कपास किसान बलराम जी ने ग्रामोफ़ोन की मदद से लागत आधा कर डबल मुनाफ़ा कमाया
कृषि लाभ का सौदा तभी बनता है जब खेती में लागत कम रहती है और मुनाफ़ा अच्छा होता है। कुछ ऐसी ही सफलता हासिल की बड़वानी जिले के राजपुर तहसील के अंतर्गत आने वाले साली गांव के निवासी श्री बलराम काग ने जो पिछले कई साल से कपास की खेती करते आ रहे हैं। बलराम कपास की खेती पारंपरिक तरीके से करते थे। इसमें उन्हें कभी नुकसान तो कभी औसत स्तर का लाभ भी होता था। पर बलराम इससे खुश नहीं थे और अपनी फसल से और ज्यादा उत्पादन प्राप्त करने के लिए प्रयासरत थे।
इसी दौरान बलराम ग्रामोफ़ोन के संपर्क में आये। इसके बाद उनकी खेती का तरीका पूरी तरह बदल गया। उन्होंने खेती की तैयारी और बुआई से लेकर कटाई तक के फसल चक्र में ग्रामोफ़ोन के कृषि विशेषज्ञों से कई बार सलाह प्राप्त की। इस दौरान विशेषज्ञों की सलाह पर ही उन्होंने सभी कृषि उत्पाद खरीदे और उनका उपयोग अपने खेतों में किया। ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के बाद बड़वानी के इस कपास किसान बलराम काग की खेती भी लाभ का सौदा बन गई। जहाँ पहले उनकी लागत 2.5 लाख होती थी वहीं इस बार उन्हें महज 1.5 लाख लगाने पड़े और मुनाफ़ा भी पहले के 4.5 लाख से सीधा डबल होकर 9 लाख हो गया है।
अगर आप भी बलराम की तरह अपनी कृषि पद्धति में इसी प्रकार का बड़ा अंतर लाना चाहते हैं तो आप भी ग्रामोफ़ोन एप की अलग अलग सुविधाओं का लाभ उठायें और अपनी खेती को स्मार्ट बनायें।
Shareफसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।
किसान को दिखा मिर्च समृद्धि ड्रिप किट का कमाल, मिली जबरदस्त शुरूआती बढ़वार
भारतीय कृषक खेतों में खूब मेहनत करते हैं, पर ज्यादातर किसान इसलिए अपनी मेहनत का अच्छा फल नहीं प्राप्त कर पाते क्योंकि वे अपनी जानकारी के अनुसार पारंपरिक कृषि पर जोर देते हैं। जबकि आज के जमाने में कृषि क्षेत्र में कई बड़े अनुसंधान हुए हैं जिसके परिणाम स्वरूप कई नए कृषि उत्पादों की मदद से कृषि आधुनिक होने के साथ साथ लाभकारी भी हो गई है। मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के हाथोला गांव के निवासी किसान कैलाश मुकाती जी ने ग्रामोफ़ोन की सानिध्य में अपनी पारंपरिक कृषि को आधुनिक बनाया जिसका लाभ अब उन्हें देखने को मिल रहा है।
पिछले दिनों ग्रामोफ़ोन के कृषि विशेषज्ञ कैलाश जी के मिर्च के खेत का मुआयना करने पहुंचे थे जिसकी खेती उन्होंने पूरी तरह ग्रामोफ़ोन की सलाह पर की है। कैलाश जी ने इस दौरान बताया की वे फसल की बढ़वार देख कर वे पूरी तरह संतुष्ट हैं। उन्होंने अपनी फसल में ग्रामोफ़ोन मिर्च ड्रिप किट का इस्तेमाल किया था जिसके फलस्वरूप पौधों का विकास दूसरे आसपास के किसानों के पौधों की तुलना में ज्यादा बेहतर हुई है।
किसान भाई ने ड्रिप किट के इस्तेमाल से विकसित पौधे और बिना ड्रिप किट के इस्तेमाल से विकसित पौधे की तुलना करते हुए बताया की जड़, तना, पत्तियां सब कुछ ड्रिप किट के कारण बेहतर विकास प्राप्त कर रही है और फल भी आने लगे हैं।
ग़ौरतलब है की ग्रामोफ़ोन मिर्च ही नहीं बल्कि अन्य फ़सलों जैसे मक्का, कपास, सोयाबीन, मूंग आदि के लिए भी समृद्धि किट और ड्रिप किट निकाल चुका है जिसका परिणाम बहुत अच्छा देखने को मिल रहा है। कैलाश मुकाती के साथ साथ अन्य कई किसानों ने इसके इस्तेमाल से बेहतर परिणाम प्राप्त किये हैं। अगर आप भी इनमें से किसी किट का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो ग्रामोफ़ोन के बाजार विकल्प पर जाना ना भूलें।
Shareग्रामोफ़ोन एप के उपयोग से सोयाबीन किसान की उपज 15 क्विंटल से बढ़कर हुई 24 क्विंटल
किसान अपनी फसल का ध्यान अगर पूरे फसल चक्र के दौरान रखें तो अच्छा उत्पादन मिलना निश्चित है, और यही काम ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप कर रहा है। ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप में ऐसा विकल्प मौजूद है जिससे किसान अपने खेत को बुआई के समय ही जोड़ सकते हैं। इसके बाद बोई गई फसल के पूरे फसल चक्र के दौरान ग्रामोफ़ोन एप सामयिक सलाह किसानों को भेजता रहता है।
खंडवा जिले के अंतर्गत आने वाले सेमलिया गांव के किसान पूनम चंद सिसोदिया ने भी अपनी सोयाबीन की फसल को बुआई के समय ही ग्रामोफ़ोन एप से जोड़ दिया था। अपनी फसल एप से जोड़ने के बाद उन्हें सभी जरूरी सलाहें फ़ोन पर मिलती रहीं, जिसका प्रतिफल फसल की उपज में 60% वृद्धि के रूप में सामने आया। इसके अलावा पूनम चंद जी की कृषि लागत में भी कमी आई।
पूनम चंद सिसोदिया की ही तरह लाखों किसान ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप का उपयोग कर रहे हैं और इसका लाभ ले रहे हैं। अगर आप भी इनकी तरह एक स्मार्ट किसान बनना चाहते हैं तो आप भी ग्रामोफ़ोन की अलग अलग सुविधाओं का लाभ उठायें और अपनी खेती को स्मार्ट बनायें।
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ग्रामोफ़ोन एप से की स्मार्ट खेती तो किसान की आय में 40% और मुनाफ़े में हुई 49% की वृद्धि
दुनिया डिजिटल हो रही है, दुनिया की हर जानकारी मोबाइल के एक टच पर कहीं भी कोई भी प्राप्त कर सकता है। दुनिया के इस डिजिटलीकरण में भारतीय किसान के लिए भी बहुत सारी संभावनाएं हैं और इन्हीं संभावनाओं के दरवाज़े पर बंद पड़े तालों को खोलने की कोशिश पिछले 4 साल से ग्रामोफ़ोन कर रहा है। अब किसानों को कृषि संबंधित हर जानकारी ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप के माध्यम से स्मार्ट फ़ोन के एक टच पर मिल रही है। खंडवा के सोयाबीन किसान देवेंद्र राठौर भी ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप की मदद से स्मार्ट खेती कर रहे हैं।
ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप इस्तेमाल करने वाले देवेंद्र राठौर को उनके गांव के लोग स्मार्ट किसान कहते हैं। देवेंद्र फसल बुआई के साथ अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप से जोड़ देते हैं और उन्हें सही समय पर अपनी फसल से जुड़ी हर समस्याओं के अलर्ट और निदान के उपाय मिलते रहते हैं। इस प्रक्रिया से पहले की तुलना में देवेंद्र को आय में 40% और मुनाफ़े में 49% की वृद्धि हुई है साथ ही कृषि लागत में भी काफी कमी आई है।
देवेंद्र की ही तरह लाखों किसान ग्रामोफ़ोन एप का इस्तेमाल कर रहे हैं और इसका लाभ ले रहे हैं। आप भी देवेंद्र की तरह एक स्मार्ट किसान बनें और अपना खेत ग्रामोफ़ोन के मेरे खेत विकल्प से जरूर जोड़ें।
Shareग्रामोफ़ोन एप से खेत जोड़ कर मूंग की खेती करने से किसान का मुनाफ़ा 60% तक बढ़ा
अगर आप किसान हैं और आप या आपके घर में का कोई भी सदस्य स्मार्ट फ़ोन का इस्तेमाल करता है तो आप अपनी कृषि में कई क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं। कुछ ऐसा ही बदलाव देवास जिले के निवासी प्रितेश गोयल जी भी अपनी खेती में लेकर आये हैं।
प्रितेश एक युवा किसान है और कृषि में तकनीक के महत्व को समझते हैं, इसीलिए जब उन्हें ग्रामोफ़ोन एप के बारे में पता चला तो उन्होंने तुरंत इसे अपने स्मार्ट फ़ोन में इंस्टॉल किया और इसका लाभ उन्हें जल्द ही मिलने लग गया।
प्रितेश जब अपनी मूंग की फसल की बुआई कर रहे थे तभी उन्होंने अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के ‘मेरी खेत’ विकल्प से जोड़ दिया। खेत को एप से जोड़ने का फल प्रितेश को मुनाफे में 60% की वृद्धि के रूप में मिला। एप की मदद से खेती करने पर उनकी कृषि लागत भी पहले से कम रही और उपज में भी अच्छी खासी वृद्धि देखने को मिली। प्रितेश ने अपने 7 एकड़ के खेत में मूंग की खेती कर 38.5 क्विंटल का उत्पादन प्राप्त किया। यह उत्पादन पहले की तुलना में 10% अधिक रहा।
बहरहाल अगर आपके पास स्मार्ट फोन नहीं है तब भी आप ग्रामोफ़ोन से जुड़ सकते हैं। इसके लिए आपको हमारे टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्ड कॉल करना होगा और फिर हमारे कृषि विशेषज्ञ आपको फ़ोन कर के आपकी समस्याओं का समाधान करेंगे।
Shareआप भी अपने खेत ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ सकते हैं और पूरे फसल चक्र में पाते रहें समय पूर्व कृषि सलाह। इस लेख को शेयर बटन पर क्लिक कर अपने मित्रों संग भी साझा करें।
मिर्च समृद्धि किट का दिखा कमाल, किसान ने मिर्च की खेती से कमाएं लाखों रुपये
भारतीय किसान खेतों में खूब मेहनत करते हैं, पर ज्यादातर किसान इसलिए अपनी मेहनत का अच्छा फल नहीं प्राप्त कर पाते क्योंकि वे अपनी जानकारी के अनुसार पारंपरिक कृषि पर जोर देते हैं। जबकि आज के जमाने में कृषि क्षेत्र में कई बड़े अनुसंधान हुए हैं जिसके परिणाम स्वरूप कई नए कृषि उत्पादों की मदद से कृषि आधुनिक होने के साथ साथ लाभकारी भी हो गई है। मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के खेड़ी खानपुरा गांव के निवासी विकास पाटीदार जी ने ग्रामोफ़ोन की सानिध्य में अपनी पारंपरिक कृषि को आधुनिक बनाया जिसका लाभ अब उन्हें देखने को मिल रहा है।
ग्रामोफ़ोन की सलाह पर ही विकास जी ने अपनी मिर्च की फसल में मिर्च समृद्धि किट का उपयोग किया था। समृद्धि किट की वजह से मिर्च की फसल में अच्छी बढ़वार हुई और उपज भी अच्छा मिल गया। विकास जी बताते हैं की पहले मिर्च की फसल में पौधों के सूख जाने की समस्या आती थी पर इस बार सभी पौधे हरे रहे और सूखने की समस्या बिलकुल नहीं आई। डेढ़ एकड़ के खेत में विकास जी को मिर्च की उपज से 7-8 लाख की आमदनी हुई और समृद्धि किट के उपयोग की वजह से कृषि खर्च भी बहुत कम रहा।
ग़ौरतलब है की ग्रामोफ़ोन द्वारा तैयार किये गए समृद्धि किट का इस्तेमाल करने से खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है और फसल को अन्य किसी बाहरी पोषक तत्व की जरुरत नहीं पड़ती है इसीलिए विकास जी की फसल भी स्वस्थ रही और अच्छी उपज प्राप्त हुई।
ग्रामोफ़ोन मिर्च, मूंग, कपास, सोयाबीन समेत कई फ़सलों के लिए भी समृद्धि किट उपलब्ध करवाता है और इन सभी किट के बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे हैं। विकास जी के साथ साथ अन्य कई किसानों ने इसके इस्तेमाल से बेहतर परिणाम प्राप्त किये हैं। अगर आप भी इनमें से किसी किट का इस्तेमाल करना चाहते हैं या ग्रामोफ़ोन से जुड़ कर अपनी खेती को आधुनिक बनाना चाहते हैं तो तुरंत हमारे टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्ड कॉल करें या फिर ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर लॉगिन करें।
Shareग्रामोफ़ोन सुपर फसल प्रोग्राम ने विपरीत परिस्थितियों में भी किसान को दिलाई अच्छी उपज
खेत की मिट्टी उपजाऊ हो तभी किसान खुशहाल रह सकता है और इसी मिट्टी के स्वास्थ का आकलन कर किसानों को कृषि सहायता पहुँचाने हेतु ग्रामोफ़ोन ने सुपर फसल प्रोग्राम की शुरुआत की थी। इस प्रोग्राम से सैकड़ों किसानों को लाभ हुआ है। इससे ना सिर्फ अच्छी उपज की प्राप्ति हुई बल्कि खेत की मिट्टी की उर्वरता भी अच्छी हुई।
धार जिले के किसान श्री मुकेश कुशवाहा ने इस प्रोग्राम की मदद से मिट्टी परीक्षण करवाया और मिट्टी में मौजूद कमियों को दूर किया। ऐसा करने से उनकी कृषि लागत में काफी कमी आई और उत्पादन भी अच्छा हुआ। इस साल मौसम की मार के कारण ज्यादातर किसानों की सोयाबीन की फसल नष्ट हो गई पर मुकेश जी ने ग्रामोफ़ोन के मार्गदर्शन में 10 क्विंटल/एकड़ की अच्छी उपज प्राप्त की। मुकेश जी ने अपनी 3 एकड़ के खेत से कुल 30 क्विंटल उपज की प्राप्ति की।
मुकेश जी की यह कहानी सभी किसान भाइयों के लिए एक प्रेरणादायी है। दूसरे किसान भाई भी मुकेश जी की तरह ग्रामोफ़ोन के साथ जुड़ सकते हैं और अपनी कृषि को बेहतर कर सकते हैं। ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के लिए आप या तो टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्डकॉल करें या फिर ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर लॉगिन करें।
Shareप्याज समृद्धि किट के उपयोग से 5 एकड़ में प्राप्त हुई प्याज की 1000 क्विंटल उपज
प्याज हर भारतवासी के रसोई में हमेशा मौजूद रहता है इसी कारण इसकी खपत सालों भर होती रहती है। प्याज की खेती करने वाले किसान भाई अगर प्याज की फसल को अच्छा पोषण दें तो उत्पादन को बहुत ज्यादा बढ़ाया जा सकता है। कुछ ऐसा ही किया मध्य प्रदेश के ग्राम साकरी के निवासी श्री वीरेंद्र सिंह सोलंकी जी ने।
पिछले वर्ष वीरेंद्र जी ने अपनी प्याज की फसल को बेहतर पोषण देने के लिए ग्रामोफ़ोन के प्याज समृद्धि किट का इस्तेमाल किया। प्याज समृद्धि किट इस्तेमाल करने से उन्हें अपनी प्याज की फसल से जबरदस्त उत्पादन प्राप्त हुआ।
पहले जहाँ वीरेंद्र जी अपने 5 एकड़ के खेत से लगभग 160 क्विंटल प्रति एकड़ का प्याज उत्पादन लेते थे वहीं ग्रामोफ़ोन प्याज समृद्धि किट के उपयोग के बाद यह उत्पादन बढ़ कर 200 क्विंटल प्रति एकड़ हो गई। इसका मतलब हुआ की वीरेंद्र जी ने अपने 5 एकड़ के खेत में 1000 क्विंटल जबरदस्त उपज प्राप्त की।
वर्तमान में प्याज की खेती करने वाले किसान भाई वीरेंद्र जी की ही तरह अपनी फसल में प्याज समृद्धि किट का इस्तेमाल कर सकते हैं। ग्रामोफ़ोन ने प्याज के अलावा लहसुन, गेहूँ, चना, मटर आदि अन्य कई फसलों के लिए विशेष समृद्धि किट तैयार करवाए हैं। आप अपनी इन फसलों में भी किट का इस्तेमाल कर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। समृद्धि किट ऑर्डर करने के लिए आप या तो टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्डकॉल करें या फिर ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप के बाजार सेक्शन में जाकर ऑर्डर करें।
Shareग्रामोफ़ोन एप बना कृषि मित्र तो किसान को मूंग की फसल से हुआ 300% अधिक मुनाफ़ा
ग्रामोफ़ोन एप की मदद से किसान अब स्मार्ट खेती कर रहे हैं और ज़बरदस्त लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं। इन्हीं किसानों में से एक हैं हरदा जिले के हरिशंकर मीणा जी जिन्हें मूंग की खेती के दौरान ग्रामोफ़ोन एप से हर कदम पर मदद मिली। जैविक उत्पादों के मेल से बनी मूंग समृद्धि किट और अन्य कृषि उत्पाद की होम डिलीवरी हो या फिर फसल चक्र के दौरान कीट और रोगों की रोकथाम सम्बन्धी जानकारी। हर मौके पर उन्हें ग्रामोफ़ोन एप से मदद मिली।
आखिरकार इसी मदद का नतीजा फसल से प्राप्त उपज में भी दिखा। पिछले साल की तुलना में इस साल उपज में 22% की वृद्धि हुई। इसके साथ ही हरिशंकर जी की खेती की लागत में भी करीब 13% तक घट गई। अगर बात कुल मुनाफ़े की करें तो पिछले साल के 40000 रूपये की तुलना में इस साल हरिशंकर को 160000 रुपये का मुनाफ़ा हुआ। इन आंकड़ों से आप खुद समझ सकते हैं की कैसे ग्रामोफ़ोन एप किसानों की जिंदगी और कृषि की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है।
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