- नैनो फर्टिलाइजर एक ऐसा उत्पाद है जो नैनोकणों के साथ बनाया जाता है।
- इन्हें पोषक तत्वों की दक्षता में सुधार करने के लिए तैयार किया गया है।
- यह उर्वरक उत्पादन दर और उपज में वृद्धि करने में सहायक होते हैं।
- यह उर्वरक अपशिष्ट उत्पादन को भी कम करते हैं।
- यह उर्वरक फसलों को पोषक तत्व प्रदान करता है।
- नैनो उर्वरक अघुलनशील पोषक तत्वों को बेहतर रूप से घुलनशील रूप में परिवर्तित करने में सहायक होता है।
फलविक एसिड के उपयोग से फसलों को मिलते हैं कई फायदे
- फलविक एसिड का सबसे महत्वपूर्ण काम ये है कि ये मिट्टी को भुरभुरा बनाने में मदद करता है।
- इससे जड़ों का विकास अधिक होता है। ये प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को तेज करता है।
- जिससे पौधे में हरापन और शाखाओं में वृद्धि होती है। ये पौधे की तृतीयक जड़ों का विकास करता है जिससे की जमीन से पोषक तत्वों का अवशोषण अधिक हो सके।
- यह पौधे में फलों और फूलों की वृद्धि करता है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति में वृद्धि करता है।
- पौधे की चयापचयी क्रियाओं में वृद्धि करता है। इससे उपज में भी वृद्धि होती है।
तरबूज की इन उन्नत किस्मों की खेती कर प्राप्त करें अच्छी उपज
- सागर किंग: यह एक उच्च उपज एवं जल्दी पकने वाली किस्म है जिसके बीज छोटे, फल का आकार अंडाकार, फल का वज़न 3 से 5 किलो, फल का ऊपरी रंग गहरा काला एवं अंदर के गूदे का रंग गहरा लाल होता है। यह 60-70 दिनों में पकने वाली किस्म है।
- सीमन्स बाहुबली: इस किस्म के फल का आकार अंडाकार, वज़न 3 से 7 किलो, रंग गहरा काला एवं चमकीला होता है। यह 65-70 दिनों में पकने वाली किस्म है तथा यह किस्म उकठा रोग के प्रति प्रतिरोध शक्ति रखती है।
- नेनेसम मैक्स: इस किस्म के फल का आकार अंडाकार, फल का वज़न 7 से 10 किलो, ऊपरी रंग गहरा काला एवं अंदर का गूदा चमकीला होता है। यह किस्म 70-80 दिनों में पक जाती है।
- ऑगस्टा: इस किस्म के फल का आकार अंडाकार, वज़न 7 से 10 किलो, ऊपरी रंग गहरा काला एवं अंदर का गूदे चमकीला होता है। यह 85-90 दिनों में पकने वाली किस्म है।
- मेलोडी F-1: यह किस्म उच्च यातायात गुणवत्ता और लंबी जीवन अवधि वाली है। इसके फल का आकार अंडाकार, रंग गहरा काला, वज़न 4-5 किलो होता है। यह 65-70 दिनों में पकने वाली किस्म है।
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत 5 लाख किसानों को भेजे गए 100 करोड़
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने सीहोर जिले के नसरुल्लागंज में एक सभा के दौरान सिंगल क्लिक से 5 लाख किसानों के खातों में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये की राशि भेज दी है।
इस सभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कृषि क्षेत्र के विकास को लेकर बहुत सारी बातें कही। वर्तमान में एमएसपी पर चल रहे घमासान के बीच उन्होंने किसानों को यह विश्वास दिलाया की “मंडियों और समर्थन मूल्य व्यवस्था को बंद करने वाली बातें भ्रामक और असत्य हैं।”
स्रोत: कृषक जगत
Shareप्याज़ में लगने वाले बैंगनी धब्बा रोग के लक्षण एवं नियंत्रण की विधि
- अल्टरनेरिया पोरी की वजह से होने वाली यह बीमारी मिट्टी में पैदा होने वाली फंगस है।
- शुरुआत में इस रोग के लक्षण प्याज की पत्तियों पर सफेद भूरे रंग के धब्बे बनाते हैं एवं उनका मध्य भाग बैंगनी रंग का होता है।
- इस रोग का संक्रमण उस समय अधिक होता है, जब वातावरण का तापक्रम 27 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तथा आर्द्रता अधिक रहती है।
रासायनिक उपचार:
थायोफिनेट मिथाइल 70% W/P @ 300 ग्राम/एकड़ या कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% WP @ 300 ग्राम/एकड़ या हेक्सकोनाज़ोल 5% SC @ 400 मिली प्रति एकड़ या टेबुकोनाज़ोल 10% + सल्फर 65% WG @ 500 ग्राम/एकड़ या क्लोरोथालोनिल 75% WP @ 400 ग्राम/एकड़ या कासुगामायसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% WP @ 300 ग्राम/एकड़ की दर से छिडकाव करें।
जैविक उपचार:
जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ या ट्राइकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ के रूप में उपयोग करें।
जानें क्या चल रहा है इंदौर के मंडियों में भाव
इंदौर के महू (अंबेडकर नगर) मंडी में गेहूँ, चना, डॉलर चना, डॉलर चना बिटकी, मक्का, सोयाबीन का भाव क्रमशः 1660, 3650, 3645, 4135, 1213, 3845 रूपये प्रति क्विंटल चल रहा है।
इंदौर डिवीजन के अंतर्गत आने वाले खंडवा के कृषि उपज मंडी समिति में उरद, कपास बिना ओटी हुई, करेला, गेहूँ, देशी चना, टमाटर, प्याज, फूलगोबी, बैंगन, भिंडी मक्का, मेथी, सोयाबीन तथा लौकी का भाव क्रमशः 1242, 5480, 1350, 1541, 3899, 700, 856, 500, 1100, 1300, 1242, 500, 4125 और 528 रूपये प्रति क्विंटल है।
स्रोत: किसान समाधान
Shareमध्यप्रदेश के 2 लाख 68 हजार दुग्ध उत्पादकों को दिया जाएगा किसान क्रेडिट कार्ड
किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार पशुपालन तथा मछली पालन को बढ़ावा दे रही है। इसी कड़ी में सरकार की तरफ से नए दुग्ध सहकारी समितियों का गठन किया जा रहा है साथ ही दुग्ध उत्पादक किसानों तथा पशुपालकों को ऋण उपलब्ध करवाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड से भी जोड़ने की तैयारी की जा रही है।
दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़े किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के साथ जोड़ने के लिए सरकार अभियान चला रही है और इस अभियान के अंतर्गत मध्यप्रदेश के 2 लाख 68 हजार दुग्ध उत्पादकों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ा जा रहा है। जल्द ही ये सभी दुग्ध उत्पादक किसान क्रेडिट कार्ड से जुड़ जाएंगे।
स्रोत: किसान समाधान
Shareतरबूज़ की फसल में बुआई पूर्व खेत की तैयारी एवं मिट्टी उपचार की विधि
- तरबूज की फसल हेतु अच्छे से भूमि की तैयारी जरूरी होती है इसीलिए आवश्यकता अनुसार जुताई करके खेत को ठीक प्रकार से तैयार कर लेना चाहिए।
- खेत में मौजूद भारी मिट्टी को ढेले रहित करने के बाद ही बीज बोना चाहिए। रेतीली भूमि के लिये अधिक जुताइयों की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इस प्रकार से 3-4 जुताई पर्याप्त होती हैं।
- तरबूज को खाद की आवश्यकता पड़ती है। मिट्टी उपचार के लिये बुआई से पहले मिट्टी समृद्धि किट के द्वारा मिट्टी उपचार किया जाना चाहिए।
- इसके लिए सबसे पहले 50-100 किलो FYM या पकी हुई गोबर की खाद या खेत की मिट्टी में मिलाकर बुआई से पहले खाली खेत में भुरकाव करें।
- बुआई के समय DAP @ 50 किलो/एकड़ + एसएसपी @ 75 किलो/एकड़ + पोटाश @ 75 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी भुरकाव करें।
इंदौर के मंडी में क्या चल रहा है प्याज, लहसुन एवं नए आलू का भाव
| प्याज का भाव | |
| नई लाल प्याज | आवक 30000 कट्टे, भाव ₹1500 से ₹3600 प्रति क्विंटल |
| पुरानी प्याज | आवक 22000 कट्टे, भाव ₹1000 से ₹3200 प्रति क्विंटल |
| किस्म का नाम | भाव |
| सुपर | 2600-3000 रूपये प्रति क्विंटल |
| एवरेज | 2200-2600 रूपये प्रति क्विंटल |
| गोलटा | 1800-2400 रूपये प्रति क्विंटल |
| गोलटी | 1400-1800 रूपये प्रति क्विंटल |
| छाटन | 800-1600 रूपये प्रति क्विंटल |
| लहसुन का भाव | |
| आवक: 2500 कट्टे | |
| किस्म का नाम | भाव |
| सुपर | 6000 – 6500 रूपये प्रति क्विंटल |
| लड्डू | 5300 – 5800 रूपये प्रति क्विंटल |
| मीडियम | 4000 – 4800 रूपये प्रति क्विंटल |
| बारीक | 2800 – 3800 रूपये प्रति क्विंटल |
| हल्की | 1000 – 2000 रूपये प्रति क्विंटल |
| नए आलू का भाव | |
| आवक: 8000 कट्टे | |
| किस्म का नाम | भाव |
| ज्योति | 1800 – 2200 रूपये प्रति क्विंटल |
| पुखराज | 1600 – 2000 रूपये प्रति क्विंटल |
आलू की फसल में सफेद मक्खी की पहचान एवं नियंत्रण
- सफेद मक्खी के प्रकोप के लक्षण: इस कीट की शिशु एवं वयस्क दोनों ही अवस्था आलू की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाते हैं।
- ये पत्तियों का रस चूस कर पौधे के विकास को बाधित कर देते हैं एवं पौधे पर उत्पन्न होने वाली सूटी मोल्ड नामक जमाव का कारण भी बनते हैं।
- इसके अधिक प्रकोप की स्थिति में आलू की फसल पूर्णतः संक्रमित हो जाती है।
- फसल के पूर्ण विकसित हो जाने पर भी इस कीट का प्रकोप होता है। इसके कारण से फसलों की पत्तियां सूख कर गिर जाती हैं।
- प्रबंधन: इस कीट के निवारण के लिए डायफेनथुरोंन 50% SP@ 250 ग्राम/एकड़ या फ्लोनिकामाइड 50% WG@ 60 मिली/एकड़ या एसिटामेप्रिड 20% SP @ 100 ग्राम/एकड़ या पायरीप्रोक्सीफेन 10% + बॉयफेनथ्रीन 10% EC 250 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
