Weed control of cowpea

  • खरपतवार को नियंत्रित करने और जड़ों में हवा के आवागमन के सुधार हेतु कम से कम दो बार निंदाई करना चाहिए।
  • बुवाई के बाद 25 से 30 दिन तक निदाई-गुड़ाई आवश्यक है।
  • पेंडीमेथलीन 38.7% सीएस 700 मिली  /एकड़ या एलाक्लोर 50% ईसी 1 लिटर/एकड़ दर से छिड़काव, 30 दिनों तक निंदा नियंत्रण करता है।

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Fertilizer requirements in makkhan grass

  • भूमि की तैयारी के समय गोबर की खाद/कम्पोस्ट @ 6-8 टन/एकड़, यूरिया – 65 किग्रा प्रति एकड़, एसएसपी – 20 किलो प्रति एकड़, की दर से मिट्टी में अच्छी तरह से  मिलाएँ।
  • हर कटाई के बाद 65 किलो यूरिया प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें ।

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Control of bacterial leaf spot in coriander

  • बुवाई के लिये स्वस्थ एवं रोग रहित बीजो का चुनाव करे।
  • आवश्यकता पड़ने पर ही सिंचाई करे और अतिरिक्त पानी देने से बचे।
  • नाइट्रोजन उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से बचें, क्योंकि अधिक नत्रजन रोग के विकास के लिए जिम्मेदार हो सकता हैं।
  • जब धनिया के पौधे पर रोग लग जाए तो कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50% डब्लूपी का 400-500 ग्राम प्रति एकड़ का छिडकाव करें।

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Control of damping off in coriander

  • इस बीमारी मे बीज या तो मिट्टी से बाहर निकलने से पहले ही सड़ जाते हैं या उगने के तुरंत बाद गिर जाते हैं।
  • धनिया की बुवाई से पहले, खेत की गहरी जुताई कर पुरानी फसल के अवशेषों व खरपतवारो को नष्ट करे|
  • रोग रहित बीज तथा प्रतिरोधी किस्मो का उपयोग करें |
  • बीज को कार्बोक्सिन 37.5% + थाइरम 37.5% @ 2 ग्राम/किलो बीज की दर से बुवाई से पहले उपचारित करें।
  • थियोफैनेट मिथाइल 70% डब्ल्यू पी 300 ग्राम/एकड़ की दर से घोल बना कर जड़ो के पास छिड़काव करें|

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Control of red pumpkin beetle in bottle gourd

  • लौकी के खेत के पास ककड़ी, तोरी, टिंडा आदि की बुवाई न करे क्योकि ये पौधे इस कीट के जीवन चक्र में सहायक होते हैं।
  • पुरानी फसल के अवशेष को नष्ट कर दें |
  • यदि फसल की प्रारंभिक अवस्था में, कीट दिखाई दे तो उसे हाथ से पकड़कर नष्ट कर दें।
  • साईपरमेथ्रिन 25% ईसी 150 मि.ली.प्रति एकड़ + डायमिथोएट 30% ईसी 300 मि.ली. प्रति एकड़ की दर से घोल बना कर छिडकाव करें। या कार्बारिल 50% डब्लू पी 450 ग्राम प्रति एकड़ की दर से घोल बना कर छिड़काव करें। पहला छिडकाव रोपण के 15 दिन व दूसरा इसके 7 दिन बाद करें|
  • डाइक्लोरवास (डीडीवीपी) 76% ईसी का 250-350 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करके इस कीट का नियंत्रण किया जा सकता हैं |

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Harvesting of Garlic

  • किस्मों के आधार पर लहसुन, रोपाई  के 4 से 5 माह में तैयार हो जाती है।
  • जब पौधों के ऊपरी शिराये झुक जाती है व निचला भाग हल्का पीले-हरे रंग के हो जाते है तब कन्दों को निकालने का उपयुक्त समय होता है।
  • पौधों को हाथ से उखाड़ कर खेत में सूखने के लिए छोड़ दिया जाता हैं।
  • फ़सल सुखने के बाद उन्हें बाज़ार की आवश्यकता के अनुसार काटा या बंडल बनाया जाता है।

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Sowing Time of makkhan grass

  • मक्खन घास की बोवाई के लिए मार्च से अप्रेल का समय उपयुक्त होता हैं

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Seed rate of makkhan grass

  • एकल बुवाई करने के लिए 5 से 6 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज की आवश्कता होती हैं।
  • बरसीम के साथ मिलाकर बोने के लिए 2 से 3 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज की आवश्कता होती हैं।

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Irrigation schedule in makkhan grass

  • पहली सिंचाई बुवाई के तुरंत बाद करनी चाहिए। और दूसरी सिंचाई बुवाई के लगभग 5 से 6 दिन बाद ।
  • बाद में 10 दिनों के अंतराल पर, या जरूरत के अनुसार।
  • पहली सिंचाई, हाथ से निराई और यूरिया 40 किग्रा/एकड़ देने के बाद करनी चाहिए ।

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Seed rate of cowpea

  • अलग-अलग किस्मों के लिए बीज दर निम्नलिखित है|
  • झाडीनुमा किस्मों के लिए– 10 से 12 कि.ग्रा./एकड़ |
  • अर्ध चढ़ने वाली किस्मों के लिए–10 से 12 कि.ग्रा./एकड़ |
  • चढ़ने वाली किस्मों के लिए -2 से 2.5 कि. ग्रा./ एकड़|
  • दानों व सब्जी दोनो प्रकार की किस्मों के लिए
  • छिड़काव विधि में 30 से 35 कि.ग्रा./ एकड़|
  • एक-एक बोने वाली विधि के लिए 20 से 30 कि.ग्रा./ एकड़।

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