Disease Free Nursery Raising For Marigold

गेंदे के लिए रोग मुक्त नर्सरी बनाना:-

  • बुआई के लिए स्वस्थ बीज का चयन करें|
  • बुआई के पूर्व बीजों का उपचार अनुशंसित फफूंदनाशक से करना चाहिए|
  • एक ही प्लाट में बार-बार नर्सरी नहीं लेना चाहिये|
  • नर्सरी की ऊपरी मिट्टी को कार्बेन्डाजिम 5 ग्राम/वर्ग मी. से उपचारित करना चाहिये तथा इसी रसायन का 2 ग्राम/ लीटर पानी का घोल बनाकर नर्सरी में प्रत्येक 15 दिन में ड्रेंचिंग करना चाहिये|
  • आद्रगलन रोग के नियंत्रण के लिए जैव-नियंत्रण के लिए ट्रायकोड्रमा विरिडी 1.2 किलोग्राम/ हे. के अनुसार देना चाहिए|  

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Powdery Mildew of Bottle Gourd

लौकी में भभूतिया रोग:-

  • पत्तियों पर सफ़ेद या धूसर रंग के धब्बों का निर्माण होता है| जो बाद में बढ़कर सफ़ेद रंग का पाउडर में बदल जाते है|
  • पंद्रह दिन के अंतराल से हेक्ज़ाकोनाजोल 5% SC 300 मिली. प्रति एकड़ या थायोफिनेट मिथाईल 400 ग्राम प्रति एकड़ का घोल बनाकर छिडकाव करें|

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Disease Free Nursery Raising For Vegetables

सब्जियों के लिए रोग मुक्त नर्सरी बनाना:-

  • बुआई के लिए स्वस्थ बीज का चयन करें|
  • बुआई के पूर्व बीजों का उपचार अनुशंसित फफूंदनाशक से करना चाहिए|
  • एक ही प्लाट में बार-बार नर्सरी नहीं लेना चाहिये|
  • नर्सरी की ऊपरी मिट्टी को कार्बेन्डाजिम 5 ग्राम/वर्ग मी. से उपचारित करना चाहिये तथा इसी रसायन का 2 ग्राम/ लीटर पानी का घोल बनाकर नर्सरी में प्रत्येक 15 दिन में ड्रेंचिंग करना चाहिये|
  • मृदा सोर्यकरण जिसमे गर्मियों में फसल बुआई के पहले नर्सरी बेड को 250 गेज के पोलीथीन शीट से 30 दिन के लिए ढक दिया जाता है, करना चाहिए|
  • आद्रगलन रोग के नियंत्रण के लिए जैव-नियंत्रण के लिए ट्रायकोड्रमा विरिडी 1.2 किलोग्राम/ हे. के अनुसार देना चाहिए|

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Management of Mosaic Virus in chilli

लक्षण :-

  • रोग का मुख्य लक्षण पत्तियों पर गहरे हरे और पीले रंग के धब्बे का प्रकट होना हे|
  • हलके गड्डे और फफोले भी दिखाई पड़ते है|
  • कभी-कभी पत्ते का आकार अति सुक्ष्म सूत्रकार हो जाती है|
  • रोगी पोधो में फूल और फल कम लगते है|
  • फल विकृत और खुरदुरे होते|

रोकथाम :-

  • ग्रसित पोधों को निकाल कर नष्ट करे|
  • प्रतिरोधक किस्मो जेसे पूसा ज्वाला, पन्त सी-1, पूसा सदाबहार, पंजाब लाल इत्यादी को लगाये|
  • डायमिथोएट का 2 मिली/लीटर पानी में घोल बनाकर उचित अन्तराल पर छिडकाव कर कारक को रोके|

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Powdery mildew in Okra

लक्षण:-

  • इस बीमारी के लक्षण प्राय: पौधों की पुरानी पत्तियों एवं तने पर दिखाई देते है|
  • वातावरण में अत्यधिक आर्द्रता इस बीमारी के अनुकूलन को बढ़ाता है |
  • इस बीमारी में पत्तियों और तनों पर सफ़ेद रंग के छोटे-छोटे एवं गोलाकार धब्बो का निर्माण होता है|
  • अत्यधिक ग्रसित पत्तियां पीले रंग की होकर सुख कर भूरे रंग की हो जाती है |
  • बाद में पत्तियां सड़ने लगती है |

नियंत्रण:- घुलनशील सल्फर 80% का 50 ग्राम प्रति 15 ली पानी में घोल बना कर 15 दिन के अंतराल पर छिडकाव करे|

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Management of Anthracnose in Frenchbean

लक्षण:-

  • फरासबीन की पत्तियों, तने व फल्लियों इस रोग के संक्रमण से प्रभावित होती है|
  • छोटे-छोटे लाल भूरे रंग के धब्बे फल्लियों पर बनते है व शीघ्रता से बढतें है|
  • आद्र मौसम में इन धब्बों पर गुलाबी रंग के जीवाणु पनपते है|
  • पत्तियों एवं तनों पर भी काले जलसिक्त घाव बनते है|
  • पर्ण वृन्तों एवं पत्तियों की शिराओं पर भी संक्रमण होता है|

प्रबंधन:-

  • रोग रहित प्रमाणित बीजों का उपयोग करें|
  • रोग ग्रसित खेत में कम से कम दो वर्ष तक फरासबीन न आये|
  • रोग ग्रसित पौधों को निकाल कर नष्ट करें|
  • कार्बेन्डाजिम 3 ग्राम/ किलो बीज से बीजोपचार करें|
  • मेन्कोजेब 3 ग्राम प्रति ली. पानी का स्प्रे करें या क्लोरोथायोनील 2 ग्राम प्रति ली पानी में घोल बनाकर पत्तियों निकलने से फल्लियों पकने तक प्रति सप्ताह छिडकाव करें|

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Control of Early Blight of Tomato

लक्षण:- फफूंद का पत्तियों पर आक्रमण होने पर धब्बों का निर्माण होने लगता है| उत्पन्न धब्बे छोटे, हल्के-भूरे रंग के एवं पुरी पत्तियों पर फैले हुए होते है|  पूर्ण विकसित धब्बे नियमित, संकेन्द्रीय भूरे, काले रंग के एवं 2-5 मिमी. आकार के होते है| पौधों में इस रोग के लक्षण नीचे की पत्तियों से शुरू होकर धीरे- धीरे ऊपर की तरफ बढ़ते है|

नियंत्रण:- 2 ग्राम मेन्कोजेब 75 डब्लूपी + 10 ग्राम यूरिया प्रति लीटर 15 दिन के अंतराल पर जब लक्षण शुरू होते हैं या कार्बेन्डाजिम 12% + मेन्कोजेब 63% WP @ 50 ग्रा / 15 लीटर पानी या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50 % WP @ 50 ग्रा। / 15 लीटर पानी का छिडकाव करे |

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Prevention of Collar rot in chilli

लक्षण:-

  • भूमि के पास स्तम्भ के आधार पर फफूंद उत्तक क्षय करके पौधे को सुखा देता है|
  • अनुकूल परिस्थिति में कवक और उसके सरसों जैसे दानों के समान वृद्धि रोगग्रस्त भाग पर विकसित होते है|

रोकथाम:-

  • रोगग्रस्त पौधे के अवशेषों को नष्ट करें|
  • जल निकास की व्यवस्था करें व फसल चक्र अपनायें|
  • नर्सरी का निर्माण ऊँची जगह पर करें|
  • बीज उपचार कार्बेन्डाजिम 3 ग्राम/ किलो बीज की दर से करें|
  • कार्बेन्डाजिम 3 ग्राम या मेटालेक्ज़िल+ मेन्कोज़ेब 3 ग्राम प्रति ली. पानी की दर से घोल बनाकर 10 दिन के अंतराल पर दो बार ड्रेंचिंग करें|

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Control of Fusarium Wilt in Bottle Gourd

  • नई पौध के बीजपत्र कमज़ोर होकर गिर जाते है|
  • पुराने पौधे उकठा रोग के द्वारा शीघ्र ग्रसित होते है कोलर क्षेत्र के संवहन उत्तक भूरे रंग के हो जाते है|

रोकथाम:-

  • रोग प्रतिरोधी किस्मों को उगाये|
  • प्रतिरोधी फसलों को उगाकर फसल चक्र अपना चाहिये|
  • बीजों को बुवाई पूर्व 55oC पर 15 मिनट तक गर्म पानी विधि द्वारा उपचारित करें|
  •  कार्बेन्डाजिम फफूंदनाशक 3 ग्राम प्रति ली पानी के अनुसार घोल बना कर  जड़ में दे |

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Alternaria Leaf Spot in Cauliflower and Cabbage

गोभी में अल्टरनेरिया पत्ति धब्बा रोग:-

लक्षण:-

  • पत्तियों पर छोटे छोटे गहरे पीले रंग की चित्तीयाँ दिखाई देती है|
  • जल्द ही ये चित्तियाँ आपस में मिलकर गोलाकार घाव बनाती है|
  • इन धब्बों के केन्द्रीय स्थान नीलापन लिए हुए कवक की वृद्धि पाई जाती है|
  • अधिक संक्रमण होने पर सभी पत्तियाँ गिर जाती है|
  • बैगनी गहरे,  काले-भूरे धब्बे, संक्रमित फुल व तनों पर दिखाई देते है|

नियंत्रण:-

  • प्रमाणित बीजों का उपयोग करें|
  • गर्म पानी (50OC) में बीज को आधे घंटे तक उपचारित करें|
  • रोग के लक्षण दिखाई देने पर मेन्कोजेब 3 ग्राम प्रति ली. पानी या कॉपर आक्सी क्लोराईड 3 ग्राम प्रति लीटर पानी का घोल बना कर 10-15 दिन के अंतराल पर छिडकाव करें|

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