इस रोग का मुख्य कारण है।

  • इसके प्रबंधन के लिए थियोफैनेट मिथाइल 70% WP@ 300 ग्राम/एकड़ या क्लोरोथालोनिल 70% WP@ 300 ग्राम/एकड़ या मेटालेक्सिल 4% + मेंकोजेब 64% WP@ 500 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।

  • जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ दर से उपयोग करें।

फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले घातक रोगों से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन दबा के अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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मिर्च की नर्सरी की तैयारी के पहले मिट्टी का सौरीकरण जरूर करें, जानें विधि

How to do solarization of soil before preparation of Chilli nursery
  • मिर्ची की नर्सरी मई माह के शुरुआती सप्ताह में लगायी जाती है।

  • इसके लिए खेत के चयन व खेत की तैयारी आदि का कार्य अप्रैल माह में करना बहुत आवश्यक होता है।

  • मिर्च की नर्सरी लगाने के लिए सबसे पहले मिट्टी का सौरीकरण करना बहुत आवश्यक होता है।

  • इस क्रिया में हल और पाटा चलाकर मिट्टी को ऊपर नीचे करके उसके बाद मिट्टी को पानी से गीला करना होता है।

  • इसके बाद लगभग 5-6 सप्ताह के लिए पूरे नर्सरी क्षेत्र पर 200 गेज (50 माइक्रोन) की पारदर्शी पॉलीथीन फैलाना होता है।

  • पॉलिथीन के किनारों को गीली मिट्टी की सहायता से ढंकना चाहिए जिससे हवा का प्रवेश पॉलीथिन के अंदर न होने पाए।

  • 5-6 सप्ताह के बाद पॉलीथिन शीट को हटा देना चाहिए।

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