मंडी भाव: मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या है सब्जियों और अन्य अनाजों का भाव?

इंदौर डिविज़न के अंतर्गत आने वाले बडवानी जिले के सेंधवा मंडी में बिना ओटी हुई कपास का भाव 5610 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है। इसके अलावा इसी मंडी में टमाटर, पत्ता गोभी, फूलगोभी, बैंगन, भिण्डी, लौकी आदि सब्जियों का भाव क्रमशः 950, 950, 1050, 1100, 1050,1050 रुपये प्रति क्विंटल है।

इसके अलावा उज्जैन डिविज़न के अंतर्गत आने वाले शाजापुर जिले के शुजालपुर कृषि उपज मंडी में गेहूं 1530 रुपये प्रति क्विंटल, कांटा चना 4500 रुपये प्रति क्विंटल, काबुली चना 5000 रुपये प्रति क्विंटल, मौसमी चना 4650 रुपये प्रति क्विंटल, हरा चना 5000 रुपये प्रति क्विंटल और मसूर 5100 रुपये प्रति क्विंटल है।

स्रोत: किसान समाधान

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मध्य प्रदेश के 5 लाख किसानों के बैंक खातों में दी गई 2000 रुपये की किश्त

2000 rupees given in bank accounts of 5 lakh farmers of Madhya Pradesh

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की तर्ज पर कुछ राज्य सरकारों की तरफ से भी किसानों को आर्थिक मदद देने हेतु योजनाएं बनाई गई है। ऐसी ही एक योजना मध्यप्रदेश सरकार ने भी शुरू की है जिसका नाम है “मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना” और इस योजना के अंतर्गत पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी किसान परिवारों को 4000 रुपये 2 किस्तों में दिए जाने हैं।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 2 नवम्बर को इसी योजना के अंतर्गत प्रदेश के उपचुनाव वाले 19 जिलों को छोड़कर 5 लाख किसानों को कुल 100 करोड़ रुपए भेजे। बता दें की इस योजना के अंतर्गत किसान परिवारों को दी गई 2000 रुपये की यह पहली किश्त है।

स्रोत: किसान समाधान

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किसानों की आय 40% तक बढ़ाने में सफल हो रहा है ग्रामोफ़ोन एप

Gramophone app is increasing farmers' income by 40%

साल 2016 में अपने शुरुआत के समय से अब तक पांच लाख से ज्यादा किसान ग्रामोफ़ोन से जुड़ चुके हैं और उनकी कृषि में बहुत सारे सकारात्मक सुधार भी देखने को मिले हैं। ग्रामोफ़ोन के कृषि विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में हज़ारों किसानों के आय में अच्छी वृद्धि देखने को मिली है। बहुत सारे किसानों की आय में औसतन 40% तक की वृद्धि देखने की मिल रही है।

खंडवा जिले के किसान पूनम चंद सिसोदिया ने अपनी सोयाबीन की फसल को बुआई के समय ही ग्रामोफ़ोन एप से जोड़ दिया और उन्हें सभी जरूरी सलाहें फ़ोन पर मिलती रहीं। इसका प्रतिफल उपज में 60% वृद्धि के रूप में सामने आया। इसके अलावा कृषि लागत में भी कमी आई।

खंडवा जिले के ही सागर सिंह सोलंकी ने भी ग्रामोफ़ोन एप के इस्तेमाल से अपनी कृषि लागत को 21% घटाया और आय में 25% की वृद्धि की। उनका कुल मुनाफ़ा पहले की तुलना में 37% तक बढ़ गया।

ऐसे ही एक किसान हैं देवास जिले निवासी विनोद गुज्जर जिनके लिए ग्रामोफ़ोन का मूंग समृद्धि किट किसी वरदान की तरह साबित हुआ। किट के उपयोग से 5 एकड़ में बोई गई फसल की उपज पहले के 25 क्विंटल से बढ़कर 30 क्विंटल हो गई। उपज बढ़ने के साथ ही आय में 38% और प्रॉफिट में 100% का इज़ाफा भी हुआ।

देवास के ही एक दूसरे किसान रामनिवास परमार की सोयाबीन की फसल को ग्रामोफ़ोन की सोया समृद्धि किट ने इतना अच्छा पोषण दिया की फसल से प्राप्त मुनाफ़ा पहले से 180% बढ़ गया और फसल से प्राप्त उपज की क्वालिटी इतनी बढ़िया हुई की मंडी में इसका मूल्य भी अन्य किसानों की उपज से अधिक मिला।

इन किसानों की तरह ही लाखों किसान ग्रामोफ़ोन की उच्च सेवाओं का लाभ ले रहे हैं और अपनी आय में वृद्धि करने के साथ साथ अपनी कृषि लागत को भी कम कर रहे हैं। महज चार साल में ग्रामोफ़ोन ने अपने ही द्वारा निश्चित किये गए लक्ष्य को प्राप्त करने लगा है। आने वाले दिनों में ग्रामोफ़ोन पूरे देश के किसानों से जुड़ कर भारतीय कृषि और भारतीय किसानों को आधुनिक स्मार्ट खेती करने के लक्ष्य पर चल पड़ा है।

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ग्रामोफ़ोन के मार्गदर्शन में महज 1.5 साल में किसान की वार्षिक कमाई बढ़ कर हुई 25 लाख

साल 2016 में जब ग्रामोफ़ोन की शुरुआत हुई तब से लेकर अब तक 5 लाख से भी ज्यादा किसान ग्रामोफ़ोन से जुड़े हैं और इस जुड़ाव से किसानों की समृद्धि भी बढ़ रही है। इन्ही समृद्ध किसानों में से एक है खरगोन जिले के भीकनगांव तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव पीपरी के निवासी शेखर पेमाजी चौधरी।

डेढ़ साल पहले टीम ग्रामोफ़ोन जब शेखर पेमाजी चौधरी से मिली थी तब उन्होंने अपने करेले के हरे भरे खेत दिखाए थे और बताया था की उन्होंने ग्रामोफ़ोन की सलाह पर अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण करवाया और इसी कारण करेले की फसल से उन्हें करीब 8 लाख की कमाई हुई। इस शुरूआती सफलता के करीब डेढ़ साल बाद आज शेखर एक समृद्ध किसान हो गए हैं और अपने आसपास के अन्य किसानों के लिए एक आदर्श की तरह साबित हुए हैं।

पिछले दिनों जब एक बार फिर टीम ग्रामोफ़ोन शेखर से मिलने पहुंची तो उन्होंने अपनी समृद्धि के पीछे की बड़ी ही प्रेरक कहानी बताई। उन्होंने बताया की कैसे पिछले डेढ़ साल में उन्होंने अपने छह एकड़ के खेतों में अपनी मेहनत और ग्रामोफ़ोन की सलाहों की मदद से खेती की और सालाना 25 लाख की कमाई की। उन्होंने यह भी बताया की इस कमाई से उन्होंने 16 लाख का घर बनाया और 8 लाख की कार भी खरीदी। बता दें की शेखर जी की 25 लाख की कुल कमाई में करीब 12 लाख का कृषि खर्च आता है और 13 लाख का मुनाफ़ा उन्हें हर साल मिलता है।

शेखर जी की यह कहानी सभी किसान भाइयों के लिए एक प्रेरणादायी है। दूसरे किसान भाई भी शेखर जी की तरह ग्रामोफोन से जुड़ कर समृद्ध हो सकते हैं। ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के लिए आप या तो टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्डकॉल करें या फिर ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर लॉगिन करें।

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केंद्र सरकार ने प्याज के बीज एक्सपोर्ट पर लगा दी है रोक, जानें वजह

Why did the central government ban onion seed exports

कुछ हफ्ते पहले प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब इसी कड़ी में सरकार ने प्याज के बीजों के एक्सपोर्ट पर भी अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है। देश में प्याज की उपलब्धता बरकरार रहे इसी वजह से सरकार ने यह निर्णय लिया है।

इस निर्णय की जानकारी विदेश व्यापार निदेशालय की तरफ से दी गई है। निदेशालय द्वारा जारी की गई एक अधिसूचना में यह बताया गया कि प्याज के बीज के एक्सपोर्ट को निषिद्ध श्रेणी डाल दिया गया है, पहले यह प्रतिबंधित श्रेणी में था।’ इसका मतलब यह हुआ की अब प्याज के बीज के एक्सपोर्ट पर पूरी तरह से रोक लग गई है।

स्रोत: कृषि जागरण

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खुशखबरी: जल्द ही सब्जियों की भी समर्थन मूल्य पर होगी खरीदी

Soon vegetables will also be purchased on support price

केरल सरकार की तरफ से कुल 21 खाने–पीने की वस्तुओं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण कर दिया गया है और इसमें 16 प्रकार की सब्जियों को भी शामिल किया गया हैं। केरल सरकार यह व्यवस्था एक नवंबर से शुरू करने जा रही है। केरल की ही तरह मध्यप्रदेश सरकार भी कुछ इसी प्रकार का कदम उठाने की सोच रही है।

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार भी अब सब्जियों को एमएसपी पर खरीदने की तैयारी में है। ये बातें मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कही। उन्होंने कहा कि “अनाज के समर्थन मूल्य के बाद अब सब्जियों के न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने की योजना प्रदेश सरकार बना रही है ताकि कृषि उद्योग की श्रेणी में आ जाए। गेहूं, चना, मूंग, मक्का की समर्थन मूल्य पर खरीदी के बाद अब सब्जियां भी समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएंगी।”

स्रोत: जागरण

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समर्थन मूल्य पर कपास की खरीदी जारी, अब तक हुई करीब 1300 करोड़ की खरीदी

Cotton procurement Continued at MSP

भारतीय खाद्य निगम तथा राज्यों की खरीद एजेंसियों की तरफ से खरीफ फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीदी जारी है। मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में समर्थन मूल्य के अंतर्गत कपास का खरीद अभियान जारी है। ख़बरों के अनुसार 27 अक्टूबर तक, करीब 1300 करोड़ रुपये मूल्य के कुल 4,42,266 कपास गांठों की खरीद की गई है और इससे 84138 किसानों ने लाभ उठाया है।

बात करें धान की तो अब तक 26 प्रतिशत से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है। समर्थन मूल्य पर अब तक कुल 32196 करोड़ रुपये मूल्य की 170.53 लाख टन धान की खरीदी हो गई है। पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, तमिलनाडु, उत्तराखंड, चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर, केरल और गुजरात में धान की खरीदी तेजी से जारी है जहां अब तक 170.53 लाख टन धान खरीदा गया है।

स्रोत: नवभारत टाइम्स

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सरकार की भंडारण सीमा निर्धारण के बाद कौन कितना प्याज स्टोर कर सकता है?

After the government's storage limit, how much onion can be stored?

हर साल इस वक़्त पर प्याज की कीमतें आसमान छूने लगती है। इसी को देखते हुए सरकार कई कदम उठा रही है। इस फेहरिस्त में सरकार ने शुक्रवार को प्याज के भंडारण से जुड़े नियमों में कुछ बदलाव किये हैं। अब प्याज के भंडारण पर लिमिट लगा दी गई है।

वर्तमान में कई राज्यों में प्याज की कीमतें बहुत बढ़ गई हैं। शुक्रवार को सरकार ने थोक विक्रेताओं के लिए प्याज भंडारण की लिमिट 25 मीट्रिक टन तथा खुदरा व्यापारियों के लिए 2 मीट्रिक टन निर्धारित कर दी है। हालांकि आयातित प्याज पर यह लिमिट लागू नहीं होगी। सरकार का मानना है की इस कदम से प्याज की बढ़ती कीमतों को कम करने में मदद मिलेगी।

स्रोत: कृषक जगत

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पीएम किसान योजना: 31 अक्टूबर तक करें रजिस्ट्रेशन और नवंबर-दिसंबर में उठाएं लाभ

अगर आपने अभी तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है तो यह खबर आपके लिए है। जो किसान अब तक इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएं हैं वे आने वाली 31 अक्टूबर से पहले आवेदन कर सकते हैं। अगर उनका आवेदन स्वीकार कर लिया जाता है, तो उन्हें नवंबर में 2 हजार रुपए की एक किस्त मिलेगी साथ ही दिसंबर में दूसरी किस्त भी मिल जायेगी।

ग़ौरतलब है की केंद्र सरकार द्वारा शुरू किये गए इस प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत किसानों को हर साल तीन किश्तों में 6 हजार रुपए दिए जाते हैं। बता दें की इस योजना से अब तक किसानों के खाते में 6 किस्त भेजे गए हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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इस स्कीम से किसानों को पीएम किसान के 6000 के अलावा और 5000 रूपये मिलेंगे

In this scheme, farmers will get 5000 rupees in addition to PM Kisan 6000

किसानों को फायदा पहुँचाने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही एक नई खुशख़बरी देने वाली है। अब किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत मिलने वाले 6000 रुपए के अलावा 5000 रुपए और देने की तैयारी चल रही है। इसका मतलब ये हुआ की अब किसानों को 6000 रूपये की जगह पर हर साल 11000 रुपए की रकम मिलेगी।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत मिलने वाले 6000 रुपए के अलावा जो 5000 रुपए दिए जाने की बात चल रही है वो दरअसल किसानों को खाद के लिए मिलेगी। इस योजना से सरकार बड़ी-बड़ी खाद कंपनियों को सब्सिडी देने के बदले सीधे किसानों के खाते में पैसा भेजने की सोच रही है।

बता दें की कृषि लागत एवं मूल्य आयोग ने केंद्र सरकार से किसानों को सीधे 5000 रुपए सालाना खाद सब्सिडी के रूप में नगद देने की अपील की है। आयोग यह चाहता है कि यह पूरी रकम किसानों को 2500 रुपए की दो किश्तों में भुगतान किये जाएँ। इनमे पहली किश्त खरीफ सीजन के आरम्भ में और दूसरी किश्त रबी सीजन के आरम्भ में दिए जाएँ।

स्रोत: कृषि जागरण

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