एफिड सरसों की फसल में होने वाला एक प्रमुख कीट है जिसे माहू और चेपा के नाम से भी जाना जाता है।
इस कीट का शिशु एवं प्रौढ़ दोनो ही रूप पौधों के कोमल तने, पत्तियों, फूलों एवं नई फलियों से रस चूसकर उसे कमजोर करते हैं।
इसके साथ ही ये अपने तेज़ मुख से पत्तियों को खुरचते हैं और उनका रस चूसते हैं।
इसके कारण सरसों की पत्तियों पर काले कवक का प्रकोप हो जाता है तथा प्रकाश संश्लेषण की क्रिया प्रभी भावित हो जाती है।
इस कीट का प्रकोप दिसम्बर-जनवरी से लेकर मार्च तक बना रहता है और बादल घिरे रहने पर इसका प्रकोप तेजी से होता है।
इसके नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 30.5% SC@ 100 मिली/एकड़
या फ्लोनिकामिड 50% WG@ 60 मिली/एकड़
या थियामेंथोक्साम 25% WG@ 100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।