Control of Semilooper In Soyabean:-

सोयाबीन में सेमीलुपर ईल्ली (कूबड़ वाली ईल्ली):-

  • सोयाबीन में यह ईल्ली बहुत अधिक नुकसान पहुँचाती हैं|
  • फसल की किसी भी अवस्था पर इसका प्रकोप हो सकता है पर फुल व फली बनने की अवस्था पर ज्यादा जोखिम होती है|
  • यह पत्तियों पर छेद कर देते है | तथा पत्तियों को किनारों की तरफ से खाती हैं |

नियंत्रण :-

  • गर्मी के समय में गहरी जुताई करना चाहिये |
  • क्विनालफास 25% EC @ 400 मिली. या प्रोफेनोफॉस 50% EC @ 400 मिली या स्पीनोसेड 45% @ 60 मिली. प्रति एकड़ इनमें से किसी एक का छिड़काव करें |

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Control of White fly in Soybean

सोयाबीन में सफ़ेद मक्खी का नियंत्रण:-

  • शिशु एवं वयस्क पत्तियों के निचले सतह से रस चूसते है एवं मधु स्त्राव के उत्सर्जन से प्रकाश संश्लेषण में बाधा आती है|
  • पत्तियाँ रोगग्रस्त दिखती है सुटी मोल्ड से ढक जाती है | यह कीट पत्ति मोड़क विषाणु रोग व पीला शिरा विषाणु रोग का वाहक होकर इसे फैलाता है|
  • नियंत्रण:- पीले रंग वाले चिपचिपे प्रपंच खेत में कई जगह लगाए|
  • प्रोफेनोफॉस @ 50 मिली./पम्प या थायमेथोक्जोम @ 5 ग्राम/पम्प या एसीटामीप्रिड @ 15 ग्राम/ पम्प का स्प्रे 3-4 बार 10 दिन के अंतराल पर करे|

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Management of Tobacco caterpillar in Soybean

 

 

नुकसान के लक्षण:  इल्लियां पत्तियों का क्लोरोफिल खा में लेते है |  खाए गए पत्ते पर सफेद पीले रंग की झिल्ली दिखाई देती हैं।
प्रबंधन

  • गर्मियों में गहरी जुताई  करना चाहिए |
  • मानसून आने से पहले बुवाई से बचें।
  • बीज दर (70-100 किलो / हेक्टेयर) रखना चाहिए|
  • रोग ग्रस्त  भागों को इकट्ठा और नष्ट करें|
  • फेरोमोन ट्रेप 5 प्रति हेक्टेयर लगाए | ताकि इसके व्यस्क के आगमन का पता चल सके |
  • प्रोफेनोफॉस  50% ईसी @ 400 मिलीलीटर / एकड़ या क़्वीनाल्फास 25% ईसी  @ 400 मिलीलीटर / एकड़ का स्प्रे करे |
  • अधिक  प्रकोप होने पर एमामेक्टीन बेंज़ोएट @ 200 ग्राम प्रति हेक्टेयर |

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Integrated Management of Pink Bollworm in Cotton

ऐसे करें कपास में गुलाबी इल्ली का समेकित प्रबंधन –

  • कपास की फसल को जनवरी महीने तक हर हालत में समाप्त कर दे |
  • गुलाबी इल्ली के पतंगों की गतिविधि की निगरानी के लिए बुवाई के 45 दिन बाद खेत में फेरोमोन ट्रैप 5 प्रति हेक्टेर की दर से स्थापित कर दे |
  • गुलाबी इल्ली की उपस्थिति जानने के लिए कली तथा पुष्पन अवस्था पर फसल का निरीक्षण करें तथा पुष्प के अन्दर सुंडी की उपस्थिति का आकलन करें |
  • मान्यता प्राप्त व सिफारिश की हुई किटनाशक का उपयोग करें |
  • कीटनाशको का मिश्रण करके छिडकाव ना करें |
  • सफ़ेद मक्खी का संक्रमण टालने हेतु नवम्बर माह के पहले कोई भी सिंथेटिक पायरेथ्रोइड इस्तेमाल ना करें |
  • फसल के विभिन्न पोधो से 20 हरे गुलरो को तोड़कर गुलाबी इल्ली की उपस्थिति और क्षति का निरिक्षण करें |
  • साफ़ सुथरी और कीटग्रस्त कपास को चुनकर अलग -अलग रखे |

 

गुलाबी इल्लियों के प्रबंधन के लिए सिफारिश किए गए कीटनाशक :-

 

महिना कीटनाशक मात्रा  प्रति 10 ली .पानी *
सितम्बर क्विनॉलफॉस 25 EC

थियोडिकार्ब 75 WP

20 मिली

20 ग्राम

अक्टूबर क्लोरोपाइरीफास 20 EC

थियोडिकार्ब 75 WP

25 मिली

20 ग्राम

नवंबर फेनवेलेरेट 20 EC

साइपरमेथ्रिन 25 EC

10 मिली

10 मिली

 

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Girdle beetle in Soybean

सोयाबीन में गर्डल बीटल:- इसे रिंग कटर भी कहा जाता है | यहाँ कीट सोयाबीन की उपज को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है|

नुकसान के लक्षण:-

  • तना को अंदर से लार्वा द्वारा खाया जाता है और तने के अंदर एक सुरंग बनती है।
  • संक्रमित हिस्से के पौधे की पत्तियां पोषक तत्व पाने में असमर्थ होती हैं और सूख जाती हैं।
  • बाद में पौधे को जमीन से लगभग 15 से 25 सेमी पर काट देता है।

प्रबंधन :-

  • गर्मी में खेत की गहरी जुताई  करे |
  • मक्का या ज्वार साथ में लगाने से बचा |
  • फसल चक्र का पालन किया जाना चाहिए |
  • अतिरिक्त नाइट्रोजन उर्वरकों से बचें।
  • 10 दिनों में कम से कम एक बार ग्रसित पौधे के हिस्सों को हटा दें और उन्हें खाद के गड्ढे में गाड दें ताकि गर्डल बीटल की आबादी को नियंत्रित किया जा सके |

रोकथाम :-

  • बुवाई के समय फोरेट 10 G @ 10 किलो / हेक्टेयर या  कार्बोफूरोन 3 G @ 30 किलोग्राम / हेक्टेयर लागू करें।
  • क्विनालफास 25% EC या ट्रायजोफॉस 40% EC @ 3 मिली / लीटर पानी का छिड़काव 30-35 दिनों की फसल की उम्र में करे |

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Control of Red Pumpkin Bettle in Watermelon

तरबुज में लाल कीट का नियंत्रण:-

  • अंडे से निकले हुये ग्रब जड़ो, भूमिगत भागो एवं जो फल भूमि के संपर्क में रहते है उन्है खाता है|
  • उसके बाद ग्रसित जड़ो एवं भूमिगत भागों पर मृतजीवी फंगस का आक्रमण हो जाता है जिसके फलस्वरूप अपरिपक्वफल व लताएँ सुख जाती है|
  • इसमें ग्रसित फल उपयोग करने हेतु अनुपयुक्त होते है|
  • बीटल पत्तियों को खाकर छेद कर देते है |
  • पौध अवस्था में बीटल का आक्रमण होने पर मुलायम पत्तियों को खाकर हानि पहुचाते है जिसके कारण पौधे मर जाते है |

नियंत्रण:-

  • गहरी जुताई करने से भूमि के अन्दर उपस्थित प्यूपा या ग्रब ऊपर आ जाते है सूर्य की किरणों में मर जाते है |
  • बीजो के अंकुरण के बाद पौध के चारों तरफ भूमि में कारटाप हाईड्रोक्लोराईड 3 G दाने डाले|
  • बीटल को इकट्ठा करके नष्ट करें|
  • साईपरमेथ्रिन (25 र्इ.सी.) 1 मि.ली. प्रति लीटर पानी + डायमिथोएट 30% ईसी. 2  मि.ली. प्रति लीटर पानी की दर से घोल बना कर छिडकाव करें। या कार्बारिल 50% WP 3 ग्राम प्रति ली पानी की दर से घोल बना दो छिड़काव करें। पहला छिडकाव रोपण के 15 दिन व दूसरा इसके 7 दिन बाद करें|

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Control of Aphids on Bottle Gourd

ग्रसित भाग पीले होकर सिकुड़कर मुड जाते है अत्यधिक आक्रमण की अवस्था में पत्तियाँ सुख जाती है व धीरे-धीरे पौधा सुख जाता है|

माहू का प्रकोप दिखाई देने पर डायमिथोएट 30 मिली. प्रति पम्प या इमीड़ाक्लोरप्रीड 17.8% SL 10 मिली. प्रति पम्प का स्प्रे पंद्रह दिन के अंतराल से करें|

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Control of Aphids on Sponge Gourd and Ridge Gourd

गिलकी एवं तुरई में माहू का नियंत्रण:-

ग्रसित भाग पीले होकर सिकुड़कर मुड जाते है अत्यधिक आक्रमण की अवस्था में पत्तियाँ सुख जाती है व धीरे-धीरे पौधा सुख जाता है|

माहू का प्रकोप दिखाई देने पर डायमिथोएट 30 मिली. प्रति पम्प या इमीड़ाक्लोरप्रीड 17.8% SL 10 मिली. प्रति पम्प का स्प्रे पंद्रह दिन के अंतराल से करें|

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Control of White fly in Okra

भिन्डी में सफ़ेद मक्खी का नियंत्रण:-

  • शिशु एवं वयस्क पत्तियों के निचले सतह से रस चूसते है एवं मधु स्त्राव के उत्सर्जन से प्रकाश संश्लेषण में बाधा आती है|
  • पत्तियाँ रोगग्रस्त दिखती है सुटी मोल्ड से ढक जाती है | यह कीट पत्ति मोड़क विषाणु रोग व पीला शिरा विषाणु रोग का वाहक होकर इसे फैलाता है|
  • नियंत्रण:- पीले रंग वाले चिपचिपे प्रपंच खेत में कई जगह लगाए|
  • डायमिथोएट 30 मिली./पम्प या थायमेथोक्जोम 5 ग्राम/पम्प या एसीटामीप्रिड 15 ग्राम/ पम्प का स्प्रे 4-5 बार 10 दिन के अंतराल पर करे|

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Control of Thrips

थ्रिप्स पौधों का रस चूसता हे जिससे पौधे पीले व कमज़ोर हो जाते है उपज कम होती है| इसके नियंत्रण के लिए प्रोफेनोफोस 400 मिली. प्रति एकड़ या फिप्रोनिल 400 मिली. प्रति एकड़  या थायमेथोक्जोम 100 ग्राम प्रति एकड़ का स्प्रे हर 10 दिन के अंतराल पर करे |

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