समृद्धि किट के उपयोग से मिर्च को मिली चमत्कारिक शुरुआती बढ़वार, देखें वीडियो

Chilli gets miraculous early growth using Chilli Samriddhi Kit

बहुत सारे किसान मिर्च की खेती कर रहे हैं। फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए किसान बहुत सारे फसल पोषण उत्पादों का भी इस्तेमाल करते हैं। पर ग्रामोफ़ोन के मिर्च समृद्धि किट के इस्तेमाल से आप अपनी मिर्च की फसल को ऐसा पोषण दे सकते हैं जिससे बेहतरीन फसल बढ़वार के साथ साथ अच्छे उत्पादन की भी संभावना बढ़ जाती है।

वीडियो में आप देखेंगे की पिछले साल कैसे मिर्च समृद्धि किट के ड्रिप वाले किट का इस्तेमाल कर मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के हाथोला गांव के निवासी किसान कैलाश मुकाती जी ने चमत्कारिक शुरूआती बढ़वार ली। आप भी इस किट का इस्तेमाल कर के अच्छी बढ़वार प्राप्त कर सकते हैं। पूरा वीडियो देखें और मिर्च समृद्धि किट ऑर्डर करने के लिए एप के ग्राम बाजार सेक्शन पर जाएँ।

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करेले की फसल को कई लाभ पहुंचाता है मैग्नीशियम सल्फेट

What is the benefit of magnesium sulfate in bitter gourd crops
  • मैग्नीशियम के उपयोग से करेले की फसल की हरियाली बढ़ती है।

  • इससे पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया भी तीव्र हो जाती है जिससे उच्च पैदावार मिलती है और फसल की गुणवत्ता भी अच्छी होती है।

  • मैग्नीशियम पोषक तत्वों को धीरे-धीरे फसल को प्रदान करता है जिससे करेले की फसल के पूरे फसल चक्र में पोषक तत्व मिलते रहते हैं।

  • मैग्नीशियम की कमी के कारण पत्तियों की शिरा पर हल्के हरे रंग के धब्बे बन जाते हैं।

  • इसकी कमी से फसल अपरिपक्व अवस्था में ही नष्ट हो जाती है इसीलिए इस प्रकार की सभी समस्याओं से बचने के लिए मैग्नीशियम से दें करेले की फसल को सुरक्षा।

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मध्य प्रदेश के कई इलाकों में है तेज बारिश की संभावना, जानें मौसम पूर्वानुमान

weather forecast

मध्य प्रदेश में आज तो मौसम गर्म रहने की संभावना है, मगर कल यानी 7 मई को कई इलाकों में तेज बारिश होने की संभावना बन रही है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर से उत्तराखंड तक बारिश और मेघ गर्जना होने की संभावना है। उत्तर पश्चिम भारत में अगले 2 दिनों तक आंधी के साथ मेघ गर्जना तथा बौछारें होने की संभावना है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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मिर्ची की फसल से अच्छी उपज प्राप्ति का जांचा परखा नुस्खा है मिर्च समृद्धि किट

Chilli Samriddhi Kit is a tried and tested product to get good yield from chilli crop

  • ‘मिर्च समृद्धि किट’ आपकी मिर्च की फसल का सुरक्षा कवच बनेगा। इस किट में आपको वो सब कुछ एक साथ मिलेगा जिसकी जरूरत मिर्च की फसल को होती है।

  • खेत की अंतिम जुताई के बाद ग्रामोफोन के ‘मिर्च समृद्धि किट’ को 5 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में प्रति एकड़ की दर से अच्छी तरह मिलाकर उपयोग करें और फिर हल्की सिंचाई कर दें।

  • इस किट में लाभकारी बैक्टीरिया, कवक एवं पोषक तत्वों का मिश्रण है।

  • इसका उपयोग खेत में बुआई के समय भुरकाव के रूप में करने से फसल का अनुकरण बहुत अच्छा होता है एवं पौधा बहुत सी बीमारियों से भी बचाया जा सकता है।

  • यह किट मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बढ़ाने में सहयता करती है।

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इन योगासनों से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं और कोरोना से बचें

With these Yogas increase the body's immunity and avoid corona

कोरोना महामारी की दूसरी लहर से पूरा भारत परेशान है। इस साल संक्रमण बहुत तेजी से फ़ैल रहा है। हालाँकि जिन लोगों के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है उन्हें इस संक्रमण से ज्यादा परेशानी नहीं हो रही है। आज के इस वीडियो में देखिये कुछ ऐसे योगासनों की जानकारी जो आपको कोरोना से बचाएंगे और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाएंगे।

वीडियो स्रोत: ज़ी न्यूज़

ये भी पढ़ें: कोरोना का टीका लगवाने के लिए घर बैठे करें रजिस्ट्रेशन, जानें पूरी प्रक्रिया

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कम पानी में भी सब्जी वर्गीय फसल से ले सकते हैं अच्छा उत्पादन

How to make water available in vegetable crops during water shortage in the summer season
  • गर्मियों के मौसम में सब्जी वर्गीय फसलों की बहुत ज्यादा मांग होती है।

  • पर किसानों के पास सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं होता है इस कारण किसान सब्ज़ी वर्गीय फसलों से ज्यादा लाभ प्राप्त नहीं कर पाते हैं।

  • सिंचाई के पानी की कमी होने पर भी अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं इसके लिए सब्जियों वाली फसलों की सीधे धूप वाली जगह पर बुआई नहीं करनी चाहिए।

  • फसल की सिंचाई की व्यवस्था इस प्रकार करनी चाहिए की कम पानी में भी फसल का उत्पादन अच्छे से हो पाए।

  • ड्रिप सिचाई, फव्वारा सिचाई या बागवानी पानी के बर्तन से भी सीधे पौधे की जड़ों के पास पानी दिया जा सकता है।

  • इस प्रकार कम पानी में भी अच्छी फसल उगाई जा सकती है।

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आज मध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में हो सकती है बारिश, जानें मौसम पूर्वानुमान

Weather report

देश के कई राज्यों में प्री मॉनसून वर्ष हो रही है। 5 मई को मध्य प्रदेश के पूर्वी जिलों में बारिश की संभावना है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड पंजाब तथा हरियाणा और उत्तर प्रदेश के तराई वाले क्षेत्रों में भी बारिश की संभावना है। पूर्वी भारत में बिहार झारखंड और पश्चिम बंगाल तथा ओडिशा तथा पूर्वोत्तर राज्यों में भी काल बैसाखी का प्रकोप है जिसके कारण भारी वर्षा हो सकती है।

वीडियो स्रोत: मौसम तक

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जैविक कवकनाशी व जैविक कीटनाशक के प्रयोग से मिलते हैं कई कृषि संबंधित लाभ

Use of organic fungicides and organic pesticides gives many agricultural benefits
  • जैविक कवकनाशी तथा जैविक कीटनाशक कीटों, फफूंदों, जीवाणुओं एवं वनस्पतियों पर आधारित उत्पाद है।

  • यह फसलों, सब्जियों एवं फलों को कीटों एवं व्याधियों से सुरक्षित कर उत्पादन बढ़ाने में सहयोग करते हैं।

  • जीवों एवं वनस्पतियों पर आधारित उत्पाद होने के कारण, जैविक कीटनाशक एवं फफूंद नाशक लगभग एक माह में भूमि में मिलकर अपघटित हो जाते हैं तथा उनका कोई अवशेष नहीं रहता। यही कारण है कि इन्हें पारिस्थितिकी मित्र के रूप में भी जाना जाता है।

  • जैविक उत्पादों के प्रयोग के तुरन्त बाद फलियों, फलों, सब्जियों की कटाई कर प्रयोग में लाया जा सकता है।

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मध्यप्रदेश में इस तारीख तक चलेगा चना, मसूर और सरसों के उपार्जन का कार्य

Gram lentil and mustard will be procured in Madhya Pradesh till this date

मध्य प्रदेश में कोरोना मापदंडों के साथ साथ चना, मसूर, सरसों की खरीदी का काम चल रहा है। हालांकि कोरोना के बढ़ते आंकड़े की वजह से बहुत सारे किसान इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। इसी की वजह से अब प्रदेश के कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने खरीदी की तारीखों को लेकर नया निर्णय लिया है।

कृषि मंत्री कमल पटेल ने इस विषय पर बात करते हुए कहा कि “कोरोना संकट को दृष्टिगत रखते हुए किसानों के हित में निर्णय लिया गया है कि अब चना, मसूर और सरसों का उपार्जन 25 मई तक किया जायेगा।” तो प्रदेश के किसान आगामी 25 मई तक अपनी सुविधा अनुसार अपनी उपज की बिक्री कर सकेंगे।

स्रोत: कृषक जगत

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फसलों में नाइट्रोजन की कमी से नजर आएंगे ये लक्षण

nitrogen deficiency in crops
  • नाइट्रोजन की कमी से पौधों की पत्तियों का रंग हल्का पीला होने लगता है।

  • साथ ही इसकी कमी से पौधों का विकास भी रुक जाता है।

  • पौधों की निचली पत्तियां झड़ने लगना भी इसकी कमी का एक लक्षण है।

  • इसकी कमी से पौधों में कल्ले एवं फूल भी कम निकलते हैं।

  • नाइट्रोजन की कमी से फसल समय से पहले पक जाती है, पौधे लंबे एवं पतले दिखाई देते हैं।

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