बंगाल की खाड़ी और अरब सागर की तरफ से आ रही आद्र हवाओं के कारण मध्यप्रदेश के कई क्षेत्रों में पिछले कई दिनों से बरसात हो रही है। इस बरसात में आने वाले दिनों में कमी आने की संभावना है।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
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बंगाल की खाड़ी और अरब सागर की तरफ से आ रही आद्र हवाओं के कारण मध्यप्रदेश के कई क्षेत्रों में पिछले कई दिनों से बरसात हो रही है। इस बरसात में आने वाले दिनों में कमी आने की संभावना है।
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सर्दियों के मौसम ने पहाड़ी क्षेत्रों में दस्तक दे दी है और इसी का असर अब धीरे धीरे मैदानी क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है। इसके कारण कई जगहों पर मौसम के मिज़ाज में बदलाव देखने को मिला है। मध्यप्रदेश के कई क्षेत्रों में पिछले दो-तीन दिनों से हलकी बारिश देखने को मिल रही है और तापमान में भी गिरावट हुई है।
आगामी कुछ दिनों में हालांकि बारिश तो बंद होगी पर तापमान के और गिरने की संभावना जताई जा रही है। आगामी 24 घंटों के दौरान जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में न्यूनतम तापमान में कमी की संभावना है।
इसके अलावा कोंकण गोवा और मध्य महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा गरज-चमक के साथ बौछारें गिरने का अनुमान है। वहीं उत्तरी मध्य प्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़, तटीय कर्नाटक, केरल और अरुणाचल प्रदेश में भी कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है।
स्रोत: कृषि जागरण
Shareमध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा जिले के कलेक्टर श्री सौरभ कुमार सुमन की अध्यक्षता में क्षेत्र के शुगर मिल मालिकों तथा किसानों की बैठक हुई। इस बैठक के दौरान सभी पक्ष के सुझावों से महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में यह फैसला किया गया कि छिन्दवाड़ा में 285 रुपए/क्विंटल की दर से शुगर मिल मालिकों द्वारा किसानों से गन्ने की खरीदी का कार्य किया जाएगा।
बैठक में यह भी निश्चित किया गया की नज़दीकी जिले नरसिंहपुर में गन्ने के रेट में वृद्धि होने के बाद उसी अनुसार छिन्दवाड़ा में भी रेट बढ़ाए जाएंगे। इसके अलावा यह भी निर्णय लिया गया की जिले के गन्ना मिल को छिंदवाड़ा जिले के कृषकों को प्राथमिकता देते हुए गन्ना क्रय करना होगा, इसके बाद ही अन्य जिले के किसानों का गन्ना क्रय किए जाने पर सहमति दी गई। वहीं शुगर मिल मालिकों को गन्ने की खरीदी के एक महीने के अंदर कृषकों को खरीदी का भुगतान करना अनिवार्य होगा।
स्रोत: कृषक जागरण
Shareमध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने सीहोर जिले के नसरुल्लागंज में एक सभा के दौरान सिंगल क्लिक से 5 लाख किसानों के खातों में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये की राशि भेज दी है।
इस सभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कृषि क्षेत्र के विकास को लेकर बहुत सारी बातें कही। वर्तमान में एमएसपी पर चल रहे घमासान के बीच उन्होंने किसानों को यह विश्वास दिलाया की “मंडियों और समर्थन मूल्य व्यवस्था को बंद करने वाली बातें भ्रामक और असत्य हैं।”
स्रोत: कृषक जगत
Shareइंदौर के महू (अंबेडकर नगर) मंडी में गेहूँ, चना, डॉलर चना, डॉलर चना बिटकी, मक्का, सोयाबीन का भाव क्रमशः 1660, 3650, 3645, 4135, 1213, 3845 रूपये प्रति क्विंटल चल रहा है।
इंदौर डिवीजन के अंतर्गत आने वाले खंडवा के कृषि उपज मंडी समिति में उरद, कपास बिना ओटी हुई, करेला, गेहूँ, देशी चना, टमाटर, प्याज, फूलगोबी, बैंगन, भिंडी मक्का, मेथी, सोयाबीन तथा लौकी का भाव क्रमशः 1242, 5480, 1350, 1541, 3899, 700, 856, 500, 1100, 1300, 1242, 500, 4125 और 528 रूपये प्रति क्विंटल है।
स्रोत: किसान समाधान
Shareकिसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार पशुपालन तथा मछली पालन को बढ़ावा दे रही है। इसी कड़ी में सरकार की तरफ से नए दुग्ध सहकारी समितियों का गठन किया जा रहा है साथ ही दुग्ध उत्पादक किसानों तथा पशुपालकों को ऋण उपलब्ध करवाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड से भी जोड़ने की तैयारी की जा रही है।
दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़े किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के साथ जोड़ने के लिए सरकार अभियान चला रही है और इस अभियान के अंतर्गत मध्यप्रदेश के 2 लाख 68 हजार दुग्ध उत्पादकों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ा जा रहा है। जल्द ही ये सभी दुग्ध उत्पादक किसान क्रेडिट कार्ड से जुड़ जाएंगे।
स्रोत: किसान समाधान
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प्याज का भाव | |
नई लाल प्याज | आवक 30000 कट्टे, भाव ₹1500 से ₹3600 प्रति क्विंटल |
पुरानी प्याज | आवक 22000 कट्टे, भाव ₹1000 से ₹3200 प्रति क्विंटल |
किस्म का नाम | भाव |
सुपर | 2600-3000 रूपये प्रति क्विंटल |
एवरेज | 2200-2600 रूपये प्रति क्विंटल |
गोलटा | 1800-2400 रूपये प्रति क्विंटल |
गोलटी | 1400-1800 रूपये प्रति क्विंटल |
छाटन | 800-1600 रूपये प्रति क्विंटल |
लहसुन का भाव | |
आवक: 2500 कट्टे | |
किस्म का नाम | भाव |
सुपर | 6000 – 6500 रूपये प्रति क्विंटल |
लड्डू | 5300 – 5800 रूपये प्रति क्विंटल |
मीडियम | 4000 – 4800 रूपये प्रति क्विंटल |
बारीक | 2800 – 3800 रूपये प्रति क्विंटल |
हल्की | 1000 – 2000 रूपये प्रति क्विंटल |
नए आलू का भाव | |
आवक: 8000 कट्टे | |
किस्म का नाम | भाव |
ज्योति | 1800 – 2200 रूपये प्रति क्विंटल |
पुखराज | 1600 – 2000 रूपये प्रति क्विंटल |
किसान भाई वर्तमान में रबी फसलों की बुआई में व्यस्त हैं। पर इस व्यस्तता के बीच किसान भाई अपनी फसलों का बीमा करवाना ना भूले। इससे आपकी फसल को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली क्षति में मदद मिल जाती है और आपको ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ता है।
किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी मौसम 2020-21 की फसलों के लिये बीमा करवा सकते हैं। बीमा करवाने की आखिरी तारिख 31 दिसम्बर 2020 है। बता दें की खरीफ सीजन में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा करवाने वाले किसानों को फसल क्षति की भरपाई की गई थी।
अगर आप फसल बीमा करवाते हैं तो प्राकृतिक आग (आकाशीय बिजली गिरना), बादल फटना, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, अंधड़, टेम्पेस्ट, हरीकेन, टोरनेडो, बाढ़, जल भराव, भू-स्खलन, सूखा, कीट व्याधियाँ इत्यादि से फसल को होने वाले नुकसान की भरपाई आप बीमा से प्राप्त कर सकते हैं।
फसल बीमा करवाने हेतु आप एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के टोल फ्री नम्बर 18002337115 पर संपर्क कर सकते हैं। रबी वर्ष 2020-21 के लिये जारी की गई अधिसूचना http://govtpressmp.nic.in/history-gazette-extra-2020.html पर उपलब्ध है।
स्रोत: कृषक जागरण
Shareकेंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 10 हजार नए एफपीओ खोल कर किसानों की आय बढ़ाने की बात कही। उन्होंने ये बातें पिछले दिनों आयोजित नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के शहद किसान उत्पादक संगठन कार्यक्रम के उदघाटन समारोह में कही।
इस दौरान कृषि मंत्री ने 10 हजार एफपीओ बनाने की केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत 5 राज्यों में मधुमक्खी पालकों/शहद संग्राहकों के 5 नए एफपीओ का शुभारंभ किया। ये नए एफपीओ मध्य प्रदेश के मुरैना, पश्चिम बंगाल के सुंदरबन, बिहार के पूर्वी चंपारण, राजस्थान के भरतपुर और उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में बनाये गए हैं।
श्री तोमर ने यहाँ कहा कि “10 हजार नए कृषक उत्पादक संगठन बनने पर छोटे-मझौले किसानों के जीवन में बदलाव आएगा और इनकी आय काफी बढ़ेगी, वहीं मीठी क्रांति से दुनिया में भारत का महत्वपूर्ण स्थान बनेगा।”
स्रोत: कृषक जगत
Shareबाजार में किसानों की फसल से उपज बढ़ाने के दावे तो बहुत सारे उत्पाद करते हैं पर अपने दावों पर कुछ ही उत्पाद खरे उतरते हैं। ऐसा ही एक उत्पाद है ग्रामोफ़ोन का मैक्समाइको जिसके इस्तेमाल से बहुत सारे किसानों ने अलग अलग फ़सलों से अच्छा उत्पादन प्राप्त किया है। इन्हीं किसानों में से एक हैं मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के हासलपुर गांव के किसान श्री रतनेश मीणा जी जिन्होंने अपनी धान की फसल में मैक्समाइको का इस्तेमाल किया था।
रतनेश जी ने 10 एकड़ में धान की फसल लगाई थी। इसमें 6 एकड़ में उन्होंने मैक्समाइको डाला और 4 एकड़ में नहीं डाला। मैक्समाइको के इस्तेमाल वाली धान की फसल को बेहतर बढ़वार मिली। आखिरकार जब कटाई के बाद उपज आई तो मैक्समाइको वाले 6 एकड़ में 16 क्विंटल/एकड़ की औसत से कुल उपज 96 क्विंटल रही वहीं बिना मैक्समाइको वाली 4 एकड़ की फसल का उत्पादन 13.5 क्विंटल/एकड़ की औसत से महज 54 क्विंटल रहा।
रतनेश जी की तरह आप भी अपनी फसल में मैक्समाइको का इस्तेमाल कर सकते हैं और अच्छी उपज की प्राप्ति कर सकते हैं। अपने घर पर मैक्समाइको मंगवाने के लिए आप हमारे टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्डकॉल करें या फिर ग्रामोफ़ोन कृषि एप पर लॉगिन करें।
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