29 जून को मध्य प्रदेश की मंडियों में क्या रहे अलग अलग फसलों के भाव

Madhya pradesh Mandi bhaw

मंडी

फसल

न्यूनतम

अधिकतम

मॉडल

हरसूद

सोयाबीन

5951

7228

7180

हरसूद

तूवर

5000

5671

5400

हरसूद

गेहूँ

1651

1699

1680

हरसूद

मूंग

4001

6196

6105

हरसूद

चना

3500

4530

4400

हरसूद

मक्का

1400

1501

1400

रतलाम _(नामली मंडी)

गेहूँ लोकवन

1501

1751

1650

रतलाम _(नामली मंडी)

यलो सोयाबीन

5500

6901

6650

रतलाम _(नामली मंडी)

इटालियन चना

4343

4343

4343

रतलाम

गेहूँ शरबती

2090

2381

2280

रतलाम

गेहूँ लोकवन

1720

2120

1830

रतलाम

गेहूँ मिल

1610

1738

1690

रतलाम

विशाल चना

3000

4727

4546

रतलाम

इटालियन चना

4000

4800

4771

रतलाम

डॉलर चना

4000

8395

7931

रतलाम

यलो सोयाबीन

5700

7500

6900

रतलाम

मटर

2600

7200

5401

रतलाम _(नामली मंडी)

लहसून

1500

8413

6500

रतलाम_एपीएमसी

लहसून

1000

6814

4500

रतलाम_एपीएमसी

प्याज

601

2200

1380

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी फसल की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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जानें इंदौर मंडी में 29 जून को क्या रहें प्याज, लहसुन और आलू के भाव?

Indore Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 29 जून के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज, आलू और लहसुन के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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आने वाले दिनों में किन फसलों के भाव में आएगी तेजी, जानें विषेशज्ञों का आकलन

Prices of which crops will increase

वीडियो के माध्यम से जानें आने वाले दिनों में किस फसल के भाव में आ सकती है तेजी।

वीडियो स्रोत: मार्केट टाइम्स टीवी

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1 जुलाई से मध्य प्रदेश में जमीन खरीदना पहले से महंगा हो जायेगा

Buying land in Madhya Pradesh will become expensive from July 1

मध्य प्रदेश में जल्द लागू होगी नई कलेक्टर गाइडलाइन। इसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली गयीं हैं। समाचार एजेंसी नई दुनिया की खबर के अनुसार इस बार मध्य प्रदेश के अंदर 1.17 लाख क्षेत्रों में रेट बढ़ाए जा सकते हैं।

रेट बढ़ने की ये प्रक्रिया एक जुलाई से पूरे मध्य प्रदेश में लागू हो सकती हैं। इसके लिए केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने बैठक कर ली है और इस बाबत सीएम शिवराज सिंह चौहान को रिपोर्ट भेज दी है।

खबरों के अनुसार भोपाल और इंदौर मेट्रो जैसे बड़े प्रोजेक्ट के आ जाने के चलते 25 से 40% तक दाम बढ़ सकते हैं। रेट बढ़ने से राज्य सरकार को 1080 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने की संभावना है। वैसे महिलाओं के नाम रजिस्ट्री होने पर सरकार 2% की छूट देने पर सरकार को 425 करोड़ रुपये तक का कम राजस्व मिलने का भी अनुमान है। इसके बाद भी 655 करोड़ रुपये का राजस्व बढ़ सकता है।

30 जून तक पुरानी दरों पर ही रजिस्ट्री की जायेगी और ये रेट 1 जुलाई से बढ़ेंगे। बता दें की इससे पहले वर्ष 2015-16 चार प्रतिशत तक रेट में वृद्धि सरकार ने किये थे।

स्रोत: नई दुनिया

आपकी जरूरतों से जुड़ी ऐसी ही अन्य महत्वपूर्ण सूचनाओं के लिए प्रतिदिन पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख और अपनी कृषि समस्याओं की तस्वीरें समुदाय सेक्शन में पोस्ट कर प्राप्त करें कृषि विशेषज्ञों की सलाह।

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मक्का की फसल में बुआई के बाद उर्वरक प्रबंधन से मिलेंगे कई लाभ

Benefits of fertilizer management after sowing in maize crop
  • मक्का दरअसल गेहूँ के बाद उगाई जाने वाली दूसरी महत्वपूर्ण फसल है। यह एक बहुपयोगी फसल है, क्योंकि मनुष्य और पशुओं के आहार का प्रमुख अवयव होने के साथ ही औद्योगिक दृष्टिकोण से भी यह महत्वपूर्ण होती है।

  • मक्का की खेती तीन ऋतुओं में की जाती है, खरीफ (जून से जुलाई), रबी (अक्टूबर से नवम्बर) एवं ज़ायद (फरवरी से मार्च)। खरीफ का समय मक्का की बुआई के लिए खेतों को तैयार करने का उचित समय है। मानसून का आरम्भ अर्थात वर्षा के आगमन के साथ मक्का की बुआई कर देनी चाहिए।

  • मक्का की अच्छी उपज के लिए बुआई के 15-20 दिनों की अवस्था में मिट्टी उपचार के रूप में करने से मक्का की फसल की वृद्धि बहुत अच्छी होती है। इस समय उर्वरक प्रबधन के लिए यूरिया @ 35 किलो + मैगनेशियम सल्फेट @ 5 किलो + ज़िंक सल्फेट @ 5 किलो प्रति एकड़ की दर से भूमि में मिलाएं।

  • यूरिया: मक्का की फसल में यूरिया नाइट्रोज़न की पूर्ति का सबसे बड़ा स्त्रोत है। इसके उपयोग से पत्तियों में पीलापन एवं सूखने की समस्या नहीं आती है। यूरिया प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को तेज़ करता है।

  • मैग्नीशियम सल्फेट: मक्का की फसल में मेग्नेशियम सल्फेट के प्रयोग से हरियाली बढ़ती है एवं प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में तेज़ी आती है और अंततः उच्च पैदावार के साथ फसल की गुणवत्ता भी बढ़ती है।

  • जिंक सल्फेट: पौधों की सामान्य बढ़वार के लिए जिंक प्रमुख सूक्ष्म पोषक तत्व हैं। इसके उपयोग से, मक्का के पौधे में वृद्धि अच्छी होती है और फसल की उपज बढ़ती है।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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मध्य प्रदेश में कमजोर पड़ेगा मानसून, 1 जुलाई से बारिश का दौर थम जाएगा

Weather

निम्न दबाव की रेखा हिमालय की तराई की ओर बढ़ रही है। पंजाब हरियाणा दिल्ली उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों सहित राजस्थान गुजरात और मध्य प्रदेश का मौसम लगभग शुष्क हो जाएगा और बारिश नहीं होगी। महाराष्ट्र में भी बारिश में कमी आएगी। बिहार पश्चिम बंगाल तथा पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश जारी रहेगी। तेलंगाना आंध्र प्रदेश तथा आंतरिक कर्नाटक में भी हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं वहीं शेष दक्षिण भारत में जारी बारिश में और कमी संभव।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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28 जून को मध्य प्रदेश की मंडियों में क्या रहे अलग अलग फसलों के भाव

Madhya pradesh Mandi bhaw

मंडी

फसल

न्यूनतम

अधिकतम

मॉडल

हरसूद

सोयाबीन

5900

7148

7020

हरसूद

तूवर

5251

5559

5325

हरसूद

गेहूँ

1680

1716

1703

हरसूद

मूंग

4500

6170

6080

हरसूद

चना

3601

4760

4588

हरसूद

उरद

1911

3701

3300

हरसूद

मक्का

1526

1526

1526

हरसूद

सरसों

5200

5501

5407

रतलाम _(नामली मंडी)

गेहूँ लोकवन

1551

1770

1670

रतलाम _(नामली मंडी)

यलो सोयाबीन

6000

6880

6500

रतलाम _(नामली मंडी)

इटालियन चना

4551

4670

4660

रतलाम _(नामली मंडी)

डॉलर चना

7111

7111

7111

रतलाम_एपीएमसी

प्याज

621

2202

1410

रतलाम_एपीएमसी

लहसून

1250

8304

4700

रतलाम _(नामली मंडी)

लहसून

1500

9257

7500

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28 जून को इंदौर मंडी में क्या रहें प्याज, लहसुन और आलू के भाव?

Indore Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 28 जून के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज, आलू और लहसुन के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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ग्रामोफ़ोन एप से खेत जोड़ा तो कृषि लागत 17% घटी और मुनाफ़े में हुई 30% की वृद्धि

Farmer Success Story

किसानों के सच्चे साथी ग्रामोफ़ोन का मुख्य लक्ष्य सभी किसानों को समृद्ध करना है और इस कार्य में ग्रामोफ़ोन पिछले 5 साल से लगा हुआ है। ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप आज किसानों को स्मार्ट खेती करने को प्रेरित कर रहा है। इस एप से जुड़ कर कई किसान स्मार्ट खेती करने लगे हैं।

ग्रामोफ़ोन एप से अपना खेत जोड़ कर स्मार्ट खेती करने वाले ऐसे ही एक किसान हैं खंडवा जिले के पुनासा तहसील में आने वाले गाँव गोल सैलानी के निवासी दिनेश पटेल जी। दिनेश पटेल जी की कृषि ग्रामोफ़ोन एप की मदद से बेहतर हुई है। उन्हें उनकी फसल से जुड़ी हर संभावित समस्याओं का समय पूर्व अलर्ट एप के मध्य से मिलता रहा और वे समय रहते उसका निदान करते रहे। इससे उनकी कृषि लागत में 17% की कमी आई और आय 20% बढ़ गई। उनका मुनाफ़ा जहाँ पहले ₹25800 रहता था वो 30% बढ़कर ₹33600 हो गया।

दिनेश की ही तरह लाखों किसान ग्रामोफ़ोन एप का इस्तेमाल कर रहे हैं और इसका लाभ ले रहे हैं। अगर आप भी दिनेश की तरह एक स्मार्ट किसान बनना चाहते हैं तो आप भी ग्रामोफ़ोन एप से अपने खेत जरूर जोड़ लें और स्मार्ट खेती से जुड़ जाएँ।

ये भी पढ़ें: जानें ग्रामोफ़ोन एप से खेत जोड़ने की पूरी प्रक्रिया

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धान की फसल में रोपाई के पहले जरूर कर लें रोपाई उपचार

Benefits of seedling treatment before transplanting in a paddy crop
  • धान की फसल की बुआई नर्सरी में की जाती है और नर्सरी से धान की मुख्य खेत में रोपाई की जाती है। आइये जानते हैं धान की रोपाई से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां।

  • धान पौध की रोपाई विधि: बुआई के 20 से 30 दिनों बाद धान की पौध रोपाई के लिए तैयार हो जाती है। रोपाई का उपयुक्त समय मध्य जून से मध्य जुलाई तक है। रोपाई के पूर्व नर्सरी में हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए, ऐसा करने से पौध की जड़ नहीं टूटती, वृद्धि अच्छी होती है और पौध आसानी से लग जाती है। पौध को जमीन से निकालने के बाद सीधे धूप मे नहीं रखना चाहिये।

  • पौध उपचार: नर्सरी से धान की पौध को निकाल कर खेत में रोपित करने से पहले पौध का उपचार करना अतिआवश्यक है, अतः पौध की जड़ों के अच्छे विकास के लिए 5 ग्राम माइकोरायज़ा प्रति लीटर की दर से घोल बना लें। पानी की मात्रा आवश्यकतानुसार हीं रखें। धान की पौध की जड़ों को इस के घोल में 10 मिनट के लिए डूबाकर रखें। यह प्रक्रिया अपनाने के बाद ही खेत में पौध का रोपण करना चाहिए।

  • मायकोराइज़ा से उपचार करने से, पौधों में गलन जैसी समस्या नहीं होती है और धान की पौध को मुख्य खेत में रोपाई के बाद अच्छी वृद्धि करने में सहायता मिलती है।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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