- फल छेदक कीट टमाटर की फसल को काफी नुकसान पहुँचाते हैं।
- इस कीट का वयस्क भूरे रंग का तथा इल्ली हरे रंग की होती है।
- इस कीट की सबसे हानिकारक अवस्था ही इल्ली होती है।
- इल्ली शुरूआती अवस्था में मुलायम पत्तों पर हमला करती है तथा बाद में फलों पर आक्रमण करती है।
- यह इल्ली टमाटर के फल के अंदर घुस कर अंदर ही अंदर पूरे फल को नष्ट कर देती है।
- एक इल्ली 8-10 फलों को नष्ट करने में सक्षम होती है जिससे यह कीट टमाटर की खेती करने वाले किसानों को आर्थिक रूप से काफी नुकसान पहुंचाती है।
- इसके नियंत्रण के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG@ 100 ग्राम/एकड़ या फ्लूबेण्डामाइड 50% WG @ 100 ग्राम/एकड़ या क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5% SC@ 60 ग्राम/एकड़ या नोवालूरान 5.25% + इमामेक्टिन बेंजोएट 0.9% SC@ 600 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
फसलों में सिंगल सुपर फॉस्फेट के उपयोग से मिलते हैं कई फायदे
- सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) भूरे या या राख के रंग के सख्त दानेदार पाउडर के दानों वाला उर्वरक होता है।
- इस उर्वरक के दाने आसानी से हाथ से नहीं टूटते हैं।
- दानेदार एसएसपी में नाईट्रोजन की मात्रा – 0% फास्फोरस – 16% सल्फर की मात्रा – 11% कैल्शियम – 19% तथा जिंक – 1% होता है।
- एसएसपी बाकी दूसरे खाद से कम घुलनशील है, इसका प्रयोग हमेशा जुताई के समय कराना चाहिए।
- एसएसपी का उपयोग मिट्टी उपचार के रूप में भी किया जा सकता है जिसका फायदा पौधों को अंकुरण के समय अधिक होता है।
- एसएसपी का उपयोग सही समय पर करने से फल एवं फूल अधिक मात्रा में लगते हैं।
- एसएसपी के उपयोग से फसलों में फास्फोरस, सल्फर, कैल्शियम तथा ज़िंक की पूर्ति आसानी से की जा सकती है।
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष रबी फ़सलों की बुआई हुई अधिक
देश में रबी फ़सलों की बुआई अब लगभग पूरी हो चुकी है। अब तक 597 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर बुआई की गई है। इस सीजन के बुआई का आंकड़ा पिछले साल की तुलना में अधिक है। पिछले साल इस समय तक 573.23 लाख हेक्टेयर में बोनी की गई थी वहीं इस साल ये आंकड़ा बढ़कर 597.92 लाख हेक्टेयर हो गया है।
अगर बात करें रबी सीजन के मुख्य फसल गेहूँ की तो देश में अब तक गेहूँ का रकबा 313.24 लाख हेक्टेयर हो गया है। पिछले वर्ष इस अवधि में यह आंकड़ा 297.39 हेक्टेयर ही था। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार रबी सीजन में बुआई बेहतर होगी तथा उत्पादन भी अच्छा होने की उम्मीद है।
स्रोत: कृषक जगत
Shareगेहूँ की फसल में पीलेपन की समस्या का ऐसे करें नियंत्रण
- गेहूँ की फसल में 35-40 दिनों की अवस्था में पीलेपन की समस्या दिखाई देती है।
- यह समस्या गेहूँ की फसल में पोषक तत्वों की कमी के कारण होती है।
- इस समस्या के निवारण के लिए जिब्रेलिक एसिड@ 300 मिली/एकड़ या ह्यूमिक एसिड@ 100 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- इसके अलावा 19:19:19 @ 1 किलो/एकड़ या 20:20:20 @ 1 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।
पूरे देश में बारिश का दौर जारी, जानें आज के दिन का मौसम पूर्वानुमान
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश समेत मध्य प्रदेश में 6 जनवरी से मौसम साफ होने की संभावना है। जबकि जम्मू कश्मीर से लेकर हिमाचल और उत्तराखंड तक हल्की से मध्यम वर्षा व बर्फबारी जारी रहेगी। दक्षिण भारत में तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक के अधिकांश इलाकों में भारी बारिश।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareआलू की फसल में स्कैब रोग का प्रभाव एवं निवारण के उपाय
- आलू की फसल में होने वाला यह रोग फफूंद जनित होता है।
- इस रोग का प्रभाव आलू के कंद पर बहुत अधिक मात्रा में देखे जाते हैं।
- आलू के कंदो पर गहरे भूरे रंग के स्कैब उभरते हैं जो हाथ से छूने पर दरदरे महसूस होते हैं।
- इस रोग से ग्रसित आलू के कंद खाने योग्य नहीं रहते हैं।
- इस रोग के निवारण के लिए थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W @ 300 ग्राम/एकड़ या कासुगामायसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% WP@ 300 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- इस रोग के प्रभावी के नियंत्रण के लिए बुआई से पहले बीज उपचार करना बहुत आवश्यक होता है।
मध्यप्रदेश के ग्रामीण प्रवासी मजदूरों को इस योजना से मिलेगा ब्याज मुक्त ऋण
साल 2020 में पूरी दुनिया में फैले कोरोना महामारी से छोटे छोटे बिजनेस करने वाले लोगों काफी नुकसान का सामना करना पड़ा। इसी नुकसान की भरपाई के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने ग्रामीण स्ट्रीट वेंडर्स के लिए एक योजना की शुरुआत की है। इस योजना का नाम मुख्यमंत्री ग्रामीण स्ट्रीट वेंडर ऋण योजना है।
इस योजना के माध्यम से महामारी के दौरान शहरों से गांव पहुंचे प्रवासी मजदूरों और लघु व्यापारियों को बिना ब्याज के ऋण दिया जाएगा जिससे वे छोटा-मोटा रोजगार पुनः शुरू कर सकेंगे।
इस योजना का लाभ वेंडर्स सर्टिफिकेट लेने के बाद मिलेगा और इस सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करना होगा। इस आवेदन का सत्यापन ग्रामीण विकास विभाग, मध्य प्रदेश द्वारा किया जाएगा। आवेदन हेतु जरुरी दस्तावेजों में आधार कार्ड, समग्र आईडी और आधार से लिंक मोबाइल नंबर की जरुरत होती है। इस योजना में ऑनलाइन पंजीयन हेतु http://kamgarsetu.mp.gov.in/ पर जाएं।
स्रोत: कृषि जागरण
Shareसर्दियों में हो गया है मानसून जैसा माहौल, अभी और होगी बारिश
सर्दियों के मौसम में बरसात जैसा माहौल हो गया है और देश के कई राज्यों में बरसात हो रही है।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareगोभी की फसल में हरी इल्ली के प्रकोप से होगा नुकसान, जानें निवारण विधि
- हरी इल्ली गोभी की फसल में होने वाला एक मुख्य कीट है जो फसल को काफी नुकसान पहुंचा सकता है।
- इसका लार्वा 25-30 मिमी लंबा, पांच आड़ी-पीली लाइनों के साथ पीले हरे रंग का होता है।
- इसकी बाहरी त्वचा पर छह जोड़ी काले और पीले धब्बे होते हैं।
- इस कीट की इल्लियाँ पत्तों में गोलाकार छेद कर फसल को हानि पहुंचाते हैं।
- कभी कभी यह इल्ली पत्तों को किनारे से भी खाना शुरू कर देते हैं या फिर पत्तों के बीच में से भी नुकसान पहुंचाता है।
- इस इल्ली के नियंत्रण के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG@ 100 ग्राम/एकड़ या क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5% SC@ 60 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
इंदौर के भीकनगांव मंडी में क्या चल रहा है भाव?
डिवीजन | मंडी | फसल | न्यूनतम दर (₹/क्विंटल) |
अधिकतम दर (₹/क्विंटल) |
मॉडल दर (₹/क्विंटल) |
इन्दौर | भीकनगांव | कपास | 4000 | 5650 | 4930 |
इन्दौर | भीकनगांव | गेहूँ | 1661 | 1794 | 1691 |
इन्दौर | भीकनगांव | अरहर | 4500 | 5551 | 5311 |
इन्दौर | भीकनगांव | मक्का | 971 | 1309 | 1268 |
इन्दौर | भीकनगांव | सोयाबीन | 4141 | 5341 | 4467 |