जानिए, सोयाबीन की फसल में सल्फर क्यों है जरूरी?

👉🏻गत वर्षों से संतुलित उर्वरकों के अन्तर्गत केवल नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश के उपयोग पर ही बल दिया जा रहा था। सल्फर के उपयोग पर विशेष ध्यान न दिये जाने के कारण मृदा परीक्षण के दौरान मिट्टी में गंधक (सल्फर) की कमी पाई गई। आज उपयोग में आ रहे सल्फर रहित उर्वरकों जैसे यूरिया, डीएपी, एनपीके तथा म्यूरेट आफ पोटाश के उपयोग से सल्फर की कमी निरंतर बढ रही है। इस नतीजे को ध्यान में रखते हुए सल्फर का खेत में डालना बहुत जरूरी है। 

👉🏻पौधों के उचित वृद्धि तथा विकास के लिये आवश्यक 18 तत्वों में से गंधक एक महत्वपूर्ण तत्व है। यह तिलहनी फसलों में तेल की मात्रा को बढ़ाने के लिए बहुत आवश्यक है। सल्फर द्वितीयक पोषक तत्व है इसकी बड़ी मात्रा में पौधों को आवश्यकता होती है। 

👉🏻सोयाबीन की उच्च पैदावार के लिए उचित पोषण प्रबंधन बहुत ही आवश्यक है सोयाबीन में सल्फर की मांग बीज भराव के दौरान अधिकतम होती है, क्योंकि सोयाबीन के बीज में प्रोटीन की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसलिए बीज बनने के दौरान सोयाबीन में समुचित प्रोटीन निर्माण के लिए सल्फर और नाइट्रोजन पोषण में संतुलन बहुत ही महत्वपूर्ण है।

👉🏻सोयाबीन की फसल में सल्फर आपूर्ति के लिए मुख्यतः – बेंटोनाइट सल्फर और परंपरागत सल्फर युक्त उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है, सोयाबीन जैसी कम दिनों की फसलों में सल्फर की तुरंत और लगातार आपूर्ति के लिए, ग्रोमर सल्फर 90% जीआर या ग्रोमर सल्फा मैक्स 90% जीआर @ 5 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से उपयोग कर सकते है।

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देश के विभिन्न मंडियों में 6 जुलाई को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

रतलाम

आलू

20

22

रतलाम

टमाटर

32

36

रतलाम

हरी मिर्च

25

30

रतलाम

अदरक

23

25

रतलाम

कद्दू

10

14

रतलाम

आम

40

45

रतलाम

आम

32

रतलाम

आम

30

33

रतलाम

पपीता

14

16

रतलाम

नींबू

25

35

रतलाम

बैंगन

13

16

रतलाम

फूलगोभी

15

18

रतलाम

प्याज़

4

6

रतलाम

प्याज़

8

11

रतलाम

प्याज़

12

14

रतलाम

प्याज़

14

15

रतलाम

लहसुन

7

14

रतलाम

लहसुन

15

21

रतलाम

लहसुन

26

32

रतलाम

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

प्याज़

11

गुवाहाटी

प्याज़

13

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

11

गुवाहाटी

प्याज़

13

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

21

गुवाहाटी

प्याज़

22

गुवाहाटी

लहसुन

22

27

गुवाहाटी

लहसुन

28

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

गुवाहाटी

लहसुन

23

26

गुवाहाटी

लहसुन

27

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

जयपुर

प्याज़

11

12

जयपुर

प्याज़

13

14

जयपुर

प्याज़

15

16

जयपुर

प्याज़

4

5

जयपुर

प्याज़

6

7

जयपुर

प्याज़

8

9

जयपुर

प्याज़

10

11

जयपुर

लहसुन

12

15

जयपुर

लहसुन

18

22

जयपुर

लहसुन

28

35

जयपुर

लहसुन

38

45

जयपुर

लहसुन

10

12

जयपुर

लहसुन

15

18

जयपुर

लहसुन

22

25

जयपुर

लहसुन

30

32

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एफपीओ की मदद से किसानों को मिलेगी ये सुविधाएं, पढ़ें पूरी जानकारी

देश के किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का श्रेय किसान उत्पादक संगठन यानी एफपीओ को भी जाता है। एफपीओ के जरिए किसानों को खेती के लिए बेहतरीन सुविधा और नई तकनीकों की मदद मिलती है। कहना का मतलब यह है कि, यह संगठन देशभर में किसानों के लिए हर तरह से सहायता उपलब्ध कराता है।

क्या है एफपीओ ?

यह किसानों के हित में बनाया गया एक उत्पादक संगठन है, जो किसानों को खेती के लिए खाद, बीज, कीटनाशक, सिंचाई जैसे जरूरी कृषि उपकरण उपलब्ध कराता है। हालांक इसके लिए कृषि कंपनी बनानी जरूरी है, जिसमें कम से कम 11 किसान भाई होने चाहिए। इसके बाद ही किसान एफपीओ की मदद से सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। 

एफपीओ के फायदे

  • एफपीओ से जुड़े किसान बाजार में बिक्री के समय बेहतर सौदेबाजी कर पाएंगे।

  • बड़े स्तर पर व्यापार करने पर भंडारण और परिवहन के खर्चों में बचत होगी।

  • कस्टम केंद्र की मदद से बढ़ी ही आसानी के साथ किसान व्यापार का विस्तार कर सकेंगे।

  • ग्रीन हाउस, कृषि मशीनरी और शीत मशीनरी के लिए बढ़िया सुविधा उपलब्ध होगी।

  • इसके अलावा किसान संगठनों को 3 साल में 15 लाख रूपए की आर्थिक सहायता भी मिलेगी।

कृषि संगठन बनाने के लिए जरूरी पात्रता

अगर किसान भाई आपसी तालमाल के साथ किसान उत्पाद संगठन बनाना चाहते हैं, तो इसके लिए सबसे पहले उन्हें अपने संगठन का नाम रखना होगा। इसके बाद कंपनी एक्ट तहत अपने संगठन को रजिस्टर कराना होगा। इसके लिए आप आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण 

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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149 लाख किसानों का मिला फसल बीमा का लाभ, जल्द कराएं पंजीयन

खरीफ सीजन के शुरू होते ही फसल बीमा के लिए पंजीयन कराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। केंद्र की इस लाभकारी योजना का उद्देश्य किसान भाईयों को भविष्य में होने वाले जोखिम से सुरक्षा प्रदान करना है। ऐसे में राज्य सरकारें अपने अपने स्तर पर किसानों को इस योजना से जोड़ने का प्रयास कर रही हैं। इसके लिए देशभर में 7 जुलाई तक फसल बीमा सप्ताह मनाया जा रहा है।

इसी कड़ी में राजस्थान सरकार प्रदेशभर में फसल बीमा का प्रचार करने में जुट गई है, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान भाई फसल बीमा योजना का लभा उठा सकें। इसके लिए राज्य सरकार ने प्रचार-प्रसार का कार्य 35 फसल बीमा वाहनों को सौंपा है, जो राज्य के हर कोने में जाकर फसल बीमा योजना की जानकारी देंगी। इन वैन के माध्यम से किसानों के बीच बढ़े ही सरल भाषा में फसल बीमा पॉलिसी की प्रचार किया जाएगा। 

इसके साथ ही किसान पाठशाला के माध्यम से भी ग्राम पंचायतों में योजना की जानकारी दी जाएगी। इस अभियान के तहत 1 से 31 जुलाई तक फसल पॉलिसियों के बारे में प्रचार प्रसार किया जाएगा। इसके अलावा किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ योजना को शुरू करने का निर्णय लिया है। बता दें कि फसल बीमा के जरिए अब तक 149 लाख फसल बीमा पॉलिसी धारक किसानों को लगभग 15 हजार 800 करोड़ रूपये से अधिक की राशि वितरित की जा चुकी है।

स्रोत: कृषि समाधान

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे सोयाबीन के भाव?

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे बड़नगर, मन्दसौर, बदनावर, बैतूल, भीकनगांव, खातेगांव और खरगोन आदि में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

बड़नगर

4120

7140

बदनावर

4000

6400

बैरसिया

3000

6235

बैतूल

5000

6181

भीकनगांव

5650

6200

बुरहानपुर

5500

5900

छिंदवाड़ा

5945

6225

इटारसी

5661

5800

कालापीपाल

4850

6450

खरगोन

5877

6096

खातेगांव

3000

6750

कोलारास

4100

6305

लटेरी

4705

6155

मन्दसौर

5500

6410

महू

3400

3400

पचौरी

5600

6600

पथरिया

5510

6250

सांवेर

5685

6455

श्योपुरकलां

5800

5990

सिराली

4600

5980

सुसनेर

6020

6020

स्रोत: एगमार्कनेट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  सोयाबीन जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। लेख पसंद आया हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे प्याज़ के ताजा भाव?

onion Mandi Bhaw

आज मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे रतलाम, देवास, बदनावर, कालापीपल, हाटपिपलिया, खरगोन, हरदा और  मनावर आदि में क्या चल रहे हैं प्याज़ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में प्याज़ के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अलोट

151

552

अलीराजपुर

1000

1600

बदनावर

500

1685

भोपाल

800

1200

छिंदवाड़ा

500

800

दमोह

700

800

देवरी

300

500

देवास

300

600

धामनोद

600

1200

हाटपिपलिया

600

1200

हरदा

600

700

जबलपुर

750

1200

जावद

300

600

कालापीपाल

150

1020

खंडवा

400

700

खरगोन

500

1500

लश्कर

600

1000

मनावर

600

800

महू

600

1200

पिपरिया

200

1100

राजगढ़

200

600

रतलाम

300

1200

सनावद

800

1000

सांवेर

600

900

सेंधवा

200

700

शाजापुर

320

1050

शुजालपुर

800

800

सीतमऊ

240

550

सोयतकलांं

100

900

थांदला

900

1000

अलोट

151

552

अलीराजपुर

1000

1600

बदनावर

500

1685

भोपाल

800

1200

छिंदवाड़ा

500

800

दमोह

700

800

देवरी

300

500

देवास

300

600

धामनोद

600

1200

हाटपिपलिया

600

1200

हरदा

600

700

जबलपुर

750

1200

जावद

300

600

कालापीपाल

150

1020

खंडवा

400

700

खरगोन

500

1500

लश्कर

600

1000

मनावर

600

800

महू

600

1200

पिपरिया

200

1100

राजगढ़

200

600

रतलाम

300

1200

सनावद

800

1000

सांवेर

600

900

सेंधवा

200

700

शाजापुर

320

1050

शुजालपुर

800

800

सीतमऊ

240

550

सोयतकलां

100

900

थांदला

900

1000

स्रोत: एगमार्कनेट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। लेख पसंद आया हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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मिर्च की फसल में रस चूसक कीट की पहचान और नियंत्रण के उपाय

सफेद मक्खी

  • इसके शिशु एवं वयस्क पत्तियों की निचली सतह पर चिपक कर रस चूसते हैं, जिससे पत्तियां ऊपर की ओर मुड़ जाती हैं।

  • इस कीट का वयस्क हल्का पीला तथा इसके पंख सफेद रंग के होते हैं। ये कीट लिफ़ कर्ल रोग और पीला मोज़ैक वायरस को फैलाने का कारण बनते हैं। 

रोकथाम 

इसकी रोकथाम के लिए  प्रूडेंस  (पायरीप्रोक्सीफैन 10% + बॉयफैनथ्रिन 10% ईसी) @ 250 मिली  + सिलिको मैक्स @ 50 मिली प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।  

2 दिन बाद प्रिवैंटल  BV @ 100 ग्राम  प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।  

थ्रिप्स कीट: 

  • मिर्च की फसल में थ्रिप्स कीट भयंकर नुकसान पहुंचाता है। इन कीटों के वयस्क और शिशु दोनों पौधें को नुकसान पहुँचाते हैं। ये कीट मिर्च की पत्तियों के निचली सतह पर चिपका रहता है और पत्तियों का रस चूसता है। 

  • जिससे मिर्च की पत्तियों में झुर्रियां दिखाई देने लगती हैं तथा ये पत्तियां ऊपर की ओर मुड़ कर नाव के समान हो जाती है। 

  • अधिक प्रकोप होने पर पत्तियों का गुच्छा बन जाता है। जिसके कारण  उत्पादन में कमी आती है. ये कीट वायरस जनित रोग को फैलाने में सहायक है | 

रोकथाम 

बेनेविया (सायनट्रानिलीप्रोल 10.26% ओडी) @ 240 मिली + सिलिको मैक्स 50 मिली प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। 2 दिन के बाद प्रिवैंटल  BV 100 ग्राम,प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। 

मकड़ी:

यह बहुत ही छोटे कीट होते है जो पत्तियों की सतह से रस चूसते है जिससे पत्तियां नीचे की ओर मुड़ जाती है। पत्तियों को खाने से सतह पर सफेद से पीले रंग के धब्बे हो जाते है जैसे जैसे संक्रमण अधिक होता जाता है, पहले पत्तियाँ चांदी के रंग की दिखने लगती है और बाद में ये पत्तियां गिर जाती है.

नियंत्रण के उपाय 

इसके नियंत्रण के लिए ओमाइट (प्रोपरजाईट 57% EC) @ 400 मिली + सिलिको मैक्स @ 50 मिली प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।

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देश के विभिन्न मंडियों में 5 जुलाई को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

गुवाहाटी

प्याज़

11

गुवाहाटी

प्याज़

13

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

11

गुवाहाटी

प्याज़

13

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

21

गुवाहाटी

प्याज़

22

गुवाहाटी

लहसुन

22

27

गुवाहाटी

लहसुन

28

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

गुवाहाटी

लहसुन

23

26

गुवाहाटी

लहसुन

27

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

जयपुर

प्याज़

11

12

जयपुर

प्याज़

13

14

जयपुर

प्याज़

15

16

जयपुर

प्याज़

4

5

जयपुर

प्याज़

6

7

जयपुर

प्याज़

8

9

जयपुर

प्याज़

10

11

जयपुर

लहसुन

12

15

जयपुर

लहसुन

18

22

जयपुर

लहसुन

28

35

जयपुर

लहसुन

38

45

जयपुर

लहसुन

10

12

जयपुर

लहसुन

15

18

जयपुर

लहसुन

22

25

जयपुर

लहसुन

30

32

रतलाम

आलू

20

22

रतलाम

टमाटर

30

35

रतलाम

हरी मिर्च

25

30

रतलाम

अदरक

23

25

रतलाम

कद्दू

10

14

रतलाम

आम

40

45

रतलाम

आम

32

रतलाम

आम

30

33

रतलाम

पपीता

14

16

रतलाम

नींबू

25

35

रतलाम

फूलगोभी

15

18

रतलाम

प्याज़

4

6

रतलाम

प्याज़

8

11

रतलाम

प्याज़

12

14

रतलाम

प्याज़

14

15

रतलाम

लहसुन

7

14

रतलाम

लहसुन

15

21

रतलाम

लहसुन

26

32

रतलाम

लहसुन

35

40

नासिक

प्याज़

3

6

नासिक

प्याज़

5

9

नासिक

प्याज़

7

11

नासिक

प्याज़

11

15

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सोयाबीन बीज उत्पादक किसानों की प्रीमियम राशि में हुई बढ़ोतरी, जानें और भी लाभ

उन्नत फसल के लिए बीज का गुणवत्तापूर्ण होना जरूरी है। हालांकि सभी किसानों को गुणवत्तायुक्त प्रमाणित बीज प्राप्त नहीं हो पाते हैं। ऐसे में राजस्थान सरकार राज्य के किसानों तक इनकी पहुंच उपलब्ध कराने के लिए कई प्रयास कर रही है। प्रयासों की इस कड़ी में राज्य सरकार द्वारा सोयाबीन बीज उत्पादन कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इनके माध्यम से लोगों के बीच योजना से जुड़ी जानकारियां दी जा रही है।

राजस्थान सरकार गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन पर किसानों को प्रोत्साहित राशि प्रदान कर रही है। इसके साथ ही बीजोत्पादन पर किसानों को दी जा रही प्रीमियम की राशि में 500 रूपए बढ़ाए गए हैं। पहले प्रति क्विंटल पर 500 रूपए दिए जाते थे, अब से बीजोत्पादन पर 1000 रूपए प्रति क्विंटल दिए जाएंगे। कहने का मतलब यह है कि सोयाबीन उत्पादकों को अब एमएसपी पर प्रति क्विंटल के हिसाब से 1000 रूपए अतिरिक्त राशि प्राप्त होगी। 

योजना के अन्तर्गत बीज व्यापार को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र के बीज व्यापारियों को निगम का अधिकृत विक्रेता बनाया जा रहा है। इसके लिए व्यापार के आधार पर स्लेब आधारित व्यापारिक छूट की नीति लागू की जायेगी। इसके तहत जो डीलर बीज की ज्यादा बिक्री करेगा उसे उतनी ही अधिक प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार की इन नीतियों का उद्देश्य किसानों तक उन्नत और प्रमाणित बीज उपलब्ध कराना है, ताकि किसानों को फसल की उन्नत पैदावार प्राप्त हो सके।

स्रोत : कृषि समाधान

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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मध्यप्रदेश मंडियों में क्या चल रहे टमाटर के भाव?

आज मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे भोपाल, खरगोन, हरदा और धमनोद आदि में क्या चल रहे हैं टमाटर के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में टमाटर के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

भोपाल

1000

1800

धमनोद

2500

4000

हरदा

1800

2000

हरदा

2000

2200

खरगोन

500

2000

शिवपुरी

1300

1300

स्रोत: एगमार्कनेट प्रोजेक्ट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  टमाटर जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। वीडियो पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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