गेहूँ की फसल में तम्बाकू इल्ली के प्रकोप का ऐसे करें नियंत्रण

Measures to control tobacco caterpillar in wheat
  • यह इल्ली गेहूँ की फसल की पत्तियों पर आक्रमण करती है और पत्तियों के हरे हिस्से को खरोंच कर नष्ट कर देती है।
  • इस कीट का लार्वा कोमल पत्तियों पर फ़ीड करता है।
  • जिन पत्तियों पर यह कीड़ा हमला करता है, उन पर एक जालीनुमा संरचना बन जाती है।
  • प्रोफेनोफोस 40% + सायपरमेथ्रिन 4% EC @ 400 मिलीग्राम/एकड़
    या इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG @100 ग्राम/एकड़
    या क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5% SC@ 60 मिली/एकड़
    या नोवालूरान 5.25% + इमामेक्टिन बेंजोएट 0.9% SC @ 600 मिली/एकड़ का उपयोग करें।
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @500 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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गोभी की फसल में ब्लैक रॉट रोग से होने वाले नुकसान एवं बचाव के उपाय

Management of black rot disease in cabbage
  • इस रोग के शुरुआती लक्षणों में पत्तियों पर पीले रंग के धब्बे नजर आते हैं।
  • बाद में यह लक्षण पत्तियों के अंदर एवं तने कि ओर बढ़ने लगते हैं।
  • यही लक्षण ब्लैक रॉट को उकठा रोग से भिन्न करता है।
  • जैसे-जैसे रोग बढ़ता है गोभी के पत्ते भूरे होते चले जाते हैं।
  • इस बीमारी के प्रभावी नियंत्रण के लिए स्ट्रेप्टोसाइक्लिन @ 20 ग्राम/एकड़ वेलीडामाइसीन 3% SI @ 300 मिली एकड़
    या कॉपर हाइड्राक्साइड 77% WP 750 ग्राम/एकड़ का छिड़काव करें।
    या कासुगामाईसिन 5% + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 45% WP) 400 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।
  • जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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टमाटर में स्पॉटेड विल्ट वायरस का ऐसे करें प्रबंधन

Management of spotted wilt virus in Tomato
  • इसके प्रकोप के शुरूआती समय में टमाटर के पौधे की नई पत्तियों पर बैगनी-भूरे रंग के धब्बे बन जाते हैं और धीरे-धीरे यह धब्बे छल्लों में बदल जाते हैं।
  • यह धब्बे आपस में मिलकर बड़े धब्बों में बदल जाते हैं एवं पत्तियो के ऊतकों को नष्ट करने लगते है।
  • इसके अधिक संक्रमण की स्थिति में टमाटर के फल अधपके रह जाते हैं।
  • अधपके फलों पर हल्के पीले रंग के धब्बे बनने लगते हैं। यह धब्बे धीरे-धीरे बड़े आकर के धब्बों में परिवर्तित हो जाते हैं।
  • इसके निवारण के लिए फिप्रोनिल 5% SC@ 400 मिली/एकड़ या लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 4.9% CS@ 200 मिली/एकड़ या स्पिनोसेड 45% SC@ 75 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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मध्यप्रदेश सरकार खोलेगी ई-मंडी, किसानों को मिलेगा उपज का उचित मूल्य

MP government will open e-mandi, farmers will get fair price of produce

मध्य प्रदेश के किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रदेश की शिवराज चौहान सरकार ने ई-मंडी शुरू करने की तैयारी कर ली है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए फिलहाल भोपाल, इंदौर, जबलपुर और उज्जैन क्षेत्र की 45 वैसी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को चुना किया गया है, जहां गोदाम की सुविधा हो या गोदाम बनाने के लिए स्थान उपलब्ध ही।

इन चयनित स्थानों पर आने वाले तीन साल में ई-मंडी स्थापित कर देने का निश्चय किया गया है। इन मंडियों में इंटरनेट के जरिये व्यापारियों को नमूना दिखा कर कीमत निर्धारित की जाएगी। अगर निर्धारित कीमत से किसान संतुष्ट हो गए तो सौदा हो जाएगा।

स्रोत: जागरण

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टमाटर की फसल को पछेती झुलसा रोग से ऐसे बचाएं

Late blight management in Tomato crop
  • यह एक गंभीर बीमारी है जो फाइटोफथोरा नमक कवक के कारण फैलता है और इससे टमाटर की फसल गंभीर रूप से प्रभावित हो जाती है।
  • यह रोग 5 दिनों के अंदर टमाटर के पौधों की हरी पत्तियों को नष्ट कर देता है।
  • इसमें पत्तियों के किनारों पर सबसे पहले धब्बे बनना प्रारंभ होते हैं और धीरे-धीरे पूरी पत्ती पर फैल जाते हैं। इसके प्रभाव से शाखाएं एवं तने भी ग्रसित हो जाते हैं। पत्तियों की निचली सतहों पर सफेद रंग के गोले धब्बे बन जाते हैं, जो बाद में भूरे व काले हो जाते हैं।
  • इससे बचाव हेतु क्लोरोथलोनील 75% WP @ 400 ग्राम/एकड़ या मेटालैक्सिल 8% + मैनकोज़ेब 64% WP @ 600 ग्राम/एकड़ या टेबुकोनाज़ोल 10% + सल्फर 65% WG @ 500 ग्राम/एकड़ या कासुगामायसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% WP @ 300 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ या ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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मध्यप्रदेश के युवा सौर ऊर्जा टेक्नोलॉजी में होंगे प्रशिक्षित, जानें आवेदन की प्रक्रिया

Youth of MP will be trained in solar energy technology

सरकार द्वारा देश में लगातार सौर उर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है। सौर उर्जा के इस्तेमाल से किसानों की आय बढ़ाने के भी कोशिश की जा रही है और इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु कुसुम योजना की शुरुआत की गई है। सौर उर्जा के बढ़ते चलन को देखते हुए अब राज्य सरकारें ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार सृजन हेतु युवाओं को इसकी प्रशिक्षण भी दे रही है।

मध्यप्रदेश में युवा उद्यमियों हेतु सौर ऊर्जा टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कौशल विकास के लिये मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम और राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के साथ एनर्जी स्वराज फ़ाउंडेशन 5 से 10 अप्रैल 2021 तक छह दिन का सशुल्क व्यावहारिक प्रशिक्षण देने जा रहा है।

इसके अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य के प्रत्येक जिले से दस लोगों को प्रशिक्षण दिए जाने का लक्ष्य है। अगर आपने आई.टी.आई/डिप्लोमा/इंजीनियरिंग/विज्ञान में स्नातक किया हो और आपकी अधिकतम आयु 40 वर्ष हो तो आप इस प्रशिक्षण में शामिल हो सकते हैं। इसमें शामिल होने के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख 28 फरवरी है। आवेदन-पत्र हेतु इस ई-मेल अड्रेस (info@energyswaraj.org) पर मेल करें।

स्रोत: किसान समाधान

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दो दिन और हो सकती है मध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में बारिश

weather forecast

मध्य भारत के कई क्षेत्रों में अगले 48 घंटों तक बारिश जारी रहेगी। दक्षिणी राज्यों में 11-12 जनवरी तक वर्षा होने के आसार हैं। जबकि उत्तर भारत में अधिकांश इलाकों पर ठंडी हवाओं का प्रवाह बढ़ने से कुछ इलाकों पर शीतलहर का शिकंजा कस सकता है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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सरसों की फसल में सफेद गेरुआ रोग का नियंत्रण

How to control white rust disease in mustard crops
  • सफेद गेरुआ एक कवक जनित रोग है और इस रोग के कारण सरसों की फसल को बहुत अधिक नुकसान होता है।
  • इस रोग में पत्तियो की निचली सतह पर सफ़ेद रंग के फफोले दिखाई देते हैं। कुछ समय बाद यह फफोले सफ़ेद पाउडर में बदल जाते हैं।
  • इसके कारण पत्तियों के द्वारा भोजन बनाने की प्रक्रिया बहुत प्रभावित होती है।
  • इससे बचाव हेतु हेक्साकोनाज़ोल 5% SC@ 400 मिली/एकड़ या टेबुकोनाज़ोल 10% + सल्फर 65% WG@ 500 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।
  • जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम की दर छिड़काव करें।
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गौमूत्र, गोबर, दूध, दही और घी से बने पंचगव्य से बढ़ाएं फसल की उपज

Increase crop yield with Panchgavya made of 5 cow products
  • पंचगव्य को गौमूत्र, गोबर, दूध, दही और घी के मिश्रण से तैयार किया जाता है।
  • इसका उपयोग खेतों की उर्वरा शक्ति एवं फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही यह पौधों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद करता है।
  • पंचगव्य एक अत्यधिक प्रभावी जैविक खाद है। इसका निर्माण देसी गाय के पांच उत्पादों से होता है। देशी गाय के उत्पादों में पौधों के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व पर्याप्त व संतुलित मात्रा में पाये जाते हैं।
  • इसकी मदद से भूमि में सूक्ष्म जीवाणुओं की संख्या में बढ़ोतरी होती है और फसल में रोग व कीट का प्रभाव कम हो जाता है।
  • यह उत्पाद सरल एवं सस्ती तकनीक पर आधारित है।
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इंदौर, उज्जैन, रतलाम, देवास और धार में अगले दो दिन होगी बारिश

weather forecast

उत्तर भारत के पहाड़ों से लेकर मैदानी राज्यों तक अगले 24 घंटों के दौरान हल्की वर्षा होने की संभावना है। इसके बाद मौसम साफ हो जाएगा। जबकि महाराष्ट्र से लेकर गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु में अगले तीन-चार दिनों के दौरान व्यापक वर्षा जारी रहेगी।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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