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किसी भी फसल से अच्छे उत्पादन की प्राप्ति के लिए फसल में कवक जनित रोगों का नियंत्रण करना बहुत आवश्यक होता है।
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कवक जनित रोगों की रोकथाम में ‘सावधानी ही सुरक्षा है’ का मूल मंत्र काम करता है।
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इस रोग का प्रकोप होने से पहले हीं उपचार करना बहुत आवश्यक होता है। अर्थात इसके लिए बुआई के पूर्व ही नियंत्रण कर लेना बहुत आवश्यक होता है।
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सबसे पहले बुआई के पूर्व मिट्टी उपचार करना बहुत आवश्यक होता है।
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मिट्टी उपचार के बाद बीजों को कवक रोगों से बचाव के लिए कवकनाशी से बीज़ उपचार करना बहुत आवश्यक है।
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बुआई के 15-25 दिनों में कवकनाशी का छिड़काव करें जिससे की फसल को अच्छी शुरुआत मिल जाए एवं जड़ों विकास अच्छे से हो जाए।
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इसके अधिक प्रकोप की स्थिति में हर 10 से 15 दिनों में छिड़काव करते रहें।
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