मैग्नीशियम की कमी के लक्षण :-
मैग्नीशियम की कमी के लक्षण सर्वप्रथम पुरानी पत्तियों पर दिखाई देते हैं, इसकी कमी से पत्तियों में हरिमाहीनता हो जाती है। पत्तियों की शिरा हरे रंग की रहती हैं, एवं शिराओं को छोड़कर बाकि पत्ती का रंग लाल भूरे रंग का दिखाई देता है। जिस कारण समय से पहले ही पत्ती गिर जाती हैं।
लाल पत्ती रोग के कारण :-
किसान भाइयों, कपास में पत्तियों के लाल होने को लाल पत्ती रोग के नाम से भी जाना जाता है। शुरुआत में पत्ती का किनारा पीला हो जाता है और बाद में लाल रंग का हो जाता है। यह विकार एक पर्यावरणीय कारक एवं नाइट्रोजन, मैग्नीशियम आपूर्ति एवं अत्यधिक जल भराव के कारण, होता है। यह किसी भी विकास के चरण में हो सकता है। रस चूसक कीट के लक्षण एवं लाल पत्ती के लक्षण में कोई खास अंतर नहीं होता है। अक्सर लक्षण परिपक्व पत्तियों में देखा जाता है और धीरे-धीरे पूरे पत्तों में फैल जाता है। अंत में पूरी पत्तियां सूख जाती है।
बचाव के उपाय :-
प्राकृतिक कारक से बचने के लिए समय से बुवाई करनी चाहिए एवं खेतों में जलभराव से बचने के लिए पर्याप्त जल निकासी होना चाहिए एवं बुवाई के 40 से 45 दिन बाद, यूरिया 30 किग्रा + मैग्नीशियम सल्फेट 10 किग्रा प्रति एकड़ के हिसाब से प्रयोग करें।
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