देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं? |
|||
मंडी |
फसल |
न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में) |
अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में) |
लखनऊ |
प्याज़ |
9 |
10 |
लखनऊ |
प्याज़ |
12 |
13 |
लखनऊ |
प्याज़ |
14 |
– |
लखनऊ |
प्याज़ |
15 |
16 |
लखनऊ |
प्याज़ |
10 |
– |
लखनऊ |
प्याज़ |
13 |
– |
लखनऊ |
प्याज़ |
15 |
– |
लखनऊ |
प्याज़ |
16 |
– |
लखनऊ |
लहसुन |
15 |
– |
लखनऊ |
लहसुन |
20 |
26 |
लखनऊ |
लहसुन |
34 |
38 |
लखनऊ |
लहसुन |
45 |
50 |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
11 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
13 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
15 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
16 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
11 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
13 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
14 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
15 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
15 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
20 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
21 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
22 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
22 |
27 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
28 |
35 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
35 |
40 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
40 |
42 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
23 |
26 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
27 |
35 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
35 |
40 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
40 |
42 |
रतलाम |
अदरक |
23 |
25 |
रतलाम |
आलू |
21 |
22 |
रतलाम |
टमाटर |
32 |
36 |
रतलाम |
हरी मिर्च |
26 |
32 |
रतलाम |
कद्दू |
12 |
15 |
रतलाम |
भिन्डी |
18 |
22 |
रतलाम |
नींबू |
25 |
34 |
रतलाम |
फूलगोभी |
15 |
16 |
रतलाम |
बैंगन |
13 |
16 |
रतलाम |
आम |
30 |
33 |
रतलाम |
आम |
40 |
45 |
रतलाम |
आम |
30 |
34 |
रतलाम |
पपीता |
14 |
16 |
रतलाम |
खीरा |
15 |
18 |
रतलाम |
करेला |
18 |
20 |
रतलाम |
शिमला मिर्च |
28 |
30 |
रतलाम |
प्याज़ |
4 |
6 |
रतलाम |
प्याज़ |
8 |
11 |
रतलाम |
प्याज़ |
11 |
13 |
रतलाम |
प्याज़ |
13 |
14 |
रतलाम |
लहसुन |
7 |
14 |
रतलाम |
लहसुन |
15 |
24 |
रतलाम |
लहसुन |
26 |
34 |
रतलाम |
लहसुन |
35 |
40 |
मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे लहसुन के भाव?
मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे बड़नगर, बदनावर, जबलपुर, मन्दसौर और नीमच आदि में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।
विभिन्न मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव |
||
कृषि उपज मंडी |
न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
बड़नगर |
500 |
500 |
बदनावर |
500 |
2000 |
जबलपुर |
2000 |
2500 |
कालापीपाल |
540 |
2780 |
कुक्षी |
1000 |
2000 |
मन्दसौर |
501 |
6000 |
नीमच |
2010 |
8500 |
थांदला |
800 |
1200 |
स्रोत: एगमार्कनेट
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एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड स्कीम से किसानों को मिलेगा दोगुना मुनाफा
देश के किसानों को हर तरह से सक्षम बनाने में लगी केंद्र सरकार नई-नई योजनाएं लागू करती रहती है। प्रयासों की इस कड़ी में केंद्रीय कृषि मंत्री ने 13 हजार प्रोजेक्ट्स के लिए करीब 9500 करोड़ रूपए के लोन को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस जैसे एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए एफपीओ के माध्यम से साथ आए किसानों को अपनी खेती का रकबा और आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इन प्रोजेक्ट्स में शामिल एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड स्कीम के तहत लाभार्थी किसानों को प्रति वर्ष ब्याज में 3% छूट दी जाएगी। इसके अलावा ब्याज छूट के साथ 7 साल के लिए दो करोड़ रूपए तक की क्रेडिट गारंटी मिलेगी। किसानों को नई तकनीक से जोड़ने के लिए जगह-जगह कस्टम हायरिंग सेंटर की व्यवस्था की जाएगी, ताकि हर स्तर के किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों से जोड़ा जा सके।
इसके साथ ही योजना के तहत किसानों की प्रगति के लिए देश की करीब एक हजार मंडियों को भारतीय कृषि बाजार से जोड़ा जा चुका है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को टेक्नोलॉजी से जोड़कर उनकी आय में वृद्धि कराना है। साथ ही इस योजना के तहत देश के हर गांव में वेयर हाउस, कोल्ड स्टोर, पैकेजिंग मशीन जैसी जरूरी सुविधाओं को पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
स्रोत: टीवी9 भारतवर्ष
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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे प्याज़ के ताजा भाव ?
मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे ब्यावरा, मन्दसौर, हाटपिपलिया, हरदा, खरगोन और सांवेर आदि में क्या चल रहे हैं प्याज़ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।
विभिन्न मंडियों में प्याज़ के ताजा मंडी भाव |
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कृषि उपज मंडी |
न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
ब्यावरा |
400 |
1000 |
हाटपिपलिया |
1000 |
1200 |
हरदा |
600 |
700 |
कालापीपाल |
110 |
1400 |
खरगोन |
500 |
1500 |
मन्दसौर |
500 |
1210 |
सांवेर |
800 |
1100 |
स्रोत: एगमार्कनेट
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करेले की फसल में कीट क्षति की पहचान एवं नियंत्रण के उपाय
रेड पंपकिन बीटल (लाल कद्दू भृंग)
क्षति के लक्षण –
-
यह हानिकारक कीट है, जो करेला पर प्रारम्भिक अवस्था पर लगता है।
-
यह कीट पत्तियों को खा कर पौधे की बढ़ाव को रोकता है।
-
इसकी सूंडी खतरनाक होती है, यह करेला के पौधे की जड़ों को काटकर फसल को नष्ट कर देती है।
नियंत्रण के उपाय
नोवालैक्सम (थियामेथोक्सम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% ZC) @ 80 मिली + सिलिको मैक्स @ 50 मिली, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।
मकड़ी
क्षति के लक्षण –
-
यह कीट आकार में छोटा होता है जो की फसलों के कोमल अंगों जैसे पत्तियां ,फूल कलियों ,एवं टहनियों पर भारी मात्रा में पाए जाते है।
-
पत्तियों पर सफेद धब्बे दिखाई देते हैं।
-
जिन पोधो पर मकड़ी का प्रकोप होता है उस पौधे पर जाले दिखाई देते है। यह किट पौधे के कोमल भागो का रस चूसकर उनको कमज़ोर कर देते है एवं अंत में पौधा मर जाता है।
नियंत्रण के उपाय –
अबासीन (एबामेक्टिन 1.8% ईसी) @ 150 मिली या ओमाइट (प्रोपरगाइट 57% ईसी) @ 200 मिली + सिलिको मैक्स @ 50 मिली, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें
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फसलों में ट्राइकोडर्मा विरडी) का कैसे उपयोग करें एवं इसके फायदे?
ट्राइकोडर्मा के फायदे
-
यह एक घुलनशील जैविक फफूंदी नाशक दवा होती है. जिसको धान, गन्ना, दलहन, गेहूं, औषधीय और सब्जियों वाली फसल में उपयोग किया जाता है। इसको अपना कर फसल का उत्पादन बड़ा सकते हैं।
-
मिट्टी में कई तरह के रोग पाए जाते हैं, जैसे – आर्द्र गलन, जड़ गलन, उकठा, सफेद तना गलन, फल सड़न, तना झुलसा, जीवाण्वीय उकठा और मूल ग्रंथि| इन सभी रोगों से निजात मिलती है।
-
रोग उत्पन्न करने वाले कारकों को रोकता है, फ्यूजेरियम, पिथियम, फाइटोफ्थोरा, राइजोक्टोनिया, स्क्लेरोशियम, स्क्लेरोटिनिया आदि मृदा जनित रोगों को मारता है, साथ ही पौधों की रोगों से सुरक्षा करता है। ये दवा फलदार वृक्षों के लिए भी लाभदायक साबित है।
ट्राइकोडर्मा के प्रयोग की विधि
बीज का उपचार – बीज के उपचार के लिये 5 ग्राम ट्राइकोडर्मा प्रति किलो बीज के हिसाब से उपयोग करते है। बीज के उगने और बढ़ने के साथ.साथ ट्राईकोडरमा भी मिट्टी में चारो तरफ फैलता है और जड़ को चारों तरफ से घेरे रहता है जिससे कि उपरोक्त कोई भी कवक आसपास बढ़ने नहीं पाता।
मिट्टी का उपचार – 2 किग्रा ट्राईकोडर्मा पाउडर को 50 किग्रा गोबर की खाद (एफ वाई एम) में मिलाकर एक हफ्ते के लिये छायेदार स्थान पर रख देते हैं, जिससे की कवक का स्पोर जम जाय फिर इसे एक एकड़ खेत की मिट्टी में फैला देते हैं तथा इसके उपरान्त बोवाई कर सकते हैं।
सीड प्राइमिंग – बीज बोने से पहले खास तरह के घोल की बीज पर परत चढ़ाकर छाया में सुखाने की क्रिया को सीड प्राइमिंग कहा जाता है। ट्राइकोडर्मा से सीड प्राइमिंग करने हेतु सर्वप्रथम गाय के गोबर का स्लरी बनाएं। प्रति लीटर गारे में 10 ग्राम ट्राइकोडर्मा मिलाएं और इसमें लगभग एक किलोग्राम बीज डुबोकर थोड़ी देर रखे। इसे बाहर निकालकर छाया में थोड़ी देर सूखने दें फिर बुवाई करें। यह प्रक्रिया खासकर अनाज, दलहन और तिलहन फसलों की बुवाई से पहले की जानी चाहिए।
पर्णीय छिड़काव – – कुछ खास तरह के रोगों जैसे पर्ण चित्ती, झुलसा आदि की नियंत्रण के लिये पौधों में रोग के लक्षण दिखाई देने पर 5 से 10 ग्राम ट्राइकोडर्मा पाउडर प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।
जड़ उपचार- 100 ग्राम ट्राइकोडर्मा प्रति 10 लीटर पानी में मिलाये व रोपित किये जाने वाले पौधों की जड़ों (कन्द, राइजोम एवं कलम,नर्सरी पौध) को में 15 से 30 मिनट तक उस घोल में डुबोकर रखे, उसके पश्चात् खेत में रोपाई करे।
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देश के विभिन्न मंडियों में 13 जुलाई को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?
देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं? |
|||
मंडी |
फसल |
न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में) |
अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में) |
लखनऊ |
प्याज़ |
9 |
10 |
लखनऊ |
प्याज़ |
12 |
13 |
लखनऊ |
प्याज़ |
14 |
– |
लखनऊ |
प्याज़ |
15 |
16 |
लखनऊ |
प्याज़ |
10 |
– |
लखनऊ |
प्याज़ |
13 |
– |
लखनऊ |
प्याज़ |
15 |
– |
लखनऊ |
प्याज़ |
16 |
– |
लखनऊ |
लहसुन |
15 |
– |
लखनऊ |
लहसुन |
20 |
26 |
लखनऊ |
लहसुन |
34 |
38 |
लखनऊ |
लहसुन |
45 |
50 |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
11 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
13 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
15 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
16 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
11 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
13 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
14 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
15 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
15 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
20 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
21 |
– |
गुवाहाटी |
प्याज़ |
22 |
– |
गुवाहाटी |
लहसुन |
22 |
27 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
28 |
35 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
35 |
40 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
40 |
42 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
23 |
26 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
27 |
35 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
35 |
40 |
गुवाहाटी |
लहसुन |
40 |
42 |
रतलाम |
अदरक |
23 |
25 |
रतलाम |
आलू |
21 |
22 |
रतलाम |
टमाटर |
32 |
36 |
रतलाम |
हरी मिर्च |
26 |
32 |
रतलाम |
कद्दू |
12 |
15 |
रतलाम |
भिन्डी |
18 |
22 |
रतलाम |
नींबू |
25 |
34 |
रतलाम |
फूलगोभी |
15 |
16 |
रतलाम |
बैंगन |
13 |
16 |
रतलाम |
आम |
30 |
33 |
रतलाम |
आम |
40 |
45 |
रतलाम |
आम |
30 |
34 |
रतलाम |
पपीता |
14 |
16 |
रतलाम |
खीरा |
15 |
18 |
रतलाम |
करेला |
18 |
20 |
रतलाम |
शिमला मिर्च |
28 |
30 |
रतलाम |
प्याज़ |
4 |
6 |
रतलाम |
प्याज़ |
8 |
11 |
रतलाम |
प्याज़ |
11 |
13 |
रतलाम |
प्याज़ |
13 |
14 |
रतलाम |
लहसुन |
7 |
14 |
रतलाम |
लहसुन |
15 |
24 |
रतलाम |
लहसुन |
26 |
34 |
रतलाम |
लहसुन |
35 |
40 |
मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे सोयाबीन के भाव ?
मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे मन्दसौर, बदनावर, छिंदवाड़ा और खरगोन आदि में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।
विभिन्न मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव |
||
कृषि उपज मंडी |
न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
बदनावर |
4700 |
6300 |
बमोरा |
4000 |
5901 |
बाणपुरा |
5500 |
6000 |
बेतुल |
5800 |
6091 |
भीकनगांव |
5500 |
6165 |
बुरहानपुर |
6125 |
6125 |
छिंदवाड़ा |
5565 |
6100 |
गंधवानी |
5100 |
5500 |
खाचरोडी |
5850 |
6234 |
खरगोन |
5475 |
6001 |
खातेगांव |
4090 |
6161 |
खातेगांव |
3800 |
6540 |
खिरकिया |
3762 |
6200 |
खुजनेर |
6000 |
6190 |
लटेरी |
3725 |
6000 |
मन्दसौर |
5000 |
6340 |
महू |
3400 |
3400 |
पचौरी |
5700 |
6245 |
राहतगढ़ |
5500 |
5500 |
सांवेर |
5758 |
6200 |
सतना |
4951 |
5935 |
श्योपुरबडोद |
5960 |
6070 |
श्योपुरकलां |
5056 |
6030 |
सिराली |
5185 |
6025 |
सुसनेर |
5500 |
6130 |
स्रोत: एगमार्कनेट
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बिना परेशान हुए किसानों को मिलेगी सीधे 50 हजार रूपए की मदद
अधिक पैदावार पाने के लिए खेतों में अंधाधुंध उर्वरकों का प्रयोग किया जा रहा है। इससे मिट्टी की गुणवत्ता में भारी क्षति पहुंचती है। इस कारण फसलों की पैदावार में साल दर साल कमी आ रही है। इस मुश्किल का हल निकालने के लिए केंद्र सरकार परंपरागत कृषि विकास योजना चला रही है। सरकार की इस योजना का उद्देश्य परंपरागत खेती के माध्यम से मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना है।
इस योजना के माध्यम से किसानों को उपज बढ़ाने और आय वृद्धि के लिए अनुदान दिया जा रहा है। इसके तहत स्वेच्छा से परंपरागत खेती अपनाने वाले किसानों को 3 साल में 50 हजार रूपए की आर्थिक मदद की जाती है। जहां पहले साल में 31 हजार रूपए सीधे लाभार्थी के खाते में भेजे जाते हैं, ताकि किसान खेती के लिए जैविक उर्वरक, जैविक कीटनाशक और उत्तम बीजों की खरीद कर सके।
वहीं बाकि राशि आखिर के 2 साल में दिए जाते हैं। जिसका उपयोग किसान प्रसंस्करण, पैकेजिंग और मार्केटिंग करने के लिए कर सकें। इस योजना का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन आवदेन कर सकते हैं। इसके लिए केंद्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट pgsindia-ncof.gov.in पर जाएं। यहां पर योजना से जुड़ी बाकी जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है।
स्रोत: कृषि जागरण
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मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी?
मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे खातेगांव, मन्दसौर, बदनावर, खरगोन और झाबुआ आदि में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।
विभिन्न मंडियों में गेहूं के ताजा मंडी भाव |
||
कृषि उपज मंडी |
न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
अजयगढ़ |
1900 |
2000 |
अमरपाटन |
1900 |
2100 |
बदनावर |
1950 |
2375 |
बमोरा |
1950 |
2170 |
बेतुल |
1980 |
2170 |
भीकनगांव |
2063 |
2198 |
बुरहानपुर |
2060 |
2151 |
चाकघाटी |
1920 |
1925 |
डबरा |
1960 |
2180 |
गंधवानी |
2075 |
2200 |
गौतमपुरा |
1850 |
2000 |
जैसीनगर |
1950 |
2000 |
जतारा |
1960 |
2040 |
झाबुआ |
1855 |
1910 |
खरगोन |
1826 |
2240 |
खातेगांव |
1890 |
2180 |
लटेरी |
1850 |
1985 |
लटेरी |
2405 |
2405 |
लटेरी |
2000 |
2300 |
मन्दसौर |
1980 |
2301 |
मुरैना |
2030 |
2049 |
पचौरी |
1901 |
2101 |
पलेरा |
1840 |
1900 |
पन्ना |
1850 |
1860 |
पवई |
1900 |
1900 |
पवई |
1875 |
1875 |
राहतगढ़ |
2000 |
2020 |
सांवेर |
1795 |
2005 |
सिवनी |
1970 |
1970 |
शाहगढ़ |
1910 |
1990 |
शाजापुर |
2060 |
2060 |
शामगढ़ |
1900 |
2030 |
श्योपुरबडोद |
1950 |
1965 |
श्योपुरकलां |
1921 |
2170 |
सिमरिया |
1820 |
1972 |
सिराली |
1930 |
2018 |
सुसनेर |
1923 |
2027 |
स्रोत: एगमार्कनेट
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