भारत सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार द्वारा ‘एक उत्पाद एक जिला योजना’ की शुरूआत की गई है। इस योजना के माध्यम से कृषि क्षेत्र में ‘प्रसंस्करण उद्योग’ लगाने के इच्छुक किसानों की आर्थिक मदद की जाएगी। केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर यह अनुदान राशि प्रदान करेंगी।
इसी क्रम में राजस्थान सरकार ने केंद्र की मदद से राज्य में ‘उत्पाद प्रसंस्करण उद्योग’ लगाने पर अनुदान देने का फैसला किया है। यह अनुदान जिलों में सरकार के द्वारा तय उद्योग लगाने पर ही दिया जाएगा। इसके तहत सरकार ने जिलों के अनुसार प्रसंस्करण उद्योग के नाम जारी कर दिए हैं जो इस प्रकार हैं।
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प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, कोटा और बारां में लहसुन प्रसंस्करण उद्योग
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बाड़मेर और जालोर में अनार प्रसंस्करण उद्योग
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झालावाड़ और भीलवाड़ा में संतरा प्रसंस्करण उद्योग
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जयपुर में टमाटर और आंवला प्रसंस्करण उद्योग
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अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर में सरसों प्रसंस्करण उद्योग
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जोधपुर संभाग में जीरा और ईसबगोल प्रसंस्करण उद्योग
इस योजना के तहत प्रथम 100 मिलेट्स प्रसंस्करण इकाईयों को पात्र परियोजना लागत का 50% अनुदान दिया जाएगा। इस अनुदान की अधिकतम राशि 40 लाख रूपए होगी। हालांकि जिस परियोजना की सहायता राशि 40 लाख रूपए से ज्यादा होगी, उन पर 25% अनुदान देय होगा।
स्रोत: किसान समाधान
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