मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी?

wheat mandi rates

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे अलोट, अमरपाटन, बड़नगर, बदनावर, कालापीपल, बैतूल, झाबुआ, इछावर और खरगोन आदि में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में गेहूं के ताजा मंडी भाव

जिला

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

पन्ना

अजयगढ़

2200

2250

भिंड

आलमपुर

2100

2250

सतना

अमरपाटन

2000

2300

छतरपुर

बड़ा मलहरा

2015

2075

उज्जैन

बड़नगर

2131

2549

उज्जैन

बड़नगर

2090

2361

धार

बदनावर

1900

2595

देवास

बागली

2011

2325

रेवा

बैकुंठपुर

2250

2345

बड़वानी

बालवाड़ी

2200

2200

होशंगाबाद

बाणपुरा

2220

2335

रायसेन

बेगमगंज

2150

2340

बैतूल

बैतूल

2070

2400

खरगोन

भीकनगांव

2277

2380

भिंड

भिंड

2175

2270

गुना

बीनागंज

2050

2250

रेवा

चाकघाट

2300

2300

छिंदवाड़ा

छिंदवाड़ा

2182

2530

धार

धार

2050

2548

धार

गंधवानी

2345

2360

इंदौर

गौतमपुरा

1901

2120

सीहोर

इछावर

2100

2380

अशोकनगर

ईसागढ़

2350

2770

अशोकनगर

ईसागढ़

1950

2250

होशंगाबाद

इटारसी

2012

2299

सीहोर

जावर

1955

2500

राजगढ़

जीरापुर

2000

2260

झाबुआ

झाबुआ

2020

2100

अलीराजपुर

जोबाट

2000

2350

शाजापुर

कालापीपाल

1890

2055

शाजापुर

कालापीपाल

1800

2015

शाजापुर

कालापीपाल

1950

2750

खरगोन

करही

2010

2150

सागर

केसली

2090

2200

उज्जैन

खाचरोड़

2150

2419

शिवपुरी

खानिअधना

1995

2270

खरगोन

खरगोन

2250

2424

देवास

खातेगांव

1974

2240

देवास

खातेगांव

1890

2140

शिवपुरी

खटोरा

2000

2010

हरदा

खिरकिया

1800

2325

राजगढ़

खुजनेर

2040

2250

शिवपुरी

कोलारास

2006

2256

विदिशा

लटेरी

2040

2285

देवास

लोहरदा

1950

2330

धार

मनावर

2200

2450

मन्दसौर

मन्दसौर

2150

2618

स्रोत: एगमार्कनेट

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बायोफ्लॉक तकनीक से कम लागत में कमाएं बढ़िया मुनाफा

देश में खेती और पशु पालन के साथ मछली पालन व्यवसाय में भी तेजी आई है। नीली क्रांति के तहत नई-नई तकनीकों के जरिए मछली पालन व्यवसाय को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन्हीं में से एक बायोफ्लॉक तकनीक है, इस तकनीक से किसान अधिक मछली उत्पादन करके बढ़िया कमाई कर रहे हैं।

क्या है बायोफ्लॉक तकनीक?

इसके अंतर्गत 10 से 15 हजार लीटर के बड़े आकार के टैंकों में मछलियों को डाला जाता है। जिनमें गंदे पानी को निकालने के साथ ही मछलियों के लिए ऑक्सीजन की उचित व्यवस्था की जाती है। बता दें कि मछलियां जितना खाती हैं, उसका 75% मल के रूप में निकाल देती हैं। इसके लिए बायोफ्लॉक नामक एक विशेष बैक्टीरिया टैंकों में डाला जाता है, जो इस मल को प्रोटीन में बदल देता है। इसी प्रोटीन को मछलियां अपने आहार के रूप में खाती हैं। इस तकनीक से एक तिहाई आहार की बचत तो होती ही है, साथ ही पानी भी साफ बना रहता है। 

कम लागत में बढ़िया मुनाफा

बायोफ्लॉक तकनीक में मछलियों के आहार और पानी में बहुत कम खर्चा आता है। ऐसे में किसान मछली पालन व्यवसाय के लिए कम लागत में बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं। अगर आप भी मछली पालन व्यवसाय करने की सोच रहे हैं तो, इस तकनीक के माध्यम से मोटी कमाई की सकती है।

स्रोत : ट्रैक्टर जंक्शन

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे लहसुन के भाव?

Indore garlic Mandi bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे बदनावर, गरोठ, जबलपुर, जावद, मनावर और कालापीपल आदि में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव

जिला

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

धार

बदनावर

500

1000

मंदसौर

गरोठ

2100

2300

जबलपुर

जबलपुर

1900

2300

नीमच

जावद

2001

7610

शाजापुर

कालापीपल

370

2780

शाजापुर

कालापीपल

450

2550

धार

मनावर

2400

2600

सिंगरोली

सिंगरोली

2000

2000

झाबुआ

थांदला

800

1200

स्रोत: एगमार्कनेट

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मानसून में इन 4 फसलों की खेती कर देगी मालामाल

बारिश के मौसम में फल और सब्जियों की खेती करके बढ़िया मुनाफा कमाया जा सकता है। इस लेख के माध्यम से हम आपको ऐसे 4 फसलों के बारे में बताएंगे, जिनकी कम लागत में खेती करके आप बंपर कमाई कर सकते हैं। 

सिंघाडा

बारिश का समय सिंघाडे की खेती के लिए काफी अच्छा माना जाता है, क्योंकि इसकी खेती पानी में की जाती है। इसके लिए आमतौर पर छोटे तालाबों और पोखरों में सिंघाडे के बीज बोए जाते हैं। हालांकि तालाब या पोखर न होने पर खेतों में गड्ढे बनाकर भी इनमें बारिश का पानी भरा जा सकता है। इन्हीं गड्ढों में फिर पौधों की रोपाई की जाती है। रोपाई से 6 महीने बाद फसल बिक्री के लिए तैयार हो जाती है। 

कमल ककड़ी

कमल के पौधे के तने को कमल ककड़ी कहते हैं। इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। इसकी खेती भी तालाबों में की जाती है। वहीं इसके उत्पादन की बात की जाए तो, एक एकड़ में 50 से 60 क्विंटल कमल ककड़ी आराम से प्राप्त हो जाती है।

मशरूम

बारिश के मौसम में मशरूम तेजी से बढ़ता है। इसकी खेती करके किसान बढ़िया कमाई कर सकते हैं। बाजारों में भी इनकी खूब मांग है। हालांकि इसकी कई प्रजातियां ज़हरीली होती हैं, इसलिए पूरी जांच पड़ताल के साथ ही इसकी सही प्रजाति का चुनाव करें। वहीं मशरूम की खेती एक छोटे से कमरे में भी की जा सकती है, बस ध्यान रहे कि सूर्य का प्रकाश उस कमरें में आता हो। 

अनार

बारिश का मौसम अनार की फसल के लिए बढ़िया माना जाता है। अनार के पौधे पर 120 से 130 दिनों में फल तैयार हो जाते हैं। ऐसे में मानसून में अनार का बागान लगाकर बढ़िया मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है। 

स्रोत: ट्रैक्टर जंक्शन

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे प्याज़ के ताजा भाव ?

Onion Mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे बदनावर, कालापीपल, खंडवा, खरगोन, ब्यावर और मनावर आदि में क्या चल रहे हैं प्याज़ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में प्याज़ के ताजा मंडी भाव

जिला

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अलीराजपुर

अलीराजपुर

1000

1800

धार

बदनावर

500

1411

राजगढ़

ब्यावरा

400

1000

शाजापुर

कालापीपाल

100

1120

शाजापुर

कालापीपाल

105

1200

खंडवा

खंडवा

300

1200

खरगोन

खरगोन

500

1800

खरगोन

खरगोन

500

1000

धार

मनावर

900

1100

इंदौर

महू

800

1300

शाजापुर

शुजालपुर

900

900

स्रोत: एगमार्कनेट

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कपास की फसल में मिलीबग की समस्या एवं नियंत्रण के उपाय

क्षति के लक्षण 

मिलीबग छोटे अंडाकार, मुलायम शरीर वाले रस चूसक रुई के सामान कीड़े हैं। प्रौढ़ मिली बग पत्तियों, तना, एवं जड़ों को सफ़ेद मोम के आवरण से ढक लेता है।  मिलीबग अपने चुभाने एवं चूसने वाले मुखांग की सहायता से पत्तियों व तनो से अधिक मात्रा में रस चूसकर पौधो को आवश्यक पोषक तत्वों से वंचित कर देता है।

यह कीट, अतिरिक्त रूप से मधुरस बाहर निकालता है। जो चींटियों को आकर्षित करता है। यह मधुरस, फफूंदी को विकसित करने में सहायता करता है, जिससे पौधे की प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया बाधित होती है।

नियंत्रण के उपाय:- डी -वन ( सुल्फोक्साफ्लोर 21.80% एससी) @ 150 मिली + सिलिको मैक्स @ 50 मिली प्रति एकड़, 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

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इजराइली तकनीक से कम जमीन पर पाएं अधिक उत्पादन

लगातार बढ़ती आबादी और शहरीकरण की वजह से कृषि योग्य भूमि कम होती जा रही है। जहां बढ़ती मांग के मुकाबले उत्पादन में भी कमी आ रही है। ऐसे में सीमित संसाधनों के साथ खाद्य उत्पादों की आपूर्ति करना मुश्किल हो रहा है। इस चुनौती का सामना भारत के अलावा दुनिया के कई बड़े देश कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में इजराइली तकनीक किसानों के लिए वरदान साबित हुई है।

क्या है इजराइली तकनीक? 

इजराइल देश द्वारा विकसित की गई यह आधुनिक तकनीक है। इसमें लोहे या फिर बांस के स्ट्रक्चर से दीवारनुमा ढांचा बनाकर तैयार किया जाता है। इसकी बांद इन्हीं ढांचों में खाद, मिट्टी और बीज से भरे हुए गमलों को रखा जाता है। इस तकनीक की मदद से कम जगह में भी ज्यादा और बढ़िया उत्पादन प्राप्त होता है। इस तकनीक को वर्टिकल फार्मिंग के नाम से भी जाना जाता है।

वहींं खेत दूर होने के कारण बड़े शहरों के लिए ताज़ी सब्जियों की आपूर्ति करना थोड़ा मुश्किल होता है। ऐसे में खेती की यह तकनीक शहरी किसानों के लिए पहली पसंद बन गई है। अमेरिका,यूरोप, चीन, कोरिया, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भी इस तकनीक को सफलतापूर्वक अपना रहे हैं। अगर आपके पास भी कम ज़मीन है तो इस तकनीक से बढ़िया कमाई कर सकते हैं। 

स्रोत : कृषि जागरण

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मक्के की फसल में मैग्नीशियम के कमी के लक्षण एवं निवारण

किसान भाइयों, मैग्नीशियम एक आवश्यक पोषक तत्व है। मक्के के पौधे में मैग्नीशियम की कमी के लक्षण पत्तियों में देखे जाते हैं जो लाल और बैंगनी रंग के होते हैं और एक लकीर के रूप में दिखाई देते हैं।

यह अक्सर ठंड और गीली और बहुत अम्लीय या रेतीली मिट्टी में लंबे समय तक रहने के बाद होता है। मैग्नीशियम मौसम की शुरुआत में स्वस्थ पौधों के विकास में योगदान देता है और उपज में सुधार करता है। यह पौधे की परिपक्वता प्रक्रिया में भी मदद कर सकता है।

निवारण 

फसलों में बुवाई के 15 से 20  दिन बाद, मैग्नीशियम सल्फेट @ 5 किलोग्राम  + यूरिया @ 35 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से आपस में मिलाकर बुरकाव करें।

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धान की फसल को अच्छा बनाने के लिए क्या करें

ट्राई डिसोल्व पैडी मैक्स:- यह एक जैव उत्तेजक पोषक तत्व है, जिसमें जैविक कार्बन, पोटेशियम, कैल्शियम, अन्य प्राकृतिक स्थिरक, आदि तत्व पाए जाते हैं। यह स्वस्थ और वानस्पतिक वृद्धि को बढ़ावा देता है, प्रारंभिक अवस्था में जड़ का विकास करता है। साथ ही विभिन्न पोषक तत्वों की मात्रा भी बढ़ाता है तथा पौधो में रोग रोधी क्षमता को बढ़ाता है। जिससे उत्पादन में वृद्धि होती है। इस उत्पाद  को मुख्य रूप से धान की फसल के लिए बनाया गया है। 

उपयोग की विधि:- इसका उपयोग 400 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से उस समय दिए जाने वाले पोषक तत्व के साथ मिलकर भुरकाव करें एवं 200 ग्राम ट्राई डिसॉल्व पैडी मैक्स प्रति एकड़, 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।  

ट्राई कोट मैक्स – यह एक पौध वृद्धि प्रोत्साहक है। इसमें जैविक कार्बन 3% (ह्यूमिक, फ्लूविक, कार्बनिक पोषक तत्वों का मिश्रण) होता है। पौधो की जड़ एवं तना का अच्छा विकास करने में मदद करता है और पौधो की प्रजनन वृद्धि भी करता है। 

प्रयोग विधि – 4 किलो ग्राम ट्राई कोट मैक्स प्रति एकड़ के हिसाब से उस समय दिए जाने वाले पोषक तत्व के साथ मिलकर भुरकाव करें। 

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देश की विभिन्न मंडियों में 30 जुलाई को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

कमोडिटी

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

लखनऊ

प्याज़

10

11

लखनऊ

प्याज़

12

13

लखनऊ

प्याज़

14

लखनऊ

प्याज़

14

15

लखनऊ

लहसुन

25

लखनऊ

लहसुन

30

32

लखनऊ

लहसुन

35

40

लखनऊ

लहसुन

45

50

लखनऊ

आलू

18

19

लखनऊ

अदरक

45

लखनऊ

अनन्नास

25

30

लखनऊ

मोसंबी

30

लखनऊ

कद्दू

20

30

लखनऊ

फूलगोभी

30

लखनऊ

शिमला मिर्च

50

60

लखनऊ

हरी मिर्च

25

40

लखनऊ

भिन्डी

20

25

लखनऊ

नींबू

60

लखनऊ

केला

15

रतलाम

अदरक

22

24

रतलाम

आलू

21

22

रतलाम

टमाटर

20

22

रतलाम

हरी मिर्च

48

50

रतलाम

कद्दू

15

18

रतलाम

भिन्डी

24

26

रतलाम

नींबू

35

42

रतलाम

फूलगोभी

12

14

रतलाम

बैंगन

13

16

रतलाम

करेला

32

35

रतलाम

कटहल

18

20

रतलाम

आम

40

45

रतलाम

पपीता

14

16

रतलाम

खीरा

12

14

रतलाम

शिमला मिर्च

30

35

रतलाम

केला

32

34

गुवाहाटी

प्याज़

14

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

18

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

13

गुवाहाटी

प्याज़

17

गुवाहाटी

प्याज़

18

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

20

गुवाहाटी

प्याज़

22

गुवाहाटी

प्याज़

23

गुवाहाटी

लहसुन

21

25

गुवाहाटी

लहसुन

28

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

गुवाहाटी

लहसुन

20

25

गुवाहाटी

लहसुन

27

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

रतलाम

प्याज़

3

6

रतलाम

प्याज़

6

8

रतलाम

प्याज़

8

10

रतलाम

प्याज़

11

12

रतलाम

लहसुन

7

9

रतलाम

लहसुन

10

20

रतलाम

लहसुन

22

34

रतलाम

लहसुन

34

56

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