तरबूज की इन उन्नत किस्मों की खेती कर प्राप्त करें अच्छी उपज

Get good yield by cultivating these advanced varieties of watermelon
  • सागर किंग: यह एक उच्च उपज एवं जल्दी पकने वाली किस्म है जिसके बीज छोटे, फल का आकार अंडाकार, फल का वज़न 3 से 5 किलो, फल का ऊपरी रंग गहरा काला एवं अंदर के गूदे का रंग गहरा लाल होता है। यह 60-70 दिनों में पकने वाली किस्म है।
  • सीमन्स बाहुबली: इस किस्म के फल का आकार अंडाकार, वज़न 3 से 7 किलो, रंग गहरा काला एवं चमकीला होता है। यह 65-70 दिनों में पकने वाली किस्म है तथा यह किस्म उकठा रोग के प्रति प्रतिरोध शक्ति रखती है।
  • नेनेसम मैक्स: इस किस्म के फल का आकार अंडाकार, फल का वज़न 7 से 10 किलो, ऊपरी रंग गहरा काला एवं अंदर का गूदा चमकीला होता है। यह किस्म 70-80 दिनों में पक जाती है।
  • ऑगस्टा: इस किस्म के फल का आकार अंडाकार, वज़न 7 से 10 किलो, ऊपरी रंग गहरा काला एवं अंदर का गूदे चमकीला होता है। यह 85-90 दिनों में पकने वाली किस्म है।
  • मेलोडी F-1: यह किस्म उच्च यातायात गुणवत्ता और लंबी जीवन अवधि वाली है। इसके फल का आकार अंडाकार, रंग गहरा काला, वज़न 4-5 किलो होता है। यह 65-70 दिनों में पकने वाली किस्म है।
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मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत 5 लाख किसानों को भेजे गए 100 करोड़

100 crore sent to 5 lakh farmers under Mukhyamantri Kisan Kalyan Yojana

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने सीहोर जिले के नसरुल्लागंज में एक सभा के दौरान सिंगल क्लिक से 5 लाख किसानों के खातों में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये की राशि भेज दी है।

इस सभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कृषि क्षेत्र के विकास को लेकर बहुत सारी बातें कही। वर्तमान में एमएसपी पर चल रहे घमासान के बीच उन्होंने किसानों को यह विश्वास दिलाया की “मंडियों और समर्थन मूल्य व्यवस्था को बंद करने वाली बातें भ्रामक और असत्य हैं।”

स्रोत: कृषक जगत

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प्याज़ में लगने वाले बैंगनी धब्बा रोग के लक्षण एवं नियंत्रण की विधि

Symptoms and control of purple blotch disease in Onion
  • अल्टरनेरिया पोरी की वजह से होने वाली यह बीमारी मिट्टी में पैदा होने वाली फंगस है।
  • शुरुआत में इस रोग के लक्षण प्याज की पत्तियों पर सफेद भूरे रंग के धब्बे बनाते हैं एवं उनका मध्य भाग बैंगनी रंग का होता है।
  • इस रोग का संक्रमण उस समय अधिक होता है, जब वातावरण का तापक्रम 27 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तथा आर्द्रता अधिक रहती है।

रासायनिक उपचार:
थायोफिनेट मिथाइल 70% W/P @ 300 ग्राम/एकड़ या कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% WP @ 300 ग्राम/एकड़ या हेक्सकोनाज़ोल 5% SC @ 400 मिली प्रति एकड़ या टेबुकोनाज़ोल 10% + सल्फर 65% WG @ 500 ग्राम/एकड़ या क्लोरोथालोनिल 75% WP @ 400 ग्राम/एकड़ या कासुगामायसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% WP @ 300 ग्राम/एकड़ की दर से छिडकाव करें।

जैविक उपचार:
जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ या ट्राइकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ के रूप में उपयोग करें।

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जानें क्या चल रहा है इंदौर के मंडियों में भाव

इंदौर के महू (अंबेडकर नगर) मंडी में गेहूँ, चना, डॉलर चना, डॉलर चना बिटकी, मक्का, सोयाबीन का भाव क्रमशः 1660, 3650, 3645, 4135, 1213, 3845 रूपये प्रति क्विंटल चल रहा है।

इंदौर डिवीजन के अंतर्गत आने वाले खंडवा के कृषि उपज मंडी समिति में उरद, कपास बिना ओटी हुई, करेला, गेहूँ, देशी चना, टमाटर, प्याज, फूलगोबी, बैंगन, भिंडी मक्का, मेथी, सोयाबीन तथा लौकी का भाव क्रमशः 1242, 5480, 1350, 1541, 3899, 700, 856, 500, 1100, 1300, 1242, 500, 4125 और 528 रूपये प्रति क्विंटल है।

स्रोत: किसान समाधान

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मध्यप्रदेश के 2 लाख 68 हजार दुग्ध उत्पादकों को दिया जाएगा किसान क्रेडिट कार्ड

Kisan Credit Card to be given to 2 lakh 68 thousand milk producers of MP

किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार पशुपालन तथा मछली पालन को बढ़ावा दे रही है। इसी कड़ी में सरकार की तरफ से नए दुग्ध सहकारी समितियों का गठन किया जा रहा है साथ ही दुग्ध उत्पादक किसानों तथा पशुपालकों को ऋण उपलब्ध करवाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड से भी जोड़ने की तैयारी की जा रही है।

दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़े किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के साथ जोड़ने के लिए सरकार अभियान चला रही है और इस अभियान के अंतर्गत मध्यप्रदेश के 2 लाख 68 हजार दुग्ध उत्पादकों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ा जा रहा है। जल्द ही ये सभी दुग्ध उत्पादक किसान क्रेडिट कार्ड से जुड़ जाएंगे।

स्रोत: किसान समाधान

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तरबूज़ की फसल में बुआई पूर्व खेत की तैयारी एवं मिट्टी उपचार की विधि

Field preparation and soil treatment in water melon before sowing
  • तरबूज की फसल हेतु अच्छे से भूमि की तैयारी जरूरी होती है इसीलिए आवश्यकता अनुसार जुताई करके खेत को ठीक प्रकार से तैयार कर लेना चाहिए।
  • खेत में मौजूद भारी मिट्टी को ढेले रहित करने के बाद ही बीज बोना चाहिए। रेतीली भूमि के लिये अधिक जुताइयों की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इस प्रकार से 3-4 जुताई पर्याप्त होती हैं।
  • तरबूज को खाद की आवश्यकता पड़ती है। मिट्टी उपचार के लिये बुआई से पहले मिट्टी समृद्धि किट के द्वारा मिट्टी उपचार किया जाना चाहिए।
  • इसके लिए सबसे पहले 50-100 किलो FYM या पकी हुई गोबर की खाद या खेत की मिट्टी में मिलाकर बुआई से पहले खाली खेत में भुरकाव करें।
  • बुआई के समय DAP @ 50 किलो/एकड़ + एसएसपी @ 75 किलो/एकड़ + पोटाश @ 75 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी भुरकाव करें।
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इंदौर के मंडी में क्या चल रहा है प्याज, लहसुन एवं नए आलू का भाव

 

प्याज का भाव
नई लाल प्याज आवक 30000 कट्टे, भाव ₹1500 से ₹3600 प्रति क्विंटल
पुरानी प्याज आवक 22000 कट्टे, भाव ₹1000 से ₹3200 प्रति क्विंटल
किस्म का नाम भाव
सुपर 2600-3000 रूपये प्रति क्विंटल
एवरेज 2200-2600 रूपये प्रति क्विंटल
गोलटा 1800-2400 रूपये प्रति क्विंटल
गोलटी 1400-1800 रूपये प्रति क्विंटल
छाटन 800-1600 रूपये प्रति क्विंटल
लहसुन का भाव
आवक: 2500 कट्टे
किस्म का नाम भाव
सुपर 6000 – 6500 रूपये प्रति क्विंटल
लड्डू 5300 – 5800 रूपये प्रति क्विंटल
मीडियम 4000 – 4800 रूपये प्रति क्विंटल
बारीक 2800 – 3800 रूपये प्रति क्विंटल
हल्की 1000 – 2000 रूपये प्रति क्विंटल
नए आलू का भाव
आवक: 8000 कट्टे
किस्म का नाम भाव
ज्योति 1800 – 2200 रूपये प्रति क्विंटल
पुखराज 1600 – 2000 रूपये प्रति क्विंटल
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आलू की फसल में सफेद मक्खी की पहचान एवं नियंत्रण

Identification and control of white fly in potato crop
  • सफेद मक्खी के प्रकोप के लक्षण: इस कीट की शिशु एवं वयस्क दोनों ही अवस्था आलू की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाते हैं।
  • ये पत्तियों का रस चूस कर पौधे के विकास को बाधित कर देते हैं एवं पौधे पर उत्पन्न होने वाली सूटी मोल्ड नामक जमाव का कारण भी बनते हैं।
  • इसके अधिक प्रकोप की स्थिति में आलू की फसल पूर्णतः संक्रमित हो जाती है।
  • फसल के पूर्ण विकसित हो जाने पर भी इस कीट का प्रकोप होता है। इसके कारण से फसलों की पत्तियां सूख कर गिर जाती हैं।
  • प्रबंधन: इस कीट के निवारण के लिए डायफेनथुरोंन 50% SP@ 250 ग्राम/एकड़ या फ्लोनिकामाइड 50% WG@ 60 मिली/एकड़ या एसिटामेप्रिड 20% SP @ 100 ग्राम/एकड़ या पायरीप्रोक्सीफेन 10% + बॉयफेनथ्रीन 10% EC 250 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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मटर की फसल में फूल अवस्था में जरूर करें पोषण प्रबंधन

Nutrition management at flowering stage in Pea crop
  • मटर की फसल में सबसे महत्वपूर्ण अवस्था होती है फूल अवस्था।
  • इसी कारण मटर की फसल के फूल अवस्था में पोषण प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है।
  • बदलते मौसम एवं फसल में पोषक तत्वों की कमी के कारण मटर की फसल में फूल गिरने की समस्या होती है।
  • अधिक मात्रा में फूल गिरने के कारण मटर की फसल में फल उत्पादन बहुत प्रभावित होता है।
  • इस समस्या के निवारण के लिए सूक्ष्म पोषक तत्व@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • फूल गिरने से रोकने के लिए होमब्रेसिनोलाइड @ 100 मिली/एकड़ या पेक्लोबूट्राज़ोल 40% SC @ 30 मिली/एकड़ की दर से उपयोग करें।
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रबी फसलों का करवा लें बीमा, फसल क्षति की होगी भरपाई

Get insurance for Rabi crops, crop damage will be compensated

किसान भाई वर्तमान में रबी फसलों की बुआई में व्यस्त हैं। पर इस व्यस्तता के बीच किसान भाई अपनी फसलों का बीमा करवाना ना भूले। इससे आपकी फसल को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली क्षति में मदद मिल जाती है और आपको ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ता है।

किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी मौसम 2020-21 की फसलों के लिये बीमा करवा सकते हैं। बीमा करवाने की आखिरी तारिख 31 दिसम्बर 2020 है। बता दें की खरीफ सीजन में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा करवाने वाले किसानों को फसल क्षति की भरपाई की गई थी।

अगर आप फसल बीमा करवाते हैं तो प्राकृतिक आग (आकाशीय बिजली गिरना), बादल फटना, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, अंधड़, टेम्पेस्ट, हरीकेन, टोरनेडो, बाढ़, जल भराव, भू-स्खलन, सूखा, कीट व्याधियाँ इत्यादि से फसल को होने वाले नुकसान की भरपाई आप बीमा से प्राप्त कर सकते हैं।

फसल बीमा करवाने हेतु आप एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के टोल फ्री नम्बर 18002337115 पर संपर्क कर सकते हैं। रबी वर्ष 2020-21 के लिये जारी की गई अधिसूचना http://govtpressmp.nic.in/history-gazette-extra-2020.html पर उपलब्ध है।

स्रोत: कृषक जागरण

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