सब्जियों की पौध तैयार करते समय इन बातों का रखें ध्यान
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अधिकतर सब्जी वाली फसलों की बुआई से पहले नर्सरी में पौध तैयार की जाती है जैसे कि टमाटर, गोभी, प्याज, मिर्च आदि।
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इन फसलों के बीज़ छोटे व पतले होते हैं। इनकी स्वस्थ व उन्नत पौध तैयार कर लेना ही आधी फसल उगाने के बराबर होता है।
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नर्सरी का स्थान ऊंचाई पर होना चाहिए जहां से पानी का निकास उचित हो एवं यह खुले स्थान में होना चाहिए जहां सूर्य की पहली किरण पहुंचे।
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इसके लिए भूमि दुमट बलुई होनी चाहिए जिसका पीएच मान लगभग 6.5 हो।
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नर्सरी की क्यारियाँ 15-20 से. मी. ऊँची उठी होनी चाहिए | इनकी चौड़ाई लगभग 1 मीटर तथा लंबाई 3 मीटर होनी चाहिए जो कि सुविधा के अनुसार घटाई-बढ़ाई जा सकती है |
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बीज़ की बुआई के बाद समय समय पर क्यारियों की हल्की सिंचाई करते रहनी चाहिए।
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मध्य प्रदेश के एक दो जिलों में हो सकती है बारिश, जानें मौसम पूर्वानुमान
मध्य भारत के छत्तीसगढ़ और उससे सटे मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में बारिश होने की सम्भवना है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। गुजरात में भी मौसम शुष्क रहेगा। विदर्भ के इलाकों में छिटपुट वर्षा देखने को मिल सकती है।
वीडियो स्रोत: स्काइमेट वेदर
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पढ़ें मई महीने का ग्रामोफ़ोन उदय – मालवा सुपर फसल विशेषांक
छिड़काव सिंचाई से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां एवं इसके लाभ
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छिड़काव सिंचाई दरअसल सिंचाई की उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें पानी फसलों पर पानी बारिश की बूंदों के बौछार की तरह डाली जाती है।
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इसमें पानी पाइप तंत्र के माध्यम से पम्पिंग द्वारा वितरित किया जाता है, फिर स्प्रे हेड के माध्यम से हवा और पूरी मिट्टी की सतह पर छिड़का जाता है जिससे भूमि पर गिरने वाला पानी छोटी बूँदों में बंट जाता है।
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फव्वारे छोटे से बड़े क्षेत्रों में कुशलता से फैल जाते हैं तथा सभी प्रकार की मिट्टी पर उपयोग किये जा सकते हैं।
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इस प्रक्रिया के द्वारा सिंचाई करने से भूमि पर जल भराव नहीं होता है जिससे मिट्टी की पानी सोखने की क्षमता बहुत बढ़ जाती है।
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जिन जगहों पर भूमि ऊंची-नीची रहती है वहां पर जमीनी सिंचाई संभव नहीं हो पाती है। ऐसी जगहों पर बौछारी सिंचाई यानी छिड़काव सिंचाई बहुत फायदेमंद साबित होती है।
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इस विधि से सिंचाई करने से उत्पादन भी अच्छा होता है एवं जल सरक्षण भी होता है।
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फसल उपार्जन के दौरान कोरोना से मरे व्यक्ति के परिजनों को मिलेंगे 25 लाख रुपए
देश भर में आये कोरोना की दूसरी लहर की वजह से बहुत सारे लोगों के मरने की ख़बरें आ रही हैं। कोरोना के इस कहर के बीच अब मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने एक बड़ा फैसला किया है। इस फैसले के अंतर्गत उन्होंने कहा है कि फसल उपार्जन के कार्य में लगे जिन कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण की वजह से मृत्यु हो गई है उनके परिवार के सदस्यों को आर्थिक सहायता निधि के अंतर्गत 25 लाख रुपए दिए जाएंगे।
उन्होंने इस मसले पर आगे कहा की “1 अप्रैल से अभी तक 31 कर्मचारियों का निधन हुआ है, मृतक कर्मचारियों के परिवार को जल्द ही सहायता निधि की राशि दी जाएगी।” कृषि मंत्री ने ये बातें एक वीडियो जारी करते हुए कही। इस वीडियो में उन्होंने कहा की “हम सभी ईश्वर के आगे नतमस्तक हैं। मंडी बोर्ड और समितियों के वो कर्मचारी जो किसानों की फसल तुलवा रहे थे, जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डाल कर कोरोना महा संकट के समय अपने कर्तव्य का पालन करते हुए प्राणों की आहुति दी है। मैं इन सभी कर्मचारियों के दुखद निधन पर उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूँ।”
स्रोत: ज़ी न्यूज़
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समृद्धि किट के उपयोग से मिर्च को मिली चमत्कारिक शुरुआती बढ़वार, देखें वीडियो
बहुत सारे किसान मिर्च की खेती कर रहे हैं। फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए किसान बहुत सारे फसल पोषण उत्पादों का भी इस्तेमाल करते हैं। पर ग्रामोफ़ोन के मिर्च समृद्धि किट के इस्तेमाल से आप अपनी मिर्च की फसल को ऐसा पोषण दे सकते हैं जिससे बेहतरीन फसल बढ़वार के साथ साथ अच्छे उत्पादन की भी संभावना बढ़ जाती है।
वीडियो में आप देखेंगे की पिछले साल कैसे मिर्च समृद्धि किट के ड्रिप वाले किट का इस्तेमाल कर मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के हाथोला गांव के निवासी किसान कैलाश मुकाती जी ने चमत्कारिक शुरूआती बढ़वार ली। आप भी इस किट का इस्तेमाल कर के अच्छी बढ़वार प्राप्त कर सकते हैं। पूरा वीडियो देखें और मिर्च समृद्धि किट ऑर्डर करने के लिए एप के ग्राम बाजार सेक्शन पर जाएँ।
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करेले की फसल को कई लाभ पहुंचाता है मैग्नीशियम सल्फेट
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मैग्नीशियम के उपयोग से करेले की फसल की हरियाली बढ़ती है।
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इससे पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया भी तीव्र हो जाती है जिससे उच्च पैदावार मिलती है और फसल की गुणवत्ता भी अच्छी होती है।
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मैग्नीशियम पोषक तत्वों को धीरे-धीरे फसल को प्रदान करता है जिससे करेले की फसल के पूरे फसल चक्र में पोषक तत्व मिलते रहते हैं।
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मैग्नीशियम की कमी के कारण पत्तियों की शिरा पर हल्के हरे रंग के धब्बे बन जाते हैं।
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इसकी कमी से फसल अपरिपक्व अवस्था में ही नष्ट हो जाती है इसीलिए इस प्रकार की सभी समस्याओं से बचने के लिए मैग्नीशियम से दें करेले की फसल को सुरक्षा।
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मध्य प्रदेश के कई इलाकों में है तेज बारिश की संभावना, जानें मौसम पूर्वानुमान
मध्य प्रदेश में आज तो मौसम गर्म रहने की संभावना है, मगर कल यानी 7 मई को कई इलाकों में तेज बारिश होने की संभावना बन रही है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर से उत्तराखंड तक बारिश और मेघ गर्जना होने की संभावना है। उत्तर पश्चिम भारत में अगले 2 दिनों तक आंधी के साथ मेघ गर्जना तथा बौछारें होने की संभावना है।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
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मिर्ची की फसल से अच्छी उपज प्राप्ति का जांचा परखा नुस्खा है मिर्च समृद्धि किट
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‘मिर्च समृद्धि किट’ आपकी मिर्च की फसल का सुरक्षा कवच बनेगा। इस किट में आपको वो सब कुछ एक साथ मिलेगा जिसकी जरूरत मिर्च की फसल को होती है।
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खेत की अंतिम जुताई के बाद ग्रामोफोन के ‘मिर्च समृद्धि किट’ को 5 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में प्रति एकड़ की दर से अच्छी तरह मिलाकर उपयोग करें और फिर हल्की सिंचाई कर दें।
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इस किट में लाभकारी बैक्टीरिया, कवक एवं पोषक तत्वों का मिश्रण है।
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इसका उपयोग खेत में बुआई के समय भुरकाव के रूप में करने से फसल का अनुकरण बहुत अच्छा होता है एवं पौधा बहुत सी बीमारियों से भी बचाया जा सकता है।
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यह किट मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बढ़ाने में सहयता करती है।
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