आज मध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में हो सकती है बारिश, जानें मौसम पूर्वानुमान

Weather report

देश के कई राज्यों में प्री मॉनसून वर्ष हो रही है। 5 मई को मध्य प्रदेश के पूर्वी जिलों में बारिश की संभावना है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड पंजाब तथा हरियाणा और उत्तर प्रदेश के तराई वाले क्षेत्रों में भी बारिश की संभावना है। पूर्वी भारत में बिहार झारखंड और पश्चिम बंगाल तथा ओडिशा तथा पूर्वोत्तर राज्यों में भी काल बैसाखी का प्रकोप है जिसके कारण भारी वर्षा हो सकती है।

वीडियो स्रोत: मौसम तक

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जैविक कवकनाशी व जैविक कीटनाशक के प्रयोग से मिलते हैं कई कृषि संबंधित लाभ

Use of organic fungicides and organic pesticides gives many agricultural benefits
  • जैविक कवकनाशी तथा जैविक कीटनाशक कीटों, फफूंदों, जीवाणुओं एवं वनस्पतियों पर आधारित उत्पाद है।

  • यह फसलों, सब्जियों एवं फलों को कीटों एवं व्याधियों से सुरक्षित कर उत्पादन बढ़ाने में सहयोग करते हैं।

  • जीवों एवं वनस्पतियों पर आधारित उत्पाद होने के कारण, जैविक कीटनाशक एवं फफूंद नाशक लगभग एक माह में भूमि में मिलकर अपघटित हो जाते हैं तथा उनका कोई अवशेष नहीं रहता। यही कारण है कि इन्हें पारिस्थितिकी मित्र के रूप में भी जाना जाता है।

  • जैविक उत्पादों के प्रयोग के तुरन्त बाद फलियों, फलों, सब्जियों की कटाई कर प्रयोग में लाया जा सकता है।

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मध्यप्रदेश में इस तारीख तक चलेगा चना, मसूर और सरसों के उपार्जन का कार्य

Gram lentil and mustard will be procured in Madhya Pradesh till this date

मध्य प्रदेश में कोरोना मापदंडों के साथ साथ चना, मसूर, सरसों की खरीदी का काम चल रहा है। हालांकि कोरोना के बढ़ते आंकड़े की वजह से बहुत सारे किसान इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। इसी की वजह से अब प्रदेश के कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने खरीदी की तारीखों को लेकर नया निर्णय लिया है।

कृषि मंत्री कमल पटेल ने इस विषय पर बात करते हुए कहा कि “कोरोना संकट को दृष्टिगत रखते हुए किसानों के हित में निर्णय लिया गया है कि अब चना, मसूर और सरसों का उपार्जन 25 मई तक किया जायेगा।” तो प्रदेश के किसान आगामी 25 मई तक अपनी सुविधा अनुसार अपनी उपज की बिक्री कर सकेंगे।

स्रोत: कृषक जगत

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फसलों में नाइट्रोजन की कमी से नजर आएंगे ये लक्षण

nitrogen deficiency in crops
  • नाइट्रोजन की कमी से पौधों की पत्तियों का रंग हल्का पीला होने लगता है।

  • साथ ही इसकी कमी से पौधों का विकास भी रुक जाता है।

  • पौधों की निचली पत्तियां झड़ने लगना भी इसकी कमी का एक लक्षण है।

  • इसकी कमी से पौधों में कल्ले एवं फूल भी कम निकलते हैं।

  • नाइट्रोजन की कमी से फसल समय से पहले पक जाती है, पौधे लंबे एवं पतले दिखाई देते हैं।

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मध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में 6 और 7 मई को होगी बारिश, जानें मौसम पूर्वानुमान

Weather report

मध्य प्रदेश के कई इलाकों में पिछले दो दिनों से छिटपुट बारिश देखने को मिल रही है। आगामी 6 और 7 मई को पुनः मध्य प्रदेश समेत मराठवाड़ा और विदर्भ के क्षेत्रों में बारिश की गतिविधियां तेज हो जाएंगी।

वीडियो स्रोत: स्काइमेट वेदर

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अगली फसल में नहीं होगा मकड़ी का प्रकोप, अपनाएँ ये बचाव उपाय

How do farmers protect the next crop from mites outbreak
  • किसान अपनी फसल में मकड़ी के प्रकोप को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं। यदि पिछली फसल में मकड़ी का प्रकोप बहुत अधिक मात्रा में हुआ हो तो इसका असर नई फसल में भी दिखाई देता है।

  • पिछली फसल के अवशेषों को खेत में नहीं छोड़ना चाहिए, ऐसा करने से मकड़ी का हमला खेत की नई फसल में नहीं होता है।

  • दरअसल यही अवशेष नई फसल में मकड़ी के प्रकोप का कारण बनते हैं।

  • इसलिए फसल को मकड़ी से बचाने के लिए पिछली फसल के अवशेषों को खेत से दूर एक गड्ढा खोदकर उसमे डाल दें।

  • इसके बाद फसल अवशेषों पर डिकमपोज़र का छिड़काव करें एवं गड्ढे को मिट्टी से ढक दें।

  • इस प्रकार यह अवशेष खाद में परिवर्तित हो जाएंगे।

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अगले दो दिन मध्यप्रदेश में हो सकती है भारी बारिश, जानें मौसम पूर्वानुमान

weather forecast

मध्य भारत के कई क्षेत्रों में कल बारिश की गतिविधियां देखने को मिली। इन क्षेत्रों में मध्य प्रदेश और राजस्थान शामिल रहे। राजस्थान में अब मौसम पूरी तरह से शुष्क हो गया है लेकिन पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बारिश की गतिविधियाँ जारी रहने की संभावना है। आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश में बारिश की गतिविधियाँ बढ़ने की संभावना है। इसके साथ ही मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ और मराठवाड़ा के कुछ इलाकों में से एक दो स्थान पर गरज और चमक के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है।

स्रोत : स्काईमेट वेदर

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गर्मियों में खाली खेत में करें वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग

How to use vermicompost in summer in farm
  • आजकल जैविक खाद के रूप में वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग बहुत सारे किसान भाई कर रहे हैं।

  • यह आसानी से उपलब्ध होती है एवं कम खर्च में अधिक लाभ प्रदान करती है।

  • गर्मियों में वर्मीकम्पोस्ट के उपयोग से पहले खेत में गहरी जुताई करें एवं मिट्टी को ऊपर नीचे जरूर कर लें।

  • वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग करने से पहले वर्मीकम्पोस्ट में पर्याप्त नमी अवश्य बनाए रखें।

  • इसके पश्चात पूरे खेत में वर्मीकम्पोस्ट का अच्छे से भुरकाव करें।

  • वर्मीकम्पोस्ट के उपयोग के बाद खेत में हल्की सिचाई अवश्य करें।

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मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी से फसलों में दिखाई देंगे ये लक्षण

nitrogen deficiency in soil
  • विशेष रूप से फल और बीज विकास के लिए पौधों द्वारा नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है।

  • इसके अलावा नाइट्रोजन पत्ती के आकार और गुणवत्ता को भी बढ़ाता है और पौधे की परिपक्वता को भी बढ़ाता है।

  • इसकी कमी के कारण पूरे पौधे का सामान्य क्लोरोसिस एक हल्के हरे रंग का हो जाता है और इसके बाद पुरानी पत्तियों का पीलापन युवा पत्तियों की ओर बढ़ने लगता है।

  • इसके कारण पत्तियां पर्याप्त क्लोरोफिल बनाने में असमर्थ हो जाती हैं। इस अवस्था में पत्तियों को क्लोरोटिक कहा जाता है। निचली पत्तियों (पुरानी पत्तियां) पर सबसे पहले इसके लक्षण दिखते हैं।

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