अनुदान पर करें पपीते की खेती, कमाएं लाखों रूपए

बागवानी की फसलों से किसानों को बढ़िया मुनाफा हो रहा है। ऐसे में केंद्र ओर राज्य सरकारें बागवानी की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही हैं। इसी कड़ी में बिहार सरकार अपने राज्य के किसानों को पपीते की खेती के लिए अनुदान प्रदान कर रही है। सरकार पपीते की फसल लगाने पर 60 हजार रूपए की ईकाई लागत के आधार पर 75% की सब्सिडी प्रदान कर रही है। ऐसे में पपीते की खेती करने पर राज्य के किसानों को 45 हजार रूपए की अनुदान राशि प्राप्त होगी।

इच्छुक किसान रही एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत आधिकारिक वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। बता दें कि पपीते की खेती 12 महीने की जाती है। पपीते का एक स्वस्थ पेड़ एक सीजन में 40 किलो तक फल देता है। ऐसे में एक हेक्टेयर क्षेत्र में करीब 2250 पपीते के पेड़ तैयार करके बढ़िया कमाई की जा सकती है।

स्रोत : आज तक

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बायोफ्लॉक मछली पालन के लिए पाएं 60% का अनुदान

किसान खेती के अलावा मछली पालन व्यवसाय से भी बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा किसान मछली पालन व्यवसाय को अपनाएं, इसके लिए नई-नई तकनीकों के जरिए मछली पालन व्यवसाय को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन्हीं में से एक बायोफ्लॉक तकनीक है, जिसकी स्थापना के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सब्सिडी दी जा रही है।

क्या है बायोफ्लॉक तकनीक?

इस तकनीक के अंतर्गत 10 से 15 हजार लीटर के बड़े आकार के टैंकों में मछलियों को डाला जाता है। जिनमें गंदे पानी को निकालने के साथ ही मछलियों के लिए ऑक्सीजन की उचित व्यवस्था की जाती है। बता दें कि मछलियां जितना खाती हैं, उसका 75% मल के रूप में निकाल देती हैं। इसके लिए बायोफ्लॉक नामक एक विशेष बैक्टीरिया टैंकों में डाला जाता है, जो इस मल को प्रोटीन में बदल देता है। इसी प्रोटीन को मछलियां अपने आहार के रूप में खाती हैं। इस तकनीक से एक तिहाई आहार की बचत तो होती ही है, साथ ही पानी भी साफ बना रहता है। 

बायोफ्लॉक सिस्टम लगाने में 70 हजार से 80 हजार रूपए तक का खर्च आता है। जिसमें टैंक, शेड, बिजली, पानी के साथ ही मजदूरी का खर्च भी शामिल है। इसकी लागत का 60% मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दिया जा रहा है। योजना के अनुसार महिलाओं को 60% की सब्सिडी और पुरुषों को 40% की सब्सिडी देने का प्रावधान है। योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर  जल्द आवेदन करें।

स्रोत: एबीपी

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे प्याज़ के ताजा भाव?

Onion Mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे ब्यावरा, देवास, हाटपिपलिया, हरदा, कालापीपल, खंडवा और मंदसौर में क्या चल रहे हैं प्याज़ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में प्याज़ के ताजा मंडी भाव

जिला

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

राजगढ़

ब्यावरा

300

1200

देवास

देवास

100

800

देवास

हाटपिपलिया

600

800

हरदा

हरदा

400

600

शाजापुर

कालापीपल

110

1120

खंडवा

खंडवा

300

1000

खरगोन

खरगोन

500

1200

खरगोन

खरगोन

500

1000

मंदसौर

मंदसौर

200

1050

सागर

सागर

1000

1200

इंदौर

सांवेर

600

900

शाजापुर

सुजालपुर

300

1151

स्रोत: एगमार्कनेट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। लेख पसंद आया हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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खरीफ प्याज की फसल में रोपाई के 40-45 दिन की अवस्था में पोषक तत्व प्रबंधन

प्याज की फसल में पौधे के विकास के साथ साथ कंद विकास के लिए मुख्य पोषक तत्वों के अलावा सूक्ष्म पोषक तत्वों की भी आवश्यकता होती है। जो बीमारी, कीट एवं प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। मिट्टी में इन पोषक तत्वों की कमी होने से फसलों पर इसके लक्षण दिखने लगते हैं।

 पोषक तत्व प्रबंधन – प्याज की फसल में पौधों के अच्छे वृद्धि विकास के साथ – साथ कंद का आकार बढ़ाने के  लिए, यूरिया @ 30 किग्रा + एग्रोमिन (जिंक 5% + आयरन 2% + मैंगनीज 1% + बोरॉन 1% + कॉपर 0.5%) @ 5 किग्रा + कोरोमंडल जिंक सल्फेट @ 5 किग्रा, प्रति एकड़ के हिसाब से प्रयोग करें।

महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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देश की विभिन्न मंडियों में 14 सितंबर को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

शाजापुर

प्याज़

3

5

शाजापुर

प्याज़

7

9

शाजापुर

प्याज़

9

11

शाजापुर

लहसुन

2

5

शाजापुर

लहसुन

5

7

शाजापुर

लहसुन

8

11

गुवाहाटी

प्याज़

11

गुवाहाटी

प्याज़

14

गुवाहाटी

प्याज़

17

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

11

गुवाहाटी

प्याज़

13

गुवाहाटी

प्याज़

17

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

22

गुवाहाटी

प्याज़

23

गुवाहाटी

लहसुन

15

20

गुवाहाटी

लहसुन

20

25

गुवाहाटी

लहसुन

25

32

गुवाहाटी

लहसुन

35

38

गुवाहाटी

लहसुन

15

20

गुवाहाटी

लहसुन

20

25

गुवाहाटी

लहसुन

25

32

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

बंगलोर

लहसुन

26

बंगलोर

लहसुन

38

बंगलोर

आलू

17

19

आगरा

प्याज़

6

7

आगरा

प्याज़

8

9

आगरा

प्याज़

10

11

आगरा

प्याज़

13

आगरा

हरी मिर्च

26

लखनऊ

प्याज़

5

7

लखनऊ

प्याज़

6

9

लखनऊ

प्याज़

8

10

लखनऊ

प्याज़

10

12

लखनऊ

प्याज़

7

लखनऊ

प्याज़

10

लखनऊ

प्याज़

12

13

लखनऊ

प्याज़

11

14

लखनऊ

लहसुन

5

10

लखनऊ

लहसुन

12

15

लखनऊ

लहसुन

18

25

लखनऊ

लहसुन

25

30

लखनऊ

हरी मिर्च

25

26

लखनऊ

गाजर

27

28

सिलीगुड़ी

प्याज़

9

10

सिलीगुड़ी

प्याज़

13

14

सिलीगुड़ी

प्याज़

15

16

सिलीगुड़ी

प्याज़

17

18

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जारी हुआ पीएम किसान योजना का हेल्पलाइन, जल्द आएंगे पैसे

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 12वीं किस्त किसानों के खाते में जल्द ही जारी की जाएगी। मिली जानकारी के मुताबिक सितंबर महीने में किसानों के खाते में 2 हजार रूपए की राशि पहुंचा दी जाएगी। इस खुशखबरी के बीच केंद्र सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। जिसकी मदद से आप पीएम किसान योजना से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

टॉल फ्री नंबर की सुविधाएं

सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए एक टोल फ्री नंबर 155261 जारी किया है। इस टोल फ्री नंबर पर कॉल करके किसान लाभार्थी सूची में अपना नाम, ई-केवाईसी की पूरी प्रकिया के साथ ही बैंक खाते में जमा राशि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है। 

बता दें कि योजना के तहत लाभार्थी किसानों के खाते में हर साल 6 हजार रूपए भेजे जाते हैं। यह सहायता राशि तीन किस्तों में 2-2 हजार रूपए करके दी जाती है। अब तक किसानों के खातों में 11 किस्तें जमा की जा चुकी हैं। वहीं किसानों को अब अगली किस्त का इंतजार है। 

स्रोत: आज तक

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लाखों मवेशियों को अपनी चपेट में लेने वाले वायरस के खिलाफ स्वदेशी वैक्सीन हुई तैयार

मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों में लम्पी वायरस का कहर देखने को मिल रहा है। इस वायरस की वजह से हजारों गायों की मौत हो चुकी है। वहीं अब तक लाखों मवेशी इसकी चपेट में आ चुके हैं। इन सबके बीच पशुपालकों और किसानों के लिए एक राहत की खबर सामने आई है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार वैज्ञानिकों ने लंपी वायरस को कंट्रोल करने के लिए देसी वैक्सीन तैयार कर ली है। 

बता दें कि देश के कई राज्यों में लंपी वायरस स्किन रोग ने पशुधन को बहुत हानि पहुंचाई है। यह एक ऐसा संक्रामक रोग है, जो मच्छर, मक्खी, ततैया आदि के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। इसके साथ ही दूषित भोजन और पानी की वजह से भी मवेशी इस रोग की चपेट में आ जाते हैं। अब तक इस रोग पर काबू पाने के लिए सटीक इलाज का पता नहीं चल पाया था। हालांकि अब देसी वैक्सीन तैयार होने के बाद लम्पी रोग को खत्म करने की उम्मीद की जा रही है।

स्रोत: आज तक

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे प्याज़ के ताजा भाव?

onion Mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे अलीराजपुर, भोपाल, देवरी, देवास, हाटपिपलिया, इटारसी, खरगोन, रतलाम और मंदसौर में क्या चल रहे हैं प्याज़ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में प्याज़ के ताजा मंडी भाव

जिला

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अलीराजपुर

अलीराजपुर

1200

1600

भोपाल

भोपाल

400

1500

सागर

देवरी

600

900

देवास

देवास

100

800

देवास

हाटपिपलिया

600

800

देवास

हाटपिपलिया

400

600

होशंगाबाद

इटारसी

600

1200

शाजापुर

कालापीपल

150

1220

खरगोन

खरगोन

500

1000

खरगोन

खरगोन

500

1500

धार

मनावर

800

1000

मंदसौर

मंदसौर

200

1000

मुरैना

पोरसा

1000

1000

रतलाम

रतलाम

340

1176

रतलाम

सैलान

101

1122

इंदौर

सांवेर

675

975

सीहोर

सीहोर

200

1101

मंदसौर

शामगढ़

420

642

शाजापुर

शुजालपुर

300

1150

हरदा

टिमर्नी

500

1000

स्रोत: एगमार्कनेट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। लेख पसंद आया हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे सोयाबीन के भाव?

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे बड़नगर, बदनावर, कालापीपल, लटेरी, खातेगांव, खरगोन, मनावर और मंदसौर आदि में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव

जिला

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

शाजापुर

आगर

2450

5250

उज्जैन

बड़नगर

4200

5260

धार

बदनावर

3500

5275

होशंगाबाद

बाणपुरा

3200

4565

खरगोन

भीकनगांव

4891

5191

छिंदवाड़ा

छिंदवाड़ा

4850

5081

धार

धार

3005

5300

डिंडोरी

गोरखपुर

4500

4500

होशंगाबाद

इटारसी

3250

3250

शाजापुर

कालापीपल

4050

5210

उज्जैन

खाचरोद

3000

5124

खरगोन

खरगोन

4751

5030

देवास

खातेगांव

3400

6500

हरदा

खिरकिया

4000

5011

शिवपुरी

कोलारस

3000

5200

विदिशा

लटेरी

3805

4680

धार

मनावर

4800

4900

मंदसौर

मंदसौर

4500

5267

इंदौर

महू

3400

3400

उज्जैन

नगदा

4876

5200

राजगढ़

पचौरी

4400

5080

दमोह

पथरिया

4185

4740

झाबुआ

पेटलावद

5100

5800

मंदसौर

पिपल्या

2501

5215

रतलाम

रतलाम

3281

5280

रतलाम

सैलाना

4270

5132

इंदौर

सांवेर

4751

5900

सीहोर

सीहोर

3500

5126

श्योपुर

श्योपुरकलां

4000

5135

शाजापुर

शुजालपुर

4000

5013

स्रोत: एगमार्कनेट

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गोभी वर्गीय फसल में अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा रोग के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय

अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट गोभीवर्गीय फसलों “पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रुसेल्स  स्प्राउट्स और ब्रोकोली” आदि का एक सामान्य पत्ती रोग है। इस रोग के लक्षण आमतौर पर पहले पुराने, निचली पत्तियों पर देखे जाते हैं। इससे फसलों के तने तथा पत्तियों पर छोटे, गहरे रंग के चित्तियाँ दिखाई देती हैं, जो आपस में मिलकर गोलाकार घाव बनाते हैं। घाव पत्ती के दोनों ओर से दिखाई देते हैं और परिगलित घाव आसानी से फट जाता है। पत्तियों के अलावा फूलगोभी और ब्रोकली के फूल पर भी लक्षण दिखाई देते हैं। 

नियंत्रण के उपाय

👉🏻 जैविक नियंत्रण के लिए, मोनास-कर्ब @ 500 ग्राम + कॉम्बैट @ 500 ग्राम + सिलिकोमैक्स @ 50 मिली प्रति एकड़, 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। 

👉🏻 इस रोग के रोकथाम के लिए, बोनस (टेबुकोनाज़ोल 38.39% एससी) @ 240 मिली + सिलिकोमैक्स @ 50 मिली प्रति एकड़, 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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