वीडियो के माध्यम से देखें, मध्य प्रदेश के मंदसौर मंडी में आज क्या रहे लहसुन के भाव ?
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वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 1 सितंबर के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?
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कपास में फास्फोरस की कमी के लक्षण आमतौर पर अधिकांश अन्य पोषक तत्वों के साथ स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं।
फास्फोरस की कमी के लक्षण छोटे एवं बहुत गहरे हरे रंग के पत्तों पर पहले दिखाई देते हैं। इसके कारण पत्तियों का रंग हल्का बैगनी या भूरा हो जाता है।
फास्फोरस की कमी के कारण पौधे छोटे रह जाते हैं।
फास्फोरस की कमी के कारण पौधों की जड़ों का वृद्धि व विकास बहुत कम होता है और कभी-कभी जड़ सूख भी जाती है।
फास्फोरस की अधिक कमी के कारण तना गहरा पीला पड़ जाता है और फल व बीज का निर्माण अच्छे से नहीं होता है।
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कंद सदन रोग की वजह से अदरक की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान होता है।
इस संक्रमण की शुरुआती अवस्था में पत्तियों का मध्य भाग हरा रहता है जबकि किनारे से पत्तियां पीली होने लगती है। बाद में यह पीलापन सभी पत्तियों तक फैल जाता है। संक्रमित पौधों को आसानी से मिट्टी से बाहर निकाला जा सकता है।
यह संक्रमण स्यूडो स्टेम के कॉलर क्षेत्र से शुरू होता है और ऊपर तथा नीचे दोनों ओर बढ़ता है। प्रभावित स्यूडो स्टेम्स का कॉलर क्षेत्र पानी से लथपथ हो जाता है और सड़न प्रकंद में फैल जाता है।
प्रबंधन: यह बीज जनित बीमारी है, बुवाई से पूर्व स्वस्थ प्रकंद का उपयोग सबसे महत्वपूर्ण निवारक उपायों में से एक है।
अप्रैल महीने के दौरान जल्दी रोपण की योजना बनाएं एवं खेत में जलभराव से बचें।
रोगग्रस्त भागों को इकट्ठा करें और उन्हें कही दूर मिट्टी में गाड़ दें या जला दें।
इसके उपचार के लिए मेटालैक्सिल 4% + मैनकोज़ेब 64% WP@ 600 ग्राम या कासुगामायसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% WP @ 300 ग्राम या क्लोरोथालोनिल 75% WP @ 400 ग्राम प्रति एकड़ ड्रेंचिंग करें।
जैविक प्रबंधन के लिए ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 1 किलो प्रति एकड़ का उपयोग कर सकते हैं l
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बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव का क्षेत्र अब गुजरात की तरफ बढ़ रहा है। इसके कारण गुजरात के साथ-साथ दक्षिण पश्चिमी और पूर्वी राजस्थान में अच्छी बारिश के आसार हैं। पश्चिमी मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई जिलों में तेज बारिश होगी। दिल्ली में कल से बारिश की गतिविधियां कम हो जाएंगी। पूर्वी भारत में हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी। दक्षिण भारत में भी मानसून की बारिश में कुछ कमी आने की संभावना है।
स्रोत: स्काइमेट वेदर
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वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 31 अगस्त के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?
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प्याज की नर्सरी में लगे पौध को पौध गलन के कारण काफी नुकसान झेलना पड़ता है। पौध गलन को आद्र विगलन या अंग्रेजी में डम्पिंगऑफ के नाम से भी जाना जाता है। इस रोग के रोगजनक सबसे पहले पौधे के कालर भाग पर आक्रमण करता है और अतंतः कालर भाग पूरी तरह से विगलित हो जाता है और पौधे गल कर मर जाते हैं।
इस रोग के निवारण के लिए बुवाई से समय स्वस्थ बीजों का चयन करना चाहिए। हालाँकि बुआई की प्रक्रिया तो ज्यादातर किसान भाइयों ने पूरी कर ली होगी तो अब बीजों का आप कुछ नहीं सकते। तो इस समस्या के निवारण हेतु आप करमानोवा 30 ग्राम/पंप या Roko 50 ग्राम/पंप या RIDOMIL GOLD 60 ग्राम/पंप की दर से छिड़काव करें।
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अमेरिकन पिनवॉर्म [टुटा एब्सोलुटा] टमाटर के प्रमुख और महत्वपूर्ण कीटों में से एक है। टुटा एब्सोल्यूटा अपने जीवन चक्र के सभी चरणों में अत्यधिक हानिकारक प्रकृति के साथ गंभीर कीट बन जाता है।
टमाटर को फसल के पूरे जीवन चक्र में इस कीट से बचने और उसका प्रबंधन करने के लिए आईपीएम प्रथाओं को अपनाया जा सकता है। टुटा एब्सोल्यूटा के संक्रमण के कारण फसल को 60 से 100% तक का नुकसान हो सकता है।
इसका संक्रमण टमाटर की शीर्ष कलियों, पत्तियों, तने, फूलों और फलों पर देखा जा सकता है। इस संक्रमण के कारण काले धब्बे के साथ बारीक चूर्ण दिखाई देता है।
यह पत्तियों पर बड़ी सुरंग बनाकर पत्तियों के लैमिना को अंदर से खा जाता है जिससे प्रकाश संश्लेषक गतिविधि प्रभावित होती है, साथ ही यह फलों पर छेद करके उन्हें खाने योग्य नहीं रहने देता है।
इसके प्रबंधन के लिए गैर-सोलानेसियस फसलों (अधिमानतः क्रूसिफेरस फसलों) के साथ फसल चक्र अपनाएं।
पत्ती के अंदर कैटरपिलर के प्यूपा और अंडे देने वाले वयस्क कीट बनने से पहले संक्रमित पत्तियों को हटाएँ।
फेरोमोन ट्रैप का उपयोग भी इससे बचाव के लिए लाभदायक रहता है l
रासायनिक नियंत्रण के लिए सायनट्रानिलीप्रोल 10.26% OD @ 240 मिली + नीम ऑइल 10000 पीपीएम @ 200 मिली या क्युँनालफॉस 25% EC 400 मिली + एबामेक्टिन 1.9% EC 150 मिली + नीम ऑइल 10000 पीपीएम @ 200 मिली या लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 5 %WP 250 मिली + नीम ऑइल 10000 पीपीएम @ 200 मिली प्रति एकड़ छिड़काव करें।
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मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र के कई भागों में मूसलाधार बारिश के आसार बन रहे हैं।काफी दिनों के बाद पश्चिमी राजस्थान तथा गुजरात के शुष्क जिलों को भी बारिश से राहत मिलेगी। दिल्ली सहित पंजाब हरियाणा तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की से मध्यम वर्षा होगी। केरल तथा कर्नाटक में जारी भारी वर्षा में अब कमी आएगी। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल तथा झारखंड में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कहीं-कहीं तेज बारिश हो सकती है।
स्रोत: स्काइमेट वेदर
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