SBI किसानों को देगा कम ब्याज पर एग्री गोल्ड लोन, जानें लोन संबंधी पूरी जानकारी

SBI will give Agri Gold loan to farmers at low interest, know about the loan

कोरोना महामारी की वजह से चल रहे लॉकडाउन से लोगों को आर्थिक समस्याएं पेश आ रही हैं और इससे देश के किसान भी परेशान हैं। किसानों की इन्हीं परेशानियों को दूर करने के लिए एसबीआई ने शुरू किया है एग्री गोल्ड लोन स्कीम।

इस स्कीम के अंतर्गत किसान अपने घरों में रखे सोने के आभूषणों को देकर अपनी आवश्यकता अनुसार लोन ले सकते हैं। लॉकडाउन के दौरान एसबीआई के इस लोन स्कीम का लाभ 5 लाख से ज्यादा किसानों ने उठाया है।

एग्री गोल्ड लोन स्कीम से जुड़ी खास बातें

इस स्कीम में सोने के आभूषण जमा करवा कर आवश्यकता अनुसार लोन लिया जाता है। इसके लिए आवेदन देने वाले किसान को अपनी कृषि भूमि की फर्द की कॉपी बैंक में देनी होती है। इसके अंतर्गत मिलने वाले लोन पर 9.95% का वार्षिक व्याज लगेगा। अगर किसान भूमिहीन हो पर उसके नाम पर ट्रैक्टर हो तो उस ट्रैक्टर के आधार पर भी गहने जमा कर लोन लिया जा सकता है।

इस स्कीम से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए विजिट करें https://sbi.co.in/hi/web/agri-rural/agriculture-banking/gold-loan/multi-purpose-gold-loan#show

स्रोत: दैनिक भास्कर

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किसानों को कर्ज दिलाने में मददगार होगी इ-ग्रामस्वराज एप और स्वामित्व योजना

e-GramSwaraj App and Swamitva Yojana will be helpful in providing loans to farmers

बीते शुक्रवार को पंचायती राज दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये देशभर के सरपंचों से बात की। इस दौरान उन्होंने ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और ऐप तथा स्वामित्व योजना की भी शुरुआत की।

ई-ग्राम स्वराज ऐप से ग्राम पंचायतों के फंड और अन्य सभी कामकाजों की सारी जानकारी मिलेगी जिसके कारण पंचायत के कामों में पारदर्शिता आएगी और विकास कार्य भी तेजी से होंगे।

वहीं स्वामित्व योजना ग्रामीणों के बीच संपत्ति को लेकर होने वाले सारे भ्रम दूर करने में मदद करेगा साथ ही साथ इसके अंतर्गत गांवों में ड्रोन की मदद से एक-एक संपत्ति की मैपिंग की जायेगी। इस योजना के कार्यान्वयन के बाद ग्रामीण किसान भी शहरों की तरह बैंकों से आसानी से कर्ज ले पाएंगे।

बता दें की अभी कुछ ही राज्यों को इन योजनाओं के अंतर्गत शामिल किया गया है। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत 6 और राज्य शामिल हैं जो इस योजना का ट्रायल आरम्भ कर रहे हैं। अगर इस योजना का ट्रायल सफल रहा तो इसे हर गांव में शुरू कर दिया जायेगा।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्‍य प्रदेश में इस दिन शुरू होगी चना एवं मसूर की समर्थन मूल्य पर खरीदी

Purchase of Gram and Lentils on support price will begin in Madhya Pradesh on this day

मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी शुरू हुए दो हफ्ते से ज्यादा बीत चुके हैं। अब सरकार किसानों से चना एवं मसूर की खरीदी शुरू करने वाली है। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर चना एवं मसूर की खरीदी 29 अप्रैल से शुरू हो जाएगी।

इस विषय पर रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समीक्षा की और इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों को चना और मसूर की खरीदी की प्रक्रिया के दौरान लॉकडाउन संबंधी दिशा निर्देशों के साथ सामाजिक दूरी का पालन कराने के निर्देश भी दिए हैं।

इस समीक्षा बैठक में बताया गया अब तक तीन लाख 72 हजार किसानों से 16 लाख 73 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी समर्थन मूल्य पर कर ली गई है और इसके एवज में किसानों को भुगतान भी कर दिया गया है।

स्रोत: नई दूनिया

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दस्तावेज़ों के कारण रुकी पीएम किसान की राशि तो ऑनलाइन करें अपलोड, पाएं 6000 सालाना

PM kisan samman

किसानों के लिए भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ के अंतर्गत मिलने वाले 6 हजार रुपये की पहली क़िस्त पिछले कुछ दिनों में किसानों के खातों में पहुंचा दी गई है। हालाँकि कुछ किसान इस क़िस्त को पाने में कामयाब नहीं भी हो पाए हैं जिसका कारण उनके आवेदन में गड़बड़ी या दस्तावेज़ों की कमी भी हो सकती है।

बता दें की इस योजना के अंतर्गत किसान ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से आवेदन करते हैं। कई बार आवेदन को स्वीकार नहीं किया जाता क्योंकि दस्तावेज़ जैसे कि आधार, मोबाइल नंबर या बैंक खाते की जानकारी नहीं दी गई होती।

ऐसा होने पर किसान घर से ही अपने दस्तावेज़ ऑनलाइन माध्यम से अपलोड कर सकते हैं। इसके लिए किसानों को pmkisan.gov.in के लिंक पर जाकर ‘Farmers Corner’ में जाना होता है और अपने दस्तावेज़ अपलोड करने होते हैं।

स्रोत: जनसत्ता

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किसानों के लिए लाभकारी है डायरेक्ट मार्केटिंग, कोरोना संकट के बीच दिया जा रहा है बढ़ावा

Direct marketing is beneficial for farmers, boost is being given in Corona crisis

कोरोना संकट के बीच भारत सरकार किसानों के बीच डायरेक्ट मार्केटिंग या प्रत्यक्ष विपणन को बढ़ावा दे रही है। इसके अंतर्गत किसानों की सुविधा और बेहतर रिटर्न मिले सरकार इसके लिए प्रयासरत है। इसके साथ ही केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों को भी अनुरोध किया गया है कि वे किसानों/किसान समूहों/एफपीओ/सहकारी समितियों को थोक खरीदारों/बड़े खुदरा विक्रेताओं/प्रोसेसरों आदि को अपनी उपज बेचने में सुविधा प्रदान करने के लिए ’डायरेक्ट मार्केटिंग’ को बढ़ावा दें।

बहरहाल कई राज्यों ने ’डायरेक्ट मार्केटिंग’ को बढ़ावा दिया भी है। इन राज्यों में कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात जैसे राज्य शामिल है।

लॉकडाउन के दौरान कई राज्यों में ’डायरेक्ट मार्केटिंग’ के अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं। राजस्थान में लॉकडाउन के दौरान 1,100 से ज्यादा डायरेक्ट मार्केटिंग के लाइसेंस दिए गए जिससे किसानों को अपनी उपज बेचने में आसानी हुई।

तमिलनाडु में इसके अंतर्गत बाजार शुल्क माफ हो गए जिसकी वजह से व्यापारियों ने किसानों से उनके खेतों से उपज खरीद लिया। वहीँ उत्तर प्रदेश में किसानों तथा व्यापारियों के साथ एफपीओ शहरों के उपभोक्ताओं को उपज की आपूर्ति कर रहे हैं। इससे किसानों के अपव्यय में बचत और प्रत्यक्ष लाभ मिल रही है।

स्रोत: कृषक जगत

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फसल बीमा योजना: जरूरी दस्तावेज़ों के साथ करें आवेदन, फसल के नुकसान पर होगी भरपाई

Crop Insurance

बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं की वजह से अक्सर किसानों की फसल प्रभावित होती है। इससे बचने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की थी। इस योजना से किसान अपने फसल को होने वाले नुकसान की भरपाई कर सकते हैं। यह योजना साल 2016 में शुरू हुई जिससे अब तक देश के करोड़ो किसान लाभान्वित हो चुके हैं।

कैसे करें आवेदन?
इसका आवेदन आप बैंक के माध्यम से और ऑनलाइन भी कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन देने के लिए https://pmfby.gov.in/ लिंक पर जाकर फॉर्म भरें। इसके आवेदन के लिए एक फोटो और पहचान पात्र हेतु पैन कार्ड, ड्रायविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड या आधार कार्ड की जरुरत होती है। इसके अलावा एड्रेस प्रूफ के लिए भी एक दस्तावेज़ जरुरी होता है जिसके लिए किसान को खेती से जुड़े दस्तावेज़ और खसरा नंबर दिखाने होते हैं। फसल की बुआई हुई है इसकी सत्यता हेतु प्रधान, पटवारी या फिर सरपंच का पत्र देना होता है। एक कैंसिल चेक भी देना होता है ताकि क्लेम की राशि खाते में सीधे आए।

स्रोत: नई दुनिया

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कृषि व्यवसाय हेतु 20 लाख के लोन पर मिलेगी 8.8 लाख की सब्सिडी, जानें आवेदन की प्रक्रिया

Government will give 8.8 lakh subsidy on loan of 20 lakh for agribusiness

पढ़े लिखे युवाओं को कृषि क्षेत्र में लाने के लिए सरकार कई तरह के प्रयास कर रही है। अब केंद्र सरकार ने कृषि संबंधित व्यवसाय को बढ़ावा देने और इससे ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जोड़ने का प्लान तैयार किया है। इस प्लान के अंतर्गत खेती से जुड़े व्यवसाय की शुरुआत के लिए 20 लाख रुपए तक का लोन सरकार देने वाली है।

आवेदन देने वाली व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से 20 लाख रुपए और पांच व्यक्तियों के समूह को 1 करोड़ रुपए तक का लोन दिया जाएगा। सामान्य वर्ग के आवेदकों को इस लोन पर 36 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति, जनजाति एवं महिला वर्ग के आवेदकों को 44 प्रतिशत सब्सिडी दी जायेगी।

इस योजना का लाभ पाने के लिए किसी भी व्यक्ति को 45 दिन की ट्रेनिंग लेनी होती है। ट्रेनिंग के बाद अगर व्यक्ति इस लोन के योग्य पाया जाता है तो नाबार्ड उसे ऋण देगा। इस योजना से जुड़ने के लिए इस लिंक पर जाएँ https://www.acabcmis.gov.in/ApplicantReg.aspx

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किसानों को 36,000 रूपए सालाना पेंशन, जानें योजना की जानकारी और आवेदन की विधि

किसानों को वृद्धावस्था में कई प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ता है। शरीर कमजोर हो जाने से वे कृषि कार्यों में भी पूर्णतः भागीदारी नहीं निभा पाते इसी लिए उन्हें वृद्धावस्था आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। किसानों के वृद्धावस्था में इसी आर्थिक संकट को दूर करने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत बुढ़ापे में किसानों को 36,000 रूपए सालाना पेंशन दी जायेगी।

18 से 40 वर्ष के मध्य आने वाले किसान इस योजना में रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। किसानों को इस योजना में कम से 20 और अधिकतम 42 साल तक 55 से 200 रुपये का मासिक प्रीमियम जमा करना होगा। जितनी रकम किसान जमा करेंगे उतनी ही रकम सरकार भी इसमें जमा करेगी। आखिर में किसान के 60 वर्ष की उम्र पार करने के बाद सरकार की तरफ से 36,000 रूपए सालाना पेंशन मिलेगी। यह 36,000 रूपए किसानों 3 हजार रुपये के क़िस्त में हर माह दी जायेगी।

कैसे करें रजिस्ट्रेशन?

किसान इस योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन अपने नज़दीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर करवा सकते हैं। इसके रजिस्ट्रेशन में कोई शुल्क नहीं लगता है। अगर कोई किसान पीएम-किसान सम्मान निधि के अंतर्गत लाभ उठा रहा है तो उसे इस योजना के लिए सिर्फ आधार कार्ड लेकर जाना होता है।

किसानों का पैसा नहीं डूबेगा

अगर कोई किसान इस योजना को बीच में ही छोड़ना चाहता है तो उसके द्वारा जमा किया गया पैसा डूबेगा नहीं बल्कि उसके द्वारा जमा की गई रकम सेविंग अकाउंट के अंतर्गत मिलने वाले ब्याज के साथ लौटा दिया जाएगा।

स्त्रोत: कृषि जागरण

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म.प्र. में किसानों को गेहूं उपार्जन की राशि मिलनी शुरू, अब तक दिए गए 200 करोड़

मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की शुरुआत हुए एक हफ्ते से ज्यादा हो गया है। अब प्रदेश के किसानों को गेहूं उपार्जन की राशि मिलनी भी शुरू हो गई है। इसकी जानकारी खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी। उन्होंने कहा कि “प्रदेश में चल रहे रबी उपार्जन कार्य में गेहूं की राशि किसानों के खातों में भिजवाए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। उपार्जन की लगभग 200 करोड़ रुपए की राशि बैंकों को भिजवा दी गई है। यह राशि 02-03 दिन में किसानों के खातों में पहुँच जाएगी।”

बता दें की पिछले साल की तुलना में इस बार अभी तक मंडियों के माध्यम से दोगुना गेहूं बिक चुका है। मुख्यमंत्री मंत्रालय में अपने मंत्रियों एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रबी उपार्जन के कार्य की मॉनिटरिंग स्वयं कर रहे थे। इस बैठक में अब तक हुए गेहूं उपार्जन से जुड़ी जानकारी देते हुए बताया गया कि अब तक हुई खरीदी में से 81% सौदा पत्रक से हुई है। इसके अंतर्गत व्यापारी किसानों के घर से ही गेहूं ख़रीद रहे हैं।

बहरहाल बता दें की मंडियों के माध्यम से अब तक पिछले साल की तुलना में दोगुने गेहूं की खरीदी हो चुकी है। पिछले साल वर्तमान समय तक जहाँ मंडियों से 1.11 लाख मी.टन गेहूं की खरीदी हुई थी वहीं इस बार अभी तक 2 लाख 14 हजार मी.टन गेहूं की खरीदी हो चुकी है।

स्रोत: जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश

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मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की यह है आखिरी तारीख

Know the last date of purchase of wheat on support price in Madhya Pradesh

मोबाइल संदेश के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के किसानों से गेंहूं की खरीदी से संबंधित बातें की। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के कारण चल रहे लॉकडाउन में भी सरकार समर्थन मूल्य पर गेहूँ एवं अन्य रबी फ़सलों की खरीदी का कार्य शुरू कर दिया है। उन्होंने अपने संदेश में खरीदी से जुड़ी अन्य जानकारी भी दी। उन्होंने बताया की मंडियों के साथ साथ सौदा पत्रक के माध्यम से निजी खरीदी केंद्रों एवं व्यापारियों को घर से बिक्री करने की भी सुविधा दी गयी है।

मुख्यमंत्री ने संदेश में किसानों को बताया की वे फ़िक्र नहीं करें, सरकार आपकी उपज का एक-एक दाना ख़रीद लेगी। इस संदेश में उन्होंने खरीदी की अंतिम तिथि की भी चर्चा की। उन्होंने बताया की 31 मई तक उपार्जन केन्द्रों पर गेहूँ की खरीदी होगी और सौदा पत्रक से 30 जून तक किसान अपनी उपज बेच सकेंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने किसानों को कोरोना संक्रमण से बचने और लॉकडाउन का पालन करने की भी कहा।

स्रोत: कृषक जगत

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