किसान खेती के अलावा मछली पालन व्यवसाय से भी बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा किसान मछली पालन व्यवसाय को अपनाएं, इसके लिए नई-नई तकनीकों के जरिए मछली पालन व्यवसाय को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन्हीं में से एक बायोफ्लॉक तकनीक है, जिसकी स्थापना के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सब्सिडी दी जा रही है।
क्या है बायोफ्लॉक तकनीक?
इस तकनीक के अंतर्गत 10 से 15 हजार लीटर के बड़े आकार के टैंकों में मछलियों को डाला जाता है। जिनमें गंदे पानी को निकालने के साथ ही मछलियों के लिए ऑक्सीजन की उचित व्यवस्था की जाती है। बता दें कि मछलियां जितना खाती हैं, उसका 75% मल के रूप में निकाल देती हैं। इसके लिए बायोफ्लॉक नामक एक विशेष बैक्टीरिया टैंकों में डाला जाता है, जो इस मल को प्रोटीन में बदल देता है। इसी प्रोटीन को मछलियां अपने आहार के रूप में खाती हैं। इस तकनीक से एक तिहाई आहार की बचत तो होती ही है, साथ ही पानी भी साफ बना रहता है।
बायोफ्लॉक सिस्टम लगाने में 70 हजार से 80 हजार रूपए तक का खर्च आता है। जिसमें टैंक, शेड, बिजली, पानी के साथ ही मजदूरी का खर्च भी शामिल है। इसकी लागत का 60% मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दिया जा रहा है। योजना के अनुसार महिलाओं को 60% की सब्सिडी और पुरुषों को 40% की सब्सिडी देने का प्रावधान है। योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर जल्द आवेदन करें।
स्रोत: एबीपी
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