बजट सत्र 2018-19 में कृषि क्षेत्र के मुख्य बिंदु

सरकार ने आगामी खरीद की फसलों को उत्पादन लागत से कम-से-कम डेढ़ गुना कीमत पर लेने का फैसला ले लिया है। किसानों को लागत से डेढ़ गुना कीमत मिले, इसे सुनिश्चित करने के लिए बाजार मूल्य और एमएसपी में अंतर की रकम सरकार वहन करेगी।

-86 प्रतिशत से ज्यादा किसान छोटे या सीमांत किसान हैं। इनके लिए मार्केट तक पहुंचना आसान नहीं है। इसलिए सरकार इन्हें ध्यान -रखकर इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करेगी।

-ऐसे पौधे जिनका दवाइयों में इस्तेमाल होता हो उनका भी सरकार उत्पादन बढ़ाने के लिए बढ़ावा देगी।
-जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए सरकार पूरा प्रयास कर रही है।
-टमाटर, आलू, प्याज का इस्तेमाल मौसम के आधार पर होता है, सालभर। ऑपरेश ग्रीन लॉन्च की जाएगी, ऑपरेशन फ्लड की तौर पर। 500 करोड़ रुपये इसके लिए रखे जाएंगे।
-क्रेडिड कार्ड मछुआरों और पशुपालकों को भी मिलेगा।
-42 मेगा फूड पार्क बनेगा।
-मछली पालन और पशुपालन के लिए 10 हजार करोड़ रुपये रखे जा रहे हैं।
-किसान कृषि लोन की सुविधा से वंचित रह जाते हैं, ये बंटाईदार होते हैं, जिनको बाजार से कर्ज लेना पड़ता है। नीति आयोग ऐसी व्यवस्था बना रहा है कि ऐसे किसानों को कर्ज लेने में सुविधा मिले।

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