बिना फसल बीमा कराये भी फसल को हुए नुकसान की होगी भरपाई, जानें- क्या है तरीका

Relief for farmers, Govt. extended the duration of short-term crop loan

अगर आपकी फसल को किसी प्राकृतिक आपदा के कारण नुकसान होता है तो इसमें फसल बीमा योजना से लाभ मिल जाता है पर कई बार किसान इस योजना से नहीं जुड़ते है तो उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पाता है। हालांकि ऐसी स्थिति में भी किसानों को उस बैंक से मदद मिल सकता है जिससे उन्होंने कृषि लोन लिया हो।

इस विषय पर भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी वेबसाइट पर जानकारी दी है। इस जानकारी के अनुसार फसल को 33% से अधिक नुकसान होने पर किसान ने जिस बैंक से कर्ज लिया है, वहां से मदद मिल सकती है।

क्या है प्रक्रिया?
यदि केंद्र एवं राज्य सरकार आपके क्षेत्र को प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर देती है और आपकी फसल को 33% या उससे ज्यादा का नुकसान होता है तब आपको बैंक जा कर अपने फसल के नुकसान की सूचना देनी होगी और बताना होगा कि आपने जो कर्ज लिया है, उसे चुकाने की आपकी क्षमता प्रभावित हुई है।

कितनी मदद मिलेगी?
यदि आपकी फसल को 33 से 50% का नुकसान हुआ है तो बैंक आपके कृषि लोन की अदायगी के लिए 2 साल का अतिरिक्त समय दे देगी और इन दो सालों में से पहले साल कोई किस्त नहीं देनी होगी। वहीं अगर फसल को 50% से अधिक नुकसान होता है तब लोन चुकाने की अवधि में 5 साल की वृद्धि होगी और पहले साल कोई किस्त नहीं देनी होगी।

स्रोत: जनसत्ता

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लॉकडाउन में पीएम-किसान और जनधन जैसी योजनाओं की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त करें

Get information about schemes like PM-Kisan and Jan Dhan online in lockdown

कोरोना महामारी की वजह से चल रहे देशव्यापी लॉकडाउन में कई प्रकार की सरकारी सब्सिडी योजनाओं के लाभार्थी किसान एवं अन्य लोग इससे जुड़ी पूरी जानकारी प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में इन सब से जुड़ी जानकारी आप ऑनलाइन माध्यम से आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

जनधन योजना, एलपीजी सब्सिडी योजना, पीएम किसान सम्मान निधि योजना और इसी प्रकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं की वर्तमान स्थिति जानने के लिए आपको ऑनलाइन माध्यम पर इन चरणों का पालन करना है।

चरण 1: इससे जुड़ी सार्वजनिक प्रबंधन वित्तीय प्रणाली की आधिकारिक वेबसाइट @ pfms.nic.in/NewDefaultHome.aspx पर लॉग इन करें।

चरण 2: इसके मुख पृष्ठ पर ‘अपने भुगतान जानें’ मेनू पर क्लिक करें

चरण 3: अब अपने बैंक का नाम, खाता संख्या जैसे आवश्यक विवरण भरें

चरण 4: फिर कैप्चा कोड जमा करें

चरण 5: इसके बाद ‘खोज’ विकल्प पर टैप करें

चरण 6: इसके बाद आपके कंप्यूटर स्क्रीन पर पूरा डेबिट और क्रेडिट विवरण आ जायेगा

चरण 7: आपको अपने बैंक खाते में नवीनतम मनी ट्रांसफर का पता चल जाएगा

लॉकडाउन के समय में जब घर से बाहर निकलना खतरे भरा होता है यह ऑनलाइन माध्यम हर किसी के लिए बहुत मददगार हो रहा है। इससे आप हर योजना की स्थिति जान सकते हैं।

स्त्रोत: कृषि जागरण

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लॉकडाउन में घरेलू ज़रूरतों को पूरा करने में भी किसान क्रेडिट कार्ड करेगा आपकी मदद

Kisan Credit Card will also help you in meeting domestic needs in lockdown

कोरोना महामारी की वजह से लम्बे समय से चल रहे देशव्यापी लॉकडाउन के कारण किसान भाइयों को आर्थिक तौर पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान खेती की ज़रूरतों के साथ साथ घरेलू ज़रूरतों की भी पूर्ति करना किसानों के लिए चुनौती पूर्ण सिद्ध हो रहा है। बहरहाल किसान क्रेडिट कार्ड की मदद से आप इस चुनौती से राहत प्राप्त कर सकते हैं।

दरअसल किसान क्रेडिट कार्ड से मिलने वाली राशि का एक हिस्सा किसान अपनी घरेलू ज़रूरतों को पूरा करने के लिए भी उपयोग में ला सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बाबत अपनी वेबसाइट पर जानकारी डाल रखी है। इसके जानकारी के अनुसार “देशभर के किसान अपने किसान क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल घर की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए कर सकते हैं।”

बता दें की आम तौर पर किसान क्रेडिट कार्ड योजना से मिलने वाली राशि का उपयोग किसी फसल की तैयारी में लगने वाले ख़र्चों को पूरा करने के लिए किया जाता है। पर इस योजना से मिली कुल राशि का 10% हिस्सा किसान अपने घरेलू ख़र्चों के लिए भी कर सकता है।

स्त्रोत: कृषि जागरण

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सुप्रीम कोर्ट ने गन्ना किसानों के पक्ष में लिया निर्णय, लाखों किसानों को होगा लाभ

Supreme Court decides in favor of sugarcane farmers, millions of farmers will benefit

कोरोना महामारी की विश्वव्यापी त्रासदी के मध्य सुप्रीम कोर्ट की तरफ से देश के लाखों गन्ना किसानों के लिए खुशख़बरी आई है। सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय से गन्ना किसानों की पुरानी समस्या का अंत होता नजर आ रहा है। दरअसल गन्ना के मूल्य निर्धारण को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच अक्सर विवाद रहता है जिसका ख़ामियाज़ा किसानों को भुगतना पड़ता था। अब इसी विषय पर सुप्रीम कोर्ट को निर्णय इन विवादों को खत्म कर सकता है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए जिस निर्णय की हम बात कर रहे हैं उसे न्यायालय की पांच जजों की बेंच ने दिया है। पांच जजों की बेंच ने गन्ने के मूल्य निर्धारण पर वर्ष 2004 के एक फैसले को सही मानते हुए कहा कि “राज्य सरकारों द्वारा गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जा सकता है।” ग़ौरतलब है की न्यायालय के इस निर्णय का लाभ देश के लगभग 35 मिलियन किसानों तथा उनके परिवारों को मिलेगा जो अपनी आजीविका के लिए गन्ने की खेती पर निर्भर रहते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्यप्रदेश में उपार्जन राशि का 50% से अधिक पैसा नहीं काट सकेंगे बैंक, सरकार का ऐलान

Relief for farmers, Govt. extended the duration of short-term crop loan

देशव्यापी लॉकडाउन के बीच पूरे देश में रबी फ़सलों की खरीदी जारी है। गेहूं की खरीदी के साथ-साथ अब किसानों तक उपार्जन राशि का भुगतान भी होने लगा है। पर जिन किसानों ने खेती के लिए बैंक से ऋण लिया था उनकी उपार्जन राशि से बैंक ने पैसे काटने शुरू कर दिए हैं, इस कारण किसानों को पूरी राशि नहीं प्राप्त हो रही है।

ग़ौरतलब है की मध्य प्रदेश में ज्यादातर किसान खेती करने के लिए फसली ऋण तथा किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण लेते हैं | इस ऋण को फिर किसान अपने फसल उत्पादन को बेच कर पूरा करते हैं। हालांकि इस साल साल पहले वर्षा और बाद में कोरोना महामारी की वजह से किसानों की बचत बहुत कम हुई है। जिस कारण बैंक द्वारा उपार्जन राशि के पैसे काटने से किसानों को और समस्याएं हो सकती हैं।

इन्ही समस्याओं पर ध्यान देते हुए अब मध्यप्रदेश सरकार ने बैंकों को यह आदेश दिया है की रबी उपार्जन के अंतर्गत किसानों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचीं गई फसल की राशि में से बकाया ऋण की राशि का 50% से ज्यादा ना काटा जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बैंकों को यह भी निर्देश दिया है कि अगली फसल के लिए किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराएँ जाएँ |

स्रोत: किसान समाधान

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मध्यप्रदेश में अब खुलेगी निजी मंडी, किसानों को होगा इससे फायदा

Private mandis will now open in Madhya Pradesh, farmers will benefit from this

आमतौर पर किसानों के पास अपनी उपज बेचने के लिए ज्यादा विकल्प नहीं होते हैं और उन्हें सरकारी मंडियों में ही अपना उत्पादन बेचने को मजबूर होना पड़ता है। मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों की इसी परेशानी को समझा और प्रदेश में निजी मंडी खोले जाने का रास्ता साफ़ कर दिया है।

इस बाबत प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा कि है की “अब निर्यातक, व्यापारी, फूड प्रोससेसर आदि निजी मंडी को खोल सकते हैं और किसान की ज़मीन या उसके घर जाकर कृषि पैदावार को ख़रीद सकते हैं।” बता दें की मंडी नियमों में किये गए इस संशोधन का मकसद किसानों को बेहतर कीमतों और अपनी इच्छा अनुसार अपनी उपज की बिक्री करने की स्वतंत्रता प्रदान करना है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि सिर्फ एक लाइसेंस से ऐसी निजी मंडियों को किसानों की उपज खरीदने का अधिकार मिल जाएगा। इसके बाद वे पूरे राज्य से खरीदी कर सकेंगे। इस फैसले के बाद अब मध्य प्रदेश में किसान के पास अपनी उपज बेचने के लिए ज्यादा विकल्प होंगे और इसके लिए उन्हें मंडी के चक्कर लगाने की भी आवश्यकता नहीं होगी।

स्रोत: फाइनेंशियल एक्सप्रेस

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क्या है ‘PM किसान’ का सर्वाधिक लाभ लेने वाले टॉप 5 राज्यों में आपके राज्य का नंबर?

PM kisan samman

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत पिछले कुछ हफ़्तों में 9.39 करोड़ किसान परिवार को 71,000 करोड़ रुपये भेजे गए हैं। इस योजना के अंतर्गत लाभ उठाने वाले टॉप 5 राज्यों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार क्रमशः पहले दूसरे तीसरे चौथे और पांचवें नंबर पर हैं।

उत्तर प्रदेश में अब तक पीएम किसान से कुल 2,17,76,351 किसान जुड़ चुके हैं जिनमे 2.15 करोड़ को पहली किस्त, 1.95 करोड़ को दूसरी किस्त, 1.78 करोड़ को तीसरी किस्त और 1.42 करोड़ किसानों को तो चौथी किस्त मिल भी चुकी है।

दूसरे नंबर पर है महाराष्ट्र जहाँ अब-तक इससे कुल 97,20,823 किसान जुड़े हैं। इनमें 94.81 लाख को पहली किस्त, 90 लाख को दूसरी किस्त, 72 लाख को तीसरी किस्त और 61 लाख को तो चौथी किस्त दी जा चुकी है।

इसके बाद तीसरे नंबर पर है राजस्थान जहाँ कुल 63,82,829 किसान इससे जुड़े हैं जिनमे 60.86 लाख को पहली किस्त, 54.63 लाख को दूसरी किस्त, 45.73 लाख को तीसरी किस्त और 34.52 लाख किसानों को चौथी क़िस्त दी जा चुकी है।

चौथे नंबर पर है मध्य प्रदेश 63,03,663 किसान अब तक इस योजना से जुड़े हैं। इनमें पहली क़िस्त करीब 69 लाख किसानों को, दूसरी क़िस्त 64 लाख किसानों को तीसरी क़िस्त 52.5 लाख किसानों को और चौथी क़िस्त 37 लाख किसानों को दी जा चुकी है।

टॉप 5 में पांचवें नंबर पर है बिहार जहाँ कुल 62,83,843 किसान इससे जुड़े और अबतक 62.81 लाख किसानों को पहली क़िस्त, 59.78 लाख किसानों को दूसरी क़िस्त, 46.64 लाख किसानों को तीसरी क़िस्त और 31.26 लाख किसानों को चौथी क़िस्त दी जा चुकी है।

स्रोत: फाइनेंशियल एक्सप्रेस

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पीएम किसान योजना के शुरुआत से अब तक किसानों को दिए गए कुल 71,000 करोड़ रुपए

PM kisan samman

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के आंकड़े पेश करते हुए बुधवार को बताया की “जब से इस योजना की शुरुआत हुई है, तब से लगभग 9.39 करोड़ किसान परिवार को 71,000 करोड़ रुपये से इस योजना का लाभ पहुंचाया जा चुका है। इससे पहले किसानों के लिए ऐसा कोई काम नहीं किया है और न ही इतनी रकम किसान सहायता के लिए दी गई है।”

कृषि मंत्री श्री तोमर ने इस दौरान कहा कि “कोरोना वायरस के चलते प्रभावी तालाबंदी के दौरान सरकार किसानों की हर संभव मदद कर रही है। अकेले प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 24 मार्च से 27 अप्रैल तक किसानों के खातों में 17,986 करोड़ रुपए भेजे जा चुके हैं।”

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्यप्रदेश: फसल बीमा के अंतर्गत 1493171 किसानों को 2990 करोड़ रूपये की ऑनलाइन भुगतान

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आज यानी एक मई को दोपहर 3 बजे प्रदेश के 14 लाख 93 हजार 171 किसानों को फसल बीमा के अंतर्गत कुल 2990 करोड़ रूपये का ऑनलाइन भुगतान करेंगे।

इस मसले पर प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने बताया कि “8 लाख 33 हजार 171 किसानों को खरीफ फसल की बीमा राशि के रूप में एक हजार 930 करोड़ रुपये प्रदान किये जा रहे हैं। इसी प्रकार, 6 लाख 60 हजार किसानों को रबी फसल की बीमा राशि के रूप में एक हजार 60 करोड़ का भुगतान किया जायेगा।”

मंत्री श्री पटेल ने आगे बताया कि प्रदेश में नई सरकार बनते ही फसल बीमा के अंतर्गत 2200 करोड़ रुपये की रकम का बीमा कंपनियों को प्रीमियम के लिए भुगतान किया गया था। अब इसी का परिणाम है की किसानों को फसल बीमा की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया जा रहा है।

स्रोत: जनसम्पर्क विभाग

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बैंक देगी 65 प्रतिशत की सहायता राशि, डेयरी फार्म लगाकर शुरू कर सकते हैं अपना रोजगार

Bank will provide 65 percent assistance, can start their employment by setting up dairy farms

अगर आप रोजगार की तलाश में हैं और आपको डेयरी फार्म खोलने में दिलचस्पी है तो इसके लिए आपको बैंक से मदद मिल सकती है। डेयरी फार्म खोल कर आप ना सिर्फ अपना रोजगार स्वयं कर पाएंगे बल्कि साथ ही साथ इसमें आपको अच्छी कमाई होने की भरपूर संभावनाएं हैं।

डेयरी फार्म को छोटे स्तर पर खोला जा सकता है। इसके शुरुआत में ज्यादा लागत भी नहीं लगती है और इस काम को आरम्भ करने के लिए कई प्रकार की सरकारी एवं निजी संस्थाएं सहायता भी प्रदान कर रही है, जिसका फायदा छोटे या मध्यम श्रेणी के किसान उठा सकते हैं।

आप उन्नत नस्ल की 2 गायों के साथ लघु स्तर का डेयरी फार्म लगभग एक लाख रूपए के खर्च पर शुरू कर सकते हैं। इसमें बैंक सहायता स्वरुप दो गायों की ख़रीददारी के लिए 65 प्रतिशत राशि मुहैया करवाती है। वहीं 5 गायों के साथ मिनी डेयरी फार्म खोलने में लगभग 3 लाख रूपए खर्च होते हैं, जिस पर 65 प्रतिशत तक की सहायता बैंक देती है।

स्रोत: कृषि जागरण

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