तरबूज की फसल में में एन्थ्रक्नोस रोग के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय

Symptoms and control of anthracnose disease in watermelon

एन्थ्रक्नोस के लक्षण पत्तियों एवं फल दोनों पर दिखाई देते हैं। शुरूआती अवस्था में पत्तियों पर पीले, गोल जलयुक्त धब्बे दिखाई देते हैं, बाद में यह धब्बे आपस में मिलकर बड़े व भूरे रंग के हो जाते हैं। ग्रसित पत्तियां सूख जाती है, और फलों पर भी गोलाकार जलयुक्त एवं हल्के भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं तथा फल कठोर हो जाते हैं।

नियंत्रण: इस रोग के नियंत्रण के लिए बुआई के लिए उपचारित बीज का हीं उपयोगकरें। बीज उपचार बाविस्टिन (कार्बेन्डाझिम 50 डब्लू पी) @ 2 ग्राम पर किलो बीज के दर से करें एवं रोग का प्रकोप दिखाई देने पर एम-45 (मैन्कोजेब 75% डब्लू पी) @ 2 ग्राम/लीटर पानी के दर से छिड़काव करें।

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लगातार दो पश्चिमी विक्षोभ का दिखेगा प्रभाव, हिमपात और बारिश के आसार

know the weather forecast,

17 फरवरी से 21 फरवरी के बीच एक के बाद एक दो वेस्टर्न डिस्टरबेंस पहाड़ों पर पहुंचेंगे। इनके प्रभाव से वहां भारी से अति भारी बर्फबारी के साथ बारिश होगी। 19 से 21 फरवरी के बीच पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बारिश होगी। राजस्थान और दिल्ली में 19 और 20 फरवरी को बारिश की गतिविधियां होंगी। 21 फरवरी को बिहार और पश्चिम बंगाल के उत्तरी जिलों में भी बारिश की संभावना है। गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सहित दक्षिण भारत का मौसम सूखा बना रहेगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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50% की सब्सिडी पर ले जाएँ घंटों का काम मिनटों में कर देने वाली मशीन

Agriculture Mechanization Scheme

कृषि क्षेत्र में आये दिन हो रहे तकनीकी विकास के कारण किसानों की जिंदगी पहले से बहुत ज्यादा आसान हो गई है। आज खेती का हर काम मशीनों के जरिये बहुत कम समय और कम मेहनत में हो जाता है। इसीलिए सरकार भी इन मशीनों को किसानों तक पहुंचाने में मदद कर रही है। हम जानते हैं की नई नई तकनीकों वाली कृषि मशीनें काफी महंगी मिलती है जो आम किसान की बजट से बाहर होता है। ऐसी स्थिति में कई बार सरकारी सब्सिडी मिलने पर किसान के लिए ये मशीनें सस्ती हो जाती हैं। बिहार सरकार अपने राज्य के किसानों के लिए एक ख़ास योजना चला रही है जिसके माध्यम से पावर वीडर पर 50% की बंपर सब्सिडी किसानों को दी जा रही है।

बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना का नाम कृषि यांत्रिकरण योजना है और यह बिहार के कृषि विभाग द्वारा शुरू की गई है। इसके तहत 2.5 BHP तक के पावर वीडर की खरीदारी पर सामान्य किसानों को अधिकतम 40% या फिर 24,000 रुपये वहीं 5 BHP के पावर वीडर की खरीदी पर सामान्य किसानों को अधिकतम 50% या फिर 32,000 रुपये की सुपर सब्सिडी मिलेगी। अनुसूचित जाति/ जन जाति/ अत्यंत पिछड़ा वर्ग के किसानों को 2.5 BHP के पावर वीडर की खरीदी पर पर अधिकतम 50% या फिर 30,000 रुपये वहीं 5 BHP के पावर वीडर की खरीदी पर अधिकतम 50% या फिर 40,000 रुपये की सब्सिडी दी जायेगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए बिहार के किसान आधिकारिक वेबसाइट www.farmmech.bhair.nic.in पर आवेदन कर सकते हैं।

स्रोत: ज़ी बिजनेस

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लहसुन के भाव में तेजी जारी, उच्च भाव पहुंचे 26500 रुपये के पार

garlic Mandi bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर अकोदिया औसत 1200 19700
धार बदनावर लहसुन 4005 21250
भोपाल भोपाल लहसुन 19200 19200
मन्दसौर दलौदा लहसुन 11000 19210
इंदौर गौतमपुरा लहसुन 4000 22000
इंदौर इंदौर औसत 13300 13300
इंदौर इंदौर लहसुन 300 23103
रतलाम जावरा लहसुन 1800 23700
नीमच मनसा लहसुन 3000 24000
मन्दसौर मन्दसौर लहसुन 12000 12000
नीमच नीमच औसत 3000 26500
नीमच नीमच लहसुन 1600 26600
मन्दसौर पिपल्या लहसुन 9015 9015
रतलाम रतलाम देसी 4450 20500
रतलाम रतलाम लहसुन 5300 24501
सागर रहली देसी 10000 10000
रतलाम सैलाना औसत 2251 18800
रतलाम सैलाना देसी 4000 22000
रतलाम सैलाना लहसुन 10800 23701
शाजापुर साजापुर देसी 4300 14471
शाजापुर साजापुर लहसुन 1300 22874
सीहोर सीहोर लहसुन 6000 17700
शाजापुर शुजालपुर देसी 1400 24000

स्रोत: एगमार्कनेट

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तरबूज में रेड पम्पकिन बीटल से होने वाले नुकसान एवं रोकथाम के उपाय

Damage caused by red pumpkin beetle in watermelon and preventive measures

इस कीट की नवजात एवं वयस्क दोनों ही अवस्था फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। नवजात पौधों की जड़, भूमिगत तना एवं जमीन से लगे फल खाते है, जिससे पौधे मुरझाने लगते हैं या पौधों में सड़न भी हो सकती है। वयस्क कीट पौधों की पत्तियों में छेद करते हैं जिसके कारण पौधे का विकास नहीं होता एवं प्रकोप बढ़ने पर पौधे भी जाते हैं। इससे खेत में फसलों पर जले जले से धब्बे दिखाई पड़ते हैं। यह कीट फूल की अवस्था में भी नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे फल धारणा कम होती है, और गंभीर अवस्था में उत्पादन में 90 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। 

रोकथाम के उपाय: इस कीट के रोकथाम के लिए फसल की कटाई के तुरंत बाद खेतों की जुताई करें और सुप्तावस्था में रहने वाले वयस्क कीटों को नष्ट कर दें। प्रकोप दिखाई देने पर इमानोवा (इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी) @ 100 ग्राम/एकड़ या टफगोर (डायमेथोएट 30% इसी) @ 200 मिली प्रति एकड़ के दर से 150-200 लीटर पानी में छिड़काव करें। 

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बारिश के साथ ओले गिरने की बन रही है संभावना, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

अगले दो दिनों तक मौसम साफ रहेगा। 17 फरवरी से पहाड़ों पर फिर से बर्फबारी शुरू होगी लेकिन 18 से 20 फरवरी के बीच भारी से अति भारी बर्फबारी हो सकती है। 19 और 20 फरवरी को पंजाब और हरियाणा के कई जिले में बारिश होगी। उत्तरी राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है। कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं। दक्षिण भारत सहित मध्य भारत का मौसम साफ बना रहेगा तथा तापमान बढ़ सकते हैं।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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औषधियों की खेती से बदलेगी इन किसानों की किस्मत, सरकार ने बनाई योजना

Cultivation of medicinal plants will change the fate of these farmers

मध्य प्रदेश की सरकार ‘देवारण्य योजना’ के माध्यम से राज्य के जनजातीय किसानों की सेहत और रोजगार की दिशा कई लाभकारी कदम उठाने जा रही है। आइये बारी बारी से जानते हैं इस योजना के लक्ष्य क्या हैं?

योजना के लक्ष्य:

  • स्वास्थ्य लाभ: योजना का प्रमुख उद्देश्य आयुर्वेद के माध्यम से जनजातीय लोगों को स्वस्थ्य लाभ प्रदान करना है। इस योजना से उनकी सेहत में सुधार किया जाएगा।

  • रोजगार संवर्धन: योजना के तहत जनजातीय लोगों को रोजगार के साथ जोड़ने का प्रयास हो रहा है। इससे उन्हें नौकरियों के नए अवसर मिलेंगे।

  • आयुर्वेदिक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल: सरकार इंदौर में एक आयुर्वेदिक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना कर रही है, जो आयुर्वेद और यूनानी आयुर्वेद के विकास को बढ़ावा देगा।

योजना से मिलने वाले लाभ में रोजगार अवसर, स्वास्थ्य सुविधाएँ और औषधीय पौधों का उत्पादन शामिल है। इस योजना की पात्रता राज्य के निवासी आदिवासी और जनजातिय लोग व स्व-सहायता समूह के सदस्यों को है।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के उच्च भाव 5000 रुपए के पार

soybean mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम अलोट सोयाबीन 3100 4700
शाजापुर आगर सोयाबीन 3400 4638
शाजापुर अकोदिया सोयाबीन 1901 4504
आलीराजपुर आलीराजपुर सोयाबीन 4000 4410
आलीराजपुर आलीराजपुर सोयाबीन 4223 4400
गुना एरन सोयाबीन 3790 4494
अशोकनगर अशोकनगर सोयाबीन 3250 4570
सीहोर आष्टा पीला 3600 4565
सीहोर आष्टा सोयाबीन 3500 4587
शिवपुरी बदरवास सोयाबीन 2900 4400
धार बदनावर पीला 5055 5080
धार बदनावर पीला 1700 5075
धार बदनावर सोयाबीन 2775 4590
शाजापुर बड़ोद सोयाबीन 4226 4415
सागर बामोरा पीला 4191 4421
होशंगाबाद बानापुरा पीला 3851 4430
शिवपुरी बराड़ सोयाबीन 3950 4100
रायसेन बेगमगंज सोयाबीन 2000 4390
शाजापुर बेरछा सोयाबीन 4300 4700
भोपाल बैरसिया पीला 2860 4485
बेतुल बेतुल सोयाबीन 3800 4700
खरगोन भीकनगांव सोयाबीन 4150 4541
भोपाल भोपाल पीला 3500 4355
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन 3600 4790
छतरपुर बिजावर पीला 4400 4400
सागर बीना सोयाबीन 2775 4800
गुना बीनागंज सोयाबीन 4000 4420
बुरहानपुर बुरहानपुर सोयाबीन 4100 4170
अशोकनगर चंदेरी सोयाबीन 4380 4380
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा पीला 4351 4533
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा अन्य 4412 4522
मन्दसौर दलौदा सोयाबीन 4140 4720
मन्दसौर दलौदा अन्य 3040 4101
दमोह दमोह पीला 4100 4100
दमोह दमोह सोयाबीन 3685 4450
देवास देवास सोयाबीन 1000 4617
धार धामनोद सोयाबीन 4200 4475
धार धामनोद पीला 4310 4530
धार धामनोद सोयाबीन 3535 4305
धार धार पीला 3450 4576
धार धार सोयाबीन 1000 4630
नरसिंहपुर गाडरवाड़ा पीला 4000 4000
नरसिंहपुर गाडरवाड़ा सोयाबीन 4200 4350
विदिशा गंज बासौदा पीला 3500 4500
विदिशा गंज बासौदा सोयाबीन 3330 4390
सागर गढ़ाकोटा सोयाबीन 3700 4620
इंदौर गौतमपुरा पीला 4400 4400
इंदौर गौतमपुरा पीला 4280 4475
इंदौर गौतमपुरा सोयाबीन 4000 4380
डिंडोरी गोरखपुर पीला 4100 4150

स्रोत: एगमार्कनेट

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लूज़ स्मट से गेहूँ की फसल को होगा नुकसान, जानें लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय

Symptoms and control of loose smut in wheat crop

लूज़ स्मट गेहूँ की फसल में लगने वाला एक बीज़ जनित रोग है। इस रोग के लक्षण बाली आने पर ही दिखाई देते हैं। रोगी पौधों की बालियों में दानों की जगह रोग जनक के बीजाणु काले पाउडर के रूप पाए जाते हैं एवं ये बीजाणु एक पतली झिल्ली से ढके होते हैं। ग्रसित पौधे आमतौर पर पहले परिपक्व होते हैं और उनकी ऊंचाई कम होती है।  

लूज़ स्मट रोग के रोकथाम के उपाय 

इस रोग के नियंत्रण का सबसे अच्छा उपाय बीज़ उपचार है। पत्तियों के पीले पड़ने पर संक्रमित बालियों को निकाल दें। इसके आलावा इस रोग के नियंत्रण के लिए करमानोवा  (कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63%) @ 600 ग्राम/एकड़ या टेसूनोवा (टेबुकोनाज़ोल 10% + सल्फर 65% WG)@ 500 ग्राम, प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

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तेज बारिश और ओलावृष्टि की बन रही संभावना, बदलेगा कई राज्यों का मौसम

know the weather forecast,

हिमाचल और उत्तराखंड के ऊंचे पहाड़ों पर हल्की बर्फबारी शुरू होगी। दो दिनों के अंतराल के बाद नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस 17 फरवरी को पहाड़ों पर पहुंचेगी। 17 फरवरी से 22 फरवरी के बीच पहाड़ों पर धुंआधार बर्फबारी के साथ तेज बारिश और ओलावृष्टि होगी। पंजाब और हरियाणा के भी कई जिलों में इसी दौरान बारिश के साथ ओले गिर सकते हैं। अगले दो दिनों के दौरान पूर्वी मध्य प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में बारिश की गतिविधियां जारी रह सकती है। राजस्थान गुजरात और महाराष्ट्र का मौसम साफ रहेगा। तापमान धीरे-धीरे बढ़ेंगे, दक्षिण भारत में तमिलनाडु में हल्की बारिश होगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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