मध्य प्रदेश में सोयाबीन को मिला 9000 रूपये का भाव

Soyabean got a price of Rs 9000 in Madhya Pradesh

वीडियो के माध्यम से देखें मध्य प्रदेश की किस मंडी में सोयाबीन को मिला 9000 रूपये का जबरदस्त भाव।

स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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प्याज भाव में जोरदार तेजी का दौर, देखें 8 नवंबर को इंदौर मंडी में क्या रहा भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 8 नवंबर के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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8 नवंबर को लहसुन भाव में दिखी कितनी तेजी, देखें मंदसौर मंडी का हाल

Mandsaur garlic Mandi bhaw,

वीडियो के माध्यम से देखें, मध्य प्रदेश के मंदसौर मंडी में आज क्या रहे लहसुन के भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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8 नवंबर को सोयाबीन भाव में दिखी कितनी तेजी, देखें मंदसौर मंडी का हाल

Mandsaur Mandi Soybean Rate,

वीडियो के माध्यम से देखें आज मंदसौर मंडी में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के मंडी भाव?

स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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मटर की बुवाई के 8 से 15 दिन में ये छिड़काव जरूर करें

Necessary spraying to be done in peas in 8 - 15 days after sowing
  • मटर की फसल अक्टूबर-नवंबर में लगाई जाने वाली प्रमुख फसल है। इसका प्रयोग हरी अवस्था में फलियों के रूप में सब्जी के लिए तथा सूखे दानों का प्रयोग दाल के लिए किया जाता है।

  • मटर बेहद पौस्टिक होती है और इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट तथा विटामिन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा इसमें खनिज पदार्थ भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।

  • मटर में बुवाई के 8-15 दिन बाद फसल की वानस्पतिक वृद्धि एवं कीट व कवक जनित रोगों से बचाव के लिए निम्न छिड़काव आवश्यक हैं।

  • कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% @ 300 ग्राम + ऐसिटामिप्रिड 20% एसपी 100 ग्राम + समुद्री शैवाल 400 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। इसके साथ सिलिकॉन आधारित स्टिकर/स्प्रेडर 5 मिली प्रति टैंक के हिसाब से भी मिला सकते हैं।

  • जैविक नियंत्रण के लिए स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस 250 ग्राम प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें।

अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में हलचल

know the weather forecast,

बंगाल की खाड़ी में भी एक डिप्रेशन बनने वाला है। अरब सागर में बना डिप्रेशन अब तट से दूर होता जा रहा है। आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु सहित दक्षिणी कर्नाटक में भारी बारिश हो सकती है। कर्नाटक के तटीय भागों सहित अंडमान निकोबार द्वीप समूह तथा केरल में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। लक्षद्वीप तथा तटीय महाराष्ट्र में हल्की वर्षा के आसार।

स्रोत: स्काईमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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मध्य प्रदेश में सिंचाई के लिए मिलेगा मुफ्त बिजली कनेक्शन, पढ़ें पूरी खबर

Free electricity connection will be available for irrigation in Madhya Pradesh

कृषि क्षेत्र में किसानों के कृषि खर्च को कम करने और आय को बढ़ाने के लिए सरकार कई योजनाएं ला रही है। इसी कड़ी में इस बार रबी सीजन के दौरान फसलों की सिंचाई के लिए फ्री बिजली कनेक्शन देने का फैसला सरकार ने किया है।

यह फैसला मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से किया गया है और इसकी सहायता से प्रदेश के अधिक से अधिक क्षेत्र में सिंचाई कार्य कम समय में किया जा सकेगा। सिंचाई बिजली बिल के साथ साथ प्रदेश सरकार निशुल्क कृषि पंप भी उपलब्ध करवाने वाली है।

इसके तहत हर वर्ष 10 हॉर्स पावर तक की क्षमता के मीटर रहित स्थायी कृषि पंप के लिए 750 रुपए प्रति हॉर्स पावर की फ्लैट दर से किसानों को देना होगा। इसके अलावा बाकी की राशि सब्सिडी के तौर पर मिलेगी।

स्रोत: कृषि जागरण

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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लहसुन व प्याज की फसल को बदलते मौसम के प्रभावों से बचाएं

Changing weather effects on Garlic and Onion crops
  • मौसम में लगातार परिवर्तन होने से प्याज़ एवं लहसुन की फसल बहुत अधिक प्रभावित हो रही है।

  • इसके प्रभाव के कारण प्याज़ एवं लहसुन की फसल के पत्ते पीले एवं इनके किनारे सूखने लगते हैं।

  • कहीं कहीं फसल में सही एवं समान वृद्धि नहीं होती है।

  • प्याज़ एवं लहसुन की फसल में पत्तियों पर अनियमित धब्बे दिखाई देते हैं।

  • इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए एवं मौसम की विपरीत परिस्थिति के कारण फसल को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए कासुगामाइसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% WP@ 300 ग्राम/एकड़ या थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W@ 300 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • समुद्री शैवाल @ 400 मिली/एकड़ या ह्यूमिक अम्ल 100 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।

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बुवाई के बाद बीज अंकुरण बढ़ाने के लिए इन खास उपायों का करें उपयोग

Special measures to increase germination after sowing the crop
  • अधिकतर क्षेत्रों में रबी के मौसम की फसल बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है।

  • मौसम में हो रहे परिवर्तनों के कारण कहीं कहीं फसल का अंकुरण बहुत अच्छे से नहीं हो पा रहा है। ऐसी स्थिति में किसान कुछ सरल उपाय अपनाकर फसल के अंकुरण प्रतिशत को बहुत हद तक बढ़ा सकते हैं।

  • बुवाई के समय खेत में अंकुरण के लिए पर्याप्त नमी होना बहुत आवश्यक है। पर्याप्त नमी में पौधे का अंकुरण अच्छा होता है और पौधों में नई जड़ें बनने लगती हैं।

  • जड़ों के अच्छे विकास एवं बढ़वार के लिए बुवाई के 15-20 दिनों के अंदर जैविक उत्पाद मैक्समायको 2 किलो/एकड़ का उपयोग मिट्टी उपचार के रूप में करें।

  • इसी के साथ समुद्री शैवाल @ 1.0 किलो/एकड़ या ह्यूमिक अम्ल @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार करें।

  • ग्रामोफोन के समृद्धि किट में उपलब्ध NPK कन्सोर्टिया 3 किलो प्रति एकड़ मिट्टी में उपयोग करने से अच्छे बीज अंकुरण के साथ जड़ों में भी अच्छा विकास देखने को मिलता है।

  • यदि मिट्टी में किसी भी प्रकार के कवक जनित रोगों का प्रकोप दिखाई दे तो उचित कवकनाशी का उपयोग कर सकते हैं।

  • इन उपायों को अपनाकर फसलों का अंकुरण बहुत हद तक बढ़ाया जा सकता है।

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कई राज्यों में भारी बारिश का अनुमान, बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर बनेगी वजह

know the weather forecast,

अरब सागर में बना डिप्रेशन महाराष्ट्र तथा कर्नाटक के कई जिलों में बारिश दे सकता है परंतु इसका प्रभाव अब धीरे-धीरे कम हो जाएगा। आंध्रप्रदेश के तट पर बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु सहित दक्षिणी कर्नाटक में बारिश देगा। दिल्ली सहित उत्तर भारत में तेज हवाओं के चलते प्रदूषण में कुछ कमी आ सकती है।

स्रोत: स्काईमेट वेदर

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