Control of Late Blight in Tomato

टमाटर में पछेती झुलसा रोग का नियंत्रण:-

  • यह रोग पौधे की पत्तियों पर किसी भी अवस्था में होता है।
  • भूरे एवं काले बैगनी धब्बे पर्णवृन्त, डंढल, फल और तने के किसी भी भाग पर उत्पन्न हो सकते है।
  • आक्रमण के अंतिम अवस्था में पौधा मर जाता है।
  • यह रोग कम तापमान एवं अत्यधिक नमी होने पर पत्तियों की निचली सतह पर दिखाई देती है।

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Control of Anthracnose or Pod Blight in Soybean

सोयाबीन में ऐन्थ्रेक्नोज व फली झुलसन रोग का नियंत्रण:

  • यह एक बीज एवं मृदा जनित रोग है।
  • सोयाबीन में फूल आने की अवस्था में तने, पर्णवृन्त व फली पर लाल से गहरे भूरे रंग के अनियमित आकार के धब्बे दिखाई देते है।
  • बाद में यह धब्बे फफूंद की काली सरंचनाओं (एसरवुलाई) व छोटे कांटे जैसी संरचनाओं से भर जाते है।
  • पत्तीयों पर शिराओं का पीला-भूरा होना, मुड़ना एवं झड़ना इस बीमारी के लक्षण है।

नियंत्रण:-

  • रोग सहनशील किस्में जैसे एनआरसी 7 व 12 का उपयोग करें।
  • बीज को थायरम + कार्बोक्सीन 2  ग्राम /कि.ग्रा. बीज के मान से उपचारित कर बुवाई करें।
  • रोग का लक्षण दिखाई देने पर  कार्बेन्डाजिम+ मैंकोजेब 75% 400 ग्रा. प्रति एकड़ के अनुसार छिड़काव करें।
  • अधिक प्रकोप होने पर टेबुकोनाज़ोल 25.9% EC 200 मिली प्रति एकड़ के अनुसार स्प्रे करें|

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Damping Off Disease in Brinjal

बैगन में आद्र गलन रोग का नियंत्रण:-

लक्षण:- यह बीमारी प्रायः नर्सरी अवस्था में होती है ।

  • बारिश में अत्यधिक नमी एवं सामान्य तापमान मुख्य रूप से इस रोग के विकास हेतु अनुकूल होती है।
  • इस बीमारी का आक्रमण प्रायः पौधे के आधार स्तर पर होता  है। इस रोग में दो प्रकार के लक्षण दिखाई देते है ।
  • पहला आर्द्रगलन प्रायः बीज और पौध के उगने के पूर्व होता है।
  • दूसरा आधार के नये उतक में संक्रमण प्रारंभ  होता है ।
  • संक्रमित उत्तक मुलायम एवं उन पर कुछ समय बाद जल रहित धब्बों का निर्माण हो  जाता है । जिसके कारण आधारीय भाग सड़ जाता है। और अंततः पौध मर जाता है।

प्रबंधन:-

  • स्वस्थ बीजो को ही बुवाई हेतु उपयोग करे।
  • बीजो को बुआई के पूर्व थाइरम 2 ग्राम प्रति कि.ग्राम बीज को मात्रा की दर से उपचारित करे।
  • किसी भी एक जगह पर लगातार नर्सरी को न उगाये।
  • नर्सरी की ऊपरी भूमि को कार्बेन्डाजिम 50% WP 5 ग्राम प्रति मीटर क्षेत्रफल की दर से उपचारित करना चाहिये एवं नर्सरी को कार्बेन्डाजिम+ मैंकोजेब 75% के द्वारा 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर 15 दिन के अंतराल से छिड़काव करे।
  • ग्रीष्म ऋतु में मई माह के अंत में तैयार की गई नर्सरी में पानी छिड़काव कर ततपश्चात 250 गेज मोटी पालीथिन बिछाकर सूर्य ऊर्जा द्वारा 30 दिन तक उपचारित कर बीजो की बुवाई करें ।
  • आर्द्रगलन की रोकथाम हेतु जैविक कारक जैसे ट्राइकोडर्मा विरीडी को 1.2 कि. ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करे।

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Control Of Downy Mildew in Cauliflower

फूलगोभी में आसिता रोग का नियंत्रण:-

  • तनो पर भूरे दबे धब्बे दिखाई देते हैं जिन पर फफूदी की सफेद मृदुरोमिल वृद्वि होती है।
  • पत्तियों की निचली सतह पर बैगनी भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते है जिनमे मृदुरोमिल फफूदी की वृद्वि होती है।
  • फूलगोभी के शीर्ष पर संक्रमण होकर उसे सड़ा देती है।

नियंत्रण:-

  • गर्म पानी(50 OC) व थायरम (3 ग्रा./ ली.) में बीज को आधे घंटे तक उपचारित करें।
  • संक्रमित भागों को काटकर अलग करें व कॉपर ऑक्सीक्लोराइड (3 ग्राम/ली.) को कटे हुए भाग पर लगाये।
  • फसल पर मैन्कोजेब 75 % @ 400 ग्रा/ एकड़ का 10-15 के अन्तराल से छिड़काव करें।
  • फसल चक्र अपनाये एवं खेत में साफ़ सफाई रखे।

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Management of Collar Rot in Soybean

सोयाबीन में कॉलर सड़न रोग

लक्षण: –

  • संक्रमण आमतौर पर मिट्टी की सतह पर या नीचे से होता है।
  • पोधे का पीला होकर अचानक मर जाना इसका पहला लक्षण है|  
  • पत्तियां भूरे रंग व शुष्क हो जाती है ओर अकसर मृत तने से चिपक जाती हैं।

प्रबंधन: –

    • गर्मी के दिनों में खेत की गहरी जुताई करना चाहिये |
    • मक्का व ज्वार को  फसल चक्र मे शामिल करना चाहिये |
  • कार्बेन्डाज़ीम या थायरम  से बीज उपचार करना चाहिये
  • कार्बेन्डाज़ीम या थायोफेनेट मिथाइल 70% डब्ल्यूपी @ 2 ग्राम प्रति लीटर पानी से ड्रेंचिंग करे |

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Bacterial Blight of Cotton

कपास में जीवाणु धब्बा रोग:-

लक्षण-  इस बिमारी के लक्षण पत्ते, तने तथा कपास के घेटों के ऊपर दिखाई देते है इसमें पौधे के सभी वायवीय भागो पर काले तथा हल्के भूरे धब्बे नजर आते है | जैसे जैसे बीमारी विकसित होती जाती है, छोटे धब्बे बड़े घावों में मिलते जाते हैं, बैक्टीरिया पत्ती की  नसों में प्रवेश कर जाता है | धब्बो की वजह से पत्तियों का क्लोरोफिल समाप्त हो जाता है जिसकी वजह से पौधा भोजन नहीं बना पता है |

नियंत्रण –  स्ट्रैपटोमाइसीन + टेट्रासाइक्लीन @ 2 ग्राम या कासुगामायसीन @ 30 मिली./ प्रति पम्प का का छिडकाव 7-10  दिन के अंतराल में दो बार करें |

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Damping off disease in Onion

प्याज में पौध गलन रोग :-खरीफ के मौसम में विशेष रूप से भूमि में अधिक नमी एवं मध्यम तापमान इस रोग के विकास के मुख्य कारक है | इस रोग में प्याज की पौध गल कर मर जाती है |

नियंत्रण – कार्बेन्डाजिम12% + मेनेकोज़ेब 63% या थियोफीनेट मिथाइल 70% WP 50 ग्राम प्रति पम्प का छिडकाव करें |

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Today’s Crop Photo

नाम:- दिनेश जी

गाँव:- बिरगोदा

तहसील:- देपालपुर

जिला:- इंदौर

समस्या:- सोयाबीन फसल में जड़ सडन रोग

नियंत्रण:- जड़ सडन रोग के नियंत्रण के लिए कार्बेन्डाजिम 12% + मेन्कोजेब 63% या थायोफिनेट मिथाईल @ 50 ग्राम का स्प्रे करें|

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Today’s Gramophone Farmer

नाम:- सुरेश वर्मा

गाँव:- कनारदी

तहसील:- तराना

जिला:- उज्जैन

समस्या:- टमाटर की नर्सरी में पत्ती झुलसा रोग|

नियंत्रण:- मेटॉलेक्ज़ील 8% + मेंकोजेब 64% @ 50 ग्राम का स्प्रे करें |

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Control of Fruit Rot and Dieback in Chillies

मिर्च में फल सडन एवं डायबेक रोग:-इसके लक्षण फुल आने पर नजर आते है पत्ती पर काले धब्बे नजर आते है और पौधा बीच में से टूट जाता है| फुल सुख जाते है तथा पौधा ऊपर से नीचे सूखने लगता है|

नियंत्रण:- रोग पर अच्छे नियंत्रण के लिए थायोफिनेट मिथाईल 70% @ 30 ग्राम/पंप या हेक्साकोनाज़ोल 5 % +केपटान 70% WP @ 25 ग्राम/पम्प का स्प्रे करें | पहला स्प्रे फुल आने से पहले, दुसरा फल बनाने लगे तब तथा तीसरा स्प्रे दुसरे के 15 दिन बाद करें |

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