पोल्ट्री व्यवसाय शुरु करने के लिए बत्तख पालन एक अच्छा विकल्प है। बत्तख पालन दूसरे पोल्ट्री व्यवसाय के मुकाबले कई गुना सस्ता और ज्यादा मुनाफा देने वाला है। वो इसलिए क्योंकि यह पक्षी किसी भी वातावरण में आसानी से ढल जाता है। इसी वजह से बत्तखों को बीमारियां कम होती हैं।
बत्तख के मांस और अंडे की बढ़ती डिमांड
बत्तख के मांस और अंडे में प्रोटीन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इस कारण बाजार में भी इसकी मांग बढ़ रही है। जहां बढ़ती मांग के चलते इसकी कीमतों में भी वृद्धि हुई है। बाजार में मिल रहे अच्छे भाव की वजह से किसानों को बत्तख पालन से लाखों रूपए का मुनाफा हो रहा है।
सरकारी संस्थाएं दे रहीं सब्सिडी
बत्तख पालन के लिए सरकार की तरफ से एससी और एसटी वर्ग के लाभार्थियों को 35% सब्सिडी दी जा रही है। वहीं सामान्य लाभार्थियों को 25% सब्सिडी की सहायता प्रदान की जाती है, साथ ही राष्ट्रीय कृषि व विकास ग्रामीण बैंक से बत्तख पालन के लिए किसान लोन प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के माध्यम से भी बत्तख पालन के लिए लोन प्रदान किया जा रहा है।
बत्तख पालन करना बेहद आसान
अगर आप मछली पालन या धान की खेती कर रहे हैं तो आपके लिए बत्तख पालना बहुत आसान होगा। दरअसल ये पक्षी अपने आहार में खेतों में गिरे अनाज के दाने, कीड़े मकोड़े, छोटी मछलियां, मेंढ़क और पानी में रहने वाले दूसरे कीड़े व शैवाल खाते हैं। इन पक्षियों की सबसे अच्छी बात यह है कि, ये घर से खेत जाना और वापिस घर आना आसानी से सीख जाते हैं।
ऐसे करें पोल्ट्री फार्म की तैयार
बत्तख 16 हफ्तों में बत्तख व्यस्क होकर अंडा देने लगती है। वहीं एक साफ सुथरा अंडा प्राप्त करने के लिए बक्से तैयार करने होते हैं, जिसमें बत्तख अंडा देती हैं। बत्तख पालन के लिए घर सूखा और हवादार होना चाहिए। व्यवसाय को शुरु करने से पहले अंडे और मांस के लिए बत्तखों की किस्में पता होनी बेहद जरूरी है।
स्रोत: आज तक
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