रिजर्व बैंक ने दी करोड़ों किसानों को राहत, बढ़ाई फसली ऋण चुकाने की तारीख

Gramophone's onion farmer

कोरोना संक्रमण के कारण चल रहे देशव्यापी लॉकडाउन के बीच रिजर्व बैंक ने करोड़ों किसानों को राहत दी है। यह राहत किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बैंकों से फसली ऋण लेने वाले देश के करोड़ों किसानों को मिलेगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने फसली ऋण की अगली किस्त चुकाने की अवधि बढ़ा कर 31 मई कर दी है।

इसके अलावा आरबीआई ने किसानों की ब्याज में भी राहत प्रदान की है। अब किसान अपनी फसल ऋण की अगली किस्त 31 मई तक सिर्फ 4% वार्षिक के पुराने दर पर ही चुका सकते हैं।

इस विषय पर रिजर्व बैंक की तरफ से बुधवार को एक पत्र जारी किया गया था। इस पत्र में यह साफ़ किया गया है की कोरोना संकट के कारण फसल ऋण पर तीन महीने के मोराटोरियम का लाभ मिलने के साथ साथ तीन महीने की अवधि हेतु दंडात्मक ब्याज भी किसानों को नहीं चुकाना पड़ेगा।

स्रोत: आउटलुक

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मध्यप्रदेश में गेंहू की खरीदी जारी, अब तक 400 करोड़ रुपये के गेहूं की हुई खरीदी

कोरोना संकट के मद्देनज़र सभी जरूरी एहतिआत बरतते हुए पिछले 15 अप्रैल से इंदौर, उज्जैन और भोपाल को छोड़ कर मध्यप्रदेश के सभी जिले में समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीदी शुरू कर दी गई थी। आज इस खरीदी के कार्य को शुरू हुए एक हफ्ता बीत चुका है।

इस पूरे एक हफ्ते में प्रदेश की लगभग चार हजार सहकारी समितियों के माध्यम से प्रदेश के सवा लाख किसानों से 400 करोड़ रुपये के गेहूं की खरीदी की गई है। मंगलवार से खरीदी की प्रक्रिया को और विस्तार दिया जा रहा है। इसमें लगभग 25 हजार किसानों को मैसेज भेजे जाएंगे। एक सोसायटी में 25 किसानों को बुलाया जाएगा, जिसमें 20 छोटे और पांच बड़े किसान होंगे।

स्रोत: नई दुनिया

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मध्य प्रदेश: 15 लाख किसानों को बड़ी राहत, फसल बीमा के अंतर्गत मिलेंगे 2990 करोड़

Relief for farmers, Govt. extended the duration of short-term crop loan

मध्यप्रदेश में किसानों के लिये सरकार की तरफ से एक बड़ी खुशख़बरी आई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के 15 लाख किसानों को फसल बीमा के अंतर्गत कुल 2990 करोड़ की बीमा राशि देने की बात कही है।

बता दें की यह बड़ी राशि प्रदेश के किसानों को अगले सप्ताह तक दे भी दी जाएगी। फसल बीमा के तहत यह राशि सीधे किसानों के खातों में पहुंचा दी जायेगी। मंत्रालय में कृषि विभाग की बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया जहाँ मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव कृषि अजीत केसरी एवं अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

दरअसल साल 2018 के खरीफ सीजन के दौरान प्रदेश के करीब 35 लाख किसानों ने अपनी फ़सलों का बीमा कराया था। अब इनमें से 8.40 लाख किसानों को 1930 करोड़ की बीमा राशि मिलनी है। इसके अलावा 2018-19 के रबी सीजन में प्रदेश के 25 लाख किसानों ने रबी फ़सलों के लिए बीमा कराया था, इनमें से भी 6.60 लाख किसानों को 1060 करोड़ की बीमा राशि मिलनी है।

स्रोत: एनडीटीवी

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से लॉकडाउन मेंं किसानों को मिले 2424 करोड़ रुपये

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana

लॉकडाउन के दौरान सरकार ख़ास कर के किसानों को मदद पहुंचाने के लिए कई कदम उठा रही है। इसी कड़ी में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत लॉकडाउन के दौरानअब तक 12 राज्यों के बहुत सारे किसानों को 2424 करोड़ के दावों का भुगतान किया गया है।

इसके साथ साथ सरकार इस बात पर भी ध्यान दे रही है कि इस योजना से अधिक से अधिक किसान जुड़ें और लाभान्वित हों। इसके लिए सरकार किसानों को फोन पर मैसेज भेजकर बीमा में शामिल होने की अपील कर रही है। इसकी मदद से खेती में किसानों का जोखिम कम हो जाएगा।

किसानों को इस योजना से जोड़ने के साथ साथ सरकार बीमा कंपनियों के समक्ष कई प्रकार के शर्त रख रही है जिससे किसानों का हित को सुरक्षित करने में मदद मिले। इसके अंतर्गत बीमा का अधिकांश प्रीमियम केंद्र व राज्य सरकारें मिलकर देती हैं।

ज्यादा जानकारी के लिए https://pmfby.gov.in/ पर जाएँ

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किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 4.91 करोड़ किसान परिवारों को मिले 9826 करोड़ रुपये

PM kisan samman

वर्तमान में देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने लिए लॉकडाउन लगा हुआ है जिसकी वजह से गरीब किसान परिवारों के पास पैसे की कमी हो रही है। इसी कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने “प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना” के अंतर्गत 1.70 लाख करोड़ रूपये के बड़े राहत पैकेज की और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसान परिवारों सहायता देने के लिए अप्रैल माह के पहले सप्ताह में ही 2000 रुपये की किस्त देने की घोषणा सरकार की तरफ से की गई थी | 

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 8.7 करोड़ किसान परिवार को पैसे दिए जाएंगे जिसमें से सरकार ने 24 मार्च से 03 अप्रैल तक लगभग 4.91 करोड़ किसानों को इस वित्त वर्ष की किस्त जारी कर दी है। इसके अंतर्गत 4.91 करोड़ किसान परिवारों को 9826 करोड़ रुपये दिए गए हैं। किसानों को दी गई राशि की जानकारी देश के केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने दी।

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लॉकडाउन के बीच गेहूं की खरीदी के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने बनाया रोडमैप

कोरोना वैश्विक महामारी को लेकर चल रहे लॉकडाउन के बीच मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के बीच गेंहूं की बिक्री को लेकर चल रहे संशय को दूर करते हुए बड़ी राहत दी है। इसके अंतर्गत राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी 15 अप्रैल से आरम्भ होगी। इस दौरान सामाजिक दूरी का भी ख्याल रखा जाएगा और हर रोज उपार्जन केंद्रों पर चुनिंदा किसानों को ही एसएमएस के माध्यम से बुलाया जाएगा।

इसके साथ ही साथ खरीदी केंद्रों पर हम्माल, तुलावटी और समिति के अन्य कर्मचारी भी सीमित संख्या में रहेंगे। ग़ौरतलब है की पिछले साल राज्य में 3545 खरीदी केंद्र थे, जिन्हें इस बार बढ़ाकर 3813 किया गया है और अन्य नए केंद्र भी बनाए जा रहे जा रहे हैं। इस बार कुल खरीदी केंद्रों की संख्या 4000 तक हो जाएगी।

इस पूरे मुद्दे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि “प्रदेश में 14 अप्रैल को लॉक डाउन खुलना संभावित है। इसके बाद 15 अप्रैल से प्रदेश में रबी उपार्जन का कार्य प्रारंभ किया जायेगा। 31 मई तक उपार्जन कार्य समाप्त कर लेना है। समय कम है। अतः ऐसी व्यवस्था करें, जिससे किसानों की गेहूं, चना, सरसों और मसूर फसलें समर्थन मूल्य पर सुगमता से खरीदी जा सकें।” 

 

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लॉकडाउन में बड़ी राहत: किसानों के घर से सरकार करेगी रबी फसलों की ख़रीद

कोरोना संकट की वजह से चल रहे देशव्यापी लॉकडाउन के कारण किसानों को कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल वर्तमान समय रबी फसलों कटाई और सरकारी ख़रीद का है और अब इस विषय पर लॉकडाउन के दौरान सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देने की पहल की है। 

इस समस्या से निपटने के लिए पंजाब सरकार ने एक अहम फैसला किया है। पंजाब सरकार रबी फ़सलों की ख़रीद के दौरान मंडियों में होने वाले भीड़भाड़ को रोकने के लिए गांवों में जाकर फसल ख़रीद की तैयारी कर रही है। इस दौरान उन गांवों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो मंडियों से लगभग 1 से 2 किमी की दूरी पर स्थित हैं। 

पंजाब सरकार द्वारा कृषि एवं खाद्य विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह जल्द ही गांवों के किसानों के घर जाकर गेहूं की ख़रीद करने का तरीका ढूंढ निकालें। मंडियों से दूर स्थित गांवों के किसान को मदद पहुंचाने के लिए किसानों के घर मुलाजिमों को भेजने का सुझाव दिया गया है।

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समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद स्थगित

  • कोरोना महामारी के कारण देश में लॉक डाउन के चलते वैसे तो केंद्र सरकार के द्वारा किसानों को कृषि कार्यों एवं फसल बेचने आदि के लिए छूट दी गई है परन्तु अभी भी राज्य सरकारों द्वारा फसल खरीदी शुरू नहीं की जा सकी है, इसका मुख्य कारण यह है की सरकार एक साथ एक जगह पर ज्यादा भीड़ एकत्रित नहीं होने देना चाहती | 
  • पहले ही राजस्थान में समर्थन मूल्य पर खरीदी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है| अब मध्यप्रदेश सरकार ने भी समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद स्थगित करने का फैसला लिया है | 
  • पहले सामान्य हालात में मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद 1 अप्रैल 2020 से की जानी थी | इसके लिए किसान पहले ही ई-उपार्जन से पंजीयन कर चुके हैं | 
  • परन्तु अभी राज्य शासन कोविड-19 संक्रमण की स्थिति को ध्यान में रखकर एक अप्रैल 2020 से प्रारंभ किये जा रहे गेहूँ उपार्जन कार्य को आगामी आदेश तक स्थगित कर दिया है। 
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कोरोना की आशंकाओं के बीच भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने फसल कटाई पर दी उपयोगी सलाह

Amidst fears of Corona, Indian Council of Agricultural Research gave useful advice on harvesting

कोरोना की आशंकाओं के बीच भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने किसानों को फसल कटाई पर कुछ उपयोगी सलाह दिए हैं। परिषद ने कहा है कि किसान गेंहू की कटाई अभी कुछ दिनों के लिए टाल सकते हैं। परिषद का मानना है की गेहूं की कटाई में 20 अप्रैल तक देरी की जा सकती है और इससे कोई नुकसान नहीं होगा।

इसके पीछे का कारण बताते हुए परिषद ने कहा की ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान अभी भी औसत से नीचे है और इसीलिए कटाई में कुछ देरी की जा सकती है। ग़ौरतलब है की आमतौर पर, गेहूं की कटाई मार्च महीने के अंत से शुरू होती है।

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21 दिन के लॉकडाउन में सरकार ने किसानों की परेशानियों का रखा ख्याल, दी विशेष छूट

इस वक़्त पूरी दुनिया कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से परेशान है। भारत में भी इस वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच केंद्र सरकार ने 21 दिन का देशव्यापी लॉकडाउन लगा दिया है। इसका अर्थ हुआ की 21 दिनों तक पूरे देश में बाजार, दफ्तर, यातायात के साधन आदि बंद रहेंगे। इस खबर के आने के बाद किसान भाइयों के बीच असमंजस की स्थिति बन गई थी। पर सरकार ने लॉकडाउन में भी किसानों के लिए विशेष छूट देकर इस असमंजस की स्थिति को खत्म कर दिया है।

दरअसल किसान भाइयों को उर्वरक और बीज जैसे कई कृषि उत्पादों की जरुरत पड़ती रहती है। ऐसे में अगर लॉकडाउन की वजह से उन्हें ये उत्पाद नहीं मिलते तो उन्हें बड़ी परेशानी झेलनी पड़ जाती। सरकार ने किसानों की इन्हीं परेशानियों को ध्यान में रखते हुए बीज और उर्वरक जैसे उत्पादों की खरीदी पर छूट दी है। इसका अर्थ यह हुआ की अपनी कृषि आवश्यकताओं को किसान भाई लॉकडाउन के दौरान भी आसानी से पूरा कर पाएंगे।

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