इन राज्यों में हल्की बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की है संभावना

Weather Forecast

समुद्री तूफान अब अंडमान और निकोबार के उत्तर में चला गया है। यह एक डीप डिप्रेशन के रूप में देखा जा सकता है। 22 मार्च के दोपहर के आसपास यह उत्तरी म्यानमार के ऊपर एक डिप्रेशन के रूप में लैंडफॉल करेगा ज्यादा नुकसान की आशंका नहीं है। हवाओं की दिशा में परिवर्तन होने से दिल्ली पंजाब हरियाणा तथा राजस्थान सहित गुजरात के कुछ भागों में तापमान में हल्की गिरावट दर्ज की गई है। दक्षिण भारत के अधिकांश राज्यों में हल्की बारिश और गरज के साथ बौछारें संभव है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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सस्ते में बनाएं अपना घर, ग्रामीण हाउसिंग फाइनेंस होगी मददगार

Grameen Housing Finance

ग्रामीण हाउसिंग फाइनेंस की मदद से आप भी अपना घर सस्ते में बना सकते हैं। वीडियो के माध्यम से जानिए इसकी सम्पूर्ण जानकारी।

स्रोत: यूट्यूब

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ग्रीन हाउस पर किसानों को 70% की बंपर सब्सिडी, जानें पूरी प्रक्रिया

Bumper subsidy of 70% to farmers on a greenhouse

आज के समय किसानों के लिए संरक्षित खेती एक अच्छा विकल्प है। इसके माध्यम से देश के कई किसान ग्रीन हाउस में सब्जी एवं फूलों की खेती कर बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं। हालाकि संरक्षित खेती के लिए देश का हर किसान आर्थिक तौर पर सक्षम नहीं है। किसानों की इस परेशानी को कम करने के लिए सरकार इच्छुक किसानों को अनुदान देती है, ताकि किसानों की आर्थिक मुश्किल का हल निकाला जा सके।

इसी कड़ी में राजस्थान सरकार अपने राज्य के किसानों के लिए एक बंपर योजना लेकर आई है। इसके तहत राज्य में किसानों को ग्रीन हाउस लगाने एवं उसमें खेती करने के लिए 70 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। इसकी मदद से किसान ग्रीन हाउस, पॉली हाउस, शेड नेट हाउस आदि बनाकर संरक्षित खेती कर सकते हैं।

राजस्थान में राष्ट्रीय बागवानी मिशन एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत इस कार्यक्रम को चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत राज्य के सामान्य श्रेणी के किसानों को ग्रीन हाऊस निर्माण के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। वहीं लघु, सीमांत, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान के अलावा 20 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जाता है।

बता दें कि इससे पहले किसानों को ‘पहले आओ पहले पाओ’ योजना के आधार पर अनुदान दिया जाता था। फिलहाल किसानों को चयन करने की इस प्रक्रिया को बदल दिया गया है। गत वर्ष से इस योजना तहत लॉटरी द्वारा चयनित किसानों को ही अनुदान दिया जाता है। आप भी राज्य की इस किफायती योजना से जुड़कर संरक्षित खेत के माध्यम से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

स्रोत: किसान समाधान

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इस तारीख से शुरू हुई गेहूँ, चना, मसूर व सरसों की एमएसपी पर खरीदी

Purchase of wheat gram lentils and mustard at MSP started from this date

मध्यप्रदेश ने भी अन्य राज्यों की तरह रबी फसल खरीदी के लिए तैयारियां शुरु कर दी हैं। इस साल राज्य सरकान ने गेहूँ, चना, मसूर एवं सरसों को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी पर खरीदने का फैसला किया है। इन्हीं तैयारियों को आगे बढ़ाते हुए सरकार द्वारा फसल खरीदी के लिए तारीखों का ऐलान भी कर दिया गया है।

घोषणा के अनुसार राज्य में किसानों से चना, मसूर और सरसों खरीदी कार्यक्रम 21 मार्च से शुरू कर दिया गया है। इसके लिए कृषि विभाग की ओर से वार्षिक कैलेंडर भी जारी कर दिया गया है। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा हर साल 23 फसलों के एमएसपी घोषित किए जाते हैं। इन्हीं मूल्यों के आधार पर ऐजेंसिंयों के माध्यम से सरकार किसानों से खरीदी करती है। वहीं इस बार केंद्र सरकार की ओर से जारी 2022-23 का एमएसपी इस प्रकार है-

  • 2015 रूपये प्रति क्विंटल गेहूँ

  • 5230 रूपये प्रति क्विंटल चना

  • 5500 रूपये प्रति क्विंटल मसूर

  • 5050 रूपये प्रति क्विंटल सरसों

बता दें कि राज्य सरकार ने एमएसपी फसलों की खरीद के लिए 5 फरवरी से 5 मार्च के बीच किसान भाईयों से आवेदन करने की मांग की थी, हालांकि पंजीयन अवधि को 10 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया गया था। इस प्रक्रिया के पूरे होने के बाद सरकार अब उन पंजीकृत किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चना, मसूर एवं सरसों खरीदने जा रही है।

स्रोत: किसान समाधान

अपनी फसल की बिक्री के लिए ना हों परेशान, ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार पर घर बैठे भरोसेमंद खरीददारों से करें डायरेक्ट बात और सौदा करें तय।

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इंदौर मंडी में 22 मार्च को क्या रहे प्याज भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 22 मार्च के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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इंदौर मंडी में 22 मार्च को लहसुन के भाव क्या रहे?

Mandsaur garlic Mandi bhaw,

वीडियो के माध्यम से देखें, मध्य प्रदेश के इंदौर मंडी में आज क्या रहे लहसुन के भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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तरबूज में 60 से 65 दिनों की अवस्था पर किये जाने वाले आवश्यक छिड़काव

Necessary spraying to be done after 60-65 days of watermelon sowing
  • किसान भाइयों तरबूज की बुवाई के 60 – 65 दिनों के बाद तरबूज की फसल फल विकास वाली अवस्था में होती है। 

  • फसल की इस अवस्था में स्वस्थ एवं अच्छे फल प्राप्त करने के लिए पौधों को फल मक्खी, सफेद मक्खी, रेड पम्पकिन बीटल, पर्ण सुरंगक, डाउनी मिल्ड्यू, एंथ्रेक्नोज, गमोसिस आदि की समस्याएं देखी जाती है। इसके समाधान के लिए निम्न सिफारिशें उपयोग में ला सकते हैं।    

  • नोवालक्सम (थियामेथोक्साम 12.6% + लैम्डा सिहलोथ्रिन 9.5% जेडसी) @ 80 मिली + अटाब्रोन (क्लोरफ्लुज़ुरोन 5.4% ईसी) @ 300 मिली + संचार (मैनकोज़ेब 64% + मेटैलेक्सिल 8% डब्ल्यूपी) @ 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

  • अच्छे फल विकास के लिए जल घुलनशील उर्वरक आदित्य (00:00:50) @ 1 किलो/एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

  • फल मक्खी के अच्छे प्रबंधन के लिए 10 फेरोमोन ट्रैप प्रति एकड़ की दर से आवश्यक रूप से उपयोग करें।

अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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समुद्री तूफान असानी से जुड़े अपडेट, देखें कहाँ दिखेगा इसका असर?

know the weather forecast,

बंगाल की खाड़ी में बना समुद्री तूफान असानी अब धीरे-धीरे म्यानमार की ओर बढ़ रहा है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में बारिश कम होने लगेगी। दिल्ली सहित पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है दक्षिण भारत में प्री मानसून गतिविधियां जारी रहेगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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इस राज्य के किसानों को ट्रैक्टर खरीदी पर मिल रही बंपर सब्सिडी

Farmers of this state are getting bumper subsidy on tractor purchase

कृषि क्षेत्र में आधुनिक कृषि यंत्रों के आने से खेती की लागत एवं श्रम में कमी आई है। जिनमें ‘ट्रैक्टर’ खेती में काम आने वाला सबसे उपयोगी लेकिन महंगा यंत्र है। वहीं देश का हर किसान ट्रैक्टर या अन्य आधुनिक यंत्रों को खरीदने में सक्षम नहीं है। किसानों की इन मुश्किलों को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार कई योजनाएं लेकर आई है। इसके तहत आधुनिक कृषि यंत्र खरीदने के इच्छुक किसानों को सरकार आर्थिक मदद देगी।

बता दें कि ‘छत्तीसगढ़ एग्रीकल्चर मेकेनाईजेशन एंड माइक्रो इरिगेशन मानीटरिंग प्रॉसेस सिस्टम’ एवं ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना’ के तहत राज्य के किसानों को भारी सब्सिडी पर कृषि यंत्र दिए जा रहे हैं। इस योजना के तहत लाभार्थी किसानों को कृषि यंत्र खरीदने के लिए 40 से 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है। जहां राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु और सीमांत कृषकों समेत महिला कृषकों को सरकार द्वारा 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा सामान्य वर्ग के किसानों को 40 प्रतिशत की सब्सिडी देने की योजना है।

आकड़ों की मानें तो वित्त वर्ष 2019-20 से 31 जनवरी 2022 तक राज्य के 1,128 किसान सब्सिडी की सहायता से ट्रैक्टर खरीद चुके हैं। वहीं सरकार के अनुसार वो इस योजना पर लगातार काम कर रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान भाई इस योजना का लाभ उठा सकें।

स्रोत: किसान समाधान

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इलेक्ट्रिक वाहन पर मिलेगी बंपर सब्सिडी, 50 हजार तक की होगी बचत

Bumper subsidy on electric vehicles

सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए काफी जोर दिया जा रहा है। इस क्रम में ओडिशा सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर लोगों को 50 हजार तक की सब्सिडी दे रही है। अगर आप भी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना चाहते हैं तो यह आपके लिए एक बेहतरीन मौका है।

राज्य सरकार ने ओडिशा इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2021 के तहत इस योजना की शुरूआत की थी। इसके अनुसार तिपहिया वाहन की खरीदी पर 15 प्रतिशत की सब्सिडी की सीमा 10 हजार रूपये तक तय की गई। वहीं चार पहिया वाहनों को खरीदने पर 50 हजार रूपए तक की सब्सिडी देने की योजना है। हालांकि इस योजना का लाभ ग्राहक 31 दिसबंर 2025 तक ही उठा सकते हैं।

सरकार की ओर से इस योजना से संबंधित एक पोर्टल की स्थापना भी की गई है। यहां पर इस योजना से जुड़ी बिक्री, खरीद प्रोत्साहन के क्रेडिट और लोन पर सब्सिडी की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसी के साथ ही सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए जल्द बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी लाने की घोषणा की है। इसके अलावा सरकार ने राज्य में ज्यादा से ज्यादा चार्जिंग स्टेशन के विकास पर भी जोर दिया है, ताकि लोगों को वाहन इस्तेमाल करने के दौरान किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।

स्रोत: पत्रिका

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