- समन्वित कीट प्रबंधन से आशय यह है की कीटों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाने से पहले ही कीटों का नियंत्रण करना।
- समन्वित कीट प्रबंधन के अंतर्गत लाभकारी कीटों की पहचान करके उनके सरक्षण के उपाय किये जाते हैं।
- इसके अंतर्गत फसल में कीट लगने के पहले ही उनके नियंत्रण के लिए प्रयास किये जाते हैं एवं उपयोग किये जाने वाले रसायनों को बदल बदल कर उपयोग किया जाता है।
- जैविक उत्पादों जैसे फेरामोन ट्रैप लगाकर समन्वित कीट प्रबंधन किया जा सकता है।
ऐसे करें खेत से निकलने वाले कचरे का उचित प्रबंधन
- किसान भाई खेतों में कई प्रकार की फसलें लगाते हैं और जितने प्रकार की फसलें होती हैं उतनी ही प्रकार के फसल अवशेष यानी कचरा भी खेत से निकलता है।
- खेत से निकलने वाले इस कचरे का उचित तरीके से प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है।
- अतः खेत में बिखरे कचरे को एक स्थान पर इकट्ठा करके रखना चाहिए।
- खरपतवार का कचरा जिसमें खरपतवार के बीज़ होते हैं उन्हें खेत से दूर ले जाकर रखना चाहिए।
- फसलों के जो अवशेष होते है उनको खेत के एक कोने में इकठ्ठा करके रखना चाहिए।
- जानवरों के खाने लायक कचरे को अलग करके रखें।
- आजकल बाजार में बहुत से ऐसे उत्पाद उपलब्ध हैं जिनका उपयोग करके इस कचरे को सड़ा कर खाद में बदल कर उपयोग कर सकते हैं।
मछली रिटेल आउटलेट खोलने के लिए सरकार देगी 50% सब्सिडी
अगर आप मछली रिटेल आउटलेट खोलना चाहते है पर आपके पास इसके लिए पैसे नहीं हैं तो अब आपको निराश होने की जरुरत नहीं है। दरअसल केंद्र सरकार की मदद से मध्य प्रदेश सरकार किसानों को मछली रिटेल आउटलेट खोलने के लिए 50% की सब्सिडी दे रही है।
मध्य प्रदेश के सभी निवासी इस सब्सिडी को प्राप्त कर सकते है, हालाँकि इसमें प्राथमिकता अनुसूचित जन जाति, अनुसूचित जाति, महिला तथा बेरोजगार युवाओं को दी जाएगी। आउटलेट खोलने हेतु 100 वर्गफ़ीट की जगह जरूर होनी चाहिए। आउटलेट खुलने के बाद इसके मैंटेनस की सारी ज़िम्मेदारी हितग्राही की होगी।
बता दें की एक मछली आउटलेट को खोलने में तक़रीबन 10 लाख रुपये का खर्च आता है। सरकार इस पूरी रकम का आधा यानी 50% सब्सिडी के रूप में देगी और शेष खर्च हितग्राही को स्वयं करना होगा। इस योजना से जुड़ी अन्य जानकारी प्राप्त करने के लिए आप अपने जिले के कृषि विभाग या फिर क्षेत्रीय कृषि विभाग जा सकते हैं।
स्रोत: कृषि जागरण
Shareमध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में अब बढ़ेगा तापमान, जानें मौसम पूर्वानुमान
मध्य भारत के राज्यों में आगामी कुछ दिनों में उत्तरी हवाओं का आना कम होगा जिससे तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा गणतंत्र दिवस से पहले उत्तर भारत के पहाड़ी और मैदानी इलाकों बारिश होने की संभावना है। 26 जनवरी से देश के अधिकांश हिस्सों में साफ और शुष्क मौसम रहने की संभावना है।
वीडियो स्रोत: स्काइमेट वेदर
Shareसमन्वित पौध प्रबंधन करने से मिलते हैं कई फायदे
- समन्वित पौध प्रबंधन से आशय यह है की पौधो को किसी भी प्रकार की क्षति पहुंचाए बिना उनका सही तरीके से प्रबंधन करना।
- इसके अंतर्गत इस बात का ध्यान रखा जाता है की किसी भी रसायन के उपयोग से फसल के लिए लाभकारी कीटों को कोई नुकसान नहीं हो।
- कीट प्रतिरोधी एवं रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करके बुआई करें।
- फसल चक्र अपनाकर फसल की बुआई करें। एक ही कुल की फसलों की बुआई एक ही खेत में ना करें।
- खेत की अच्छे से जुताई करके एवं बीज़ उपचार तथा मिट्टी उपचार करके ही बुआई करें।
डेरी फॉर्मिंग में साइलेज़ की मदद से दुग्ध उत्पादन को बढ़ाएं
- अच्छी गुणवत्ता वाले दूध का उत्पादन करने के लिए दुग्ध उत्पादकों को पूरे वर्ष अच्छी गुणवत्ता वाले हरे चारे की आवश्यकता होती है।
- यदि दुग्ध उत्पादक हरे चारे के लिए मक्का की खेती करते हैं, तो यह हरा चारा जानवरों को केवल 10 से 30 दिनों तक मिलता है।
- परन्तु यदि दुग्ध उत्पादक साइलेज़ का उपयोग करते हैं तो पूरे वर्ष जानवरों को हरा चारा मिलता रहता है।
- साइलेज का उपयोग करने से किसान के लिए श्रम लागत कम हो जाती है।
- अच्छा साइलेज़ बनाने के लिए मक्का, जई, बाजरा, लूसर्न जैसी फसलों का उपयोग किया जाता है जिन्हें साइलेज बनाने के लिए एकदम सही माना जाता है।
मध्यप्रदेश सरकार दे रही है सब्सिडी पर सिंचाई यंत्र, जल्द करें आवेदन
मध्यप्रदेश सरकार किसानों को सिंचाई यंत्र की खरीदी के लिए सब्सिडी दे रही है। मध्यप्रदेश के किसानों को यह सब्सिडी नेशनल फूड सिक्योरिटी मिशन योजना के अंतर्गत दी जा रही है। वर्तमान में इस योजना के अंतर्गत किसानों से सिंचाई यंत्र की खरीदी के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं। ये सब्सिडी स्प्रिंकलर सेट, पाइप लाइन सेट, विद्युत पम्प, मोबाइल रेनगन जैसे यत्रों पर मिलेगी।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के अंतर्गत कटनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, सिवनी, डिण्डौरी, मंडला, नरसिंहपुर, दमोह, पन्ना, रीवा, सिंगरौली, सतना, उमरिया, अनूपपुर, रायसेन, हौशंगाबाद और बैतुल जिले में सब्सिडी पर सिंचाई यंत्रों हेतु आवेदन मांगे गए हैं।
इसके साथ ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन गेहूं योजना के अंतर्गत कटनी, सिवनी, सागर, पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, रीवा, सीधी, सतना, खंडवा, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, रायसेन, विदिशा एवं राजगढ़ के किसान आवेदन कर सकते हैं।
इस योजना में आवेदन करने की आखिरी तिथि 27 जनवरी 2021 है। ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर जाकर किसान इस योजना में आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए https://dbt.mpdage.org/Agri_Index.aspx पर जाएँ।
स्रोत: कृषि जागरण
Shareग्रामोफ़ोन एप पर फिर शुरू हुआ फोटो प्रतियोगिता, मिलेंगे कई आकर्षक इनाम
ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर 22 जनवरी से ‘मेरा गांव मेरा अभिमान’ फोटो प्रतियोगिता शुरू हो रहा है जिसमे भाग लेकर आप जीत सकते है कई आकर्षक इनाम।

इस फोटो प्रतियोगिता में कोई भी किसान भाग ले सकते हैं। इसमें भाग लेने के लिए आपको अपने गांव की एक खूबसूरत तस्वीर ग्रामोफ़ोन एप के समुदाय सेक्शन में पोस्ट करनी होगी और उस फोटो पर अपने आस पास के किसान भाइयों से लाइक करवाने होंगे।
विजेताओं का चुनाव आपके द्वारा पोस्ट की गई फोटो पर आये लाइक्स की संख्या के आधार पर किया जाएगा। इसका मतलब हुआ की जिस फोटो पर सबसे ज्यादा लाइक होंगे उस फोटो को पोस्ट करने वाला व्यक्ति विजेता होगा।
यह प्रतियोगिता 10 दिनों तक चलेगी और इन दस दिनों के दौरान हर दो दिन पर अपनी फोटो पर सबसे अधिक लाइक (कम से कम दस लाइक होना जरूरी है) प्राप्त करने वाला एक प्रतियोगी विजेता बनेगा। इसके साथ ही इस दस दिनी प्रतियोगिता के अंत में टॉप किसानों को मिलेंगे बम्पर पुरस्कार।
*नियम व शर्तें लागू
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मध्य भारत में मौसम शुष्क बने रहने की संभावना है, जानें मौसम पूर्वानुमान
मध्य भारत के सभी राज्यों में आने वाले दिनों में मौसम के शुष्क बने रहने की संभावना है वहीं पूर्वोत्तर भारत में असम, अरुणाचल, सिक्किम, मेघालय और नागालैंड पर बना बारिश का मौसम अगले 24 घंटों तक बना रहेगा। इस दौरान तमिलनाडु में भी कुछ स्थानों पर होगी वर्षा। उत्तर भारत में भी 22 जनवरी से मौसम बादल जाएगा।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareजानिए क्या है मेवाती गाय की पहचान
- भारत में गाय की कई प्रकार की नस्लें पाई जाती हैं।
- गाय की एक नस्ल मेवाती (Mewati Cow) है, जो मेवात क्षेत्र में पाई जाती है।
- यह मेवाती गाय राजस्थान के भरतपुर जिले, पश्चिम उत्तर प्रदेश के मथुरा और हरियाणा के फ़रीदाबाद और गुरुग्राम जिलों पाई जाती है।
- मेवाती नस्ल के पशुओं की गर्दन सामान्यतः सफेद होती है।
- इनका चेहरा लंबा व पतला होता है, आंखे उभरी हुई और काले रंग की होती हैं।
- इनके ऊपरी होंठ मोटे व लटके हुए होते हैं। इनके नाक का ऊपरी भाग सिकुड़ा हुआ प्रतीत होता है।
