सरकारी सब्सिडी पर लगाएं आम के बाग, जानें आवेदन की प्रक्रिया

Plant Mango Orchards on Government Subsidy

सरकार किसानों को समृद्ध बनाने के लिए पारम्परिक खेती के साथ साथ अन्य कृषि सम्बंधित विधाओं को भी बढ़ावा दे रही है ताकि किसानों को अन्य स्रोतों से भी आमदनी होती रहे। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार बागवानी फसलों को बढ़ावा देने जा रही है और इसके लिए योजनाएं भी शुरू कर रही है।

इस योजना के माध्यम से किसानों को फलदार वृक्ष, फूलों व सब्जियों की खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा साथ ही इसके लिए सब्सिडी भी दी जायेगी। ख़ास कर के राज्य में आम के बाग़ लगाने पर जोड़ दिया जाएगा। इस योजना में किसानों को तोतापरी किस्म की उच्च घनत्व पर बागवानी पर सब्सिडी दी जायगी।

इस योजना का लाभ मध्य प्रदेश के 3 जिले के किसानों ले सकते हैं। ये तीन जिले हैं होशंगाबाद, हरदा तथा बैतूल। इन जिलों के किसानों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। आप उद्यानिकी विभाग मध्यप्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम पर जाकर ऑनलाइन पंजीयन कर सकते हैं।

स्रोत: किसान समाधान

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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मिर्च की ड्रिप सिंचित फसल में रोपाई के 5-10 दिनों इन उर्वरकों के उपयोग से होगा लाभ

Which fertilizers to use in 5-10 days after transplanting in drip irrigated crop of chilli
  • मिर्च के पौध की मुख्य खेत में रोपाई के बाद, मिर्च की फसल की अच्छी बढ़वार एवं रोगों के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए उर्वरक प्रबधन करना लाभकारी होता है।

  • इस समय मिर्च के पौधों की जड़ें भूमि में फैलती है। जड़ों की अच्छी बढ़वार के लिए उर्वरक प्रबंधन बहुत आवश्यक है।

  • खरीफ का मौसम में मिट्टी में नमी अधिक होती है एवं तापमान में परिवर्तन होता रहता है जिसके कारण मिर्च के पौधे में तनाव की स्थिति हो जाती है। इस प्रकार के वातावरणीय तनाव से फसल को बचाने के लिए मिर्च की फसल में उर्वरक प्रबंधन करना आवश्यक होता है।

  • मिर्च की फसल में उर्वरक प्रबंधन करने के लिए रोपाई के 5वें दिन से अगले 20 दिनों तक यूरिया @ 2 किलो/एकड़ + 19:19:19 @ 1 किलो/एकड़ की दर से ड्रिप के माध्यम से चलाएं।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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मध्य प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में मानसून की गतिविधियां होंगी कम, जानें मानसून पूर्वानुमान

Monsoon activities

मानसून अभी पूरे भारत में नहीं पहुंच पाया था कि कमजोर पड़ गया। अगले 7 या 8 दिनों तक मानसून आगे नहीं बढ़ पाएगा। 8 जुलाई से मानसून की वर्षा एक बार फिर जोर पकड़ सकती है। दिल्ली सहित पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश के पश्चिम जिले, दक्षिणी उत्तर प्रदेश सहित गुजरात के कई भागों का मौसम शुष्क बना रहेगा।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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30 जून को मध्य प्रदेश की मंडियों में क्या रहे अलग अलग फसलों के भाव

Mandi Bhaw Madhya Pradesh

मंडी

फसल

न्यूनतम

अधिकतम

मॉडल

हरसूद

सोयाबीन

6300

7350

7175

हरसूद

तूवर

5100

5400

4501

हरसूद

गेहूँ

1401

1685

1670

हरसूद

मूंग

5000

6186

6121

हरसूद

चना

4390

4696

4480

हरसूद

मक्का

1000

1000

1000

हरसूद

उरद

1800

2800

1800

रतलाम _(नामली मंडी)

गेहूँ लोकवन

1550

1790

1650

रतलाम _(नामली मंडी)

यलो सोयाबीन

6000

7221

6900

रतलाम _(नामली मंडी)

इटालियन चना

4121

4380

4380

रतलाम _(नामली मंडी)

लहसून

1500

8300

5500

रतलाम_एपीएमसी

प्याज

600

2201

1401

रतलाम_एपीएमसी

लहसून

800

7800

4200

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इंदौर मंडी में 30 जून को क्या रहे प्याज, लहसुन और आलू के भाव

Indore Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 30 जून के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज, आलू और लहसुन के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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सोयाबीन की फसल से लें जबरदस्त उपज, सोया समृद्धि किट का करें उपयोग

SOYA SAMRIDHI KIT

  • ‘सोया समृद्धि किट’ आपकी सोयाबीन की फसल को संपूर्ण पोषण प्रदान करेगा। इस किट में आपको वो सब कुछ एक साथ मिलेगा जिसकी जरूरत सोयाबीन की फसल को होती है।

  • इस किट का उपयोग बुआई के समय मिट्टी उपचार के रूप में किया जा सकता है या फिर बुआई के बाद 15-20 दिनों में मिट्टी में भुरकाव के रूप में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।

  • सोया समृद्धि किट की खरीदी पर ग्रामोफ़ोन लाया है ख़ास ऑफर

सोया समृद्धि किट में निम्नलिखित उत्पादों को शामिल किया गया है

पीके बैक्टीरिया का कंसोर्टिया: यह उत्पाद दो प्रकार के बैक्टीरिया पीएसबी (फॉस्फोरस सोल्यूब्लिज़िंग बैक्टेरिया) और केएमबी (पोटाश मोबीलाइज़िंग बैक्टेरिया) से मिलकर बना है। यह मिट्टी एवं फसल में प्रमुख तत्व पोटाश एवं फास्फोरस की पूर्ति में सहायक होता है।

ट्राइकोडर्मा विरिडी: यह एक जैविक कवकनाशी है, जो मिट्टी और बीज में होने वाले रोगजनकों को मारता है जिसकी वजह से जड़ सड़न, तना गलन, उकठा रोग जैसी गंभीर बीमारियों से रोकथाम होती है।

ह्यूमिक एसिड, समुद्री शैवाल, अमीनो एसिड एवं मायकोराइज़ा: ह्यूमिक एसिड मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करके मिट्टी की जल धारण क्षमता में वृद्धि करता और सफेद जड़ के विकास को बढ़ाता है। मायकोराइज़ा एक ऐसा कवक है जो पौधे एवं मिट्टी के बीच सहजीवी संबंध बनाता है। मायकोराइज़ा कवक पौधे की जड़ प्रणाली में प्रवेश करता है, जिससे पानी और पोषक तत्वों की अवशोषण क्षमता बढ़ जाती है।

राइज़ोबियम सोयाबीन कल्चर: इस उत्पाद में नाइट्रोजन का जीवाणु पाया जाता है जो सोयाबीन की जड़ों में रह कर वायुमंडलीय नाइट्रोज़न को स्थिर कर पौधों को प्रदान करता है।

कृषि एवं कृषि उत्पादों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। उन्नत कृषि उत्पादों की खरीदी के लिए ग्रामोफ़ोन के बाजार विकल्प पर जाना ना भूलें।

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सोयाबीन की फसल में बुआई के बाद पूर्व उद्भव खरपतवारों का ऐसे करें नियंत्रण

How to control pre-emergence weeds after sowing in soybean crop
  • सोयाबीन की खेती में मुख्य रूप से खरपतवार, कीट व रोगों के प्रकोप से उत्पादन बहुत प्रभावित होता है। इनमें सबसे ज्यादा 35 से 70 प्रतिशत तक हानि केवल खरपतवारों के कारण होती है।

  • खरपतवार नैसर्गिक संसाधन जैसे प्रकाश, मिट्टी, जल, वायु के साथ-साथ पोषक तत्व इत्यादि के लिये भी फसल से प्रतिस्पर्धा कर उपज में भारी कमी लाते हैं।

  • खरपतवारों की अधिकता के कारण, सोयाबीन की फसल में रोगों का भी प्रकोप बहुत अधिक होता है।

  • पूर्व उद्भव खरपतवारनाशक से आशय यह है की ये वे शाकनाशी है, जो फसल की बुवाई के बाद तथा खरपतवार या फसल के अंकुरण से पूर्व खेत में प्रयोग किये जाते हैं। इनका भूमि की सतह पर छिड़काव करते हैं।

  • बुआई के बाद, खरपतवार के उगने से पहले ही इसे नियंत्रित करना बहुत लाभकारी होता है। इसके लिए इमिजाथपायर 2% + पेंडीमेथलीन 30% @ 1 लीटर/एकड़ या डाइक्लोसुलम 84% WDG @ 12.4 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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सोयबीन की बुआई के 15-20 दिनों में रोग व कीटों से बचाव हेतु जरूर अपनाएं ये प्रबंधन उपाय

How to manage diseases and pests in soybean crop in 15-20 days after sowing
  • सोयाबीन की बुआई के बाद 15-20 दिनों की अवस्था में छिड़काव करना बहुत आवश्यक होता है।

  • इस छिड़काव के कारण तना गलन, जड़ गलन जैसे रोगों का सोयाबीन की फसल में आक्रमण नहीं होता है।

  • यह छिड़काव सोयाबीन की फसल में लगने वाले कीटों से सुरक्षा के लिए बहुत मददगार साबित होता है।

  • इस अवस्था में सोयाबीन की फसल में गर्डल बीटल एवं चूसक कीटों के नियंत्रण के लिए लैंबडा-साइफलोथ्रिन 4.9% CS @ 200 मिली/एकड़ या प्रोफेनोफॉस 50% SC @ 500 मिली/एकड़ की दर से उपयोग करें।

  • सोयाबीन की इस अवस्था में, तना गलन, जड़ गलन एवं पत्ती झुलसा जैसे रोगों के नियंत्रण के लिए कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ब 63% WP @ 300 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।

  • सोयाबीन की फसल में अधिक नमी, कीट एवं रोग के प्रकोप के कारण फसल का विकास ठीक से नहीं होता है। सोयाबीन की फसल की अच्छी वृद्धि के लिए समुद्री शैवाल @ 400 ग्राम/एकड़ या एमिनो एसिड@ 250 मिली/एकड़ या जिब्रेलिक एसिड 0.001%@ 300 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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मध्य प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्र रहेंगे शुष्क, कुछ इलाकों में हो सकती है बारिश

Weather Forecast

उत्तर भारत सहित मध्य भारत के अधिकांश भागों में गर्म तथा शुष्क पश्चिमी हवाएं चलती रहेंगी जिससे मानसून आगे नहीं बढ़ पाएगा। पूर्वी तथा उत्तर पूर्वी राज्यों सहित छत्तीसगढ़ तथा पूर्वी मध्य प्रदेश में बारिश जारी रह सकती है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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29 जून को मध्य प्रदेश की मंडियों में क्या रहे अलग अलग फसलों के भाव

Madhya pradesh Mandi bhaw

मंडी

फसल

न्यूनतम

अधिकतम

मॉडल

हरसूद

सोयाबीन

5951

7228

7180

हरसूद

तूवर

5000

5671

5400

हरसूद

गेहूँ

1651

1699

1680

हरसूद

मूंग

4001

6196

6105

हरसूद

चना

3500

4530

4400

हरसूद

मक्का

1400

1501

1400

रतलाम _(नामली मंडी)

गेहूँ लोकवन

1501

1751

1650

रतलाम _(नामली मंडी)

यलो सोयाबीन

5500

6901

6650

रतलाम _(नामली मंडी)

इटालियन चना

4343

4343

4343

रतलाम

गेहूँ शरबती

2090

2381

2280

रतलाम

गेहूँ लोकवन

1720

2120

1830

रतलाम

गेहूँ मिल

1610

1738

1690

रतलाम

विशाल चना

3000

4727

4546

रतलाम

इटालियन चना

4000

4800

4771

रतलाम

डॉलर चना

4000

8395

7931

रतलाम

यलो सोयाबीन

5700

7500

6900

रतलाम

मटर

2600

7200

5401

रतलाम _(नामली मंडी)

लहसून

1500

8413

6500

रतलाम_एपीएमसी

लहसून

1000

6814

4500

रतलाम_एपीएमसी

प्याज

601

2200

1380

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी फसल की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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