मैक्समाइको से किसान हुआ खुश, 2.5 क्विंटल/एकड़ तक बढ़ गया धान का उत्पादन

Paddy production increased to 2.5 quintal/acre after using Maxxmyco

बाजार में किसानों की फसल से उपज बढ़ाने के दावे तो बहुत सारे उत्पाद करते हैं पर अपने दावों पर कुछ ही उत्पाद खरे उतरते हैं। ऐसा ही एक उत्पाद है ग्रामोफ़ोन का मैक्समाइको जिसके इस्तेमाल से बहुत सारे किसानों ने अलग अलग फ़सलों से अच्छा उत्पादन प्राप्त किया है। इन्हीं किसानों में से एक हैं मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के हासलपुर गांव के किसान श्री रतनेश मीणा जी जिन्होंने अपनी धान की फसल में मैक्समाइको का इस्तेमाल किया था।

रतनेश जी ने 10 एकड़ में धान की फसल लगाई थी। इसमें 6 एकड़ में उन्होंने मैक्समाइको डाला और 4 एकड़ में नहीं डाला। मैक्समाइको के इस्तेमाल वाली धान की फसल को बेहतर बढ़वार मिली। आखिरकार जब कटाई के बाद उपज आई तो मैक्समाइको वाले 6 एकड़ में 16 क्विंटल/एकड़ की औसत से कुल उपज 96 क्विंटल रही वहीं बिना मैक्समाइको वाली 4 एकड़ की फसल का उत्पादन 13.5 क्विंटल/एकड़ की औसत से महज 54 क्विंटल रहा। 

रतनेश जी की तरह आप भी अपनी फसल में मैक्समाइको का इस्तेमाल कर सकते हैं और अच्छी उपज की प्राप्ति कर सकते हैं। अपने घर पर मैक्समाइको मंगवाने के लिए आप हमारे टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्डकॉल करें या फिर ग्रामोफ़ोन कृषि एप पर लॉगिन करें।

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ग्रामोफ़ोन के मार्गदर्शन में महज 1.5 साल में किसान की वार्षिक कमाई बढ़ कर हुई 25 लाख

साल 2016 में जब ग्रामोफ़ोन की शुरुआत हुई तब से लेकर अब तक 5 लाख से भी ज्यादा किसान ग्रामोफ़ोन से जुड़े हैं और इस जुड़ाव से किसानों की समृद्धि भी बढ़ रही है। इन्ही समृद्ध किसानों में से एक है खरगोन जिले के भीकनगांव तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव पीपरी के निवासी शेखर पेमाजी चौधरी।

डेढ़ साल पहले टीम ग्रामोफ़ोन जब शेखर पेमाजी चौधरी से मिली थी तब उन्होंने अपने करेले के हरे भरे खेत दिखाए थे और बताया था की उन्होंने ग्रामोफ़ोन की सलाह पर अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण करवाया और इसी कारण करेले की फसल से उन्हें करीब 8 लाख की कमाई हुई। इस शुरूआती सफलता के करीब डेढ़ साल बाद आज शेखर एक समृद्ध किसान हो गए हैं और अपने आसपास के अन्य किसानों के लिए एक आदर्श की तरह साबित हुए हैं।

पिछले दिनों जब एक बार फिर टीम ग्रामोफ़ोन शेखर से मिलने पहुंची तो उन्होंने अपनी समृद्धि के पीछे की बड़ी ही प्रेरक कहानी बताई। उन्होंने बताया की कैसे पिछले डेढ़ साल में उन्होंने अपने छह एकड़ के खेतों में अपनी मेहनत और ग्रामोफ़ोन की सलाहों की मदद से खेती की और सालाना 25 लाख की कमाई की। उन्होंने यह भी बताया की इस कमाई से उन्होंने 16 लाख का घर बनाया और 8 लाख की कार भी खरीदी। बता दें की शेखर जी की 25 लाख की कुल कमाई में करीब 12 लाख का कृषि खर्च आता है और 13 लाख का मुनाफ़ा उन्हें हर साल मिलता है।

शेखर जी की यह कहानी सभी किसान भाइयों के लिए एक प्रेरणादायी है। दूसरे किसान भाई भी शेखर जी की तरह ग्रामोफोन से जुड़ कर समृद्ध हो सकते हैं। ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के लिए आप या तो टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्डकॉल करें या फिर ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर लॉगिन करें।

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21 वर्षीय युवा किसान की शानदार सेंचुरी, लागत बेहद कम और उपज 100 क्विंटल

Farmer Success story

हर भारतीय किसान की यही ख़्वाहिश रहती है की उसकी खेती की लागत कम हो और मुनाफ़े में बढ़ोतरी हो। पर हमारे देश के ज्यादातर किसान आज भी पारंपरिक खेती करते हैं जिस वजह से उन्हें कम उत्पादन से ही संतोष करना पड़ता है और कृषि लागत भी बहुत ज्यादा हो जाती है। पर आज के आधुनिक दौर में जो किसान आधुनिक विधियों का इस्तेमाल खेती में करते हैं वे स्मार्ट किसान कहलाते हैं। ग्रामोफ़ोन भी किसानों को स्मार्ट तरीके से खेती करवाने के कार्य में पिछले 4 सालों से लगा हुआ है।

ग्रामोफ़ोन एप से जुड़कर कई किसान भाई स्मार्ट खेती कर रहे हैं। बड़वानी जिले के 21 वर्षीय युवा किसान हरिओम वास्कले ने ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप का इस्तेमाल कर खेती करते हुए बेहद कम लागत में 11 एकड़ के खेत में कपास की 100 क्विंटल उपज प्राप्त की। कपास की खेती करने वाले किसान भाई जानते होंगे की कपास की खेती बड़ी खर्चीली होती है और इस साल बहुत सारे किसानों की कपास की फसल मौसम की मार तथा कीट/रोग आदि के प्रकोप के कारण बर्बाद हो गई। ऐसे समय में युवा हरिओम ने ग्रामोफ़ोन की सलाह पर पहले की तुलना में कम और किफायती छिड़काव की। इससे कृषि लागत के घटने के साथ साथ उपज में भी वृद्धि हुई।

हरिओम वास्कले ने बुआई के समय ही अपनी कपास की फसल को ग्रामोफ़ोन एप से जोड़ दिया था। ऐसा करने से उन्हें रोग और कीटों के प्रकोप सम्बन्धी जानकारियाँ पहले ही कृषि विशेषज्ञों द्वारा मिल जाती थी साथ ही कृषि विशेषज्ञ उन्हें बचाव के उपाय भी पहले ही बता देते थे। इस तरह हरिओम ने अपनी फसल को पूरे फसल चक्र के दौरान रोगों और कीटों के प्रकोप से बचा कर रखा। इस मेहनत का फल हरिओम को 100 क्विंटल ज़बरदस्त उपज प्राप्त होने पर मिला।

अगर आप भी हरिओम की तरह अपनी कृषि में इसी प्रकार का बड़ा अंतर लाना चाहते हैं और स्मार्ट किसान बनना चाहते हैं तो आप भी ग्रामोफ़ोन के साथ जुड़ सकते हैं। ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के लिए आप या तो टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्डकॉल करें या फिर ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर लॉगिन करें।

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ग्रामोफ़ोन एप की डिजिटल सलाहों से खंडवा के किसान की आय में हुई वृद्धि

Digital Advice of Gramophone App increased income of Khandwa farmer

पूरी दुनिया धीरे धीरे डिजिटलाइज होती जा रही है, आज हर जानकारी मोबाइल के एक टच पर कहीं भी कोई भी प्राप्त कर सकता है। डिजिटलीकरण के इस जमाने में भारतीय किसान के लिए भी बहुत सारी संभावनाएं हैं। ग्रामोफ़ोन इन्हीं संभावनाओं के दरवाज़े किसानों के लिए खोल रहा है। अब किसानों को कृषि संबंधित हर जानकारी ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप के माध्यम से स्मार्ट फ़ोन के एक टच पर मिल रही है। खंडवा के सोयाबीन किसान सागर सिंह सोलंकी भी ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप की मदद से स्मार्ट खेती कर रहे हैं।

ग्रामोफ़ोन एप के इस्तेमाल ने सागर सिंह सोलंकी को ना सिर्फ स्मार्ट किसान बनाया बल्कि कृषि लागत में कमी करते हुए आय में ही अच्छी वृद्धि दिलाई। एप के इस्तेमाल से उनकी कृषि लागत 21% तक घटा गई और आय में 25% की वृद्धि हो गई। इसके अलावा उनका कुल मुनाफ़ा भी पहले की तुलना में 37% तक बढ़ गया।

सागर सिंह सोलंकी की ही तरह लाखों किसान ग्रामोफ़ोन एप का इस्तेमाल कर रहे हैं और इसका लाभ ले रहे हैं। अगर आप भी इनकी तरह एक स्मार्ट किसान बनना चाहते हैं तो आप भी ग्रामोफ़ोन के साथ जुड़ सकते हैं। ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के लिए ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर लॉगिन करें।

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ग्रामोफ़ोन समृद्धि किट के उपयोग से किसान के प्रॉफिट में हुआ 100% का इज़ाफा

Farmer Success Story

हमारे देश के ज्यादातर किसान आज भी पारंपरिक खेती करते हैं जिस वजह से उन्हें कम उत्पादन से ही संतोष करना पड़ता है। पर आज के आधुनिक दौर में जो किसान आधुनिक विधियों का इस्तेमाल खेती में करते हैं वे स्मार्ट किसान कहलाते हैं। ग्रामोफ़ोन भी किसानों को स्मार्ट तरीके से खेती करवाने के कार्य में पिछले 4 सालों से लगा हुआ है। ग्रामोफ़ोन एप की मदद से किसान अब स्मार्ट खेती कर रहे हैं और ज़बरदस्त लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं।

ऐसे ही किसानों में से एक हैं देवास जिले के किसान विनोद गुज्जर जी जिन्हें मूंग की खेती के दौरान ग्रामोफ़ोन एप से हर कदम पर मदद मिली। जैविक उत्पादों के मेल से बनी मूंग समृद्धि किट और अन्य कृषि उत्पाद की होम डिलीवरी हो या फिर फसल चक्र के दौरान कीट और रोगों की रोकथाम सम्बन्धी जानकारी। हर मौके पर उन्हें ग्रामोफ़ोन एप से उन्हें मदद मिलती रही।

विनोद जी के लिए ग्रामोफ़ोन का मूंग समृद्धि किट किसी वरदान की तरह साबित हुआ। किट के उपयोग से 5 एकड़ में बोई गई फसल की उपज पहले के 25 क्विंटल से बढ़कर 30 क्विंटल हो गई। उपज बढ़ने के साथ ही आय में 38% और प्रॉफिट में 100% का इज़ाफा भी हुआ।

अगर आप भी विनोद गुज्जर जी की तरह अपनी कृषि में इसी प्रकार का बड़ा अंतर लाना चाहते हैं और स्मार्ट किसान बनना चाहते हैं तो आप भी ग्रामोफ़ोन के साथ जुड़ सकते हैं। ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के लिए आप या तो टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्डकॉल करें या फिर ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर लॉगिन करें।

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ग्रामोफ़ोन की समृद्धि किट बनी किसान के समृद्धि की वजह, मुनाफ़ा 62500 से हो गया 175000

ग्रामोफ़ोन का मुख्य लक्ष्य किसानों को समृद्ध करना है और इस कार्य में ग्रामोफ़ोन के समृद्धि किट महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ये किट ना सिर्फ फसल को बेहतर पोषण और अच्छी बढ़वार देते हैं बल्कि खेत की मिट्टी की संरचना में भी सुधार करते हैं। इसी वजह से एक बार समृद्धि किट का इस्तेमाल करने के बाद इसका असर दूसरी फसल को भी मिलता है। इन समृद्धि किट का इस्तेमाल बहुत सारे किसान कर रहे हैं और इन्हीं में से एक किसान हैं रामनिवास परमार।

देवास के रहने वाले किसान रामनिवास परमार की सोयाबीन की फसल को ग्रामोफ़ोन की सोया समृद्धि किट ने इतना अच्छा पोषण दिया की फसल से प्राप्त मुनाफ़ा पहले से 180% बढ़ गया और फसल से प्राप्त उपज की क़्वालिटी इतनी बढ़िया हुई की मंडी में इसका मूल्य भी अन्य किसानों की उपज से अधिक मिला।

रामनिवास की ही तरह सैंकड़ो किसान इन किट का इस्तेमाल कर रहे हैं और इसका लाभ ले रहे हैं। अगर आप भी रामनिवास की तरह समृद्धि किट का इस्तेमाल कर अपनी कृषि में इसी प्रकार का बड़ा अंतर लाना चाहते हैं और स्मार्ट किसान बनना चाहते हैं तो आप भी ग्रामोफ़ोन के साथ जुड़ सकते हैं। ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के लिए आप या तो टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्डकॉल करें या फिर ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर लॉगिन करें।

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खंडवा के सोयाबीन किसान ने ग्रामोफ़ोन एप से की स्मार्ट खेती, 160 से बढ़कर 200 क्विंटल हुई उपज

हर भारतीय किसान की यही ख़्वाहिश रहती है की उसकी खेती की लागत कम हो और मुनाफ़े में बढ़ोतरी हो। पर हमारे देश के ज्यादातर किसान आज भी पारंपरिक खेती करते हैं जिस वजह से उन्हें कम उत्पादन से ही संतोष करना पड़ता है और कृषि लागत भी बहुत ज्यादा हो जाती है। पर आज के आधुनिक दौर में जो किसान आधुनिक विधियों का इस्तेमाल खेती में करते हैं वे स्मार्ट किसान कहलाते हैं। ग्रामोफ़ोन भी किसानों को स्मार्ट तरीके से खेती करवाने के कार्य में पिछले 4 सालों से लगा हुआ है।

ग्रामोफ़ोन एप से जुड़कर कई किसान भाई स्मार्ट खेती कर रहे हैं। खंडवा के शुभम पटेल भी इन्हीं में से एक हैं। शुभम को इस स्मार्ट खेती के परिणाम भी बहुत अच्छे मिल रहे हैं। सोयाबीन की फसल से उन्हें पहले 160 क्विंटल की उपज होती थी, अब यह उपज बढ़कर 200 क्विंटल हो गई है। इससे उनके मुनाफ़े में भी 41% की वृद्धि हुई है। खेती की लागत में भी 10000 रूपये तक की कमी आई है।

अगर आप भी शुभम जी की तरह अपनी कृषि में इसी प्रकार का बड़ा अंतर लाना चाहते हैं और स्मार्ट किसान बनना चाहते हैं तो आप भी ग्रामोफ़ोन के साथ जुड़ सकते हैं। ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के लिए आप या तो टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्डकॉल करें या फिर ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर लॉगिन करें।

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ग्रामोफ़ोन एप ने की खंडवा के किसान की मुश्किलें आसान, 91% बढ़ गई प्रॉफिट

कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार है और किसान इस आधार को मज़बूती देने के लिए सालों भर खेतों में अपना पसीना बहाते हैं। खेती के दौरान एक किसान को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है और इन्हीं समस्याओं को दूर करने में काफी मददगार साबित हो रहा है ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप। इसी एप की मदद से खंडवा जिले के किसान पवन जी ने कपास की खेती में 91% तक प्रॉफिट बढ़ा लिया।

पवन जी की ग्रामोफ़ोन एप से जुड़ने के बाद की खेती और पहले की खेती में काफी फर्क आया है। प्रॉफिट तो बढ़ी ही साथ ही साथ कृषि लागत में भी कमी आई है। पहले जहाँ पवन जी की कृषि लागत 25000 रूपये तक पहुँच जाती थी वो अब घट कर 17500 रूपये हो गई है। वहीं बात करे मुनाफ़े की तो पहले के 132500 रूपये की तुलना में अब यह 252500 रूपये हो गया है।

पवन जी की ही तरह आगे अन्य किसान भाई भी अपनी कृषि समस्याओं को दूर करते हुए अपनी आय बढ़ाना चाहते हैं तो ग्रामोफ़ोन एप तुरंत अपने मोबाईल के इंस्टॉल करें या फिर हमारे टोल फ्री नंबर 1800-315-7566 पर मिस्डकॉल कर के कृषि विशेषज्ञों से अपनी समस्याएं बताएं।

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ग्रामोफ़ोन एप के उपयोग ने देवास के किसान को मूंग की फसल से दिलाया पहले से अधिक मुनाफ़ा

Kishan Rathor

कोई भी किसान खेती इसलिए करता है ताकि उसे इससे अच्छा मुनाफ़ा प्राप्त हो और खेती से मुनाफ़ा प्राप्त करने के लिए जो दो महत्वपूर्ण बातें ध्यान रखने वाली होती हैं उनमें पहला ‘खेती की लागत को कम करना’ होता है और दूसरा ‘उत्पादन को बढ़ाना’ होता है। इन्हीं दो बिंदुओं पर कार्य करता है ग्रामोफ़ोन जिसका लाभ किसान भाई उठाते हैं। कुछ ऐसा ही लाभ देवास जिले के खातेगांव तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम नेमावर के किसान श्री किशन राठौर जी ने भी उठाया।

देवास जिले के युवा किसान किशन चंद्र जी दो साल पहले ग्रामोफ़ोन एप से जुड़े थे। शुरुआत में उन्होंने ग्रामोफ़ोन एप से थोड़ी बहुत सलाह ली लेकिन इस साल उन्होंने पांच एकड़ में की गई मूंग की खेती में पूरी तरह से ग्रामोफ़ोन के सुझावों को माना, जिसका असर उत्पादन वृद्धि में दिखा।

पहले जहाँ पांच एकड़ के खेत में किशन जी को 20 क्विंटल मूंग का उत्पादन होता था वहीं अब उत्पादन बढ़कर 25 क्विंटल हो गया। कमाई पहले के 110000 रूपये मुकाबले बढ़ कर 142500 रूपये हो गई और कृषि लागत भी पहले से काफी घट गई।

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ग्रामोफ़ोन का मिला साथ तो कपास किसान का मुनाफ़ा 6 लाख से बढ़कर हुआ 12 लाख

भारत सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य पर कई बड़े बड़े निर्णय ले रही है। कुछ ऐसा ही काम साल 2016 से किसानों का सच्चा साथी ग्रामोफ़ोन भी अपने स्तर पर कर रहा है। पिछले 3 से 4 साल के दौरान ग्रामोफ़ोन से जुड़े कई किसानों की आय दोगुनी हुई है। इन्हीं में से एक हैं बड़वानी जिले के अंतर्गत आने वाले राजपुर तहसील के साली गांव के रहने वाले कपास किसान मुकेश मुकाती जी। मुकेश कई साल से कपास की खेती करते आ रहे थे और उन्हें थोड़ा मुनाफ़ा भी हो जाता था। पर वे इससे पूरी तरह संतुष्ट नहीं थे और इसी बीच वे ग्रामोफ़ोन के संपर्क में आये।

ग्रामोफ़ोन के संपर्क में आने के बाद मुकेश जी ने कपास की खेती के लिए विशेषज्ञों की सलाह लेनी शुरू की और फसल चक्र के दौरान विषेशज्ञों द्वारा बताई गई हर बात का ख्याल रखा। इसका नतीजा यह हुआ की मुकेश जी की कृषि लागत काफी कम हो गई और मुनाफ़ा दोगुना हो गया।

पहले मुकेश अपने 14 एकड़ ज़मीन पर कपास की खेती से 6 लाख तक की कमाई करते थे। पर ग्रामोफ़ोन की सलाह पर जब उन्होंने खेती की तो उनकी कमाई दोगुनी होकर 12 लाख हो गई। यही नहीं खेती की लागत जो पहले 3 लाख तक जाती थी वो अब घटकर 2 लाख 15 हजार रह गई।

अगर आप भी मुकेश की तरह अपनी कृषि में इसी प्रकार का बड़ा अंतर लाना चाहते हैं तो आप भी ग्रामोफ़ोन के साथ जुड़ सकते हैं। ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के लिए टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्डकॉल करें या फिर ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर लॉगिन करें।

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