‘कृषि में महिलाएं’ विषय पर हैदराबाद में दो दिवसीय राज्य स्तरीय बैठक

भारत में कृषि क्षेत्र में विशेष रूप से महिलाएं बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। परंतु न केवल समाज के द्वारा बल्कि स्वयं महिलाओं के द्वारा भी कृषि क्षेत्र में उनके योगदान को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। 

कृषि क्षेत्र में महिलाओं के इसी योगदान को उभारने के लिए, 6 मार्च से हैदराबाद में एक राज्य-स्तरीय बैठक आयोजित की जा रही है। इस दो दिवसीय बैठक का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण भारत में महिलाओं, विशेष रूप से कृषि क्षेत्र की महिलाओं को होने वाली समस्याओं पर ध्यानाकर्षित करवाना है। यहां कृषि संबंधित कई क्षेत्रों के विशेषज्ञ अपने शोध-पत्र प्रस्तुत करेंगे। इसके अलावा यहाँ आपको विभिन्न किसान यूनियनों, अकादमिक संस्थानों और चर्चा में भाग लेने वाले वैज्ञानिकों के प्रतिनिधि भी मिलेंगे।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस आयोजन के बारे में बात करते हुए, तेलंगाना रायथू संघम के उपाध्यक्ष, अरीबंदी प्रसाद राव ने कहा कि “महिलाएं कृषि में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और यही समय है जब हम कृषि क्षेत्र में उनको आने वाली समस्याओं की पहचान करें और उन्हें दूर करें।”

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किसानों के लिए खुशख़बरी: 15 मार्च से हटेगा प्याज के निर्यात पर लगा बैन

पिछले साल प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए प्याज के निर्यात पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिए थे, पर अब परिस्थितियां बदल गई हैं क्योंकि इस बार प्याज की अच्छी पैदावार होने का अनुमान है। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगा बैन हटाने का निर्णय लिया है।

इस बाबत विदेश व्यापार महानिदेशालय की तरफ से सोमवार को एक अधिसूचना जारी की गई है जिसके अनुसार, आगामी 15 मार्च से प्याज निर्यात पर लगा बैन निरस्त कर दिया गया है। इसके साथ साथ प्याज के लिए निर्धारित न्यूनतम निर्यात मूल्य की शर्त भी अब खत्म कर दी गई है।

इस अधिसूचना में यह कहा गया है कि नियमों में बदलाव के साथ प्याज की सभी किस्मों (बैंगलोर रोज और कृष्णापुरम किस्म को छोड़ कर) को वर्तमान ‘निषिद्ध’ श्रेणी की सूची से हटाकर अब ‘मुक्त’ श्रेणी की सूची में डाला गया है। इस अधिसूचना के बाद 15 मार्च से प्याज निर्यात पर लगा प्रतिबंध निरस्त हो जाएगा। इसके साथ साथ अब प्याज के निर्यात पर किसी प्रकार के कोई लेटर ऑफ क्रेडिट या फिर न्यूनतम निर्यात मूल्य की शर्त पूरी करने की भी जरुरत नहीं होगी।

सरकार के इस फैसले से किसानों को लाभ मिलेगा । इस बार किसानों को प्याज का अच्छा उत्पादन हुआ है और निर्यात पर से प्रतिबंध हटने की वजह से उन्हें प्याज की अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है। 

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FPO योजना से किसान को होगा फायदा, जानें इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां

केंद्र सरकार की तरफ से कृषि विकास हेतु आने वाले पांच वर्ष में 5000 करोड़ रुपये की बड़ी रकम खर्च की जायेगी। दरअसल केंद्र सरकार किसानों को आर्थिक मदद देकर समृद्ध बनाने की योजना पर चल रही है। अब किसान उत्‍पादक संगठन (FPO-Farmer Producer Organisation) बना कर किसान खुद का भविष्य सवारेंगे। इसके लिए सरकार की तरफ से 10,000 नए किसान उत्पादक संगठन बनाये जाने की मंजूरी दे दी है। इसकी शुरुआत पीएम मोदी ने उत्तरप्रदेश के चित्रकूट से किया है और इसके अंतर्गत आने वाले 5 वर्ष में इस पर 5000 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे।

क्या है FPO? 

FPO-Farmer Producer Organisation अर्थात कृषक उत्पादक कंपनी वैसे किसानों का समूह होता है जो कृषि उत्पादन के काम में हो और आगे चल के खेती से संबंधित व्यावसायिक गतिविधियाँ चलाने में सक्षम हो। आप भी एक समूह बना कर कंपनी एक्ट में रजिस्टर्ड हो सकते हैं।

कैसे होगा किसानों को फायदा?

कृषक उत्पादक कंपनी लघु एवं सीमांत किसानों का समूह होगा और इससे जुड़े हुए किसानों को अपने उत्पादन के लिए बाजार के साथ साथ खाद, बीज, दवा तथा खेती के उपकरण आदि भी आसानी से सस्ती दरों पर मिल पाएंगे।

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खेतों की उपज बढ़ाने के मिशन में ग्रामोफ़ोन के ग्राम सलाहकार ने जीता खिताब

आज भारत के किसानों को अगर किसी चीज की आवश्यकता है तो वह है सही समय पर सही विकल्प की, और ये बात हम सब ग्रामोफ़ोन में जानते तथा समझते है। इसीलिए ग्रामोफ़ोन के निरंतर प्रयासों की वजह से आज 3 लाख से ज़्यादा किसान ग्रामोफ़ोन से जुड़ गए हैं और समृद्धि की नई कहानी की रचना कर रहे हैं। 

किसानों को समृद्ध बनाने में ग्रामोफ़ोन के जज़्बे को अगर कोई जीवंत करता है तो वह है ग्रामोफ़ोन ग्राम सलाहकार। ऐसे ही एक जुझारू और कर्मठ सलाहकार है श्री संजय पाटीदार, जिन्होंने किसानों की मदद के लिए ग्रामोफ़ोन द्वारा लांच की गई “सॉइल समृद्धि किट” की मदद से अपने क्षेत्र के किसानों की खेतों की उर्वरता बढ़ा दी है। 

किसानों की समृद्धि का अंकुर फूटता है मिट्टी की उर्वरकता से और मिट्टी की उर्वरकता बढ़ाने के उद्देश्य से ग्रामोफ़ोन द्वारा सुझाई गई युक्ति “सॉइल समृद्धि किट” मिट्टी की उर्वरकता बढ़ने हेतु एक कारगर विकल्प है। 

हमारे ग्राम सलाहकार संजय ने सॉइल समृद्धि किट के लांच होते ही संकल्प लिया की वे इस किट के फ़ायदों की जानकारी ज़्यादा से ज़्यादा किसानों को देंगे। इसके लिए संजय ने अनगिनत फार्मर मीटिंग और विजिट्स की और किसानों को बताया की सॉइल समृद्धि किट कैसे पौधे के विकास, उपज और गुणवत्ता को बढ़ाता है, जिससे किसानों को अपनी उपज का सही मूल्य मिल सकता है।

संजय का दृढ संकल्प, सही प्लानिंग तथा कड़ी मेहनत रंग लायी है और उन्होंने पहला सॉइल समृद्धि किट सेंचुरियन बनने का खिताब अपने नाम कर लिया। संजय पाटीदार एक अनोखे उदाहरण के तौर पर उभरे हैं जिन्होंने ये साबित कर दिया है की किसान के जीवन को समृद्ध करने की अगर मंशा हो तो कुछ भी असंभव नहीं है।

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किसानों के हितों का ध्यान रखते हुए सरकार ने प्याज़ के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटाया

Gramophone's onion farmer

प्याज़ की खेती करने वाले किसानों के हितों का ध्यान रखते हुए सरकार ने 26 फरवरी के दिन प्याज़ के निर्यात पर लगाया गया छह माह पुराना प्रतिबंध हटा दिया है। इससे किसानों को अपनी प्याज़ की फसल के लिए बड़ा बाजार मिलेगा और उन्हें मुनाफ़ा भी ज्यादा मिलेगा। 

ग़ौरतलब है की सितंबर 2019 में प्याज़ की बढ़ी हुई कीमतों को देखते हुए सरकार ने इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। पर अब स्थितियाँ बदल गई हैं और प्याज़ के रेट स्थिर हो गए हैं। इसके साथ साथ देश में प्याज़ की बम्पर पैदावार भी हुई है जिसे देखते हुए खाद्य मंत्री रामविलास पासवान प्याज़ के निर्यात पर से प्रतिबंध हटाने की घोषणा की है।

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केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने में बीजों की भूमिका को बताया अहम

किसी भी फसल से बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के लिए जिस चीज की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है वो है उन्नत किस्म के बीज। बीज की इसी महत्ता को केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने समझा और नई दिल्ली में आयोजित भारतीय बीज कांग्रेस – 2020 को संबोधित करते हुए इस पर वक्तव्य भी दिया।

कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा है कि “भारत एक कृषि प्रधान देश है, हमारे देश की अर्थव्यवस्था गांव और कृषि पर निर्भर है, कृषि और गांव के ताने बाने के परिणाम स्वरूप अर्थव्यवस्था को लगने वाले झटकों से उबरने में सफलता मिली है।” बीज की भूमिका पर बात करते हुए उन्होंने कहा की “बीज उत्पादकों के अनुसंधान और वैज्ञानिकों के योगदान के फलस्वरूप आज देश खाद्यान्न की दृष्टि से आत्मनिर्भर ही नहीं बल्कि आवश्यकता से अधिक उत्पादन करके एक कीर्तिमान स्थापित करने में भी सफल हुआ है।”

किसानों का सच्चा साथी ग्रामोफ़ोन भी बेहतर कृषि हेतु बीजों की अहमियत को समझता है और इसीलिए उन्नत किस्म के बीज किसान भाइयों के घर तक बिना किसी डिलीवरी चार्ज के पहुँचाता है। उन्नत किस्म के बीज अपने घर पर मंगाने के लिए किसान भाई ग्रामोफ़ोन कृषि एप के ‘बाजार’ सेक्शन से इसके लिए ऑर्डर कर सकते हैं या फिर टोल फ्री नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल कर के भी बीज मंगवा सकते हैं।

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मिर्च महोत्सव: पूरे देश में प्रसिद्ध होगी निमाड़ की मिर्ची, किसानों को होगा फायदा

chilli festival

मध्यप्रदेश के निवासी पहले से निमाड़ की प्रसिद्ध तीखी मिर्ची के बारे में जानते हैं पर अब इसकी प्रसिद्धि देश और दुनिया में भी फैलने लगी है। आगामी 29 फरवरी और 1 मार्च के दौरान मिर्च महोत्सव होने वाला है। यह दो दिवसीय राज्य स्तरीय महोत्सव कसरावद में आयोजित होगा जिसका मुख्य लक्ष्य राज्य सरकार द्वारा निमाड़ी मिर्च की ब्रांडिंग करना है।

इस महोत्सव का सीधा फायदा क्षेत्र में मिर्ची की खेती करने वाले किसानों को होगा। इससे निमाड़ और इसके आसपास के क्षेत्रों में उगाई जाने वाली मिर्ची की ब्रांडिंग होगी और देश विदेश में नए बाजार खुलेंगे।

इस आयोजन में 25 से अधिक कृषि वैज्ञानिक किसानों को मिर्ची की फसल के उत्पादन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ देंगे। यहाँ आपका अपना ग्रामोफोन भी आपकी सेवा के लिए उपस्थित रहेगा। आप इस महोत्सव में हमारे कृषि विषेशज्ञों से भी किसी भी प्रकार की कृषि संबंधित सलाह ले सकते हैं।

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किसान भाई ऐसे करें पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए आवेदन

  • इसके आवेदन के लिए एक पेज का आसान फॉर्म बनाया गया है, जिसमे बेसिक जानकारियों के लिए बैंक रिकॉर्ड और साथ ही फसल की बुआई संबंधित जानकारी के साथ भूमि संबंधित विवरण के एक प्रति की आवश्यकता होगी।
  • यह आवेदन फॉर्म पूरे भारत के सभी प्रमुख अखबारों में प्रकाशित होगा और पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत आने वाले लाभार्थी इसे काट कर भर सकते हैं।
  • आप चाहें तो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की वेबसाइट, कृषि विभाग, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग की वेबसाइट और PM- KISAN से भी यह आवेदन फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं।
  • कॉमन सर्विस सेंटरों को आवेदन फॉर्म भरने और संबंधित बैंक को भेजने की अनुमति दी गई है।
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पीएम-किसान पेआउट के साथ अब मिलेगा अतिरिक्त लाभ, 14 करोड़ किसानों को होगा फायदा

  • किसानों को हर वर्ष मिलेंगे 6000 रुपये।
  • पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए पात्र किसान ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ भी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
  • किसानों को 4% ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का ऋण मिलेगा।
  • इसके अंतर्गत आने वाले पात्र किसान, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) का भी लाभ उठा सकते हैं।
  • ये दोनों योजनाएं दो लाख रुपए के बीमाकृत मूल्य के लिए दुर्घटना बीमा एवं जीवन बीमा क्रमशः 12 रूपये और 330 रूपये के प्रीमियम पर प्रदान करती है।
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सरकार की बड़ी पहल, किसानों को कम्बाइन हार्वेस्टर पर भी मिलेगा 50 फीसद तक सब्सिडी

  • मध्यप्रदेश सरकार ने इस वर्ष से किसानों को कम्बाइन हार्वेस्टर खरीदने पर भी सब्सिडी देने का निर्णय लिया है.
  • किसानों को कृषि यंत्रों पर दिये जाने वाली सब्सिडी राशि में भी वृद्धि की गई है.
  • मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अब लघु, सीमांत, अनुसूचित-जाति, अनुसूचित-जनजाति तथा महिला किसानों को कृषि यंत्रों की खरीदी पर कीमत का 50 फीसद तथा अन्य किसानों को कीमत का 40 फीसद सब्सिडी दिया जाएगा.
  • इस ख़बर आइके बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप https://dbt.mpdage.org/Eng_Index.aspx पर संपर्क कर सकते है.
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