- तरबूज के पौधों की जड़ों से माइकोराइज़ा कवक के सूक्ष्म कण जुड़कर जड़ों के वृद्धि एवं विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को प्रदान करता है।
- विशेष रूप से फास्फोरस, पोटाश आदि जैसे तत्व तरबूज की फसल के विकास को बढ़ाते हैं।
- माइकोराइज़ा कवक तरबूज के पौधे को मिट्टी से अधिक से अधिक पोषक तत्वों एवं पानी को खींचने में मदद करता है।
- माइकोराइज़ा कवक विभिन्न प्रकार के पर्यावरणीय तनावों को सहने के लिए पौधे की सहनशीलता को बढ़ाता है।
- इसके अलावा, माइकोराइज़ा कवक मिट्टी में सभी प्रकार के आवश्यक पोषक तत्वों को इक्क्ठा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
1 मार्च को क्या रहे इंदौर मंडी के भाव
फसल | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
डॉलर चना | 3175 | 6825 |
गेहु | 1100 | 2125 |
चना मौसमी | 1305 | 5440 |
सोयाबीन | 2960 | 5190 |
मक्का | 1170 | 1330 |
बटला | 2650 | 3995 |
तुअर | 3700 | 6500 |
धनिया | 5000 | 5910 |
मिर्ची | 2850 | 20000 |
सरसों | 5005 | 5005 |
किसान क्रेडिट कार्ड से अब मिलेगा ज्यादा ऋण, पढ़ें पूरी जानकारी
‘किसान क्रेडिट कार्ड’ के माध्यम से जहाँ पहले किसान 15 लाख रूपए तक की रकम प्राप्त कर सकते थे वहीं अब इस रकम को बढ़ा कर 16.5 लाख रूपए करने का निर्णय लिया गया है। सरकार ने यह निर्णय किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर करने के लिए लिया है।
बता दें की वर्तमान में लाखों किसान ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ का लाभ ले रहे हैं। सरकार आने वाले दिनों में 2.50 करोड़ किसानों तक किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा पहुंचाना चाहती है। ग़ौरतलब है की किसान क्रेडिट कार्ड कृषि, पशुपालन व मछली पालन आदि कार्यों से जुड़ा कोई भी किसान ले सकता है। इसके अलावा किसी दूसरे व्यक्ति के खेतों में खेती करने वाला किसान भी इसका लाभ ले सकता है। इस योजना का लाभ 18 से 75 वर्ष के किसान ले सकते हैं।
स्रोत: कृषि जागरण
Shareअगले दो तीन दिनों में मध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में गिरेगा तापमान
पिछले दिनों के वेस्टर्न डिस्टरवेंस की वजह से उत्तरी राज्यों में तापमान में गिरावट देखने को मिली थी और अब इसी वजह से आने वाले दो तीन दिनों में मध्य भारत के राज्यों में भी तापमान में हल्की गिरावट देखने को मिल सकती है। इसके अलावा देश के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम के शुष्क रहने की संभावना है।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareलहसुन की फसल में पुनः अंकुरण की समस्या का कारण एवं समाधान
- लहसुन की फसल में पुनः अंकुरण की समस्या का कारण एवं समाधान
- लहसुन की फसल में आजकल पुनः अंकुरण की समस्या देखने को मिल रही है .
- यह समस्या अधिक सिंचाई या फिर अनियमित सिंचाई करने के कारण होती है।
- नाइट्रोज़न युक्त उर्वरकों का अधिक उपयोग करने से भी यह समस्या लहसुन की फसल में दिखाई देती है।
- इसके निवारण के लिए बोरान 20% @ 200 ग्राम/एकड़ के साथ 00:00:50 @ 1 किलो/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- लहसुन को निकालने के 15 दिनों पहले पेक्लोबूट्राज़ोल 23% WW @ 50 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
फसलों का विकास रोक देता है मिलीबग, जानें नियंत्रण के उपाय
- मिलीबग एक प्रकार का रस चूसक कीट है जो पत्तियों या टहनियों पर आक्रमण करके उनका रस चूसता है।
- यह कीट सफ़ेद रुई के तरह का होता है और इस कीट के वयस्क बहुत अधिक संख्या में पौधों से आवश्यक पोषक तत्वों को चूसकर फसल विकास को प्रभावित कर देते हैं।
- इस कीट के नियंत्रण के लिए थियामेंथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 9.5% ZC@ 80 मिली/एकड़ या फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% WG @ 200 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
26 फरवरी के इंदौर मंडी के भाव
फसल | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
डॉलर चना | 2505 | 7101 |
गेहु | 1311 | 2080 |
चना मौसमी | 4430 | 5500 |
सोयाबीन | 1360 | 5110 |
मक्का | 1191 | 1352 |
मसूर | 5275 | 5275 |
उड़द | 3500 | 3500 |
बटला | 3690 | 4025 |
तुअर | 6125 | 6500 |
सरसों | 4615 | 4615 |
प्याज के भाव | ||
नई लाल प्याज (आवक 26000 कट्टे ) 2000 – 2600 ₹ | ||
किस्मे | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
सुपर | 2100 | 2400 |
एवरेज | 1700 | 2000 |
गोलटा | 1500 | 2000 |
गोलटी | 800 | 1300 |
छाटन | 400 | 1000 |
लहसन के भाव | ||
नई लहसन | ||
( आवक – 20000 + कट्टे ) 4000 – 6800 ₹ | ||
किस्मे | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
सुपर ऊटी | 5500 | 6500 |
देशी मोटा | 4300 | 5300 |
लड्डू देशी | 3200 | 4200 |
मीडियम | 2000 | 3000 |
बारीक | 800 | 1500 |
हल्की | 800 | 2000 |
नया आलू | ||
( आवक – 22000 + कट्टे ) | ||
किस्मे | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
चिप्स | 800 | 1000 |
ज्योति | 900 | 1050 |
गुल्ला | 600 | 750 |
छर्री | 200 | 350 |
छाटन | 600 | 900 |
सब्जियों के भाव | ||
फसल | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
भिन्डी | 1500 | 3500 |
लौकी | 1000 | 2500 |
बेंगन | 200 | 600 |
पत्ता गोभी | 200 | 400 |
शिमला मिर्च | 1000 | 2000 |
फुल गोभी | 400 | 1000 |
खीरा | 1000 | 2500 |
अदरक | 600 | 1700 |
प्याज | 400 | 2500 |
पपीता | 800 | 1600 |
आलू | 300 | 1100 |
कद्दू | 300 | 600 |
पालक | 400 | 1000 |
टमाटर | 200 | 600 |
मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में बढ़ रही है गर्मी, तापमान 40 के करीब
मध्यप्रदेश के दक्षिणी क्षेत्र, उड़ीसा एवं विदर्भ में तापमान सामान्य से ऊपर पहुँच गया है। आने वाले दिनों में कुछ क्षेत्रों में तो अधिकतम तापमान 40 के करीब तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा पहाड़ी क्षेत्रों में अगले 24 घंटे बारिश और हिमपात जारी रहने की संभावना है। हालांकि 28 फरवरी से वर्षा में कमी आने के आसार बन रहे हैं।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareमिट्टी परीक्षण करवाना होता है लाभकारी, जानें इसके फायदे
- मिट्टी परीक्षण से मिट्टी में उपस्थित तत्वों का सही सही पता लगाया जाता है। इनकी जानकारी के बाद मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्व के अनुसार ही खाद व उर्वरक की मात्रा सम्बन्धी सिफारिश की जाती है।
- यानी मिट्टी परीक्षण जाँच के बाद संतुलित मात्रा में उर्वरक देकर खेती में अधिक लाभ लिया जा सकता है और उर्वरक लागत को कम किया जा सकता है।
- मिट्टी परीक्षण से मिट्टी पीएच, विघुत चालकता, जैविक कार्बन के साथ साथ मुख्य पोषक तत्वों और सूक्ष्म पोषक तत्वों का पता लगाया जा सकता है।
- मिट्टी पी.एच.मान से मिट्टी की सामान्य, अम्लीय या क्षारीय प्रकृति का पता लगाया जा सकता है। मिट्टी पी.एच. घटने या बढ़ने से पादपों की वृद्धि पर असर पड़ता है।
- मिट्टी पी.एच. पता चल जाने के बाद समस्या ग्रस्त क्षेत्रों में फसल की उपयुक्त उन किस्मों की सिफारिश की जाती है जो अम्लीयता और क्षारीयता को सहन करने की क्षमता रखती हो।
- मिट्टी पी.एच. मान 6.5 से 7.5 के बीच होने पर पौधों द्वारा पोषक तत्वों का सबसे अधिक ग्रहण किया जाता है तथा अम्लीय भूमि के लिए चूने एवं क्षारीय भूमि के लिए जिप्सम डालने की सलाह दी जाती है।
- मिट्टी परीक्षण से विद्युत चालकता जानी जा सकती है, इससे यह जानकारी मिल जाती है कि मिट्टी में लवणों की सांद्रता या मात्रा किस स्तर पर है।
- मिट्टी में लवणों की अधिक सान्द्रता होने पर पौधों द्वारा पोषक तत्वों के अवशोषण में कठिनाई आती है।
- मिट्टी परीक्षण से जैविक कार्बन जाँच कर मिट्टी की उर्वरता का पता चलता है।
- मिट्टी के भौतिक गुण जैसे मृदा संरचना, जल ग्रहण शक्ति आदि जैविक कार्बन से बढ़ते है।
- जैविक कार्बन पोषक तत्वों की लीचिंग (भूमि में नीचे जाना) को भी रोकता है।
- इसके अतिरिक्त पोषक तत्वों की उपलब्धता स्थानांतरण एवं रुपांतरण और सूक्ष्मजीवों की वृद्धि के लिए भी जैविक कार्बन बहुत उपयोगी होता है।
- मिट्टी की उर्वरा क्षमता के आधार पर कृषि उत्पादन एवं अन्य उपयोगी योजनाओं को लागू करने में सहायता मिलती है।
- अतः इन सभी जानकारियों से मालूम होता है कि मिट्टी परीक्षण कितना आवश्यक है।
मध्य प्रदेश के 21 लाख से ज्यादा किसानों ने एमएसपी पर गेहूँ की बिक्री हेतु करवाया पंजीयन
हर साल केंद्र सरकार द्वारा 23 फ़सलों के एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण करती है और फिर इसी मूल्य पर राज्य सरकार किसानों से उपज खरीदती है। मध्य प्रदेश सरकार ने इस वर्ष रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूँ की समर्थन मूल्य पर खरीदी हेतु पंजीकरण की प्रक्रिया 25 फरवरी तक चलाई है।
ख़बरों के अनुसार मध्य प्रदेश के 21 लाख 6 हजार किसानों ने इस बार ई-उपार्जन पोर्टल पर गेहूँ की एमएसपी पर खरीदी के लिए पंजीकरण करवाया है। यह संख्या पिछले साल की तुलना में 1 लाख 59 हजार ज्यादा है। बता दें की मध्य प्रदेश के इंदौर और उज्जैन जिले में गेहूँ उपार्जन की प्रक्रिया 22 मार्च से 1अप्रैल तक चलेगी।
स्रोत: किसान समाधान
Share