गेहूं मे पौषक तत्व प्रबंधन:- गेंहू की उपज में पौषक तत्त्व प्रबंधन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है मृदा मे उपलब्ध पौषक तत्त्व की जानकारी हेतु मिट्टी की जाँच बहुत आवश्यक है| इसी के आधार पर फसलो में पौषक तत्त्व प्रबंधन किया जाता हैं | सामन्यतः गेहू के लिए अनुसंशित मात्रा इस प्रकार हैं
- अच्छे से सडी हुई गोबर की खाद या कम्पोस्ट को 6 -8 टन/एकड़ के हिसाब से हर 2 साल में मिट्टी में मिलाना चाहिये|
- गोबर की खाद डालने से भूमि की संरचना में सुधार और पैदावार में बढ़ोतरी होती है।
- गेंहू में 88 कि.ग्रा. यूरिया, 160 कि.ग्रा ,सिंगल सुपर फॉस्फेट एवं 40 कि.ग्रा. म्युरेट ऑफ़ पोटाश प्रति एकड़ के हिसाब से उपयोग करना चाहिये|
- युरिया का उपयोग तीन भागों में करना चाहिए|
1.) 44 कि.ग्रा. यूरिया की मात्रा बोनी के समय करें।
2.) शेष 22 कि.ग्रा. पहली सिंचाई के समय डाले।
3.) शेष 22 कि.ग्रा., दुसरी सिंचाई के समय डाले। - आशिंक सिंचाई उपलब्ध हो एवं अधिकतम दो सिंचाई होने पर यूरिया @ 175 , सुपर सिंगल फॉस्फेट@ 250 और म्युरेट ऑफ़ पोटाश @ 35-40 कि.ग्रा प्रति हेक्टेयर डाले।
असिंचित अवस्था में नाइट्रोजन फास्फोरस एवं पोटॉश की पूरी मात्रा डालें| - यदि गेंहू की बुवाई मध्य दिसम्बर में करते है तो नत्रजन की 25 प्रतिशत मात्रा कम डालना चाहिये|
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