बीटी कपास से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी, गुण एवं विशेषताएं

Important information properties and characteristics related to BT cotton
  • बीटी कपास (BT cotton) एक आनुवांशिक संशोधित कपास है। यह मोनसेंटो नामक कम्पनी द्वारा उत्पादित है।

  • बीटी कपास अनुवांशिक परिवर्तित कपास की फसल है जिसमें बैसिलस थुरिंजिनिसिस बैक्टीरिया के एक या दो जीन फसल के बीज में आनुवंशिकीय अभियांत्रिकी तकनीक से डाल दिये गए है, जो पौधे के अन्दर क्रिस्टल प्रोटीन उत्पन्न करते हैं जिससे विषैला पदार्थ उत्पन्न होकर कीट को नष्ट कर देता है।

  • बीटी कपास कीट प्रतिरोधी किस्मे होती है।

  • बीटी कपास की फसल किसान द्वारा लगाई जाने पर फसल की लागत बहुत कम आती है।

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मध्य प्रदेश के 75 लाख किसानों के बैंक खाते में 2000 रुपये डालेगी सरकार

Government will put 2000 rupees in bank accounts of 75 lakh farmers of MP

मध्य प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की तर्ज पर “मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना” चलाती है। इसके तहत पीएम किसान योजना के लाभार्थियों को दो किस्तों में 4000 रुपये दिए जाते हैं। इसी कड़ी में प्रदेश के 75 लाख किसानों के खाते में 2 हजार रुपये की किश्त भेजी जा रही है।

बता दें की इस बार मध्यप्रदेश सरकार इस योजना के माध्यम से 75 लाख किसानों को 1500 करोड़ रूपये देने वाली है। यह राशि किसानों के बैंक खातों में आज से ही पहुंचनी शुरू हो जायेगी।

स्रोत: किसान समाधान

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हरी खाद का इस्तेमाल आपकी खेती और खेत दोनों के लिए है लाभकारी

Use of green manure is beneficial for both your farming and field
  • मिट्टी की उर्वरता एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए हरी खाद का प्रयोग बहुत पहले से होता आ रहा है।

  • हालांकि कृषि कार्य के लिए फसलों के अंतर्गत क्षेत्रफल बढ़ने के कारण हरी खाद के प्रयोग में निश्चय ही कमी आई है।

  • गोबर की खाद जैसे अन्य कार्बनिक स्रोतों की सीमित आपूर्ति से आज हरी खाद का महत्व और भी बढ़ गया है।

  • हरी खाद के लिए उगाई जाने वाली फसल का चुनाव भूमि जलवायु तथा उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए।

  • हरी खाद भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

  • हरी खाद ऑर्गेनिक पदार्थों का बहुत अच्छा स्रोत होती है और यह ह्यूमस से भरपूर होती है।

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सब्जियों की पौध तैयार करते समय इन बातों का रखें ध्यान

How to prepare vegetable seedlings
  • अधिकतर सब्जी वाली फसलों की बुआई से पहले नर्सरी में पौध तैयार की जाती है जैसे कि टमाटर, गोभी, प्याज, मिर्च आदि।

  • इन फसलों के बीज़ छोटे व पतले होते हैं। इनकी स्वस्थ व उन्नत पौध तैयार कर लेना ही आधी फसल उगाने के बराबर होता है।

  • नर्सरी का स्थान ऊंचाई पर होना चाहिए जहां से पानी का निकास उचित हो एवं यह खुले स्थान में होना चाहिए जहां सूर्य की पहली किरण पहुंचे।

  • इसके लिए भूमि दुमट बलुई होनी चाहिए जिसका पीएच मान लगभग 6.5 हो।

  • नर्सरी की क्यारियाँ 15-20 से. मी. ऊँची उठी होनी चाहिए | इनकी चौड़ाई लगभग 1 मीटर तथा लंबाई 3 मीटर होनी चाहिए जो कि सुविधा के अनुसार घटाई-बढ़ाई जा सकती है |

  • बीज़ की बुआई के बाद समय समय पर क्यारियों की हल्की सिंचाई करते रहनी चाहिए।

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मध्य प्रदेश के एक दो जिलों में हो सकती है बारिश, जानें मौसम पूर्वानुमान

Weather report

मध्य भारत के छत्तीसगढ़ और उससे सटे मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में बारिश होने की सम्भवना है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। गुजरात में भी मौसम शुष्क रहेगा। विदर्भ के इलाकों में छिटपुट वर्षा देखने को मिल सकती है।

वीडियो स्रोत: स्काइमेट वेदर

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छिड़काव सिंचाई से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां एवं इसके लाभ

Sprinkler Irrigation
  • छिड़काव सिंचाई दरअसल सिंचाई की उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें पानी फसलों पर पानी बारिश की बूंदों के बौछार की तरह डाली जाती है।

  • इसमें पानी पाइप तंत्र के माध्यम से पम्पिंग द्वारा वितरित किया जाता है, फिर स्प्रे हेड के माध्यम से हवा और पूरी मिट्टी की सतह पर छिड़का जाता है जिससे भूमि पर गिरने वाला पानी छोटी बूँदों में बंट जाता है।

  • फव्वारे छोटे से बड़े क्षेत्रों में कुशलता से फैल जाते हैं तथा सभी प्रकार की मिट्टी पर उपयोग किये जा सकते हैं।

  • इस प्रक्रिया के द्वारा सिंचाई करने से भूमि पर जल भराव नहीं होता है जिससे मिट्टी की पानी सोखने की क्षमता बहुत बढ़ जाती है।

  • जिन जगहों पर भूमि ऊंची-नीची रहती है वहां पर जमीनी सिंचाई संभव नहीं हो पाती है। ऐसी जगहों पर बौछारी सिंचाई यानी छिड़काव सिंचाई बहुत फायदेमंद साबित होती है।

  • इस विधि से सिंचाई करने से उत्पादन भी अच्छा होता है एवं जल सरक्षण भी होता है।

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फसल उपार्जन के दौरान कोरोना से मरे व्यक्ति के परिजनों को मिलेंगे 25 लाख रुपए

25 lakh will be given to the kin of the person who died from the corona during the crop procurement

देश भर में आये कोरोना की दूसरी लहर की वजह से बहुत सारे लोगों के मरने की ख़बरें आ रही हैं। कोरोना के इस कहर के बीच अब मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने एक बड़ा फैसला किया है। इस फैसले के अंतर्गत उन्होंने कहा है कि फसल उपार्जन के कार्य में लगे जिन कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण की वजह से मृत्यु हो गई है उनके परिवार के सदस्यों को आर्थिक सहायता निधि के अंतर्गत 25 लाख रुपए दिए जाएंगे।

उन्होंने इस मसले पर आगे कहा की “1 अप्रैल से अभी तक 31 कर्मचारियों का निधन हुआ है, मृतक कर्मचारियों के परिवार को जल्द ही सहायता निधि की राशि दी जाएगी।” कृषि मंत्री ने ये बातें एक वीडियो जारी करते हुए कही। इस वीडियो में उन्होंने कहा की “हम सभी ईश्वर के आगे नतमस्तक हैं। मंडी बोर्ड और समितियों के वो कर्मचारी जो किसानों की फसल तुलवा रहे थे, जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डाल कर कोरोना महा संकट के समय अपने कर्तव्य का पालन करते हुए प्राणों की आहुति दी है। मैं इन सभी कर्मचारियों के दुखद निधन पर उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूँ।”

स्रोत: ज़ी न्यूज़

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समृद्धि किट के उपयोग से मिर्च को मिली चमत्कारिक शुरुआती बढ़वार, देखें वीडियो

Chilli gets miraculous early growth using Chilli Samriddhi Kit

बहुत सारे किसान मिर्च की खेती कर रहे हैं। फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए किसान बहुत सारे फसल पोषण उत्पादों का भी इस्तेमाल करते हैं। पर ग्रामोफ़ोन के मिर्च समृद्धि किट के इस्तेमाल से आप अपनी मिर्च की फसल को ऐसा पोषण दे सकते हैं जिससे बेहतरीन फसल बढ़वार के साथ साथ अच्छे उत्पादन की भी संभावना बढ़ जाती है।

वीडियो में आप देखेंगे की पिछले साल कैसे मिर्च समृद्धि किट के ड्रिप वाले किट का इस्तेमाल कर मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के हाथोला गांव के निवासी किसान कैलाश मुकाती जी ने चमत्कारिक शुरूआती बढ़वार ली। आप भी इस किट का इस्तेमाल कर के अच्छी बढ़वार प्राप्त कर सकते हैं। पूरा वीडियो देखें और मिर्च समृद्धि किट ऑर्डर करने के लिए एप के ग्राम बाजार सेक्शन पर जाएँ।

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