Control of Jassids in Brinjal

बैंगन में जैसिड का नियंत्रण:-

  • शिशु एवं वयस्क कीट दोनों हरे रंग के एवं छोटे आकार के होते है।
  • शिशु एवं वयस्क, पत्तियों की निचली सतह से रस चूसते हैं ।
  • ग्रसित पत्तियां ऊपर की तरफ मुड़ जाती है जो बाद में पीली हो जाती है एवं उन पर जले हुये धब्बे बन जाते है ।
  • इनके द्वारा माइकोप्लाज्मा रोग जैसे लघु पर्ण एवं विषाणु रोग जैसे चितकबरापन स्थानांतरित होता है।
  • इस कीट के अत्यधिक प्रभाव देखे जाने पर पौधे में फल लगना कम  हो जाता है।

नियंत्रण:-

  • जेसिड की रोकथाम हेतु पौध रोपाई के 20 दिन बाद से  एसीटामिप्रिड 20% WP @ 80 ग्राम/एकड़ या इमिडाक्लोप्रिड 17.8%@ 80 मिली/ एकड़ दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Happy Ganesh Chaturthi

गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाये|

आपकी खुशियाँ

गणेश जी की सूंड की तरह लम्बी हो

आपकी ज़िंदगी

उनके पेट की तरह बड़ी हो

और जीवन का हर

पल लडडु की तरह मीठा हो,

ग्रामोफोन टीम की और से आपको गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाये |

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Control of Late Blight in Tomato

टमाटर में पछेती झुलसा रोग का नियंत्रण:-

  • यह रोग पौधे की पत्तियों पर किसी भी अवस्था में होता है।
  • भूरे एवं काले बैगनी धब्बे पर्णवृन्त, डंढल, फल और तने के किसी भी भाग पर उत्पन्न हो सकते है।
  • आक्रमण के अंतिम अवस्था में पौधा मर जाता है।
  • यह रोग कम तापमान एवं अत्यधिक नमी होने पर पत्तियों की निचली सतह पर दिखाई देती है।

पढ़ना जारी रखें “Control of Late Blight in Tomato”

Share

Irrigation Management in Sponge Gourd

गिलकी में सिंचाई प्रबंधन:-

  • भूमि में बीजों के अच्छे अंकुरण के लिये पर्याप्त नमी होनी चाहिये।
  • बीजों के अच्छे अंकुरण के लिये बुवाई करने के पूर्व खेत की सिंचाई करनी चाहिये।
  • अगली सिंचाई बीजों को लगाने के बाद करना चाहिये|
  • खेत में सिंचाई मौसम या भूमि के अनुसार करनी चाहिये।
  • प्रायः गर्मी के मौसम में सिंचाई 4-5 दिनों के अंतराल में एवं ठंड के मौसम में 8-10 दिन के अंतराल से करना चाहिये।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Suitable Climate and Soil for Brinjal

बैंगन के लिए उपयुक्त मौसम एवं मिट्टी:-

  • बैंगन गर्म जलवायु में उगाये जाने वाला एवं प्रकाश के प्रति असंवेदनशील पौधा है ।
  • यह फसल, पाला के प्रति अत्याधिक संवेदनशील है ।
  • इस फसल की अच्छी वृद्धि एवं उपज हेतु 21 से 27 °C के बीच तापमान की आवश्यकता होती है ।
  • इसे वर्षा एवं ग्रीष्म ऋतु में आसानी से उगाया जा सकता है ।

मिट्टी:-

  • बैंगन को सभी प्रकार की भूमि में आसानी से उगाया जा सकता है ।
  • बैंगन के अच्छे उत्पादन के लिये ऐसे स्थल का चयन करें जो हल्की से मध्यम श्रेणी की हो एवं जिसमें जल निकास की व्यवस्था उत्तम हो ।
  • चयनित  भूमि का पी.एच. मान 5.6 से 6.6 के मध्य होना चाहिये ।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Suitable Climate and Soil for Cultivation of Okra

भिन्डी की खेती के लिए उपयुक्त मौसम एवं मिट्टी:-

  • भिण्डी गर्म मौसम में उगाई जाने वाली सब्जी है जिसे गर्म व आर्द्र मौसम की लम्बे समय तक आवश्यकता होती है।
  • इसे वर्षाकालीन फसल के रूप में भी उगाया जाता है।
  • यह पाले व कम तापमान के प्रति संवेदनशील है।
  • सामान्यरूप से पैदावार के लिये 24°C से 28°C तापमान उपयुक्त है।
  • 25°C से नीचे तापमान पर बीजों का अंकुरण नही होता है। अच्छे अंकुरण के लिये अनुकूल आर्द्रता व 25°C से 35°C तक का तापमान उपयुक्त है।

मिट्टी:-

  • भिण्डी विभिन्न प्रकार की भूमि में उगाई जा सकती है, परन्तु अधिकतम उत्पादन के लिये जीवांशयुक्त अधिक जल धारण क्षमता वाली दोमट भूमि अधिक उपयुक्त होती है।
  • भूमि का पी.एच. मान 6 से 6.8 होना चाहिये। क्षारीय व लवणीय भूमि एवं उचित जल निकास की व्यवस्था न होना,  फसल के लिये अच्छा नही होता है।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Season of Planting of Potato in Northern Plains

उत्तरी मैदानों में आलू लगाने का समय :-

आलू अधिकतर ठन्डे क्षेत्रो में होता है जहां इष्टतम तापमान 18°C से अधिक नहीं होता हैं| आलू की वृद्धि एवं विकास के लिए तापमान 15-25°C के बीच होना चाहिए|

उत्तरी मैदानों में आलू लगाने एवं आलू की खुदाई का समय:-

 

क्र. . सीज़न लगाने का समय खुदाई का समय
1. अगेती सितम्बर- अक्टुबर दिसम्बर-जनवरी
2. मध्य अक्टुबर-नवम्बर फ़रवरी-मार्च
3. पछेती दिसम्बर-जनवरी मार्च-अप्रैल

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Control of Aphids in Cabbage

पत्ता गोभी में एफिड का नियंत्रण:-

  • शिशु व वयस्क कोमल नाशपाती के आकार के काले रंग के होते है ।
  • यह कीट कोमल डालियों पर एक साथ रहते है व पत्तियों का रस चूसते है ।
  • अधिक ग्रसित पौधा पूरी तरह से सूखकर मर जाता है ।  

नियंत्रण:-

  • निम्नलिखित में से किसी एक  का छिड़काव करें :-
    1. डायमेथोएट 30 ईसी @ 300 मिली/एकड़
    2. क्यूनॉलफॉस 25 ईसी @ 300 मिली/एकड़
    3. प्रोफेनोफॉस 50 ईसी @ 400 मिली/ एकड़
  • पौधे अवशेषों को नष्ट करे व  जंगली घास व निंदाओं को हटायें ।
  • दानेदार फोरेट 10 जी का 10 किलोग्राम /हेक्टर की दर से मिट्टी में मिलाने से एफिड के दोबारा प्रकोप को  रोका जा सकता है ।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Disease Free Nursery bed preparation and Season of Transplanting for Chilli

मिर्च के लिए नर्सरी बनाना:-

  • खेत की जुताई कर मिट्टी को भूरभूरी बना दे।
  • एक हेक्टेयर खेत के लिए 180 मि X 1.2 मि.(3 मि. X 1.2 मि के छोटे खण्ड) नर्सरी की आवश्यकता होती है।
  • अच्छी तरह पकी हुई गोबर की सड़ी हुई खाद की एक बैलगाड़ी या कम्पोस्ट व 10 किलो सुपर फॉस्फेट को मिट्टी में अच्छी तरह मिला दें।
  • सफेद चिटियों से बचाव के लिए मिट्टी में 30 ग्राम एलड्रिन या घुलनशील डाईएलड्रिन मिलाये।
  • क्यारियों को लगभग 15 से.मी. ऊँची रखे जिससे जल निकास अच्छी हो।
  • आर्द्र पतन रोग से बचाव के लिए नर्सरी की मिट्टी का रासायनिक उपचार फॉर्मेलीन (फॉर्मेलडिहाईड 40%) बीज बोने के एक सप्ताह पहले करें।
  • स्वस्थ बीजों का उपयोग करें। बीजों को कार्बेन्डाजिम+ मैंकोजेब 75% 2 ग्राम/किलों बीज की दर से उपचारित करें।
  • एक स्थान पर बार-बार नर्सरी का निर्माण न करें।
  • जैविक नियंत्रक ट्राइकोडरमा विरिडी 1.2 किलो/हेक्टेयर की दर से करे।

रोपाई का उचित समय:-

  • अगस्त का महीना मिर्च की बुआई के लिए सर्वोत्तम है, ततपश्चात सितम्बर का महीना उत्तम है।
  • अगस्त में बुआई करने पर पौधों की बढ़वार एवं उपज ज्यादा होती है।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Happy Janmashtami

जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें

वो मोर मुकुट, वो नंदलाल

वो मुरली मनोहर,

वो माखन चोर

ग्रामोफ़ोन टीम की और से जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share