- जिस प्रकार मटर की बुआई के समय पोषण प्रबंधन किया जाता है ठीक उसी प्रकार बुआई के 15 दिनों में पोषण प्रबंधन किया जाना बहुत आवश्यक होता है।
- बुआई के 15 दिनों में पोषण प्रबंधन करने से मटर की फसल को बहुत अच्छी शुरुआत मिलती है।
- पोषण प्रबंधन मटर की फसल को कवक जनित एवं किट जनित रोग के प्रति प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करने में सहायता प्रदान करता है।
- इस समय पोषण प्रबंधन करने के लिए सल्फर 90% @ 5 किलो/एकड़ + जिंक सल्फ़ेट @ 5 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार के रूप में उपयोग करें।
- यह ध्यान रखें की पोषण प्रबंधन के समय खेत में पर्याप्त नमी जरूर हो।
बुआई के समय पोषण प्रबंधन कर भिन्डी की फसल को दें बेहतर शुरुआत
- भिन्डी की फसल सभी प्रकार की मिट्टी में उगाई जा सकती है ।
- पर भिन्डी की बुआई से पहले खेत में अच्छे से जुताई करना जरूरी होता है।
- बात करें पोषण प्रबंधन की तो भिन्डी की फसल में बुआई के समय पोषण प्रबंधन रासायनिक और जैविक दो तरीकों से दिया जाता है।
- रासायनिक प्रबंधन: DAP @ 75 किलो/एकड़ + MOP@ 30 किलो/एकड़ की दर से भुरकाव करें।
- जैविक उपचार: ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ + NPK बैक्टीरिया@ 100 ग्राम/एकड़ + सीवीड, एमिनो, ह्यूमिक एसिड, मायकोराइज़ा @ 2 किलो/एकड़ + ज़िंक सोलुब्लाइजिंग बैक्टीरिया @ 100 ग्राम/एकड़ की दर मिट्टी उपचार के रूप में उपयोग करें।
भिन्डी की उन्नत खेती के लिए बुआई पूर्व ऐसे करें बीज़ उपचार
- जिस प्रकार बुआई के पूर्व मिट्टी उपचार आवश्यक होता है ठीक उसी प्रकार बुआई के पूर्व बीज उपचार बहुत आवश्यक होता है।
- बीज उपचार करने से बीज जनित रोगों का नियंत्रण होता है साथ ही अंकुरण भी अच्छा होता है।
- बीज उपचार हम रासायनिक और जैविक दो विधियो से कर सकते हैं।
- रासायनिक उपचार: बुआई से पहले कवक जनित रोगों से बचाव के लिए कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% WS @ 3 मिली/किलो बीज की दर से बीज़ उपचार करें।
- कीट जनित रोगों एवं कीटों से बचाव के लिए इमिडाक्लोप्रिड 48% FS @ 4 मिली/किलो बीज या थियामेंथोक्साम 30% FS @ 4 मिली/किलो बीज की दर से बीज़ उपचार करें।
- जैविक उपचार: ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 5 ग्राम/किलो + PSB @ 2 ग्राम/किलो बीज़ या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 5 ग्राम/किलो बीज की दर बीज उपचार करें।
- इस प्रकार बीजों को अच्छी तरह से उपचारित करके ही लगाना चाहिए एवं बुआई के समय भूमि में पर्याप्त नमी भी बनाये रखना चाहिए।
भिन्डी की फसल बुआई के पूर्व मिट्टी उपचार कैसे करें?
- जिस खेत में भिंडी के बीज की बुआई की जानी चाहिए उस खेत का बुआई के पूर्व मिट्टी उपचार करना बहुत आवश्यक होता है।
- खेत का मिट्टी उपचार मिट्टी जनित कीटों एवं कवकों से पौध की रक्षा करने लिए किया जाता है।
- पुरानी फसलों के जो अवशेष खेत में रह जाते है वे अवशेष हानिकारक कवकों एवं कीटों के उत्पन्न होने का कारण बनते हैं। इन्ही कवकों एवं कीटों के नियंत्रण लिए बुआई के पूर्व मिट्टी उपचार करना बहुत आवश्यक होता है।
- FYM @ 10 टन/एकड़ और कम्पोस्टिंग बैक्टीरिया @4 किलो/एकड़ और ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार करें।
ग्रामोफ़ोन की खास पेशकश समृद्धि किट का उपयोग फसल में कैसे एवं कब करें
- ग्रामोफ़ोन की खास पेशकश समृद्धि किट का उपयोग बुआई के समय मिट्टी उपचार के रूप में किया जाता है।
- अगर बुआई के समय समृद्धि किट का उपयोग नहीं कर पाएं हैं तो इसका उपयोग बुआई के 15 दिनों के अंदर किया जा सकता है।
- इसका उपयोग बुआई के बाद पहली उर्वरक खुराक के साथ किया जा सकता है।
- बुआई के 15 दिनों में उपयोग करते समय एक बात का विशेष ध्यान रखे की समृद्धि किट के साथ सल्फर का उपयोग ना किया जाए।
- ग्रामोफ़ोन की खास पेशकश समृद्धि किट को मुख्य रूप से आलू, प्याज़, लहसुन, मटर के लिए खास रूप से तैयार किया गया है।
- समृद्धि किट को खेत की 50 -100 किलो मिट्टी में मिलाकर भुरकाव के रूप में उपयोग करें।
लहसुन की फसल में बुआई के बाद 15 दिन में ऐसे करें पोषण प्रबंधन
- लहसुन की फसल में बुआई के 15 दिनों में पोषण प्रबंधन करने से फसल में अंकुरण अच्छा होता है और बेहतर शुरुआत मिलती है।
- इस समय पोषण प्रबंधन करने से फसल को नाइट्रोज़न, जिंक एवं सल्फर जैसे मुख्य पोषक तत्व मिल जाते हैं।
- इस समय पोषण प्रबंधन करने के लिए यूरिया @ 25 किलो/एकड़ + ज़िंक सल्फेट @ 5 किलो/एकड़ + सल्फर 90% @ 10 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- इन सभी उत्पादों को अच्छी तरह से मिलाकर मिट्टी में बिखेर दें। ध्यान रखें की उपयोग के समय खेत में पर्याप्त नमी होना बहुत आवश्यक है।
प्याज की नर्सरी में ऐसे करें पोषण प्रबंधन
- प्याज़ की रोपाई से पूर्व इसके बीजों की बुआई नर्सरी में की जाती है। नर्सरी में बेड का आकार 3’ x 10’ और 10-15 सेमी ऊंचाई में तैयार किए जाते हैं।
- प्याज़ की नर्सरी को अच्छी शुरुआत देने के लिए नर्सरी की बुआई के समय से ही पोषण प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है।
- नर्सरी में बीज बोने से पहले FYM @ 10 किलो/नर्सरी की दर से उपचार करें।
- नर्सरी लगाते समय सीवीड, एमिनो, ह्यूमिक मायकोराइज़ा @ 25 ग्राम/नर्सरी से उपचारित करें।
- प्याज़ की नर्सरी की बुआई के सात दिनों के अंदर पोषण प्रबंधन किया जाता है। इस समय छिड़काव करने से प्याज़ की नर्सरी को अच्छी शुरुआत मिलती है।
- पोषण प्रबंधन के लिए ह्यूमिक एसिड@ 10 ग्राम/पंप की दर से छिड़काव करें।
प्याज़ की नर्सरी में बुआई के सात दिनों के अंदर छिड़काव प्रबंधन
- प्याज़ की नर्सरी की बुआई के सात दिनों के अंदर छिड़काव प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है।
- यह छिड़काव कवक जनित बीमारियों तथा कीट के नियंत्रण एवं पोषण प्रबंधन लिए किया जाता है। इस समय छिड़काव करने से प्याज़ की नर्सरी को अच्छी शुरुआत मिलती है।
- कवक जनित रोगों लिए कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% @ 30 ग्राम/पंप की दर छिड़काव करें।
- कीट प्रबंधन के लिए थियामेंथोक्साम 25% WG@ 10ग्राम/पंप की दर से छिड़काव करें।
- पोषण प्रबंधन ह्यूमिक एसिड @ 10 ग्राम/पंप की दर से छिड़काव करें।
मटर की फसल में कैसे करें मिट्टी उपचार की प्रक्रिया?
- मटर की फसल में मिट्टी जनित कीटों के नियंत्रण लिए बुआई पहले खाली खेत में 50-100 किलो FYM के साथ मेट्राजियम @ 1 किलो कल्चर को मिलाकर खाली खेत में भुरकाव करें इससे मिट्टी जनित कीटों के नियंत्रण में सहायता मिलती है।
- इसके अलावा दूसरे आवश्यक तत्व यूरिया @ 25 किलो/एकड़ + डीएपी @ 20 किलो/एकड़ + एसएसपी @ 100 किलो/एकड़ + पोटाश @ 20 किलो/एकड़ की दर से बुआई से पूर्व खेत में भुरकाव करें।
- ये सभी तत्व मटर की बुआई के समय अच्छे अंकुरण के लिए बहुत आवश्यक होते हैं।
- यह सभी मिट्टी उपचार के रूप में मटर की बुआई के समय दिए जाते हैं।
- इसके साथ ही ग्रामोफ़ोन लेकर आया है मटर स्पेशल ‘समृद्धि किट’, इस किट में कई उत्पाद संलग्न हैं, जैसे पीके बैक्टीरिया का कंसोर्टिया, ट्राइकोडर्मा विरिडी, ह्यूमिक एसिड, समुद्री शैवाल, अमीनो एसिड एवं मायकोराइज़ा।
- इन सभी उत्पादों को मिलाकर इस मटर समृद्धि किट को तैयार किया गया है। इस किट का कुल वज़न 3.5 किलो है जो एक एकड़ के लिए पर्याप्त है।
- इसे बुआई के पहले 50-100 किलो FYM के साथ इस किट को मिलाकर खाली खेत में भुरकाव करें।
- यह किट मटर की फसल को सभी जरूरी पोषक तत्व प्रदान करती है।
मंडी भाव: मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या है प्याज, टमाटर और अन्य सब्जियों का भाव?
इंदौर के गौतमपुरा मंडी में प्याज़ का भाव 850 रूपये प्रति क्विंटल चल रहा है और बड़वानी जिले के सेंधवा मंडी में टमाटर का भाव 925 रूपये प्रति क्विंटल है। सेंधवा मंडी में ही पत्ता गोभी, फूलगोभी, बैंगन, भिण्डी और लौकी का भाव क्रमशः 750, 950, 825, 925, 600 रूपये प्रति क्विंटल चल रहा है।
ग्वालियर के भिण्ड मंडी की बात करें तो यहाँ गेहूं और सरसों का भाव क्रमशः 1560, 4770 रूपये प्रति क्विंटल चल रहा है। इसके अलावा ग्वालियर के ही खनियाधाना मंडी में मिल क्वालिटी की गेहूं का भाव 1925 रूपये प्रति क्विंटल चल रहा है और भोपाल के बाबई मंडी में मूंग का भाव 4000 रूपये प्रति क्विंटल चल रहा है।
स्रोत: किसान समाधान
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