Anthracnose control in watermelon

  • खेतों को साफ रखे एवं उचित फसल चक्र अपनाकर बीमारी के फैलने से रोकना चाहिये।
  • बीजों को कार्बोंन्डाजिम 50% WP से 2.5 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें।
  • 10 दिनों के अंतराल से मेंकोजेब 75% डब्ल्यूपी @ 400 ग्राम प्रति एकड़ या क्लोरोथालोनिल 75% डब्ल्यूपी @ 300 ग्राम प्रति एकड़ की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।

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How to improve flowering in tomato

  • नीचे दिए गए कुछ उत्पादों के द्वारा टमाटर की फसल में फूलों की संख्या को बढ़ाया जा सकता हैंं|
  • होमोब्रासिनोलॉइड 0.04% डब्लू/डब्लू 100-120 मिली/एकड़ का स्प्रे करें|
  • समुद्री शैवाल का सत् 180-200 मिली /एकड़ का उपयोग करें|
  • सूक्ष्म पोषक तत्त्व 300 ग्राम/एकड़ का स्प्रे करें|

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Pinching in muskmelon

  • खरबूजे की फसल में लताओं की अतिवृद्धि को रोकने हेतु खरबूजे की लताओं में यह प्रक्रिया अपनाई जाती हैंं |
  • इस प्रक्रिया में जब बेल पर पर्याप्त फल लग जाते हैंं तब लताओं के शीर्ष को तोड़ दिया जाता हैंं |परिणाम स्वरूप लताओं की वानस्पतिक वृद्धि रुक जाती हैंं|
  • शीर्ष को तोड़ने से लताओं की वृद्धि रुक जाती हैंं जिससे फलो के आकर और गुणवत्ता में सुधार होता हैंं |

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Seed Treatment in green gram

बुवाई से पहले बीज को कार्बोक्सिन 37.5 + थायरम  37.5 @ 2.5 ग्राम / किलोग्राम बीज से उपचारित करना चाहिये।

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Advantage of rhizobium culture in crops

  • राइजोबियम कल्चर का उपयोग करने से यह पौधे में स्वस्थ गाँठों की संख्या को बढ़ाने में सहायक होता हैंं जिससे जमीन में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ती हैंं|
  • इसके उपयोग से लगभग 15 से 20 किलोग्राम प्रति एकड़ नाइट्रोजन का स्थिरीकरण प्रति फसल अवधि में हो जाता  हैंं।
  • ये जीवाणु वातावरणीय नाइट्रोजन ( जो पौधे के उपयोग नहीं कर सकते) को लेते हैंं और उसे अमोनियम (NH4 +) में परिवर्तित करते हैंं, जिसका उपयोग पौधे कर सकते हैंं।
  • इस जीवाणु के उपयोग से फसल की उपज में लगभग 10 से 15% वृद्धि प्राप्त की जा सकती हैंं।

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Downy mildew control in watermelon

  • पत्तियों की निचली सतह पर पानी वाले धब्बे बन जाते हैं|
  • जब पत्तियों के निचली सतह पर पानी वाले धब्बे होता हैंं, प्रायः उसी के अनुरूप ही ऊपरी सतह पर कोणीय धब्बे बनते हैंं।
  • धब्बे सबसे पहले पुरानी पत्तियों पर बनते हैंं जो धीरे-धीरे नई पत्तियों पर फैलते हैंं।
  • जब धब्बे फैलने लगते हैं तो यह पीली और फिर भूरे एवं सूखे हुए होते हैं|
  • ग्रसित लताओं पर फल नही लगते हैंं।
  • प्रभावित पत्तियों को तोड़कर नष्ट कर दें।
  • मैंकोजेब 75% WP @ 350-400 ग्राम / एकड़ या क्लोरोथालोनिल 75% WP @ 200-250 ग्राम / एकड़ के हिसाब से स्प्रे करें|
  • फसल चक्र को अपना कर एवं खेत की सफाई कर रोग की आक्रामकता को कम कर सकते हैंं।

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Control measures of root-knot nematode in watermelon

  • मादा जड़ के अंदर, जड़ के ऊपर एवं नष्ट जड़ों में अण्डे देती हैंं ।
  • अण्ड़ों से निकले नवजात जड़ की ओर आ जाते हैंं । ये जड़ की कोशिकाओं को खाते हैंं ।
  • पत्तियों का रंग हल्का पीला हो जाता हैंं ।
  • निमेटोड से ग्रसित पौधों की वृद्धि रुक जाती हैंं एवं पौधा छोटा ही रहता हैंं ।
  • धिक संक्रमण होने पर पौधा सूखकर मर जाता हैंं ।
  • ग्रीष्म ऋतु में भूमि की गहरी जुताई करें ।
  • पौधशाला की मिट्टी या क्यारियों को सौर उर्जा से उपचारित करें ।
  • नीम की खली का 200 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से उपयोग करें ।
  • पैसिलोमीसेस लीलासिनस 1 % डब्लू पी  की 2-4 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से अच्छे  से सड़ी हुई गोबर की खाद में मिला कर खेत की तैयारी के समय उपयोग कर के भी निमेटोड का प्रभावी नियंत्रण किया  जाता हैंं |

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Soil preparation for sweet corn

  • ग्रीष्मकालीन जुताई करें |
  • तीन वर्षों में एक बार गहरी जुताई करें |
  • 2 -3 बार कल्टीवेटर कर खेत को समतल करें |
  • अंतिम जुताई पर FYM @ 3 -4 टन / एकड प्रयोग करें।
  • इसके बाद 75 सेमी की अंतर पंक्ति के साथ लकीरें और फर्रियां बिछाई जानी  चाहिए हैंं। सभी प्रकार के स्वीट कॉर्न के लिए सीडबेड तैयारी और सीड हैंंडलिंग महत्वपूर्ण हैंं।

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Control of leaf curl disease in tomato

  • पत्तियाँ ऊपर की ओर मुड़ जाती हैंं एवं पत्तियों का आकार छोटा रह जाता हैंं।
  • पौधे में अत्यधिक मात्रा में शाखाएँ निकल आती हैंं एवं वृद्धि रूक जाती हैंं।
  • पुरानी पत्तियाँ मोटी चमड़े जैसी एवं भंगुर हो जाती हैंं।
  • प्रभावित अवस्था में पौधों को उखाड़कर अलग करे।
  • खेत में टमाटर की रोपाई के 2 महीने पहले खेत के चारों तरफ ज्वार, बाजरा एवं मक्के की 5-6 कतार को इस विषाणु को फैलने से रोकने के लिये लगाना चाहिये।
  • वाहक (सफेद मक्खी) को रोकने के लिये डायमेथोएट 30% EC का 300 मि.ली. प्रति एकड़ की दर से 15 दिन के अंतराल से छिड़काव करें।

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Soil preparation for cauliflower

    • 1 से 2 आड़ी खड़ी जुताई मिट्टी पलट हल से करने के बाद 3 से 4 जुताई देसी हल से करते है।
    • अधिक उपज देने के लिए अच्छी प्रजातियों का चुनाव करें।
    • जुताई के समय 20 से 25 टन गोबर की खाद प्रति हेक्टयर की दर से भूमि में मिलाना चाहिये ।  
    • यदि खेत में नेमाटोड का प्रकोप हो तो 10 किलो प्रति एकड़ की दर से कार्बोफ्यूरान कीटनाशक पावडर का छिड़काव करें।

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