मध्य प्रदेश में बारिश ने तोड़ दिए रिकॉर्ड, जनजीवन हुआ अस्त व्यस्त

Heavy rains may occur in these states, Meteorological Department issued alert

पिछले तीन दिनों से मध्य प्रदेश के कई जिलों में बादल जमकर बरस रहे हैं। खासकर राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर को ज़बरदस्त बारिश ने बेहाल कर दिया। दोनों ही शहरों के कई मोहल्ले में जल जमाव की स्थिति बन गई।

राजधानी भोपाल में महज 24 घंटे में 8.5 इंच बारिश हुई, जो 14 साल बाद अगस्त में एक दिन में हुई बारिश का रिकॉर्ड है। वहीं इंदौर में 100 साल में पहली बार एक दिन में 12.5 इंच पानी बरसा। इस मानसून में पहली बार सभी 52 जिलों में बारिश हुई है।

इंदौर में खान नदी में जलस्तर बढ़ने से करीब 300 लोगों को नाव के जरिए रेस्क्यू किया गया। मालवा जिले में डैम फूटने के कारण बड़ोदिया निपानिया मार्ग आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है।

स्रोत: एनडीटीवी

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ट्राइकोडर्मा क्या है

  • ट्राइकोडर्मा एक जैविक कवकनाशी है जो फसलों में होने वाले रोगों के प्रबंधन के लिए एक बहुत ही प्रभावी जैविक साधन है।
  • ट्राइकोडर्मा एक शक्तिशाली बायोकंट्रोल एजेंट हैं और इसका उपयोग मृदा जनित बीमारियों जैसे फ्यूजेरियम, फाइटोपथोरा, स्क्लेरोशिया आदि के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है।
  • ट्राइकोडर्मा फसल वृद्धि कारक की तरह भी कार्य करता है। यह सुरक्षात्मक रूप में डाला जाये तो निमेटोड का भी नियंत्रण कर लेता है।
  • इसका उपयोग बीज़ उपचार के लिए भी किया जाता है। बीज़ उपचार करने से अंकुरण तो बहुत जल्दी से होता है साथ ही बीज़ जनित बीमारियों से भी सुरक्षा होती है।
  • ट्राइकोडर्मा का उपयोग जड़ गलन, तना गलन, उकठा रोग आदि के प्रभावी नियंत्रक के रूप में किया जाता है।
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नाइट्रोजन बैक्टीरिया की आलू की फसल के लिए उपयोगिता

  • नाइट्रोजन बैक्टीरिया आलू की फसल के लिए बहुत महत्वपूर्ण बैक्टीरिया है।
  • नाइट्रोजन बैक्टीरिया का उपयोग बुआई से पहले मिट्टी उपचार के रूप में करने से फसल को बहुत लाभ मिलता है।
  • यह बैक्टेरिया मिट्टी व पौधों की जड़ों के आसपास मुक्त रूप से रहते हुए वायुमंडलीय नाइट्रोजन को पोषक तत्वों में परिवर्तित करके पौधों को उपलब्ध कराते हैं।
  • नाइट्रोजन बैक्टीरिया आलू के पौधों की पैदावार को बढ़ाने वाले हार्माेन भी बनाते हैं, जो फसल के विकास में सहायक होते हैं।
  • इनके प्रयोग से फसल की पैदावार में 10-20 प्रतिशत तक की वृद्धि होती है।
  • इस जैविक उर्वरक से पौधों की नाइट्रोजन की आवश्यकता आंशिक रूप से पूरी हो सकती है।
  • नाइट्रोजन बैक्टीरिया के प्रयोग से लगभग 15 से 20 किग्रा नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर की बचत की जा सकती है।
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मध्यप्रदेश में शुक्रवार से शुरू हुई भारी बरसात, अगले कुछ दिन रहेगी जारी

Possibility of heavy rains in many states, Orange alert issued

देश के कई इलाकों में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त है। बात करें मध्यप्रदेश की तो, शुक्रवार शाम से ही मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी बारिश जारी है। मौसम विभाग का मानना है की आने वाले समय में भी भारी बरसात जारी रह सकती है। 

इसके अलावा भारतीय मौसम विज्ञान विभाग  ने मुंबई, ठाणे, रायगढ़ और कोंकण के अन्य क्षेत्रों में भारी बारिश के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ भी जारी किया है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बंगाल के दक्षिणी हिस्सों में भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। विभाग ने मध्य प्रदेश के छह जिलों होशंगाबाद, जबलपुर,बेतुल, नरसिंहपुर, सिवनी और हरदा जिले को रेड अलर्ट जारी किया है। 

स्रोत: जागरण

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आलू समृद्धि किट का महत्व

Potato
  • ग्रामोफ़ोन की नई पेशकश आलू समृद्धि किट मिट्टी में पाए जाने वाले आवश्यक पोषक तत्वों को घुलनशील रूप में परिवर्तित करके पौधे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • इस किट के माध्यम से मिट्टी में पाए जाने वाले हानिकारक कवकों को खत्म करके पौधे को होने वाले नुकसान से बचाती है।
  • यह उत्पाद उच्च गुणवत्ता वाले प्राकृतिक अवयवों से बना है, यह मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की गतिविधि को बढ़ाने में सहायक है।
  • यह मिट्टी के पीएच को बेहतर बनाने में मदद करता है और जड़ों को एक अच्छी शुरुआत प्रदान करता है। इससे जड़ पूरी तरह से विकसित होती है, जो फसल के अच्छे उत्पादन का कारण बनती है।
  • यह किट मिट्टी की संरचना में सुधार करके मिट्टी में पोषक तत्वों की उपलब्धता को कम नहीं होने देता है। यह जड़ प्रणाली द्वारा पोषक तत्वों में सुधार कर के जड़ विकास को बढ़ावा देता है।
  • जड़ों के द्वारा मिट्टी से पोषक तत्वों के अवशोषण में भी यह मदद करता है और मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की गतिविधि को बढ़ावा देता है।
  • यह खेत में पड़ी पिछली फसल के अवशेषों को नष्ट करके उपयोगी खाद में बदल कर फसलों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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किसान रेल की हुई शुरुआत, मध्य प्रदेश के इन स्टेशनों पर भी रुकेगी ये रेल

Kisan Rail

किसानों को अपनी उपज के परिवहन हेतु भारतीय रेलवे की तरफ से 20 अगस्त से ‘किसान ट्रेन’ की शुरुआत कर दी गई है। इस ट्रेन से किसानों के फल, फूल, सब्जी, दूध और दही जैसे समान देश के दूसरे हिस्सों में जल्द पहुँचाए जाएंगे।

यह ट्रेन महाराष्ट्र के देवलाली से शुरू हो कर बिहार के दानापुर तक जाएगी। यह ट्रेन कुल 1519 किलोमीटर की दूरी 32 घंटे में तय करेगी। इस ट्रेन से मध्यप्रदेश के किसान भी अपने उत्पाद जल्द दूसरे गंतव्य तक पहुंचा पाएंगे।

रेल मंत्रालय के अनुसार मध्य प्रदेश के किसान को इसका लाभ देने के लिए मध्यप्रदेश के कई स्टेशन पर इस ट्रेन को रोका जायेगा। यह ट्रेन मध्यप्रदेश के बुरहानपुर, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, सतना, कटनी और मनिकपुर आदि स्टेशन पर रुकेगी।

स्रोत: ज़ी न्यूज़

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आलू की उन्नत खेती में मददगार होगी ग्रामोफ़ोन आलू समृद्धि किट

Potato Samriddhi Kit
  • आलू की फसल से अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए ग्रामोफोन लेकर आया है आलू समृद्धि किट।
  • यह किट भूमि सुधारक की तरह कार्य करती है। इस किट में चार आवश्यक बैक्टीरिया NPK एवं ज़िंक हैं, जो मिट्टी में NPK की पूर्ति करके फसल के विकास में मदद करते हैं।
  • ज़िंक का जीवाणु मिट्टी में अधुलनशील जिंक को घुलनशील रूप में फसल को प्रदान करने का कार्य करता है।
  • इस किट में जैविक फफूंदनाशक ट्राइकोडर्मा विरिडी है जो मृदा जनित रोगजनकों को मारता है जिससे जड़ सड़न, तना गलन आदि जैसी गंभीर बीमारियों से पौधे की रक्षा होती है।
  • इस किट में समुद्री शैवाल, एमिनो एसिड ह्यूमिक एसिड एवं मायकोराइज़ा जैसी सामग्री का संयोजन है जो मिट्टी की विशेषताओं और गुणवत्ता में काफी सुधार करेगा, साथ ही मायकोराइज़ा सफेद जड़ के विकास में मदद करेगा।
  • ह्यूमिक एसिड प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया में सुधार करके आलू की फसल के बेहतर वानस्पतिक विकास में सहायता करता है।
  • कम्पोस्टिंग बैक्टेरिया खेत में पड़े पिछली फसल अवशेषों को सड़ा कर एवं गला कर डिकम्पोस्ट कर देता है एवं लाभकारी खाद में बदल देता है यह उत्पाद लाभकारी जीवाणु की संख्या में वृद्धि करता है।
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निमेटोड का नियंत्रण कैसे करें?

What is Nematode
  • निमेटोड यानी सूत्रकृमि पतले धागे के समान होते है। इनका शरीर लंबा बेलनाकार व बिना खंडों का होता है।
  • निमाटोड मिट्टी के अंदर रहकर फसल की जड़ों में गाठ बनाकर रहता है एवं फसल को नुकसान पहुँचाता है।
  • इस कीट के नियंत्रण के लिए जैविक उपचार ही सबसे अच्छा समाधान होता है।
  • इस कीट के नियंत्रण के लिए मिट्टी उपचार करना सबसे अच्छा उपाय है।
  • रासायनिक उपचार के रूप में कारबोफुरान 3% GR @ 10 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार करें।
  • फसल की बुआई के पूर्व 50-100 किलो FYM में पेसिलोमायसीस लिनेसियस (नेमेटोफ्री) @ 1 किलो/एकड़ की दर से मिलाकर खाली खेत में भुरकाव करें।
  • जब भी इस उत्पाद का उपयोग किया जाये तब इस बात का ध्यान रखें की खेत में पर्याप्त नमी हो।
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मध्य प्रदेश के 34 हजार किसानों को प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ मिलेगा

Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana

सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत इस साल मध्यप्रदेश में 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इससे करीब 34 हजार किसान लाभान्वित होंगे। यह जानकारी उद्यानिकी राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री भारत सिंह कुशवाहा ने दी। इस विषय पर हुई बैठक में श्री कुशवाहा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों के लिए निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने पर विशेष ध्यान दें।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में फल-फूल एवं सब्जी के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं में स्थानीय किसानों की मांग के अनुरूप लक्ष्य निर्धारित किए जाएं। राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में इस वर्ष 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचित करने का लक्ष्य है। योजना में 34 हजार कृषक लाभाविन्त होंगे।

स्रोत: कृषक जगत

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लहसुन की फसल में मिट्टी उपचार कैसे करें

  • लहसुन की फसल में बुआई से पहले मिट्टी उपचार करने से मिट्टी जनित रोगों का नियंत्रण हो जाता है। मिट्टी उपचार के पहले 50-100 किलो FYM के साथ मेट्राजियम @ 1 किलो कल्चर को मिलाकर खाली खेत में भुरकाव करें।
  • इसके अलावा दूसरे आवश्यक तत्व यूरिया @ 40 किलो/एकड़ + डीएपी @ 20 किलो/एकड़ + एसएसपी @ 60 किलो/एकड़ + पोटाश @ 40 किलो/एकड़ की दर से बुआई से पूर्व खेत में भुरकाव करें।
  • यह सभी तत्व लहसुन की बुआई के समय अच्छे अंकुरण के लिए बहुत आवश्यक होते हैं।
  • इसके साथ ही ग्रामोफ़ोन लेकर आया है लहसुन समृद्धि किट, इस किट में कई उत्पाद संलग्न हैं, जैसे एनपीके बैक्टीरिया का कंसोर्टिया, ज़िंक सोलुब्लाइज़िंग बैक्टीरिया, ट्राइकोडर्मा विरिडी, ह्यूमिक एसिड, समुद्री शैवाल, अमीनो एसिड एवं मायकोराइज़ा।
  • इन सभी उत्पादों को मिलाकर इस किट को तैयार किया गया है। इस किट का कुल वज़न 3.2 किलो है जो एक एकड़ के खेत के लिए पर्याप्त है।
  • इसे बुवाई के पहले 50-100 किलो FYM के साथ मिलाकरखाली खेत में भुरकाव करें।
  • यह किट लहसुन की फसल को सभी जरूरी पोषक तत्व प्रदान करती है।
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