साल 2024 में कैसा रहेगा मानसून, कहाँ कहाँ होगी अच्छी बारिश?

know the weather forecast,

El Nino अभी पूरी तरह से प्रभावित है परंतु अप्रैल से जून के बीच में न्यूट्रल कंडीशन आ जाएगी और मानसून के दौरान La Nina का प्रभाव दिखाई देने लग जाएगा। इंडियन ओशन डाइपोल (IOD) भी पॉजिटिव होने की संभावना दिखाई दे रही है। इन सब मौसम प्रणालियों के प्रभाव से दक्षिण पश्चिम मानसून 2024 में सामान्य या सामान्य से कुछ अधिक रह सकता है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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जैविक कीटनाशक पर मिलेगा 90% का अनुदान, जानें सरकार की योजना

90% subsidy will be given on various organic pesticides

राजस्थान सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में कई नई योजनाओं की शुरूआत की है। इन योजनाओं के माध्यम से जैविक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी कड़ी में राज्य सरकार किसानों को जैविक कीटनाशक की खरीद पर 90% तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है।

खेती में लगने वाले अलग-अलग कीटों के लिए अलग-अलग कीट नाशकों का प्रयोग होता है। ऐसे में राज्य सरकार ने सभी अनुशंसित जैविक कीटनाशकों पर अनुदान देने का फैसला लिया है। इस योजना के माध्यम से किसानों को ट्राइकोडर्मा, एनएसकेई, अजाडिरेक्टिन, बिउवेरिया बासिना, मेटाहरजिसम, वर्टीसीलम, एन.पी.वी., फेरेमौन ट्रेप, ट्राईकोकार्ड्स आदि बायो पेस्टीसाइट अनुमोदित दर पर प्रदान किए जाएगें।

राज्य सरकार की इस योजना का उद्देश्य खेती में किसानों की लागत को कम करके उनकी आमदनी को बढ़ाना है। बता दें कि राज्य की योजना के अन्तर्गत एक लाख किसानों को बायो पेस्टीसाइट किट उपलब्ध कराई जाएगी। इसके चलते किसान भाईयों को जैविक कीटनाशकों की खरीद का केवल 10% ही भुगतान करना होगा, बाकि 90% या अधिकतम 900 रूपए प्रति हेक्टेयर की दर से भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा।

इस योजना के द्वारा राज्य के कम से कम 50 प्रतिशत लघु व सीमांत किसानों को लाभान्वित किया जाएगा। इसके अलावा योजना में अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला किसान, बीपीएल, अंत्योदय एवं खाद्य सुरक्षा परिवारों के कृषकों को प्राथमिकता दी जाएगी।

स्रोत: किसान समाधान

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लहसुन के भाव में तेजी जारी, उच्च भाव पहुंचे 35000 रुपये के पार

garlic Mandi bhaw,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम अलोट लहसुन 2700 13500
शाजापुर अकोदिया औसत 500 15600
सीहोर आष्टा लहसुन 2600 12800
उज्जैन बड़नगर औसत 3200 4300
उज्जैन बड़नगर लहसुन 2100 10050
धार बदनावर औसत 4000 7200
धार बदनावर देसी 3205 11150
धार बदनावर लहसुन 1000 14100
भोपाल भोपाल लहसुन 1000 12900
राजगढ़ ब्यावरा लहसुन 2200 3050
मन्दसौर दलौदा देसी 1200 4400
मन्दसौर दलौदा लहसुन 2300 24600
सागर देवरी औसत 4800 7500
सागर देवरी लहसुन 4500 6300
इंदौर गौतमपुरा लहसुन 1000 10655
सीहोर इछावर लहसुन 4000 9700
इंदौर इंदौर औसत 2100 6744
इंदौर इंदौर लहसुन 500 23111
इंदौर इंदौर लहसुन-जैविक 2210 12400
रतलाम जावरा औसत 7000 7000
रतलाम जावरा लहसुन 1100 23000
नीमच जावद लहसुन 100 22099
शाजापुर कालापीपल लहसुन 1700 13650
नीमच मनसा लहसुन 1001 22500
मन्दसौर मन्दसौर औसत 8600 8600
मन्दसौर मन्दसौर लहसुन 1000 20052
राजगढ़ नरसिंहगढ़ लहसुन 500 14800
नीमच नीमच औसत 2000 24800
नीमच नीमच लहसुन 3000 35501
मन्दसौर पिपल्या लहसुन 1000 17500
मन्दसौर पिपल्या लहसुन-जैविक 2352 20100
रतलाम रतलाम देसी 1800 13000
रतलाम रतलाम लहसुन 1111 17351
रतलाम सैलाना औसत 5951 9001
रतलाम सैलाना लहसुन 3333 12901
शाजापुर साजापुर देसी 5701 9393
शाजापुर साजापुर लहसुन 2500 11203
राजगढ़ सारंगपुर औसत 2700 4000
सीहोर सीहोर लहसुन 2400 13901
मन्दसौर शामगढ़ लहसुन 2601 18002
शिवपुरी शिवपुरी लहसुन 2200 3200
शाजापुर शुजालपुर देसी 500 15300
मन्दसौर सीतामऊ लहसुन 1000 12610
शाजापुर सोयतकलां लहसुन 3600 9000
उज्जैन उज्जैन लहसुन 500 12701

स्रोत: एगमार्कनेट

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तरबूज व खरबूज में एन्थ्रेक्नोज रोग का ऐसे करें नियंत्रण

Control of Anthracnose disease in Watermelon and Muskmelon
  • पत्तियों पर सबसे पहले छोटे,अनियमित पीले या भूरे धब्बे दिखाई देते हैं। यह धब्बे समय के साथ फैलते हैं और गहरे होकर पूरी पत्तियों को घेर लेते हैं।

  • फल पर भी ये छोटे काले गहरे धब्बे उत्पन्न होते हैं जो धीरे-धीरे फैलते हैं। नमी युक्त मौसम में इन धब्बों के बीच में गुलाबी बीजाणु जन्म लेते हैं। 

  • इस रोग से बचाव के लिए, वीटावैक्स (कार्बोक्सिन 37.5 + थायरम 37.5) 2.5 ग्राम/किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें।

  • 10 दिनों के अंतराल से नोवाफ़नेट (थायोफनेट मिथाइल 70% WP) 300 ग्राम प्रति एकड़ या जटायु (क्लोरोथालोनिल 75 WP) 400 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

  • जैविक नियंत्रण के लिए, मोनास कर्ब (स्यूडोमोनास फ्लोरोसेन्स) 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

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गरज चमक और बारिश के साथ चलेंगी तेज हवाएं, देखें मौसम पूर्वानुमान

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मार्च, अप्रैल और मई का महीना प्री मानसून कहलाता है। इन महीनों में तापमान बढ़ने लगते हैं तथा उत्तर पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में गरज चमक के साथ बारिश और तेज हवाएं चलती हैं। अगले कुछ दिनों में विदर्भ, मराठवाड़ा सहित तेलंगाना, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर बारिश होने की संभावना है। बिजली की गरज और चमक के साथ तेज हवाएं भी चल सकती हैं। पहाड़ों पर अगले कुछ दिनों के दौरान बारिश और बर्फबारी हो सकती है। दक्षिण भारत सहित दक्षिणी राजस्थान, मध्य महाराष्ट्र, गुजरात और पश्चिम मध्य प्रदेश में भीषण गर्मी रहेगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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बकरी पालन पर सरकार दे रही है सब्सिडी और लोन की सुविधा, पढ़ें पूरी जानकारी

Government is providing subsidies and loan facilities for goat rearing

किसानों के लिए आमदनी के जितने ज्यादा स्रोत हों उनकी आमदनी में उतना ज्यादा इजाफा किया जा सकता है। आमदनी बढ़ाने के इन्हीं स्रोतों में से एक है बकरी पालन करना। भारतीय किसानों के द्वारा भी बकरी पालन की जाती ही। सरकार की तरफ से भी इसे खूब बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए सरकार सब्सिडी दे रही है साथ ही लोन ले कर भी बकरी पालन की शुरुआत कर सकते हैं।

बता दें की बकरी पालन करने के लिए आपको बहुत ज्यादा जमीन की जरूरत नहीं होती और इसमें खर्च भी ज्यादा नहीं आता। ग्रामीण और श्री दोनों क्षेत्रों में बकरी पालन का काम किया जा सकता है। अगर आप बकरी पालन करने के इच्छुक है पर आपके पास इसके लिए लागत जुटाना मुश्किल हो रहा है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है।

केंद्र सरकार बकरी पालन करने के लिए करीब 35% तक की सब्सिडी दे रही है। केंद्र के अलावा कई राज्यों की सरकारें भी बकरी पालन के लिए सब्सिडी उपलब्ध करवाती है। हरियाणा सरकार की तरफ से बकरी पालन पर करीब 90% की बंपर सब्सिडी दी जाती है। सब्सिडी के अलावा लोन ले कर भी बकरी पालन किया जा सकता है। बकरी पालन करने के लिए लोन की सुविधा NABARD की तरफ से उपलब्ध करवाई जाती है।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के उच्च भाव 5400 रुपए के पार

soybean mandi Bhaw,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम अलोट सोयाबीन 4297 4502
शाजापुर आगर सोयाबीन 3325 4706
आलीराजपुर आलीराजपुर सोयाबीन 4300 4300
आलीराजपुर आलीराजपुर सोयाबीन 4000 4308
गुना एरन सोयाबीन 4250 4465
अशोकनगर अशोकनगर सोयाबीन 3907 4626
सीहोर आष्टा सोयाबीन 3591 4662
सीहोर आष्टा पीला 3440 4690
छतरपुर बड़ामलहेड़ा पीला 4400 4400
छतरपुर बड़ामलहेड़ा सोयाबीन 4400 4400
शिवपुरी बदरवास सोयाबीन 4210 4550
उज्जैन बड़नगर पीला 4100 5254
उज्जैन बड़नगर सोयाबीन 4890 5449
धार बदनावर पीला 3150 4750
धार बदनावर सोयाबीन 4300 4300
होशंगाबाद बानापुरा पीला 3291 4351
शिवपुरी बराड़ सोयाबीन 4375 4508
भोपाल बैरसिया पीला 3150 4600
बेतुल बेतुल सोयाबीन-जैविक 4175 4551
भोपाल भोपाल सोयाबीन-जैविक 3400 4509
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन 4135 4645
सागर बीना सोयाबीन 3805 4456
बुरहानपुर बुरहानपुर सोयाबीन 4000 4368
छतरपुर छतरपुर सोयाबीन 3800 3800
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा पीला 4200 4352
मन्दसौर दलौदा सोयाबीन 4000 4680
दमोह दमोह पीला 3950 4400
दमोह दमोह सोयाबीन 4150 4435
देवास देवास सोयाबीन 1000 4687
धार धामनोद पीला 4210 4290
धार धामनोद सोयाबीन 2105 4365
धार धार सोयाबीन-जैविक 3820 3820
धार धार सोयाबीन 2080 4730
धार धार पीला 3800 4725
नरसिंहपुर गाडरवाड़ा सोयाबीन 4446 4490
नरसिंहपुर गाडरवाड़ा सोयाबीन 4280 4493
विदिशा गंज बासौदा सोयाबीन 4130 4680
सागर गढ़ाकोटा सोयाबीन 4425 4500
इंदौर गौतमपुरा सोयाबीन 4486 4500
डिंडोरी गोरखपुर पीला 3800 4253
नरसिंहपुर गोटेगांव पीला 4276 4276
देवास हाटपिपलिया सोयाबीन 1600 4625
खंडवा हरसूद सोयाबीन 4371 4371
सीहोर इछावर सोयाबीन 4040 4470
इंदौर इंदौर पीला 2805 4640
इंदौर इंदौर सोयाबीन 3889 4675
इंदौर इंदौर सोयाबीन-जैविक 1405 4670
इंदौर इंदौर (एफ एंड वी) सोयाबीन 1905 4700
होशंगाबाद इटारसी सोयाबीन 3800 3800
होशंगाबाद इटारसी सोयाबीन-जैविक 4101 4441

स्रोत: एगमार्कनेट

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पॉलीहाउस में खेती करने से मिलेंगे कई फायदे, हैं ज्यादा लाभ

Farming in polyhouse will get many benefits
  • पॉली हाउस में पौधों को कम पानी, सीमित सूरज की किरणें, कम कीटकनाशक के साथ नियंत्रित वातावरण में उगाया जा सकता है।

  • अगर किसी क्षेत्र में जलवायु खेती के अनुरूप नहीं है और खेती लगभग असंभव है वहां भी पॉलीहाउस के माध्यम से खेती की जा सकती है और पौधे उगाए जा सकते हैं।

  • जैसे के लिए भारत के मैदानी इलाकों में स्ट्रॉबेरी उगाना मुश्किल है पर पॉलीहाउस में यह संभव है।

  • बाहरी जलवायु पॉलीहाउस में फसलों की वृद्धि को प्रभावित नहीं करती है।

  • पॉलीहाउस में खेती करने से उपज की गुणवत्ता में सुधार होता है। 

  • यह सब्जियों, फलों और फूलों में 90% पानी का संरक्षण करता है, जिससे उपज की शेल्फ लाइफ बढ़ता है।

  • पॉलीहाउस उत्पादन को अधिकतम स्तर तक बढ़ाने के लिए Co2 की उच्च सांद्रता भी प्रदान करता है, जिसके कारण पॉलीहाउस की पैदावार खुले खेत की खेती से कहीं अधिक होती है।

  • पॉली हाउस में टपक सिंचाई का इस्तेमाल होता है जिसके कारण पानी की बचत होती है। 

  • किसी भी मौसम में पौधों के लिए सही वातावरण निर्माण कर सकते हैं।

  • पॉलीहाउस से फसलों को हवा, बारिश, वर्षा और अन्य जलवायु के कारकों से बचाया जा सकता है।

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मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र सहित पूर्वी भारत में गरज के साथ बारिश के आसार

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अगले तीन या चार दिनों के दौरान पहाड़ों पर बारिश तथा बर्फबारी होने की संभावना है। पंजाब और हरियाणा में भी हल्की बौछारें पड़ सकती हैं। सप्ताह के अंत में विदर्भ, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश सहित बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल में बारिश के साथ कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हो सकती है। इससे बढ़ती हुई गर्मी पर थोड़ा सा ब्रेक लगेगा तथा कुछ राहत मिल सकती है। दक्षिणी राजस्थान, गुजरात, मध्य महाराष्ट्र सहित पश्चिम मध्य प्रदेश और दक्षिण भारत में भीषण गर्मी दिखाई देगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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सरकार का बड़ा फैसला, अब किसान NAFED और NCCF से सीधे खरीद सकेंगे गेहूँ

Now farmers will be able to buy wheat directly from NAFED and NCCF

देश में महंगाई काबू में रहे और साथ ही साथ किसानों की आय भी बढ़े इस उद्देश्य की पूर्ती हेतु सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने अब नेशनल एग्रीकल्चरल कॉपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (NAFED) और नेशनल कॉपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (NCCF) को सीधे किसानों से गेहूँ खरीदने के निर्देश दे दिए हैं। सरकार के इस फैसले के बाद किसानों की आय बढ़ने के साथ साथ महंगाई को कंट्रोल रखने में भी मदद होगी।

गौरतलब है की NAFED एवं NCCF दो एजेंसी है जो भारत आटा की बिक्री प्रक्रिया को मैनेज करती है। ये दोनों एजेंसी भारत चना दाल एवं भारत चावल भी बेचती है। बता दें की पिछले महीनों में जब महंगाई बड़ी तो सरकार की तरफ से खुले बाजार में भारत आटा, भारत चना और भारत चावल लांच किया गया जिसका दाम बेहद कम रखा गया।

प्रसिद्ध मीडिया संस्थान ‘Economic Times’ की एक खबर के अनुसार ये दोनों एजेंसी किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूँ खरीदेगी। इन एजेंसियों के लिए खरीदारी की कोई लिमिट नहीं रखी गई है। इसका मतलब हुआ की एजेंसी जितनी चाहे उतनी खरीदारी कर सकती है।

स्रोत: किसान तक

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