Irrigation in Bitter Gourd

करेले में सिंचाई प्रबंधन:-

  • करेले की फसल सूखे एवं अत्यधिक पानी वाले क्षेत्रों के प्रति सहनशील नहीं होती है|
  • रोपण या बुवाई के तुरन्त बाद सिंचाई करनी चाहिये फिर तीसरे दिन एवं उसके बाद सप्ताह में एक बार भूमि में नमी के अनुसार सिंचाई करनी चाहिये|
  • भूमि की उपरी सतह (50 सेमी.तक) नमी बनाए रखना चाहिये| इस क्षेत्र में जड़ें अधिक संख्या मने होती है|

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Weed Control in Cauliflower

फुल गोभी में खरपतवार नियंत्रण:-

  • फसल की अच्छी बढ़वार के लिए खेत की निदाई बहुत आवश्यक है|
  • हाथ से निदाई 2-3 बार व 1-2 बार गुडाई करनी चाहिए| गहरी गुडाई नही करनी चाहिये|
  • रोपाई केबाद पेंडामिथेलीन 30% EC 3-3.5 लीटर प्रति हेक्टेयर का छिडकाव करना चाहिये|

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Nutrient management of Cauliflower

फुल गोभी में पौषक तत्व प्रबंधन:-

  • फुल गोभी को उगाने के लिए अत्यधिक पौषक तत्वों की आवश्यकता होती है|
  • उर्वरकों की मात्रा भूमि के प्रकार एवं कार्बनिक पदार्थों के उपयोग करने पर निर्भर करती है|
  • पौध को खेत में लगाने के 4 सप्ताह पूर्व 15-20 टन गोबर की खाद को भूमि में मिलाया जाता है|
  • फसल की अच्छी उपज के लिए उर्वरकों की अनुशंसित मात्रा सामान्य किस्में के लिए 100 किलो नत्रजन, 60 किलो फास्फोरस और 100 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर संकर किस्मों के लिए 120-180 किलो नत्रजन 60 किलो फास्फोरस और 100 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर|
  • खेत की तैयारी के समय नत्रजन की आधी मात्रा एवं फास्फोरस एवं पोटाश की पुरी मात्रा डाली जाती है|
  • नत्रजन की शेष आधी मात्रा को मिट्टी चढ़ाते समय दी जाती है|

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Control of Red Pumpkin Bettle in Watermelon

तरबुज में लाल कीट का नियंत्रण:-

  • अंडे से निकले हुये ग्रब जड़ो, भूमिगत भागो एवं जो फल भूमि के संपर्क में रहते है उन्है खाता है|
  • उसके बाद ग्रसित जड़ो एवं भूमिगत भागों पर मृतजीवी फंगस का आक्रमण हो जाता है जिसके फलस्वरूप अपरिपक्वफल व लताएँ सुख जाती है|
  • इसमें ग्रसित फल उपयोग करने हेतु अनुपयुक्त होते है|
  • बीटल पत्तियों को खाकर छेद कर देते है |
  • पौध अवस्था में बीटल का आक्रमण होने पर मुलायम पत्तियों को खाकर हानि पहुचाते है जिसके कारण पौधे मर जाते है |

नियंत्रण:-

  • गहरी जुताई करने से भूमि के अन्दर उपस्थित प्यूपा या ग्रब ऊपर आ जाते है सूर्य की किरणों में मर जाते है |
  • बीजो के अंकुरण के बाद पौध के चारों तरफ भूमि में कारटाप हाईड्रोक्लोराईड 3 G दाने डाले|
  • बीटल को इकट्ठा करके नष्ट करें|
  • साईपरमेथ्रिन (25 र्इ.सी.) 1 मि.ली. प्रति लीटर पानी + डायमिथोएट 30% ईसी. 2  मि.ली. प्रति लीटर पानी की दर से घोल बना कर छिडकाव करें। या कार्बारिल 50% WP 3 ग्राम प्रति ली पानी की दर से घोल बना दो छिड़काव करें। पहला छिडकाव रोपण के 15 दिन व दूसरा इसके 7 दिन बाद करें|

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Powdery Mildew of Watermelon

तरबुज में भभूतिया रोग:-

  • पत्तियों पर सफ़ेद या धूसर रंग के धब्बों का निर्माण होता है| जो बाद में बढ़कर सफ़ेद रंग का पाउडर में बदल जाते है|
  • पंद्रह दिन के अंतराल से हेक्ज़ाकोनाजोल 5% SC 300 मिली. प्रति एकड़ या थायोफिनेट मिथाईल 400 ग्राम प्रति एकड़ का घोल बनाकर छिडकाव करें|

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Control of Aphids on Bottle Gourd

ग्रसित भाग पीले होकर सिकुड़कर मुड जाते है अत्यधिक आक्रमण की अवस्था में पत्तियाँ सुख जाती है व धीरे-धीरे पौधा सुख जाता है|

माहू का प्रकोप दिखाई देने पर डायमिथोएट 30 मिली. प्रति पम्प या इमीड़ाक्लोरप्रीड 17.8% SL 10 मिली. प्रति पम्प का स्प्रे पंद्रह दिन के अंतराल से करें|

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Spacing of Cucumber

खीरा की रोपाई दूरी:-

  • बीजो की बुबाई मेढ़ो पर की जाते है पोधो के बीच की दूरी 1 से 1.5 मीटर के लगभग रखी जाती है|
  • जब ककड़ी को मण्डपनुमा आकार वाला ढाचे का सहारा देकर उगाया जाता है| तब इस दशा में 3*1 मीटर की दूरी  पर उगाया जाता है|
  • जब बीजो की बुवाई 0.5 से 75 मीटर की दूरी पर की जाती है तो प्रत्येक गड्डे में 4-6 बीजो को बोया जाता है| सभी बीजो के उग जाने के बाद उसमे से दो पोधो को ही वृद्धि के लिए रखा जाता है|

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Season of planting of French bean

फरासबीन का रोपाई का समय:-

  • खरीफ फसल को जून से जुलाई के मध्य में बोया जाता है |
  • शरद ऋतु की फसल के लिए सितम्बर के अंत से अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक बोया जाता है |
  • गर्मी एवम बसंत के मौसम की फसल की लिए जनवरी के अंत से फरवरी के प्रथम सप्ताह तक बोया जाता हैं |

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Field preparation of Cucumber

खीरा ककड़ी के लिए खेत की तैयारी

  • प्रारंभिक अवस्था में भूमि को भुरभुरी बनाने के लिए खेत की जुताई 4-5 बार की जाती है और अंतिम जुताई के पूर्व 20-25 टन अच्छी पकी हुई गोबर की खाद को भूमि में मिला दे|
  • यदि भूमि में निमेटोड या सफ़ेद चीटी या लाल चीटी का प्रकोप हो तो कार्बोफुरान का 25 कि.ग्राम प्रति हक्टेयर की दर से छिडकाव करे|
  • खेत को समतल करने के दौरान 60 से.मी. चौड़ाई वाली नालियों का निर्माण 2-2.5  से.मी. की दूरी पर करना चाहिये|
  • तैयार की गई नालियों को लंबाई सिंचाई के स्त्रोत, मौसम, वर्षा एवम भूमि की प्रकृति पर निर्भर करता है|

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Time of sowing of Cowpea

बरबटी की बुवाई का समय:-

  • अधिकतर क्षेत्रों में बरबटी की बुवाई गर्मी व वर्षा ऋतु में की जाती है|
  • खरीफ मौसम में पोल टाईप किस्में जून- जुलाई में बोया जाता है, व अगेती किस्मों को अगस्त- सितम्बर में बोया जाता है|
  • गर्मी के मौसम में फरवरी- मार्च में बोना चाहिए|

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